फ़्लर्ट करिए जिंदगी में रंग भरिए

“हाय कैसी हो पूजा,” प्रभात पूजा के पास आ कर बैठता हुआ बोला.

“गुड. आप बताओ, ” पूजा ने भी पहचानी हुई नजरों से देखते हुए जवाब दिया.

“याद है न पिछली दफा हम रोहित की बर्थडे पार्टी में मिले थे, ” प्रभात ने याद दिलाने की कोशिश की.

“हां याद है मुझे. आप विहान के दोस्त हो न? ”

” हां. ”

“मेरा नाम याद रह गया आप को ?” पूजा ने शरारत से कहा.

“बिलकुल. दरअसल उस पार्टी में मिला तो बहुतों से से था मगर याद केवल आप रहीं,” प्रभात ने अपने दिल की बात कही
.
“अच्छा पर ऐसा क्यों ? “हंस कर पूजा ने पूछा.

“कुछ तो है आप में जो दूसरों में नहीं. शायद यह आप की बोलती हुई सी आँखें या फिर आप की यह मुसकान जो बस दिल पर असर करती है. ”

“रियली? यानी मेरी मुसकान ने पहली ही बार में इतना असर कर दिया,” पूजा प्रभात की आंखों में देखती हुई बोली.

“ऑफकोर्स, तभी तो महफ़िल में मेरी नजरें बस आप को ढूंढ रही थीं. ”

“बहुत दिलचस्प हैं आप. हमारी काफी जमेगी पर अभी निकलना होगा मुझे. दरअसल मेरा भाई नीचे वेट कर रहा है. फिर मिलेंगे, ” पूजा उठने लगी तो प्रभात ने अपना कार्ड देते हुए कहा, “श्योर. यह है मेरा नंबर कभी भी फ़ोन कर सकती हैं. ”

“जरूर. थैंक्स. बाय. ”

फ्लर्टिंग का यह एक छोटा सा उदाहरण है. प्रभात ने एक मामूली सी मुलाक़ात को दोस्ती में बदलने की पूरी कोशिश की थी और कामयाब भी हुआ.

जिंदगी बहुत खूबसूरत है मगर कई बार हम सही अर्थों में इस जिंदगी का आनंद नहीं ले पाते. कभी ऑफिस और घर की जिम्मेदारियां, कभी बीमारी हारी, कभी बोरियत भरी एकसार सी नीरस जिंदगी और कभी अकेलापन यानी किसी ऐसे साथी का अभाव जो बिल्कुल अपने जैसा हो और जो आप की रंगहीन जिंदगी में रंग भर जाए.

कई दफा आप जिंदगी में ऐसे लोगों से टकराए होंगे जिन के व्यक्तित्व ने आप को चुंबक की तरह आकर्षित किया होगा. आप के दिल ने कहा होगा कि काश यह मेरा होता. मगर आप जानते हैं कि वह आप का नहीं. आप या वो शादीशुदा है या फिर आप एकदूसरे से अनजान हैं. संकोचवश आप उस से बात तक नहीं कर पाए होंगे. मगर सोचिए क्या होता यदि आप ने उस से हल्के रोमांटिक मूड में बातें कर ली होतीं. उस की आंखों की शरारत भरी मुस्कान पर दोचार शायरियां सुना दी होतीं. जाहिर है आप दोनों के बीच एक प्यारा सा रिश्ता बन जाता. दोस्ती का रिश्ता कहिए या आकर्षण का रिश्ता. इस से किसी को परेशानी नहीं होती मगर आप का दिन बन जाता. आप घर आने के बाद भी बेवजह खुश रहते. कुछ सोचते, कुछ कल्पना करते और कुछ गीत गुनगुनाते. इसी को तो फ़्लर्ट करना कहते हैं.

चंद लम्हों की मुलाकात हो या लंबे समय तक एक साथ रहना हो, किसी भी हाल में अपने दिल की बात थोड़ी शराफत और थोड़ी शरारत के साथ जुबां पर लाने की कला ही फ्लर्टिंग है. कई बार फ्लर्टिंग की आदत के कारण आप को मनपसंद जीवनसाथी भी मिल जाता है.

