क्या है हाई प्रोटीन लो कैलोरी डाइट

हाई प्रोटीन लो कैलोरी फूड की आजकल खूब डिमांड है. भागदौड़ भरी जिंदगी में हर शख्स अपनी हैल्थ के प्रति सजग होता जा रहा है क्योंकि सभी जानते हैं सेहत है तो जहान है वरना कुछ भी नहीं.

ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि रोजमर्रा की डाइट में जो भी आप के द्वारा खाया जा रहा है उस में प्रोटीन की मात्रा अधिक हो व वसा की कम रहे. ऐसा इसलिए जरूरी होता है क्योंकि-

  •  अधिक प्रोटीन व कम कैलोरीयुक्त डाइट ही हैल्दी डाइट मानी जाती है.
  • प्रोटीन का अधिक सेवन करने से जहां मसल्स (मांसपेशियां) मजबूत होती हैं वहीं वजन भी कम होता है जो फिट व ऐक्टिव रहने के लिए बेहद आवश्यक है.
  • अधिक प्रोटीन व कम वसायुक्त डाइट लेने से जहां वजन कम होता है वहीं हड्डियां भी मजबूत होती हैं, साथ ही टिशू की भी मरम्मत होती है.
  • इस के अतिरिक्त मैटाबोलिज्म को बढ़ा कर देना, हैल्दी प्रतिरक्षा प्रणाली का निर्माण करना भी शामिल है.
  •  हाई प्रोटीन लो कैलोरी फूड टाइप-2 डायबिटीज के जोखिम को कम करता है.
  • इसी तरह और भी कई स्वास्थ्य लाभ हैं. अत: जो भी नियमित डाइट आप के द्वारा ली जाए उस के प्रति सचेत रहें. प्रोटीन को अपनी डाइट में अवश्य शामिल करें.

ऐसे कुछ खाद्यपदार्थ हैं जिन का सेवन करने से हम प्रोटीन की अधिकता व कैलोरी की कम मात्रा आसानी से प्राप्त कर सकते हैं:

  1. दालें

दाल को रोज अपने आहार में अवश्य शामिल करना चाहिए. यह कैलोरी में कम और प्रोटीन से भरपूर होती है. 100 ग्राम उबली दाल में 9 ग्राम प्रोटीन होता है व 116 कैलोरी होती है. दालें कई तरह की होती हैं जैसे मसूर, मूंग, अरहर, चना बगैरा. इन में फाइबर, विटामिन और मिनरल पर्याप्त मात्रा में मौजूद रहता है.

साथ ही ये वजन भी कंट्रोल करने में सहायक होती हैं. मसूर दाल बेहतर मानी जाती है. इसे स्प्राउट्स के रूप में भी खाया जा सकता है, सोयाबीन भी अवश्य लेना चाहिए. इस से टोफू बना कर भी खाया जा सकता है.

2. अनाज

यदि रोजमर्रा की डाइट में कम कैलोरी वाले अनाज का सेवन अवश्य किया जाए तो अपनी सेहत को अधिक तंदुरुस्त बनाया जा सकता है. कद्दू का आटा, रागी, ओट्स, जौ, ब्राउन राइस आदि ऐसे अनाज हैं जिन में कैलोरी तो कम होती है, किंतु प्रोटीन के अतिरिक्त फाइबर, जरूरी विटामिंस, मिनरल्स तथा ऐंटीऔक्सीडैंट्स खूब मौजूद होते हैं.

इन का सेवन करने से पाचनक्रिया बेहतर बनती है, शरीर में कोलैस्ट्रौल और ब्लड शुगर लैवल नियंत्रित रहता है, साथ ही वजन भी नियंत्रित रहते हुए शरीर में ऊर्जा बरकरार रहती है, सेहत की कई समस्याएं दूर रह शरीर सेहतमंद रहता है. कोशिश रहे कि साबूत अनाज का सेवन अधिक किया जाए.

3. दूध दही

दूध जहां प्रोटीन का अच्छा स्रोत है वहीं इस में फैट भी कम होता है. इस से वजन भी कम रहता है व शरीर हैल्दी बना रहता है. करीब 100 ग्राम दूध में 3.6 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है, दहीछाछ या लस्सी पीने से भी प्रोटीन मिलता है. पनीर, खोया व स्किम्ड मिल्क का सेवन भी अच्छा रहता है.

