बच्चों में मोटापा बढ़ने के कई कारण होते हैं, लेकिन ज्यादातर ये परेशानी माता-पिता की अनदेखी या लापरवाही के कारण भी हो सकती है. इसीलिए आज हम आपको बच्चों में मोटापे की वजह और कैसे इस बीमारी से बच्चों को दूर रखें इसके बारे में बताएंगे.
इतना मोटापा क्यों?
– दुनियाभर में बच्चे जिस तरह मोटापे का शिकार हो रहे हैं, उस में एक कारण उन के जींस और हार्मोंस भी हो सकते हैं, यानी मोटापा उन्हें आनुवंशिक रूप से प्राप्त हो रहा है. लेकिन इस कारण का प्रतिशत बहुत कम है.
– मोटापे की खास वजह बच्चों में खानपान की गलत आदतें हैं. बच्चे खाते बहुत हैं और कसरत न के बराबर करते हैं.
– नौकरीपेशा मातापिता के पास खाना पकाने के लिए न तो समय होता है और न ही ताकत. नतीजा, वे फास्टफूड यानी झटपट तैयार खाने पर निर्भर होते जा रहे हैं.
ये भी पढ़ें- बीमारियों से घिरते बच्चे
– आज दुनियाभर में जहां देखो वहां फास्टफूड रैस्तरां खुलते जा रहे हैं. एक अध्ययन से पता चला है कि अमेरिका में 4 से 19 साल के एकतिहाई बच्चे हर दिन फास्टफूड पर ही जीते हैं. इस तरह के खाने में शक्कर और चिकनाई बहुत ज्यादा होती है. साथ ही, इन्हें इतनी बड़ी मात्रा में परोसा जाता है कि देखने वालों की लार टपकने लगती है.
– आज लोग दूध और पानी के बजाय सौफ्टड्रिंक पीना ज्यादा पसंद करते हैं. मिसाल के लिए, मैक्सिको में हर साल लोग उतना पैसा 10 तरह के व्यंजनों पर भी खर्च नहीं करते जितना वे सिर्फ सौफ्टड्रिंक पर खर्च कर देते हैं. हर दिन सिर्फ 600 मिलीलिटर सौफ्टड्रिंक पीने से सालभर में एक व्यक्ति का वजन करीब 11 किलो तक बढ़ सकता है.
– अध्ययन के अनुसार, औसतन 3 साल के बच्चे हर दिन सिर्फ 20 मिनट ही खेलकूद या किसी तरह की शारीरिक हरकत में बिताते हैं. बच्चों में बैठेबैठे काम करते रहने की आदत आम होती जा रही है, जिस के कारण मोटापा शरीर में घर कर रहा है.
मोटापे से छुटकारा पाने के लिए क्या करें
– बच्चों को फास्ट फूड खिलाने के बजाय फल, सलाद और सब्जियां ज्यादा खिलाएं.
– सौफ्टड्रिंक, शरबत और ज्यादा मीठे व चिकनाईयुक्त नाश्ते पर रोक लगाइए. इस के बजाय बच्चों को पानी या बिना मलाईवाला दूध और पौष्टिक नाश्ता दीजिए.
– खाना पकाने के ऐसे तरीके अपनाइए, जिन में घीतेल का ज्यादा इस्तेमाल नहीं होता, जैसे सेंकना, भूनना या भाप में पकाना. नईनई रैसिपीज सीखें और खाने में ज्यादा स्वाद पैदा करें. एकजैसी सब्जी खातेखाते बच्चे बोर हो जाते हैं.
– खाना कम परोसिए. खाना चबाचबा कर धीरेधीरे खाने और भूख से 2 निवाले कम खाने का निर्देश बच्चों को दीजिए.
– कोई काम कराने और इनाम देने के नाम पर बच्चों को खाने की चीजें मत दीजिए.
– साथ बैठ कर खाना खाइए. टीवी या कंप्यूटर के सामने खाने से एक व्यक्ति को इस का अंदाजा नहीं लगता कि उस ने कितना खा लिया है.
ये भी पढ़ें- पीरियड्स के दौरान इन बातों का भी रखें ख्याल
– कसरत करने को बढ़ावा दीजिए, जैसे साइकिल चलाना, गेंद से खेलना और रस्सी कूदना.
– ज्यादा देर तक टीवी देखने, कंप्यूटर का इस्तेमाल करने या वीडियो गेम खेलने की इजाजत मत दीजिए.
– पूरा परिवार मिल कर कहीं बाहर घूमने की योजना बनाइए, जैसे कि चिडि़याघर देखना, पार्क में खेलना या तैराकी के लिए जाना.
– बढि़या खाना खाने और कसरत करने की अच्छी मिसाल बच्चों के सामने रखिए.