कैसे करें शुरुआत फ्लर्टिंग की

आई कांटेक्ट बनाएं

जब आप किसी के साथ फ्लर्ट करने की कोशिश करना शुरू करते हैं तो सब से पहले आई कांटेक्ट बनाएं. उस व्यक्ति की आँखों में गहराई से झांकें. ऐसा तब तक करते रहें जब तक वह आप को ऐसा करते पकड़ नहीं ले . इस के बाद भी कुछ पल के लिए उसे देखते रहें फिर मुस्कुराएं और नज़रें फेर लें. जब आप उस से बात कर रहे हों तब भी उस की आँखों में देखें.

मुस्कुराएं

जब आप किसी ऐसे शख्स से बात करते हैं जिसे आप पसंद करते हैं तो मुस्कान खुद ब खुद आप के चेहरे पर आ जाती है. आप तब भी मुस्कुरा सकते हैं जब आप हॉल में उस के पास से गुजरें या फिर कमरे के आर पार खड़े हों. अपने जज्बात जाहिर करने के लिए एक छोटी सी मुस्कराहट काफी होती है.
अपने मुंह के बजाय अपनी आँखों से मुस्कुराने की कोशिश करें. जब आप दिल से मुस्कुराते हैं तो आप का पूरा चेहरा चमक जाता है और इस बात का अहसास सामने वाले को भी होता है.

बात करें

आप जिस के साथ फ़्लर्ट करना चाह रहे हैं यदि उसे पहले से नहीं जानते तो एक सिंपल सा इंट्रोडक्शन फ्लर्टिंग शुरू करने का अच्छा तरीका है. आप ऐसे कह सकते हैं, “Hi, मैं मयंक गोस्वामी और आप…..? ”
जब वह अपना नाम बताये तो आप उस के नाम की तारीफ करते हुए बात आगे बढ़ा सकते हैं. बातचीत की शुरुआत आप मौसम, कोई करंट इशू या फिर अपनी हॉबी के बारे बताते हुए कर सकते हैं. बातचीत शुरू करने का सब से आसान तरीका है कि आप ऐसी कोई बात बोलें जिस का अंत सवाल से ही हो जैसे, ‘मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा की इस हफ्ते इतनी बारिश हुई है’ या ‘इस जगह काफी भीड़ है, है न?’
आप क्या कह रहे हैं वह महत्वपूर्ण नहीं है. महत्वपूर्ण यह है कि आप उस से बातें करना चाहते हैं और सामने वाले को इस के लिए न्यौता दे रहे हैं .

ये भी पढ़ें- अपंग बच्चों की ऐसे करें देखभाल

अगर आप उस से पहले मिले हुए हैं तो आप दोनों के बीच किसी आम रूचि या अनुभव पर बात करें. जवाब देने के तरीके को को समझें. अगर दूसरा व्यक्ति इंट्रेस्ट ले कर बात का जवाब देता है तो ही बात को आगे बढ़ाएं. अगर वह जवाब नहीं देता या फिर उलझा हुआ सा लग रहा है तो शायद वह आप के साथ फ्लर्टिंग करने में इंटरेस्टेड नहीं है.

जब आप हलके विषयों पर बात करे रहे होते हैं जैसे, पेट्स, रियलिटी शोज या आप के पसंदीदा वेकेशन स्पॉट्स आदि तो फ़्लर्ट करना आसान होता है . इस का मतलब है की आप को शुरुआत में कभी भी गहराई वाली बातों पर चर्चा नहीं करनी चाहिए. हंसीमज़ाक करना चाहिए क्यों कि आप का साथ एंजॉय करने पर ही वह आप में इंट्रेस्ट लेगा और आप से मिलने के बहाने ढूंढेगा.

कॉम्प्लीमेंट दें

फ्लर्टिँग का आनंद लेना है और रिश्ते में मजबूती लानी है तो इस की शुरुआत कॉम्प्लीमेंट देने से करें. कॉम्प्लीमेंट देते समय आई कांटेक्ट बनाएं रखें. यदि आप ने नजरें हटाईं तो आप की नीयत पर भरोसा करना कठिन होगा. जिस लड़की को आप पसंद करते हैं यदि वह किसी बात पर दुखी है तो आप कह सकते हैं, “ मुझे आप जैसी खूबसूरत लड़की को दुखी देखना बिलकुल अच्छा नहीं लग रहा. मैं इन आँखों में वही चमक देखना चाहता हूं जिसे देख मेरे जैसे लोग अपना दिल खो देते हैं. ”
इस तरह के प्यारे मगर हैल्दी कमैंट्स दूसरों की नजरों में आप के व्यक्तित्व को भी आकर्षक बनाते हैं. लुक्स पर कॉम्प्लीमेंट देने से पहले थोड़ा ध्यान रखें . अगर आप किसी लड़की की आँखों की तारीफ करेंगे तो उसे अच्छा लगेगा लेकिन अगर आप छूटते ही उस के फिगर की तारीफ करेंगे तो संभव है उसे यह बात पसंद न आए. इसलिए कोशिश करें कि आप उन की आंखों, मुस्कराहट, जुल्फों या फिर स्मार्ट लुक से जुड़े कमैंट्स करें.