4. फलसब्जी

रोज डाइट में फल व सब्जी को भी अवश्य शामिल करें, स्वस्थ रहने व फिजिकल ऐक्टिविटीज के लिए हैल्दी डाइट बहुत जरूरी है. हमेशा हैल्दी रहने के लिए फल व सब्जियों को खाने की सलाह दी जाती है. इन फूड्स में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, फाइबर, ऐंटीऔक्सीडैंट्स व

अन्य पोषक तत्त्व होते हैं जो आंखों की रोशनी बढ़ाने, दांतोंहड्डियों को स्वस्थ रखने, कोलैस्ट्रौल को कम कर हृदय संबंधी परेशानियों को दूर कर हमारी इम्युनिटी पावर को भी बढ़ाने में सहायक होते हैं.

निम्न कुछ फल व सब्जियां अवश्य लेनी चाहिए जो गुणों से भरपूर व कैलोरी मात्रा होती कम है. अत: वजन घटाने में भी ये सहायक हैं:

केला, अमरूद, कीवी, स्वीटकौर्न, ऐवोकाडो, चकोतरा/ग्रेप फ्रूट, हर तरह की बेरी (स्ट्राबेरी, ब्लूबेरी, ब्लैकबेरी) हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है. इन से प्रति कप 2 से 4 ग्राम प्रोटीन प्राप्त होता है.

हरे मटर, पालक, खीरा, मूली, चुकंदर, टमाटर, मशरूम, फूलगोभी, ब्रोकली आदि का सेवन करने से प्रति कप 2 से 8 ग्राम तक प्रोटीन मिल सकता है.

5. अंडे

अंडा स्वास्थ्ययुक्त और सब से अधिक प्रोटीन युक्त खाद्यपदार्थों में से एक है. अंडे को प्रोटीन और पोषक तत्त्वों का पावरहाउस और कैलोरी की कमी मानना गलत नहीं है. एक अंडे में औसतन 6-7 ग्राम प्रोटीन होता है- उच्च प्रोटीन आहार के लिए एक दिन में 3 अंडे तक खा सकते हैं.

6. मीटमछली

दुबला मांस और पोल्ट्री खाने के लिए अच्छे खाद्यपदार्थ हैं. ये कैलोरी में कम होते हैं व प्रोटीन में उच्च. समुद्री भोजन भी अत्यधिक पौष्टिक और उत्कृष्ट विकल्प है.

यदि अपने आहार में मछली का सेवन करते हैं तो इस में प्रोटीन की अच्छी मात्रा रहती है और वसा मौजूद होती है. मछली में असंतृप्त फैटी ऐसिड होता है जिस में ओमेगा 3 और ओमेगा 6 ऐसिड मनुष्यों के लिए उपयोगी होते हैं, चयापचय को सामान्य करते हैं, शरीर की प्रतिरोधक्षमता को बढ़ाते हैं. वसा कम के लिए उबली व सिंकी मछली खाना फायदेमंद रहता है.

7. बीज

कद्दू, सूरजमुखी, चिया व अलसी के बीजों को पोषण का पावरहाउस कहा जाता है. इन का सेवन स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है. ये प्रोटीन के स्रोत होने के साथसाथ वजन घटाने में भी सहायक होते हैं, हृदय

स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं. रक्त शर्करा प्रबंधन में सहायता करते हैं व मधुमेह कैंसर जैसी बीमारियों के जोखिम को भी कम करने में मदद करते हैं.

कच्चे बीजों को नाश्ते के रूप में खा सकते हैं. उन्हें पत्तेदार हरे सलाद पर बुरक सकते हैं. इन के अलावा इन्हें अनाज, दही, छाछ, प्रोटीन शेक आदि कई खाद्यपदार्थों में मिला कर लिया जा सकता है.

अहम बात है कि इन बीजों का सेवन अलगअलग या फिर एकसाथ मिला कर भून कर भी कर सकते हैं पर प्रतिदिन 15 ग्राम (3 चम्मच) से अधिक का सेवन नहीं करना चाहिए. अत: स्वस्थ रहने या फिजिकल ऐक्टिविटीज के लिए हैल्दी डाइट का लिया जाना बहुत आवश्यक है. तभी फिट व खुश रह सकते हैं.

Independence Day Special: बीमारियों से आज़ादी दिलवाने के लिए अपनाएं एक्सपर्ट के 5 टिप्स

इस वर्ष हमारा देश आज़ादी के 75 साल मना रहा है. इस सदी में आज़ादी का हर व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्व है – चाहे वो पुरुष हो या महिला, बच्चा हो या बुज़ुर्ग. एक इंसान के लिए सबसे कीमती होता है उसका स्वास्थ्य.  यदि स्वास्थ्य सही हो तो यह इंसान सब कुछ हासिल कर सकता है.  तो आईये इस स्वतंत्रता  दिवस पर हम अपने शरीर को बीमारियों से आज़ाद रखने के लिए कुछ टिप्स जानते हैं:

 ये टिप्स बता रहीं हैं न्यूट्रीशनिस्ट, डायटीशियन और फिटनेस एक्सपर्ट मनीशा चोपड़ा.

