Fashion डिजाइनिंग में कैरियर

Fashion : फैशन डिजाइनिंग आज के समय में एक शानदार कैरियर विकल्प है. यह एक ऐसा क्षेत्र है जो रचनात्मकता, कला और तकनीकी ज्ञान का अद्वितीय संगम प्रस्तुत करता है. यदि आप के पास कपड़ों और फैशन की समझ, रंगों और डिजाइनों में रुझान और ट्रैंड्स को समझने की योग्यता है तो फैशन डिजाइनिंग आप के लिए एक बेहद संभावनाओं से भरा कैरियर हो सकता है.

फैशन डिजाइनिंग में कैरियर के अवसर

फैशन डिजाइनिंग में कैरियर के लिए कई प्रकार के विकल्प उपलब्ध हैं. इन में से कुछ प्रमुख विकल्प निम्नलिखित हैं:

फैशन डिजाइनर: फैशन डिजाइनर बन कर आप अपनी खुद की डिजाइन तैयार कर सकते हैं और उन्हें बाजार में लौंच कर सकती हैं. आप विभिन्न फैशन हाउस, ब्रैंड्स या डिजाइन स्टूडियो के लिए काम कर सकती हैं.

स्टाइलिस्ट: फैशन स्टाइलिस्ट का काम व्यक्तियों या मशहूर हस्तियों के लिए कपड़ों, जूतों और अन्य फैशन आइट्म्स का चुनाव करना होता है. यह रोल फिल्मों, फोटोशूट्स, विज्ञापन और टैलीविजन में बहुत प्रचलित है.

कौस्ट्यूम डिजाइनर: फिल्मों, टैलीविजन और थिएटर प्रोडक्शंस में कौस्ट्यूम डिजाइनर का अहम योगदान होता है. वे कलाकारों के किरदार के अनुरूप कपड़ों का चयन और निर्माण करते हैं.

फैशन इलस्ट्रेटर: फैशन इलस्ट्रेटर डिजाइनिंग के आइडिया को स्कैच और ग्राफिक्स के रूप में प्रस्तुत करता है. यह रोल रचनात्मकता को प्रदर्शित करने और एक विचार को विजुअल फौर्म में बदलने में महत्त्वपूर्ण है.

फैशन कंसल्टैंट: फैशन कंसल्टैंट्स ब्रैंड्स और व्यक्तिगत ग्राहकों को ट्रैंड्स, स्टाइल्स और आउटफिट्स के चयन में सलाह देते हैं.

रैडी टू वियर और कस्टम डिजाइनर: रैडी टू वियर डिजाइनर सामान्य ग्राहकों के लिए बाजार में रैडीमेड कपड़े बनाते हैं, जबकि कस्टम डिजाइनर विशेष रूप से ग्राहकों की मांग के अनुसार कपड़े डिजाइन करते हैं.

फैशन डिजाइनिंग में आवश्यक कौशल

फैशन डिजाइनिंग एक रचनात्मक कैरियर है और इस में सफलता के लिए कुछ विशेष गुणों और कौशलों की आवश्यकता होती है़:

रचनात्मकता और कलात्मक दृष्टि: एक अच्छा डिजाइनर बनने के लिए आप को रचनात्मकता और कलात्मक सोच की जरूरत होती है.

रंगों और पैटर्न का ज्ञान : रंगों, कपड़ों के प्रकार और पैटर्न का अच्छा ज्ञान होना चाहिए.

ट्रैंड्स की समझ : फैशन इंडस्ट्री में तेजी से बदलाव होता है, इसलिए ट्रैंड्स के बारे में जागरूक रहना जरूरी है.

ड्राइंग और स्कैचिंग स्किल्स: डिजाइनिंग के लिए ड्राइंग और स्कैचिंग का अच्छा ज्ञान होना लाभकारी होता है.

सिलाई और फैब्रिक का ज्ञान: सिलाई की बुनियादी सम?ा और विभिन्न प्रकार के कपड़ों का ज्ञान होना उपयोगी होता है.

कम्युनिकेशन स्किल्स: ग्राहकों और टीम के साथ अच्छे से संवाद करना जरूरी है ताकि डिजाइनिंग और विचारों को सही तरह से पेश किया जा सके.

शिक्षा और प्रशिक्षण

फैशन डिजाइनिंग के क्षेत्र में एक सफल कैरियर बनाने के लिए प्रोफेशनल ट्रेनिंग जरूरी है. विभिन्न फैशन संस्थानों से आप फैशन डिजाइनिंग में डिप्लोमा, स्नातक (बैचलर्स) और स्नातकोत्तर (मास्टर्स) कोर्स कर सकते हैं. भारत के लगभग सभी शहरों में फैशन डिजाइनिंग पढ़ाने वाले संस्थान उपलब्ध हैं जिन में दाखिला लेने की अलगअलग प्रक्रिया होती है.

इन संस्थानों में फैशन डिजाइनिंग के कई पहलुओं को सिखाया जाता है जैसे ड्राइंग, टैक्स्टाइल साइंस, पैटर्न मेकिंग, ग्रेडिंग, ड्रैपिंग, कंप्यूटर ऐडेड डिजाइन (सीएडी) आदि.

कैरियर की संभावनाएं और वेतन

फैशन डिजाइनिंग में कैरियर की संभावनाएं अनेक हैं और यह क्षेत्र बहुत तेजी से बढ़ रहा है. एक फैशर के रूप में शुरुआत में आप की आय औसतन 3 से 6 लाख रुपए प्रतिवर्ष हो सकती है लेकिन अनुभव और पहचान के साथ यह आय बढ़ सकती है.

सफल डिजाइनर्स अपने खुद के ब्रैंड शुरू कर सकते हैं या फिर इंटरनैशनल ब्रैंड्स के साथ काम कर सकते हैं, जिस से उन की आय में वृद्धि होती है.

फैशन डिजाइनिंग रचनात्मकता, तकनीकी कौशल और आत्मप्रेरणा का मेल है. यदि आप ट्रैंड्स को समझते हैं और अपनी कला के माध्यम से लोगों पर प्रभाव डालना चाहते हैं तो फैशन डिजाइनिंग आप के लिए एक रोमांचक और लाभदायक कैरियर साबित हो सकता है. फैशन डिजाइनिंग एक ऐसा क्षेत्र है, जिस में न केवल भारत में बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी बहुत अवसर हैं.

लेखिका- 

मोनिका सिन्हा

निदेशक, इंस्टीट्यूट औफ डिजाइनिंग ऐंड फैशन टैक्नोलौजी, मुंबई 

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