अपने बारे में ज्यादा बात नहीं करें

अक्सर लोग अपने बारे में ज्यादा बात करना पसंद करते हैं मगर बेहतर होगा कि ऐसा करने के बजाय दूसरे व्यक्ति को अपने बारे में बात करने के लिए प्रोत्साहित करें . आप बीच में उस व्यक्ति को अपने बारे कुछ ऐसी बातें बता सकते हैं जिस से उस को आप के बारे में सवाल पूछने में आसानी हो. उस के बाद उन्हें यह मौका मिल जायेगा की वह ऐसी चीज़ों के बारे में बात करें जिन में आप दोनों की रूचि है इस से न सिर्फ आप की बातचीत आगे बढ़ेगी बल्कि आप को अपने क्रश के बारे में और बातें जानने को मिलेंगी.
अगर आप उस व्यक्ति को बिलकुल नहीं जानते तो उस की ऐसी किसी रूचि या शौक की बात करें जिस के बारे में आप को पता हो . मसलन वह बास्केटबाल खेलता है या किताबें पढ़ने का शौक़ीन है तो आप उस की पसंदीदा किताब या उस के द्वारा खेले गए बास्केटबॉल मैच के बारे में बात शुरू कर सकते हैं.

ज्यादा संजीदा नहीं हों

याद रहे की फ्लर्टिंग मस्ती का दूसरा नाम है और अगर आप की कोशिश सफल नहीं होती तो हिम्मत नहीं हारें. पॉजिटिव रहें. यह ज़रूरी नहीं की हर फ्लर्टिंग का अंत खूबसूरत ही हो. फ्लर्टिंग से आप नए लोगों से घुलनामिलना और खुश रहना सीख सकते हैं. इसे ले कर अपने आप पर प्रेशर डालने की ज़रुरत नहीं है.

फ्लर्टिंग हर जगह उचित नहीं. मसलन किसी के अंतिम संस्कार में आप फ्लर्ट नहीं कर सकते . वर्कप्लेस में भी आप फ्लर्टिंग नहीं कर सकते . स्थान के मुताबिक फ्लर्टिंग करें . किसी लाइब्रेरी या सेमिनार जैसी जगहों में मिलने से ज्यादा बातचीत नहीं हो पाती. ऐसी स्थिति में मुस्कुराएं, रूचि दिखाएं और उस के बाद कहीं मिलने का कार्यक्रम तय कर लें लेकिन किसी भी सूरत में उन के पीछे इसलिए नहीं घूमें की आप उन से बात करने में सकुचाते हैं. जो पहला मौका मिले उन से बात कर लें.

फ़्लर्ट करने के फायदे

आप को जान कर हैरानी होगी कि फ्लर्ट करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है. फ्लर्ट करना एक कला है और अगर आप इसे सही प्रकार से करें तो इस से आप को कई तरह के शारीरिक और मानसिक लाभ मिल सकते हैं. आइये जानते हैं फ्लर्टिंग के फायदे;

शरीर की ऊर्जा बढ़ाए

खुद को ऊर्जा से भरपूर और चुस्तदुरुस्त बनाए रखने के लिए फ्लर्ट कीजिए. फ्लर्ट करने से जहां आप का एनर्जी लेवल बढ़ता है वहीँ मूड भी अच्छा होता है. अपने साथी के साथ फ्लर्ट करने से आप के अंदर आत्मविश्वास बढ़ता है और रिश्ते में मिठास भी आती है.

अकेलापन दूर करे

अगर आप अपने अकेलेपन से छुटकारा पाना चाहते हैं तो फ्लर्ट करना आप के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. इस से आप नए दोस्त बना सकेंगे. अपने मनपसंद लोगों का साथ पा सकेंगे. फ्लर्टिंग अंतर्मुखी व्यक्ति को भी बाहरी दुनिया से जोड़ने का काम करती है. वह एक्सट्रोवर्ट हो कर नयी खुशी से रूबरू होता है. इस से आप के भीतर नया आत्मविश्वास पैदा होता है.