टिप्स 1: मौसमी सब्जियां और फलों का सेवन करें

वैसे तो कई सब्जियां और फल पूरे साल मौजूद रहे हैं, लेकिन सिर्फ उन्हीं को खाना जरूरी है जो चल रहे मौसम के लिहाज से उपयुक्त हों. स्वस्थ और ताजा भोजन हासिल करने की कोशिश करें. आप इस मौसम के लिहाज से अनुकूल टमाटर, बेरी, आम, तरबूज, खरबूज, आलू बुखारा, अजवायन, नारंगी आदि जैसे फलों और सब्जियों पर ध्यान दे सकते हैं.

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टिप्स 2: पूरे दिन पर्याप्त पानी पीएं

पानी पीना और इस मानसून के सीजन में शरीर में नमी बनाए रखना बेहद जरूरी है. सुनिष्चित करें कि स्वयं को ताजगी महसूस कराने के प्रयास में हर दिन कम से कम 8-10 गिलास पानी पीएं. यदि संभव हो, तो कम ठंडा पानी पीएं, क्योंकि ज्यादा ठंडा पानी पीने से स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं.

टिप्स 3: नियमित रूप से व्यायाम करें

व्यायाम हमारे शरीर के लिए बेहद ज़रूरी है.  एहूमे अनेक बीमारियों से बचाये रखता है इसलिए अपने शरीर को बीमारियों से आज़ाद करने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना बहुत आवश्यक है.

टिप्स 4: कोल्ड ड्रिंक के बजाय ताजा फलों का जूस पीएं

बहुत से ऐसे लोग हैं जो ज्यादा प्यास का अनुभव महसूस करते हैं और अक्सर अपनी प्यास बुझाने के लिए कोल्ड ड्रिंक पीना पसंद करते हैं. लेकिन ऐसे ठंडे पेय आपके शरीर को फायदे के बजाय नुकसान पहुंचाते हैं. इसलिए, अपनी प्यास बुझाने के प्रयास में कोल्ड ड्रिंक के बजाय ताजा फलों के रस का इस्तेमाल करें. ये कोल्ड ड्रिंक के मुकाबले ज्यादा फायदेमंद हैं और इनसे आपका स्वस्थ और फिट रह सकता है.

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टिप्स 5: स्वस्थ शरीर के लिए स्वच्छता बनाए रखें

जैसा कि आप जानते हैं, स्वस्थ शरीर के लिए स्वच्छता जरूरी है. यह सुनिष्चित करें कि क्या आप जो भोजन या पेय पदार्थ ले रहे हैं, वह स्वच्छ और ताजा है. आपका शरीर घर या रेस्तरां में गंदे बर्तनों की वजह से बैक्टीरियल इन्फेक्षन का शिकार हो सकता है. इसलिए हमेशा यह सुनिष्चित करें कि खाने से पहले और बाद अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं. इसके अलावा, अपने चेहरे को समय समय पर धोते रहें.

मेरी 20 साल की बेटी हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से मना करती है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मेरी 20 साल की बेटी कालेज जाती है. वह हरी पत्तेदार सब्जियां नहीं खाती और दूध पीने में भी आनाकानी करती है. कृपया सुझाव दें कि उसे किस तरह का भोजन दैनिक पोषण की सभी जरूरतों को पूरा कर सकता है?

जवाब-

आज कई बच्चों का शैड्यूल काफी व्यस्त रहता है और उन के आहार में बहुत अधिक सुविधाजनक भोजन और जंक फूड शामिल हैं. खाने की ये चीजें आमतौर पर हानिकर होती हैं. वे आप के बच्चे की सेहत पर बुरा असर डाल सकती हैं. स्वस्थ आहार और पोषण पर ध्यान देने से कई गंभीर बीमारियों को रोकने में मदद मिल सकती है. इन में मोटापा, दिल की बीमारी, टाइप 2 डायबिटीज आदि शामिल हैं.

शरीर के लिए संतुलित नाश्ता जरूरी है. सुबह व्यस्त होने पर भी सेहतमंद नाश्ते के लिए इन में से कोई एक आजमाए जैसेकि साबूत गेहूं के ब्रैड वाला अंडा सैंडविच, ग्रीक योगर्ट, साबूत अनाज, पीनट बटर, अच्छी तरह से उबले अंडे और एक सेब. उस के खाने की आदतों पर नजर रखें और अस्वास्थ्यकर खाने की जगह सेहतमंद खाना देने की कोशिश करें. उदाहरण के लिए आइसक्रीम की जगह स्मूदी, व्हाइट ब्रैड की जगह साबूत गेहूं की ब्रैड, आलू के चिप्स की जगह बेक्ड चिप्स और नट्स, दूध की जगह शेक.

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हम अपने काम में अपने आप को इतना व्यस्त कर लेते हैं कि हम अकसर अपनी सेहत से समझौता कर बैठते हैं और हैल्दी रहने के लिए जिम जा कर पसीना बहाते हैं, डाइटिंग करते हैं और सोचते हैं कि ये सब कर खुद को बीमारियों से बचा सकते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है आप चुस्त हो या दुरूस्त हो कितने ही हैल्थ कौंशस क्यों न हो फिर भी दुनियाभर की बीमारियां आप को घेर ही लेती हैं इसलिए सिर्फ स्वस्थ आहार या व्यायाम ही काफी नहीं है बल्कि इन के साथसाथ हैल्दी ईटिंग हैबिट भी जरूरी हैं. क्योंकि हैल्दी ईटिंग हैबिट स्वस्थ जीवन जीने के लिए बहुत जरूरी है. फिर भी हम में से बहुत से लोग यह नहीं जानते हैं कि इन का क्या महत्व है या ये कौन सी आदते हैं, जिन्हें अपना कर वे स्वस्थ रह सकते हैं और अनचाही बीमारियों से अपने आप को दूर रख सकते हैं. अगर आप भी हैल्दी रहना चाहते हैं तो यह जानकारी आप ही के लिए है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- Health Tips: बदल डालें खाने की आदतें

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
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कैसा हो सर्दियों का डाइटचार्ट

सर्दियों के मौसम में आप खूब खाना खा कर सेहत बना सकते हैं. इस दौरान डाइजेशन सिस्टम भी अच्छी तरह काम करता है. इन दिनों सभी हैवी डाइट खाना पसंद करते हैं. ड्राइफ्रूट्स और नट्स अपने डाइट चार्ट में शामिल कर सकते हैं. हैवी डाइट लेने की वजह से इन दिनों खूब कसरत करें. मौसम बदलते ही शरीर को चुस्तदुरुस्त बनाए रखने के लिए अपने खानपान में कुछ फेरबदल करना चाहिए.

हम जैसा भोजन करते हैं, हमारे तनमन पर उस का असर होता है. हैल्थ कौंशियस युवाओं के लिए यह मौसम चुनौती भरा होता है. ठंडे मौसम में एक्सरसाइज कर शरीर को ऊर्जावान बनाए रखना जरूरी है. साथ ही ऐसा आहार जिस की कम मात्रा लेने से शरीर को पूरी कैलोरी मिले. अधिकतर युवा सर्दियों में अपनी डाइट को ले कर कर कन्फ्यूज रहते हैं. इसलिए इस सर्दी में लो फैट विद हाई कैलोरी से भरपूर डाइटचार्ट पर आप ध्यान देंगे तो अपने शरीर के बढ़ते वजन को नियंत्रित रख पाएंगे और स्वस्थ रहेंगे.

सर्दियों की डाइट : इस मौसम में शरीर से थकान व आलस्य दूर भगाने के साथ ही दिन भर स्फूर्ति और ऊर्जा से भरपूर रहने के लिए युवाओं को डाइट चार्ट पर ध्यान देना चाहिए. अपने खानपान में उन सब चीजों को शामिल करें, जिस से शरीर को एनर्जी मिले और आप चुस्तदुरस्त बने रहें.

ब्रेकफास्ट : सुबह का नाश्ता ऊर्जावान होना चाहिए. नाश्ते में अंडे के साथ ब्रेड, उपमा सैंडविच, डोसा आदि का सेवन करें. रोजाना नाश्ते के बाद मलाई निकला एक गिलास गरम दूध पीना न भूलें. इस सब के साथ एक प्लेट फ्रूट या वेजीटेबल सलाद आप के नाश्ते को कंप्लीट करता है. नाश्ता हैवी होना चाहिए.

लंच स्पैशल :  दोपहर के भोजन में हरी सब्जी, चपाती, ताजा दही या छाछ, छिलके वाली दाल के साथ चावल, गरमगरम सूप लेना अच्छा रहता है. लंच में हरी चटनी भोजन में मल्टीविटामिन्स की कमी को पूरा करती है.

डिलीशियस डिनर : सर्दियों में रात को जल्दी भोजन करें. रात का भोजन दोपहर के भोजन की अपेक्षा हलका होना चाहिए. रात के भोजन में हमेशा हलका व साधारण खाना खिचड़ी या दलिया ले सकते हैं. सोने से कम से कम 4 घंटे पहले भोजन करने से शरीर में भोजन का पाचन ठीक तरह से होता है. सोने से पहले हलदी, खारेक या अदरक मिला एक गिलास गरम दूध जरूर पिएं.