ब्लड सर्कुलेशन बेहतर बनाए

फ्लर्ट करने से शरीर में एंड्रनालाइन नामक हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है. शरीर में रक्त का संचार बेहतर होता है. इस हार्मोन के स्तर में बढोत्तरी होने से आप ज्यादा एकाग्र हो कर काम कर पाते हैं.

ये भी पढ़ें- घरवालों ने ढूंढी पत्नी, पति को जब नापसंद

बोरियत दूर भगाए

यदि आप अपनी जिंदगी की एकरसता से परेशान हैं और लाइफ में कुछ इंटरेस्टिंग चाहते हैं तो फ़्लर्ट कीजिए. इस से मानसिक तनाव में कमी आती है और आप फ्रेश महसूस करते हैं.

रिश्ता बनाए मजबूत

अक्सर देखा जाता है कि लड़के किसी खूबसूरत लड़की को देख कर फ्लर्ट करना शुरु कर देते हैं. आजकल लड़कियां भी लड़कों के साथ फ्लर्टिंग करने से गुरेज नहीं करतीं. अपने साथी के साथ भी लोग फ्लर्ट करने का मजा लेते हैं. दरअसल फ्लर्टिंग रिश्ते को मजबूत बनाने में भी मदद करती है. अपने पार्टनर के साथ फ़्लर्ट करने के अपने फायदे हैं. प्यार और रोमांस से भरी यह फ्लर्टिंग आप के रिश्ते को नया आयाम दे सकती है. लेकिन फ्लर्टिंग के दौरान ऐसी बात कहने से बचें जिस से झगड़े की नौबत आ जाए.यह रिश्ते में आई दूरियों को दूर करने में सहायक है. मगर ध्यान रखें, अगर फ्लर्ट‍िंग अच्छी तरह की जाए तो यह सभी को पसंद आती है मगर सीमा लांघते ही यह अश्लीलता में बदल सकती है. फ्लर्टिंग को हेल्दी तरीके से एन्जॉय करें और अपने मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाएं.

कंफर्ट जोन

आप दोनों एक कंफर्ट जोन में आ जाते हैं. माना आप अपने बॉस/ कुलीग /पड़ोसी /रिश्तेदार /सहयात्री के साथ फ्लर्ट करते हैं. इस से आप के बीच फॉर्मल रिश्ते के बजाय फ्रेंडली रिलेशनशिप डिवेलप होने लगती है. आप दोनों के बीच एक कंफर्ट जोन आ जाता है और आप अपने काम ज्यादा बेहतर ढंग से कर पाते हैं. आप के अंदर पॉजिटिव उर्जा का संचार होता है.

एकदूसरे को जानने समझने का मौका मिलता है. फ़्लर्ट के बहाने सामने वाले से आप की बातचीत होती है. एकदूसरे का साथ पसंद आए तो दोनों काफी समय साथ बिताने लगते हैं. एकदूसरे को समझने और दुखसुख शेयर करने का मौका मिलता है. फ़्लर्ट करतेकरते आप उस के प्रति सीरियस भी हो सकते हैं. जिंदगी को नया तजुर्बा मिलता है.

तोहफा नयी खुशि‍यों का

जब भी कोई किसी से फ़्लर्ट करता है तो उन के चेहरे पर ख़ुशी की लकीरें खिंच जाती हैं. जब हम फ़्लर्ट करते हैं तो हमारे शरीर में सेरोटोनिन नाम के हारमोंस का श्राव होता है. इसे हैपी हारमोंस भी कहते हैं. इस के सक्रिय होने से हमारे मन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और हम अंदर से खुश रहने लगते हैं. इस से हमारे स्वस्थ पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता हैं. चेहरे पर भी एक अलग सा निखार आ जाता है.

नया ट्रेंड ऑनलाइन डेटिंग

डेटिंग या फ्लर्टिंग के लिए इन दिनों सोशल मीडिया का भी खूब इस्तेमाल हो रहा है. इस के लिए यंगस्टर्स अपना काफी समय ऑनलाइन बिता रहे हैं.मार्केटिंग एजेंसी यूरो आरएससीजी के सर्वे के मुताबिक किसी से रिलेशनशिप शुरू करने आगे बढ़ाने और खत्म करने तक में भी सोशल साइट्स का यूज़ हो रहा है. इस सर्वे में 34 फीसदी लोगों ने माना कि ऑनलाइन फ्लर्टिंग में कोई बुराई नहीं जबकि बाकी लोगों ने इसे गलत बताया.