स्वस्थ और निरोगी रहने के टिप्स :  कुछ आसान से घरेलू उपाय अपना कर हम इस मौसम में स्वस्थ व निरोगी रह सकते हैं. सर्दियों का मौसम शुरू होते ही सर्दी, खांसी और जुकाम का हमला तेज हो जाता है. अकसर लोग बीमार होने के बाद अपने खानपान में बदलाव के बारे में सोचते हैं जबकि बीमार होने से पहले ही यदि हम मौसम के अनुसार उचित आहार लेना शुरू कर दें तो शरीर को सर्दियों में स्वस्थ और निरोगी रखा जा सकता है.

शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के नुस्खे काफी आसान हैं. पर्याप्त नींद लें और अपना खानपान सही रखें. सर्दी के मौसम में विभिन्न प्रकार के पोषक पदार्थ और जड़ीबूटियों का सेवन कर आप खुद को स्वस्थ और कई तरह के वायरल संक्रमण से बचा सकते हैं. इस मौसम में स्वस्थ रहने के लिए ऐसे आहार की जरूरत होती है जो शरीर को गरम रखें. आप को अस्थमा, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसा कोई रोग है तो सर्दी में अपने खानपान पर विशेष ध्यान दें.

सर्दियों में स्वस्थ रहने के लिए अपने खानपान में खास फलों और सब्जियों का इस्तेमाल कर बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता. आइए, जानते हैं उन चीजों के बारे में जिन्हें अपना कर हम सर्दियों में स्वस्थ रह सकते हैं :

सब्जियों का सेवन करें :  सर्दी में हरी सब्जियों को अपने भोजन में अवश्य शामिल करें, क्योंकि इन में प्रचुर मात्रा में विटामिन्स होते हैं, जो शरीर को गरम रखने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक होते हैं. सर्दियों में पालक की सब्जी, बीटरूट, लहसुन, बथुआ, ब्रोकली, पत्तागोभी, गाजर का सेवन अवश्य करें.

मूंगफली का सेवन कर सर्दियों में रहें फिट :  सर्दी के दिनों में मूंगफली का सेवन अवश्य करें, क्योंकि मूंगफली में प्रोटीन, फाइबर, मिनरल, आयरन, विटामिन प्रचुर मात्रा में होते हैं. इसीलिए तो इसे गरीबों का बादाम कहा जाता है. सर्दी के मौसम में शरीर को गरम रखने और खून की मात्रा बढ़ाने के लिए मूंगफली और देशी गुड़ खाएं. इस का सेवन करने से आप स्वस्थ रहेंगे.

लहसुन का सेवन बचाएगा जुकाम से :  सर्दियों में लहसुन का इस्तेमाल आयुर्वेदिक औषधि और किचन में किया जाता है. आज विज्ञान भी इस के औषधीय गुणों को मान रहा है. सर्दी के मौसम में लहसुन का नियमित सेवन सर्दी, जुकाम और खांसी से छुटकारा दिला सकता है.

स्वस्थ रहने के लिए करें तिल का सेवन :  सर्दियों में तिल खाने से ऊर्जा मिलती है. तिल के तेल से मालिश करने से त्वचा मुलायम रहती है और ठंड से भी बचाव होता है. तिल और गुड़ का एकसाथ खाने से शरीर को जरूरी पोषक तत्त्व मिलते हैं. इम्युनिटी बढ़ती है और खांसीकफ से राहत मिलती है.

गाजर का सेवन फायदेमंद : गाजर में विटामिन प्रचुर मात्रा में होने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और आंखें भी स्वस्थ रहती हैं. सर्दी के मौसम में गाजर खाने से शरीर में गर्माहट बनी रहती है.

स्वस्थ रहने के लिए बाजरा का सेवन करें :  देश के कई हिस्सों में सर्दियों में बाजरा अधिक खाया जाता है. बाजरे में मैग्नीशियम, कैल्शियम, फाइबर, विटामिन और एंटी औक्सीडैंट प्रचुर मात्रा में होते हैं. खास कर छोटे बच्चों को बाजरा अवश्य खिलाना चाहिए.

सर्दियों में हलदी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है :  सर्दियों में हलदी मिला गरम दूध रोजाना रात को पीने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है. इस में एंटीबायोटिक गुणों के साथ एंटीएलर्जिक और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भी हैं. रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ने के लिए यह श्रेष्ठ आयुर्वेदिक औषधि है.

स्वस्थ रहने के लिए मेथी का करें सेवन :  मेथी में विटामिन के, आयरन और फोलिक एसिड होता है. शरीर को गरम रखने के साथ ही यह खून की मात्रा बढ़ाने में भी मददगार है.

बादाम का सेवन लाभदायक :  बादाम में प्रोटीन, फाइबर मिनरल होते हैं, जो सर्दी में मौसमी बीमारियों से बचाव करते हैं. सर्दी के मौसम में बादाम रोजाना खाने से दिमाग तो तेज होता ही है साथ ही कब्ज की समस्या से भी नजात मिलती है और डायबिटीज को नियंत्रित करने में भी यह मदद करता है.

स्वस्थ रहने के लिए सर्दियों में फल देंगे पोषण और ऊर्जा :  सर्दियों में मौसमी फल जैसे संतरा, सेब, अनार, आंवला आदि खाना चाहिए, शरीर को पोषण, और ऊर्जा और गर्माहट देते हैं. फलों का जूस बना कर पीने से अच्छा है, आप सीधे स्वच्छ फल खाएं. इस से पाचन भी ठीक रहता है और पर्याप्त मात्रा में शरीर को फाइबर भी मिलता है.

च्यवनप्राश का सेवन है स्वास्थ्यवर्द्धक :  सर्दियों में च्यवनप्राश का सेवन जरूर करें सुबहशाम एक चम्मच च्यवनप्राश के साथ एक ग्लास गरम दूध पीने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभ मिलता है. यह बुढ़ापे दूर करने के लिए सब से अच्छा तरीका है.

ब्रेकफास्ट का आयरन कनैक्शन

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी का सब से अधिक असर सुबह के नाश्ते पर पड़ता है. बड़े शहरों में करीब 40% लोग बिना ब्रेकफास्ट किए घर छोड़ते हैं. इन में महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक है.

नाश्ता शरीर के लिए 25% ऊर्जा प्रदान करता है. नाश्ता न करने पर मोटापा, गैस की परेशानी हो सकती है. हैल्दी ब्रेकफास्ट शरीर को सिर्फ ऊर्जा ही नहीं, और भी कई पोषक तत्त्व जैसे विटामिन और आयरन भी देता है.

नाश्ते में आयरन का महत्त्व

सेहतमंद नाश्ते में आप क्या खा रही हैं, यह बहुत महत्त्वपूर्ण है. सुबह का पहला मील लेने के साथ ही मैटाबोलिज्म की क्रिया शरीर में शुरू हो जाती है जिस से जरूरी पोषक तत्त्व शरीर के अलगअलग हिस्सों में पहुंचते हैं.

ब्रेकफास्ट न करने वाली या अनहैल्दी ब्रेकफास्ट करने वाली महिलाओं में जल्दी कमजोरी आना, आंखों के आसपास काले घेरे होना और थकान जैसे लक्षण आसानी से देखे जा सकते हैं.

महिलाओं की पोषण से जुड़ी शारीरिक जरूरतों को पूरा करने में आयरन का बहुत महत्त्व है और इस की सही मात्रा बनाए रखने के लिए हैल्दी और आयरनयुक्त नाश्ता लेना सब से आसान विकल्प है.

वैश्विक पोषाहार रिपोर्ट 2016 के अनुसार आयरन की कमी के कारण महिलाओं में खून की कमी के मामले में भारत 180 देशों में 170वें स्थान पर है.

कितनी मात्रा है जरूरी

आप को आयरन की प्रतिदिन कितनी जरूरत है यह उम्र, लिंग और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है. शिशुओं और छोटे बच्चों को आयरन की जरूरत अधिक होती है, क्योंकि एक तो उन का शरीर विकसित हो रहा होता है और दूसरा उन का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है. इसलिए संक्रमण का खतरा अधिक होता है.

4 से 8 वर्ष तक के बच्चे को प्रतिदिन 10 मिलिग्राम, 9 से 13 साल तक के बच्चे को प्रतिदिन 8 मिलिग्राम, 14 से 50 वर्ष की महिलाओं को प्रतिदिन 18 मिलिग्राम, 14 से 50 वर्ष के पुरुषों को प्रतिदिन 8 मिलिग्राम और 50 से अधिक उम्र के पुरुषों और महिलाओं को प्रतिदिन 8 मिलिग्राम आयरन की जरूरत होती है.

गर्भवती महिलाओं को आयरन की अधिक मात्रा में जरूरत होती है. इस दौरान महिलाओं को अपने भोजन में आयरन की मात्रा 10 से 20 मिलिग्राम प्रतिदिन के हिसाब से बढ़ा देनी चाहिए.

आयरन की कमी के लक्षण

आयरन की जरूरत शरीर को लाल रक्त कणिकाओं में पाए जाने वाले हीमोग्लोबिन के निर्माण के लिए होती है, जो शरीर के अलगअलग अंगों में औक्सीजन पहुंचाने का काम करता है. शरीर के अलगअलग अंगों और कोशिकाओं तक पर्याप्त मात्रा में औक्सीजन नहीं पहुंचने पर वे थकने लगती हैं.