कॉन्फिडेंस बूस्टर

अगर आप किसी को इंप्रेस करने की कोशिश कर हैं तो इस के लिए कॉन्फिडेंस होना बहुत जरूरी है. अगर आप इंप्रेस करने में कामयाब हो जाते हैं तो यह आप के लिए कॉन्फिडेंस बूस्टर का काम करता है. इस से आप अपनी प्रोफेशनल लाइफ में भी अच्छा महसूस करते हैं. एक सर्वे के मुताबिक मात्र 5 मिनट की ऑनलाइन फ्लर्टिंग आप को अपने काम में संतुष्टि की भावना देती है.

तारीफ करना आ जाता है

फ़्लर्ट करते हुए आप सामने वाली की तारीफ करते हैं. धीरेधीरे तारीफ करना आप की आदत में शुमार हो जाता है. आदत बनने पर आप अपने दूसरे दोस्तों की भी तारीफ करने से नहीं चूकते. इस से आप की गिनती पॉजिटिव लोगों में होने लगती है और आप का साथ लोगों को पसंद आता है.

खुशनुमा सेक्स लाइफ

हॉलैंड में 76 कपल्स पर हुई एक स्टडी से यह बात सामने आई कि जो लोग रोजाना फ्लर्टिंग करते हैं वे अपनी सेक्स लाइफ को खूब इंजॉय करते हैं. उन की जिंदगी में सेक्स और रोमांस जैसी चीजें खासतौर पर जगह बना लेती हैं.

अक्सर लोग फ्लर्टिंग को गलत अर्थ में लेते हैं. फ़्लर्ट करने वाले भी कई बार अपनी सीमा भूल जाते हैं. यह गलत है. फ्लर्टिंग कीजिए मगर उतना ही जो आप को और उसे खुशी दे. आप एकदूसरे को जानसमझ सकें, दोनों के बीच एक प्यारा सा रिश्ता बन सके. मगर फ्लर्टिंग की आड़ में गलत हरकतें करना या समाज को रुसवा करना उचित नहीं. यदि आप की बातें उस की परेशानी का सबब बनने लगे तो उसी वक्त यह रोक दें.

ये भी पढ़ें- पुराने प्रेम का न बजायें ढोल

ऐसा नहीं है कि फ्लर्ट का मतलब हमेशा चंद पलों का रिश्ता ही होता है. कई बार फ़्लर्ट करतेकरते इंसान को सामने वाले से सच्चा प्यार भी हो जाता है. सामने वाला भी आप के बगैर खालीखाली सा महसूस करने लगे तो समझिए आप दोनों इस रिश्ते के प्रति सीरियस होने लगे हैं. ऐसे में रिश्ते को आगे बढ़ाना संभव है तो ठीक है वरना इस रिश्ते को दोस्ती का रिश्ता बना कर जिंदगी के खालीपन को दूर कीजिए. आप सिर्फ दूसरे लोगों से ही फ्लर्ट करें यह जरूरी नहीं. आप अपने जीवनसाथी या बॉयफ्रेंड /गर्लफ्रेंड के साथभी फ़्लर्ट कर सकते हैं. इस से आप के रिश्ते में रोचकता और नवीनता आएगी.

कई दफा ऐसा भी होता है कि जिसे आप बहुत पसंद करते हैं उसे ही अपने इंट्रोवर्ट नेचर के कारण कुछ कह नहीं पाते. ऐसे में अगर आप ने थोड़ी सी हिम्मत जुटाई और फ्लर्ट के बहाने उस के आगे अपने दिल की बात हल्केफुल्के ढंग से रखने की कोशिश की तो संभव है आप कामयाब हो जाएँ और आप को आप का प्यार मिल जाए.

जब बहक जाए पति या बेटा

सरकारी औफिस में अधिकारी के रूप में काम करने वाले प्रदीप कुमार को देर रात तक घर से बाहर रहना पड़ता था. औफिस के काम से छोटेबडे़ शहरों में टूर पर भी जाना होता था. 48 साल के प्रदीप की शादी हो चुकी थी. उन की 2 बेटियां और 1 बेटा था. घर में वे जब भी पत्नी के साथ सैक्स की बात करते तो पत्नी शोभा मना कर देती. शोभा को बडे़ होते बच्चों की फिक्र होने लगती थी. शोभा को यह पता था कि यह प्रदीप के साथ एक तरह का अन्याय है पर बच्चों को संस्कार देने के खयाल में वह पति की भावनाओं को नजरअंदाज कर रही थी. प्रदीप का काम ऐसा था जिस में कई बड़े ठेकेदार और प्रभावी लोग जुडे़ होते थे. ऐसे में जब वह टूर पर बाहर जाते तो उन को खुश करने वालों की लाइन लगी रहती थी.