शरीर में हीमोग्लोबिन का निर्माण प्रभावित होने से खून की कमी हो जाती है, जिस से थोड़ा सा काम करने पर ही थकान महसूस होने लगती है, सीढि़यां चढ़ते समय सांस फूलना, धड़कनों का असामान्य हो जाना, सिरदर्द, ध्यान केंद्रित करने में समस्या आना, मांसपेशियों में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

अगर गर्भवती महिलाओं में आयरन की बहुत कमी है, तो समयपूर्व प्रसव का खतरा बढ़ जाता है  और बच्चे का आकार सामान्य से छोटा हो सकता है.

आयरन की कमी का ब्यूटी पर असर

खून में हीमोग्लाबिन का कम होना सेहत के साथसाथ सुंदरता को भी प्रभावित करता है. ऐसे में स्वस्थ बालों, त्वचा और नाखूनों के लिए भी आयरन जरूरी है. आयरन की ज्यादा कमी होने पर नाखूनों और त्वचा में पीलापन आने लगता है और बाल झड़ने लगते हैं.

आयरन की कमी से आप इन गंभीर शारीरिक समस्याओं का शिकार भी बन सकती हैं:

ऐनीमिया: यह शरीर से अधिक मात्रा में रक्त निकलने के कारण होता है. इस का कारण पीरियड्स के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव, गर्भावस्था, शरीर के द्वारा आयरन का कम मात्रा में अवशोषण और किशोरावस्था में बच्चों का तीव्र विकास हो सकता है. इस के होने के कारणों को दूर कर के या आयरनयुक्त भोजन का सेवन अथवा आयरन सप्लिमैंट्स ले कर इसे दूर किया जा सकता है.

धड़कनों का असामान्य होना: आयरन की कमी के कारण औक्सीजन की पूर्ति करने के लिए हार्ट को समयसमय पर ज्यादा रक्त पंप करना पड़ता है, जिस से उस की धड़कनें असामान्य हो जाती हैं. इस प्रक्रिया में हार्ट पर सामान्य से ज्यादा दबाव पड़ता है. इतना ही नहीं यदि शरीर में आयरन की बहुत ज्यादा कमी है, तो हार्ट का आकार बड़ा हो सकता है या वह फेल भी हो सकता है.

बच्चों पर आयरन की कमी का असर

बच्चों में आयरन की बहुत ज्यादा कमी के कारण उन की ग्रोथ प्रभावित होती है. बच्चों में आयरन की कमी का लगातार बने रहना न सिर्फ उन की ग्रोथ का रोकता है, बल्कि उन की सीखने की और व्यावहारिक क्षमता को भी प्रभावित करता है.

इस के अलावा आयरन की कमी के चलते होने वाली हीमोग्लोबिन की कमी के कारण बच्चों का इम्यून सिस्टम भी सही से काम नहीं करता और वे जल्दीजल्दी इन्फैक्शन की चपेट में आ कर बीमार पड़ने लगते हैं.

बच्चों में यदि आयरन की कमी के लक्षण जैसे थकान की वजह से फिजिकल ऐक्टीविटी में कमी आना, सुस्त रहना इत्यादि नजर आएं तो तुरंत चिकित्सक से सलाह लें और बच्चे के लिए पोषक व आयरन रिच डाइट प्लान बनाएं.

इन से मिलता है आयरन

शरीर में आयरन की कमी न हो, इस के लिए जानिए, खानेपीने की कुछ ऐसी चीजों के बारे में जिन्हें अपनी डेली डाइट का हिस्सा बना कर आप शरीर में आयरन की सही मात्रा बनाए रख सकती हैं:

सब्जियां: हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी, बथुआ आयरन के अच्छे स्रोत हैं. इन के अलावा बींस, इमली, मटर, फलियां, ब्रोकली, टमाटर, मशरूम, चुकंदर का सेवन भी आयरन की कमी को पूरा कर सकता है.

फल और ड्राई फ्रूट्स: अपनी डेली डाइट में मौसमी फलों को जरूर शामिल करें. तरबूज, अंगूर, केला, बादाम, खूबानी, किशमिश, काजू, खजूर जैसे फलों में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है.

अन्य खा-पदार्थ: फलों और सब्जियों के अलावा कुछ ऐसे भी खा-पदार्थ हैं जो आयरन के अच्छे स्रोत हैं. लाल मांस, चिकन, साबूत अनाज (सोयाबीन और काबुली चने), ब्रैड, अंडे, मूंगफली, टूना मछली, गुड़, कद्दू के बीज इत्यादि से आयरन की कमी को पूरा किया जा सकता है.