प्रदीप स्वभाव से सामान्य व्यक्ति थे. न किसी चीज के प्रति ज्यादाभागते थे और न ही किसी के प्रति उन के मन में कोई वैराग्य भाव ही था. हर हाल में खुश रहने वाला उन का स्वभाव था. एक बार वे आगरा के टूर पर थे. वहां उन को एक खास प्रोजैक्ट पर काम करना था. इस कारण उन को लगातार एक सप्ताह तक वहां रहना था. प्रदीप के लिए सरकारी गैस्ट हाउस में इंतजाम था. वहीं एक दिन कौलगर्ल की चर्चा होने लगी. देर शाम एक ठेकेदार ने लड़की का इंतजाम कर दिया. कुछ नानुकुर करने के बाद प्रदीप ने लड़की के साथ रात गुजार ली. इस के बाद तो यह सिलसिला चल निकला. कई बार प्रदीप को खुद लगता कि वे गलत कर रहे हैं पर उन को यह सब अच्छा लगने लगा था. अब वे अकसर शहर से बाहर जाने का बहाना बनाने लगे. कुछ दिन तो यह बात छिपी रही पर शोभा को शक होने लगा. शोभा ने बिना कुछ कहे उन पर नजर रखनी शुरू कर दी. शोभा को कई ऐसी जानकारियां मिल गईं जिन से उस का शक यकीन में बदल गया.

शोभा ने सोचा कि अगर वह यह बात पति से करेगी तो आसानी से वे मानेंगे नहीं. लड़ाई झगड़ा अलग से शुरू हो जाएगा. बच्चों के जिन संस्कारों को बचाने के लिए वह प्रयास करती आई है वे भी खाक में मिल जाएंगे. ऐसे में शोभा ने अपने घरेलू डाक्टर से बात की. डाक्टर ने कुछ बातें बताईं. कुछ दिन बीत गए. प्रदीप इस बात से खुश थे कि शोभा को उन के नए शौक के बारे में कुछ पता नहीं चला. अचानक एक दिन प्रदीप को तेज बुखार आ गया. शोभा उन को ले कर डाक्टर के पास गई. डाक्टर ने कुछ ब्लड टैस्ट कराने के लिए कह दिया. दवा दे कर प्रदीप को वापस घर भेज दिया और बैडरैस्ट करने को कहा है. घर पहुंचने के बाद प्रदीप ने बैडरैस्ट तो किया पर बुखार कम हो कर वापस आजा रहा था.

एक दिन के बाद प्रदीप जब डाक्टर के पास जाने लगे तो शोभा भी साथ चली गई. डाक्टर ने ब्लड रिपोर्ट देखी और चिंता में पड़ गया. उस ने शोभा को कुछ देर बाहर बैठने के लिए कहा और प्रदीप से बात करने लगा. डाक्टर ने कहा कि रिपोर्ट में तो बुखार आने का कारण एचआईवी का संक्रमण आ रहा है. क्या आप कई औरतों से संबंध रखते हैं? प्रदीप सम झदार व्यक्ति थे, डाक्टर से  झूठ बोलना उचित नहीं सम झा. सारी कहानी डाक्टर को बता दी. इस के बाद डाक्टर ने पतिपत्नी दोनों को ही सामने बैठा कर सम झाया. सैक्स के महत्त्व को सम झाया और बाजारू औरतों से सैक्स संबंध बनाने के खतरे भी बताए. उस रात प्रदीप को नींद नहीं आई. शोभा उन के पास ही थी. प्रदीप ने अपनी गलती मान ली और शोभा से माफी भी मांगी. दूसरी ओर शोभा ने अपनी गलती मान ली. प्रदीप को ज्यादा परेशान देख कर शोभा ने उन को गले लगाते हुए कहा, ‘‘यह सब नाटक था तुम्हारी आंखें खोलने के लिए. हां, बुखार वाली बात तो ठीक थी पर एचआईवी की बात गलत थी. हमें पहले ही पता था कि तुम बाहर जा कर क्या गलती कर बैठे हो.’’

ये भी पढ़ें- महिलाएं क्यों हो जाती हैं डिप्रैस

न करें  झगड़ा

लखनऊ में सैक्स रोगों की काउंसलिंग करने वाले डा. जी सी मक्कड़ कहते हैं, ‘‘सैक्स के लिए बाजारू औरतों से संबंध रखना सेहत के लिए किसी भी तरह से अच्छा नहीं होता. इस के लिए केवल पुरुष ही दोषी नहीं हैं, कई बार पत्नियां पतियों को समझ नहीं पातीं. घरपरिवार, बच्चों के चलते उन को समय नहीं मिलता या वे मेनोपौज का शिकार हो कर पति की जरूरतों को पूरा करने से बचने लगती हैं. ऐसे में पति के भटकने का खतरा बढ़ जाता है. कभी वह कोठे पर जाने लगता है तो कभी सैक्स कारोबार करने वाली दूसरी औरतों के चक्कर में पड़ जाता है. इस से बचने के लिए औरतों को बहुत ही धैर्यपूर्वक परेशानी का मुकाबला करना चाहिए.  झगड़ा करने से परिवार के टूटने का खतरा ज्यादा रहता है.’’

समाजसेवी शालिनी कुमार कहती हैं, ‘‘आमतौर पर आदमी के लिए उम्र के 2 पड़ाव बेहद कठिन होते हैं. एक जब वह 17 से 20 साल की उम्र में होता है. और दूसरा 45 साल के करीब. ऐसे में वह अपनी शारीरिक जरूरतों को पूरा करने के लिए बाजारू औरतों की मदद लेने लगता है. ऐसे में उस का प्रभाव एक औरत को मां या पत्नी के रूप में  झेलना पड़ता है. घरपरिवार को बचाने के लिए बहुत ही समझदारी से काम लेना चाहिए.’’

जब बिगड़ जाए बेटा

25 साल के अनुराग की अच्छी नौकरी लग गई. उस के ऊपर कोई खास जिम्मेदारी भी नहीं थी. अनुराग की गर्लफ्रैंड तो बहुत थीं पर उन से उस के सैक्स संबंध नहींथे. अनुराग को दोस्तों से पता चला कि सैक्स संबंधों के लिए कौलगर्ल बेहतर होती हैं क्योंकि उन से केवल जरूरत भर का साथ होता है. गर्लफ्रैंड तो गले की हड्डी भी बन सकती है. पब और डिस्को में जाने के दौरान उस की मुलाकात ऐसी ही कुछ लड़कियों से होने लगी. सैक्स के लिए टाइमपास करने वाली ये लड़कियां कई बार पार्टटाइम गर्लफ्रैंड भी बन जाती थीं. देखनेसुनने में यह भी सामान्य लड़कियों की ही तरह होती हैं. अनुराग को अपने शहर में ऐसा काम करने से खतरा लगता था. ऐसे में वह लड़की को ले कर दिल्ली, मुंबई और गोआ जाने लगा. वह अकसर वीकएंड पर ऐसे कार्यक्रम बनाने लगा. बाहर जा कर उसे बहुत अच्छा लगने लगा.

अनुराग के इस शौक  ने उसे बदल दिया था. वह घर में कम समय देता था. जब भी उस की शादी की बात चलती वह अनसुना कर देता. एक बार वह ऐसी ही एक लड़की के साथ गोआ गया था. वहां से जिस दिन उसे वापस आना था उस की मां उस को लेने के लिए एअरपोर्ट पहुंच गई. अनुराग को इस बारे में कुछ पता नहीं था. वह लड़की के साथ एअरपोर्ट से बाहर आ कर टैक्सी में बैठने लगा. लड़की पहले ही टैक्सीमें बैठ चुकी थी. इस के पहले कि टैक्सी आगे बढ़ती, अनुराग की मां ने उसे पुकारा, ‘‘बेटा, मैं अपनी गाड़ी ले कर आई थी. इसी में आ जाओ.’’

मां की आवाज सुन कर अनुराग सोच में पड़ गया. उसे साथ वाली लड़की की फिक्र होने लगी. वह मां से कुछ कहता, इस के पहले मां बोलीं, ‘‘कोई बात नहीं बेटा, अपनी फ्रैंड को साथ ले आ.’’ अनुराग को कुछ राहत महसूस हुई. गाड़ी में बैठने के बाद अनुराग की मां ने लड़की की बेहद तारीफ करनी शुरू कर दी. घर आतेआते यह भी कह दिया कि वह बहू के रूप में उसे पसंद है. अनुराग उस लड़की को छोड़ कर वापस घर आया तो मां को बहुत प्रसन्न पाया. मां अनुराग और उस लड़की की शादी की बातें करने लगीं. कुछ देर तो अनुराग चुप रहा फिर बोला, ‘‘मां, आप को जिस लड़की के बारे में कुछ पता नहीं उस से मेरी शादी करने जा रही हो?’’