आयरन पावर ब्रेकफास्ट

यदि दिन की शुरुआत हैल्दी और आयरन रिच ब्रेकफास्ट से करनी है तो इन टिप्स पर गौर जरूर करें:

नट्स ऐंड सीड्स

अखरोट, बादाम, खूबानी, काजू आदि में आयरन की मात्रा अधिक होती है. अत: इन्हें अपने ब्रेकफास्ट में जरूर शामिल करें.

– सुबह समय की कमी रहती है तो ड्राईफू्रट्स शेक सब से जल्दी बनने वाली सेहतमंद ड्रिंक है. इस से ऐनर्जी भी मिलती है और जरूरी पोषक तत्त्व भी.

– ईजी और क्विक हैल्दी मील बाउल भी तैयार कर सकती हैं. इस के लिए कौर्नफ्लैक्स को दूध के साथ मिक्स कर उस में मनपसंद फ्रूट्स और ड्राईफू्रट्स मिलाएं.

सब्जियां

हरी पत्तेदार सब्जियों में आयरन की मात्रा सब से अधिक होती है. इन्हें इस तरह अपने नाश्ते में शामिल करें:

– उबले हुए कौर्न में ब्लांच की हुई पालक और मनपसंद ड्रैसिंग ऐड करें और सेहतमंद व स्वादिष्ठ नाश्ते का मजा लें.

– बेसन और गेहूं के आटे को एकसाथ मिक्स कर उस में कटी हुई पालक मिला कर गूंधें. इस से तैयार परांठे या रोटियां बना सकती हैं.

– मेथी के परांठे भी आयरन का अच्छा स्रोत हैं.

– आयरन रिच दलिया बाउल तैयार करने के लिए उस में ब्लांच की हुई ब्रोकली और पालक ऐड करें.

– मिक्स्ड नट्स ऐंड वैजीस बाउल तैयार करने के लिए सलाद की पत्तियों, ब्रोकली, चुकंदर और अलगअलग रंगों की शिमलामिर्च को एकसाथ मिक्स करें व मनपसंद ड्रैंसिंग और पीनट्स मिलाएं. हैल्दी सलाद बाउल तैयार है.

– रात में ही चुकंदर को मनपसंद आकार में काट कर रख लें. सुबह धनियापत्ती, चिली फ्लैक्स व नमक मिला कर सौटे कर इस्तेमाल कर सकती हैं.

फलियां या बींस

फलियां शाकाहारी व्यक्तियों के लिए सब से अच्छा विकल्प है. आयरन, फाइबर, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर फलियां सब को खानी चाहिए. इन में लोबिया और छोले आयरन के सब से अच्छे स्रोत हैं. इन्हें भिगो कर, उबाल कर या अंकुरित कर रोज नाश्ते में शामिल करें. इन के अलावा ज्वार, बाजरा, नाचनी आदि की रोटी बना कर या फिर किसी भी रूप में नाश्ते में शामिल करने से भरपूर मात्रा में आयरन मिलता है. इन के अलावा आयरन रिच ब्रेकफास्ट के अन्य विकल्प भी हैं:

ब्रोकली: ब्रोकली में आयरन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. 1 कप उबली ब्रोकली में 1 एमएल आयरन पाया जाता है. इसे अपने नाश्ते में शामिल करने से 10% आयरन की मात्रा पूरी हो जाती है.

– उबली हुई ब्रोकली को मनपसंद मेयोनीज या ड्रैंसिंग के साथ खा सकती हैं.

– पोहा और ओट्स के साथ भी ब्रोकली स्वादिष्ठ लगती है.

चिकन: मांसाहारी व्यक्तियों के लिए चिकन या लाल मांस एक अच्छा विकल्प है. इस में आयरन प्रचुर मात्रा में होता है. लेकिन इस की मात्रा सही होनी चाहिए, ताकि इस का फायदा हो.

– बाजार में चिकन सौसेज आसानी से उपलब्ध हैं. इन का इस्तेमाल आप सैंडविच बनाने में कर सकती हैं.

– चिकन के उबले हुए छोटेछोटे टुकड़ों को दलिया के साथ मिक्स कर सकती हैं.

– ठंड के मौसम में चिकन सूप बना सकती हैं.

– चिकन सलाद बनाने के लिए फलियों को सौटे कर उबले हुए चिकन के साथ मिलाएं. मनपसंद ब्रैड और ड्रैसिंग के साथ इस का लुत्फ उठाएं.

ध्यान रहे कि आयरन के स्रोत ऐसे हों जिन्हें शरीर आसानी से ग्रहण कर ले. ज्यादा बेहतर होगा कि ऊपर बताए गए आयरन के स्रोतों में से उन स्रोतों को प्राथमिकता दें, जो आप के लोकल एरिया की उपज हों और मौसमी हों.

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