मां बोलीं, ‘‘बेटा, मैं भले ही उस से आज मिली थी पर तू तो उस के साथ घूम कर आया है. तुझे देख कर लगता है कि तू बहुत खुश है उस के साथ. जब तू खुश है तो मुझे और क्या चाहिए?’’

अनुराग परेशान हो गया. उस ने सोचा कि मां को सचाई बतानी ही होगी. रात में ठंडे दिमाग से अनुराग ने मां को पूरी बात बताई और अपनी गलती मान ली. अनुराग की मां बोलीं, ‘‘बेटा, तुझे अपनी गलती समझ आ गई, इस से बड़ी क्या बात हो सकती है. अब अच्छी लड़की देख कर तेरी शादी हो जानी चाहिए.’’

शादी के बाद अनुराग बदल गया. मां की समझदारी ने अनुराग का जीवन खराब होने से बचा लिया. इस प्रकार ऐसे हालात को संभालने में पत्नी और मांबाप को धैर्य से काम लेना चाहिए. नहीं तो एक खुशहाल परिवार को बिखरने में देर नहीं लगेगी.

बेटे के प्रति ध्यान रखने योग्य बातें

– बेटे के दोस्तों पर निगाह रखें. जिन दोस्तों का स्वभाव अच्छा न लगे उन से दूरी बनाने के लिए बेटे को सम झाएं.

– बेटे की बदलती सैक्स लाइफ पर नजर रखने की कोशिश करें. उस की मुलाकात मनोचिकित्सक से कराएं. जो बातें आप नहीं बता सकतीं वह उस के संबंध में समझा सकता है.

– बाजारू औरतों के साथ सैक्स संबंध बनाने के खतरे बताएं. ऐसे संबंधों से यौन रोग फैल सकते हैं यह बताएं.

ये भी पढ़ें- मजबूत रिश्ते के लिए लड़ना भी है जरूरी

– कोठे वैसे नहीं होते जैसे फिल्मों में दिखते हैं, यह सम झाएं. वहां होने वाले नुकसान से आगाह कराते रहें. वहां पुलिस का छापा पड़ने से जेल जाने का खतरा रहता है.

– बेटे को समझाने में पति की मदद ले सकती हैं. कई बार वह आप से बात करने में हिचक सकता है. ऐसे में पिता से बात करना सरल होता है.

– उसे लड़कियों से दोस्ती करने से रोकें नहीं. दोस्ती की सीमाओं को बता कर रखें. बेटे को अनापशनाप खर्च करने के लिए पैसे न दें.

– समय से उस की शादी करा दें. कई बार शादी के बाद सुधार आ जाता है.

पति के प्रति ध्यान रखने योग्य बातें

– पति से बात करने से पहले खुद से जरूरी जानकारियां एकत्र करने की कोशिश करें.

– कुछ ऐसा उपाय करें कि बिना आप के कहे पति को अपनी गलती सम झ में आ जाए.

– अपनी बात रखने के लिए  झगड़ा न करें. ऐसे तर्क न करें जिन से संबंधों में कटुता आए.

– पति के साथ शारीरिक संबंध बनाए रखें. घरपरिवार की जिम्मेदारी के बीच सैक्स संबंधों को न भूलें.

– एक उम्र के बाद महिलाओं में सैक्स की इच्छा खत्म होने लगती है. ऐसे में महिला रोगों की जानकार डाक्टर से मिलें और उचित इलाज करवाएं.

– पति के साथसाथ अपनी सैक्स परेशानियां मनोचिकित्सक को बताएं.

– पति को बाजारू औरतों के साथ सैक्स संबंध बनाने के खतरे बताएं.

– ऐसे काम पद और प्रतिष्ठा दोनों को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

– पति को पारिवारिक जिम्मेदारी का एहसास कराते रहें. इस से उन का ध्यान इधरउधर नहीं भटकेगा.

– समयसमय पर पति के साथ अकेले बाहर जाने का कार्यक्रम रखें, होटल में रुकें ताकि सैक्स संबंधों को खुल कर जी सकें.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें