Insurance में हो रहे बदलाव नई पीढ़ी की महिलाओं की जरूरतों को कैसे पूरा कर रहे हैं ?

Insurance : भारत में बीमा क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इसकी पहुंच अब भी काफी सीमित है, खासकर महिलाओं के बीच. भारत में महिलाओं की आबादी लगभग आधी है, लेकिन पुरूषों की तुलना में इंश्योरर्ड महिलाओं की संख्या बहुत ही कम है. हालांकि महिलाएं अब ज्यादा आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो रही हैं, लेकिन उन्हें अभी भी पूरी वित्तीय सुरक्षा पाने के लिए लंबा सफर तय करना है. परंपरागत रूप से, बीमा क्षेत्र एक पुरुष-प्रधान क्षेत्र रहा है, इसलिए महिलाओं के लिए खास योजनाओं की कमी, जागरूकता की कमी और महंगे प्रीमियम जैसी दिक्कतों ने उन्हें बीमा लेने से पीछे रखा है.

मैटरनिटी बेनिफिट और क्रिटिकल इलनेस कवर सुविधाए-

सिद्धार्थ सिंघल, हेड-हेल्थ इंश्योरेंस, पौलिसीबाजार डौट कौम का कहना है कि अब स्थिति बदल रही है क्योंकि इंश्योरेंस इंडस्ट्री अब ऐसे नए उत्पादों को पेश कर रही है जो महिला ग्राहकों को बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए डिजाइन किए गए हैं. इंश्योरेंस कंपनी द्वारा महिलाओं की खास स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करने के लिए मैटरनिटी बेनिफिट और क्रिटिकल इलनेस कवर जैसी सुविधाओं को पेश किया जा रहा है. इन सुविधाओं से बीमा महिलाओं के लिए और अधिक सुलभ, फ्लेक्सिबल और फायदेमंद बन रहा है. यहां बताया गया है कि नए उत्पाद कैसे महिलाओं के लिए बीमा को और अधिक उपयोगी बना रहे हैं. होने वाले माता-पिता के लिए सबसे कम वेटिंग पीरियड वाला मैटरनिटी इंश्योरेंस अधिकांश उपभोक्ताओं के लिए मैटरनिटी इंश्योरेसं लंबे समय से एक महत्वपूर्ण विषय रहा है. पहले, हेल्थ इंश्योरेंस में मैटरनिटी कवरेज 2-4 साल तक के वेटिंग पीरियड के साथ आता था. जिससे यह परिवार की योजना बना रहे जोड़ों के लिए उपयोगी नहीं था. पौलिसी बाजार के आंकड़ों से पता चलता है कि 60% से अधिक जोड़े गर्भवती होने के बाद ही मैटरनिटी कवरेज खरीदते हैं. जिससे लंबे वेटिंग पीरियड की कोई गुंजाइश नहीं रह जाती है. इसे ध्यान में रखते हुए, बीमाकर्ता अब कम से कम 3 महीने की वेटिंग पीरियड वाली मैटरनिटी पौलिसी पेश कर रहे हैं.

मैटरनिटी कवरेज का विकल्प-

इसका मतलब यह है कि गर्भवती जोड़े भी पता चलते ही मैटरनिटी कवरेज का विकल्प चुन सकते हैं. इन पॉलिसी में डिलीवरी के पहले और डिलीवरी के बाद का खर्च और नए बच्चे की देखभाल भी शामिल होती है, जिससे मां और बच्चे दोनों को पूरी सुरक्षा मिलती है. कम वेटिंग पीरियड होने से अब ज्यादा लोग अपने परिवार को आसानी से सुरक्षित कर सकते हैं, चाहे उन्होंने पहले इस बारे में न सोचा हो.

विशेष वित्तीय सुरक्षा 

महिलाओं की विशेष स्वास्थ्य जरूरतों के लिए क्रिटिकल इलनेस कवर महिलाओं को कई स्वास्थ्य जोखिमों का सामना करना पड़ता है जिसके लिए विशेष वित्तीय सुरक्षा की आवश्यकता होती है. ब्रेस्ट, ओवेरियन और सर्वाइकल कैंसर की बढ़ती घटनाओं के साथ-साथ कई ऑटोइम्यून बीमारियां भी महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करती हैं. इसे ध्यान में रखते हुए, बीमा कंपनियां अब अपनी गंभीर बीमारी कवर योजनाओं का विस्तार कर रही हैं, जिससे जेंडर स्पेसिफिक बीमारियों को कवर किया जा सके और सुनिश्चित किया जा सके की गंभीर बीमारियों के इलाज के स्थिति में भी महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हो.

जरूरी मेडिकल टेस्ट और एक पर्सनल हेल्थकेयर मैनेजर जैसी सुविधाएं 

अब बीमा कंपनियां महिलाओं को खास फायदे दे रही हैं. वे महिला पौलिसी धारकों को विशेष छूट और पॉलिसी में गर्ल चाइल्ड को शामिल करने वालों को अतिरिक्त बचत का लाभ दे रही हैं.  कुछ योजनाएं सिर्फ सामान्य कवरेज तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इनमें महिलाओं की सेहत से जुड़ी खास जरूरतों का भी ध्यान रखा गया है. इनमें गायनोकौलोजिस्ट कंसल्टेशन, कैंसर की जांच, जरूरी मेडिकल टेस्ट और एक पर्सनल हेल्थकेयर मैनेजर जैसी सुविधाएं शामिल हैं, ताकि महिलाओं को पूरी तरह से बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें.

इलाज के लिए एकमुश्त राशि

भारतीय महिलाओं में होने वाले सभी कैंसरों में से 25% से अधिक का कारण ब्रेस्ट कैंसर हैं. बेस्ट कैंसर के स्टेज एवं परेशानी के आधार पर इलाज की लागत ₹5 लाख से ₹20 लाख तक हो सकती है. इसी तरह का वित्तीय बोझ का सामना ओवेरियन और सर्वाइकल  कैंसर होने पर भी होता है, जिसके लिए सर्जरी, कीमोथेरेपी और टार्गेटिड थेरेपी सहित लंबे समय तक इलाज की आवश्यकता होती है. क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी इन बीमारियों को कवर करती है, जिससे पॉलिसीधारकों को इलाज के लिए एकमुश्त राशि मिलती है. इससे वे बढ़ते मेडिकल खर्च की चिंता किए बिना अपनी सेहत पर ध्यान दे सकते हैं.

मौड्युलर प्लान्स और अधिक सामर्थ्य

हेल्थ इंश्योरेंस सभी के लिए एक जैसे नहीं हो सकता, खासकर जब बात महिलाओं की अलग-अलग जरूरतों की हो. आज की महिलाएं अपने निजी और प्रोफेशनल दोनो लाइफ को संभाल रही हैं, इसलिए उन्हें ऐसी इंश्योरेंस पौलिसी की आवश्यकता है जो उनकी विशिष्ट जरूरतों को पूरा करे. इन जरूरतों को पूरा करने के लिए मौड्यूलर इंश्योरेंस पौलिसी है- ये योजनाएं फ्लेक्सिबल हैं और महिलाओं को उनकी जीवनशैली और वित्तीय स्थिति के आधार पर बीमा कवरेज चुनने की सुविधा प्रदान करती है. इसमे कवरेज को व्यक्ति की प्रीमियम भुगतान क्षमता के अनुसार बदला जा सकता है. उदाहरण के लिए, कोई व्यक्ति शेयर्ड कमरे का विकल्प चुन सकता है या पसंदीदा नेटवर्क अस्पतालों को चुन सकता है या प्रीमियम को कम करने के अधिक डिडक्टिबल राशि का विकल्प भी चुन सकता है.

रिनुअल्स पर 100% तक का डिस्काउंट

मेडिकल खर्चो को कवर करने के अलावा, इंश्योरेंस पौलिसियां अब वेलनेस बेनिफिट भी प्रदान करती हैं जिससे रिनुअल्स पर 100% तक का डिस्काउंट मिल सकता है.  जो लोग अपने स्वास्थ्य का अच्छे से ध्यान रखते हैं, वे सिर्फ रिस्क कवरेज ही नहीं बल्कि लंबे समय तक कम प्रीमियम का लाभ भी उठा सकते हैं. यह न सिर्फ बीमाधारकों बल्कि बीमा कंपनियों के लिए भी फायदेमंद साबित होता है.

कस्टमाइज्ड कवरेज

बीमा तेजी से एक व्यक्तिगत वित्तीय सुरक्षा कवच के रूप में विकसित हो रहा है. महिलाओं के लिए, यह बदलाव महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे लंबी उम्र, मैटरिनिटी और अलगअलग स्वास्थ्य मुश्किलों का सामना करती हैं. बीमा कंपनियों द्वारा कस्टमाइज्ड कवरेज की पेशकश, महिलाओं की वित्तीय सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक अच्छा कदम है. जैसे-जैसे जागरूकता और नवाचार बढ़ रहा है, आने वाले समय में भारत में महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होंगी, बल्कि पूरी तरह से वित्तीय रूप से सुरक्षित भी रहेंगी.

आपको क्यों बनना चाहिए एलआईसी एजेंट जानें विस्तार से

वक्तबदल चुका है. आजकल स्कूली पढ़ाई समाप्त होते ही नौजवान आत्मनिर्भर बनने की चाह रखते?हैं. यह एक ऐसा समय होता है जब नौजवान अपने भविष्य को संवारने के लिए प्रयास कर रहे होते हैं. ऐसे में पढ़ाई और खर्चों में तालमेल बैठाने के लिए वे कुछ ऐसे काम की तलाश में होते हैं जिसमें उन्हें पैसा भी मिले और पढ़ाई करने के लिए समय भी. उनकी इस तलाश को पूरा करती है एलआईसी. जी हां, एलआईसी को कैरियर की शुरुआत के लिए चुना जा सकता है. एलआईसी एजेंट बन कर आप अच्छा पैसा कमा सकते हैं. इसके लिए बस आपकी स्कूली शिक्षा का पूरा होना और 18 वर्ष की आयु का होना जरूरी है. ढ्ढक्त्रष्ठ्न की परीक्षा पास होने के बाद ही एजेंसी का लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं. एजेंसी के लिए आप एलआईसी के विकास अधिकारी/ सी.एल.आई.ए./शाखा से संपर्क कर सकते हैं. एलआईसी में अपने पेशेवर जीवन की योजना को भी आप अच्छी तरह से बना सकते हैं.

हम आपको ऐसे 10 कारण बता सकते हैं कि आपको क्यों एलआईसी एजेंट बनना चाहिए? ये कारण आपके जीवन को बदल सकते हैं, इसलिए एक बार जरूर गौर करें:

  1. खुशी देने वाला व्यवसाय: लोग कैरियर का चुनाव हमेशा अपनी या अपने परिवार की खुशी को ध्यान में रख कर करते हैं. खासतौर पर कैरियर के चुनाव में हर कोई अपना फायदा देखता है और अधिकतर जॉब ऐसी ही होती हैं जिनमें सिर्फ नौकरी करने वाले को ही फायदा हो रहा होता है. लेकिन एक एलआईसी एजेंट अपने साथ एलआईसी पॉलिसी खरीदने वाले का भी फायदा कराता है. एलआईसी एजेंट ही वह व्यक्ति होता है जो लोगों को यह एहसास कराता है कि उन्हें अपने सपनों को साकार करने के लिए अपने धन को कहां निवेश करना चाहिए. ऐसा करने में जब आपको सफलता मिलती है तो जो सकून मिलता है वह किसी और व्यवसाय में नहीं मिलता.
  2. एक सफल टीम का हिस्सा बनें: एलआईसी से जुड़ने पर आपको एक सफल टीम का हिस्सा बनने का मौका मिलेगा. इस वर्ष एलआईसी ने मिलियन डॉलर राउंड टेबल में अपने 20558 सदस्यों की हिस्सेदारी दर्ज कराते हुए ग्लोबल फोरम में विश्व के चुनिंदा सफल बीमा एजेंट तैयार करने का खिताब हासिल किया है.
  3. आकर्षक पारिश्रमिक: महंगाई के इस दौर में हर चीज की कीमत में बढ़ोत्तरी हो चुकी है. ऐसे में वेतन अच्छा होगा तभी एक अच्छी जीवनशैली का अनुसरण किया जा सकेगा. ऐसे में एलआईसी एजेंट का कैरियर चुनना एकदम सही है क्योंकि यह सिफ आपका वर्तमान ही नहीं बल्कि भविष्य की कमाई को भी सुनिश्चित करता है. यह एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें आप अपनी क्षमता के अनुसार अपने लक्ष्यों को तय कर सकते हैं और जिंदगी भर जितना चाहें उतना कमा सकते हैं.
  4. स्वतंत्रता: एक एजेंट के रूप में आप एक अच्छे व्यवसायी बन सकते हैं. इस व्यवसाय में आप खुद के बॉस होते हैं. खुद के लिए काम करते हैं, इतना ही नहीं आप अपने क्लाइंट्स भी खुद चुन सकते हैं और जितने चाहें उतने पैसे बना सकते हैं. सबसे बड़ी बात तो यह है कि इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए आपको किसी भी तरह से अपनी पूंजी लगाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी, जोकि अन्य व्यवसायों में संभव नहीं है.
  5. वर्ल्ड क्लास ट्रेनिंग: एलआईसी अपने एजेंट्स को दुनिया का सबसे बेहतरीन प्रशिक्षण देता है. कोई भी कंपनी अपने उत्पाद को बेचने के लिए अनुभवी व्यक्ति चाहती है लेकिन एलआईसी में आपको बिना किसी अनुभव के ही प्रवेश मिल सकता है क्योंकि एलआईसी में अनुभवी ट्रेनरों के द्वारा शामिल हुए सदस्यों को मल्टी डाइमेंशनल ट्रेनिंग दी जाती है जो उन्हें जीवन बीमा पॉलसियों को बेचने में माहिर बना देती हैं.
  1. कैरियर एजेंसी प्रणाली के प्रति प्रतिबद्धता: एलआईसी आपके द्वारा किए गए प्रयासों को केवल आज ही नहीं बल्कि जिंदगी के हर मोड़ पर सराहती है और आपको व्यवसाय में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता है. इतना ही नहीं यदि आपकी परफॉर्मेंस अच्छी होती है तो एलआईसी आपको अपनी मैनेजमेंट टीम का हिस्सा बना कर आपके कैरियर को नए स्तर पर पहुंचाता है.
  2. बुनियादी सुविधाएं: एलआईसी की सभी ब्रांचों में एजेंटों और कर्मचारियों को बुनियादी सुविधाएं दी गई हैं, जिनके प्रयोग से उन्हें अपना व्यवसाय चलाने और उसे आगे बढ़ाने में सहायता मिलती है.
  3. उत्पाद और सेवाओं की फुल रेंज: एलआईसी आपको अपने कस्टमर्स के लिए उत्पाद और सेवाओं की एक बड़ी रेंज उपलब्ध कराता है. आप अपने गाहकों की आर्थिक क्षमता को समझते हुए उनके लक्ष्यों को पूरा करने के लिए उन्हें एलआईसी के विशेष उत्पाद और विभिन्न राइडर्स सेवाएं लेने में उनकी मदद कर सकते हैं. एलआईसी हमेशा अपने कस्टमर्स के लिए उत्पादों की नई और अभिनव श्रृंखला लाती रहती है.
  4. बिक्री एवं विपणन समर्थन: किसी भी व्यवसायी के लिए यह सबसे बड़ी सुविधा होती है कि वे अपने उत्पाद की बिक्री के लिए उसे ग्राहकों के मध्य विज्ञापनों के द्वारा पहुंचा सकें. लेकिन यह उतना आसान नहीं होता. मगर यदि आप एलआईसी एजेंट हैं तो यह आपके लिए बेहद आसान है क्योंकि एलआईसी की अपनी सेल्स और मार्केटिंग टीम होती है, जो उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए समयसमय पर उसके विज्ञापनों को प्रकाशित करावाती रहती है.
  1. वित्तीय शक्ति: एलआईसी आपको और आपके ग्राहकों को बेजोड़ वित्तीय ताकत ओर दृढ़ता प्रदान करता है.

महिलाओं के लिए Insurance

इंश्योरेंस पॉलिसी कोई भी हो, इसका एक मात्र उद्देश्‍य हमारा और हमारे अपनों का भविष्‍य बेहतर और सुरक्षित बनाना होता है. लेकिन यह बात भी सही है कि एक इंश्‍योरेंस पॉलिसी सभी की जरूरतों को पूरा नहीं कर सकती. क्‍योंकि व्‍यक्ति दर व्‍यक्ति जरूरत और जिम्‍मेदारी अलग-अलग होती है.

महिलाओं की बात करें तो यह बात और भी जरूरी हो जाती है. आज के तेजी से ग्‍लोबल हो रहे भारत में महिलाएं हाउस वाइफ के दायरे से बाहर निकलकर प्रोफेशनल लाइफ में नए मुकाम हासिल कर रही हैं.

यही ध्‍यान में रखते हुए महिलाओं की जरूरत को देखते हुए इंश्योरेंस कंपनियां दर्जनों बीमा उत्पाद पेश कर चुकी हैं.

महिलाओं के लिए कौन सी कंपनियों की हैं पॉलिसी

देश की प्रगति में महिलाओं की बढ़ती हिस्‍सेदारी को देखते हुए लगभग सभी  इंश्योरेंस कंपनियों ने वुमन सेंट्रिक प्रोडक्‍ट पेश किए हैं. इन कंपनियों में सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी, आईसीआईसीआई प्रू लाइफ, एचडीएफसी लाइफ, एगॉन रेलिगेयर, बजाज अवीवा लाइफ इंश्योरेंस, बिरला सन लाइफ और कई अन्य कंपनियों ने महिला ग्राहकों के लिए बीमा पालिसी पेश की हैं. एलआईसी के कुल ग्राहकों में से करीब 28 फीसद महिला बीमाधारक हैं. इससे पता चलता है कि महिलाएं अपनी आर्थिक मजबूती के लिए कितनी सजग रहती हैं.

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वुमेन इंश्योरेंस में क्या है खास

महिला ग्राहकों को केंद्रित कर तैयार की गई बीमा पालिसी में महिलाओं से जुड़े तमाम जोखिम कवर को शामिल किया गया है. इनमें लाइफ कवर के साथ-साथ बीमारियों से जुड़ कवर भी शामिल हैं.

इनमें सामान्य अथवा गंभीर बीमारियां शामिल हैं. महिलाओं की बीमा पालिसी में प्रेग्नेंसी कवर को भी शामिल किया गया है. साथ ही इनके भविष्य की आर्थिक सुरक्षा को देखते हुए पेंशन प्लान में भी महिलाओं के लिए प्रीमियम में छूट प्रदान की गई है.

कई कंपनियों ने ऐसी व्यवस्था की है कि अगर कोई महिला पूरे परिवार के लिए फैमिली पालिसी का चयन करेगी तो उसको प्रीमियम में ज्यादा छूट दी जाएगी.

सिंगल वुमन के लिए भी हैं स्‍पेशल प्‍लान

महिला एकांकी जीवन व्यतीत कर रही हैं उनके लिए भी भविष्य की आर्थिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई बीमा कंपनियों ने फ्यूचर प्रोटेक्शन प्लान भी पेश किए हैं. यह प्लान उन महिलाओं लिए भी अच्छे साबित हो सकते हैं जिनके कंधों पर उनके माता-पिता या सास-ससुर के भरण पोषण का दायत्वि भी है.

बच्‍चों की परवरिश के लिए स्‍पेशल पॉलिसी

बच्चों की सुरक्षा और उनकी शिक्षा को ध्यान में रखते हुए कई कंपनियों ने ऐसे प्लान लांच किए हैं जिनमें एक निश्चित अवधि के बाद महिला को इतनी रकम अवश्य मिल जाती है जिसके जरिये वह अपने बच्चे की शिक्षा के लिए अच्छी रकम हासिल कर सकती है. ग्रुप पालिसी के तहत भी महिलाओं के लिए जीवन बीमा निगम ने कुछ पालिसी पेश कर रखी हैं. इनमें आंगनबाड़ी समूह के लिए भी बीमा पालिसी शामिल है.

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कैसी पालिसी खरीदें

बीमा कंपनियों ने यूं तो महिलाओं से जुड़ी पालिसी उतारी हैं लेकिन पालिसी लेते वक्त यदि आपको लगता है कि वुमेन स्पेशल पालिसी से ज्यादा बेहतर कोई अन्य पालिसी है तो आप उसको भी खरीद सकती हैं लेकिन प्रीमियम में जो छूट वुमेन स्पेशल पालिसी पर मिलती है वह सामान्य पालिसी पर नहीं मिलती. इसके पालिसी खरीदते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि जो पालिसी आप ले रही हैं आवश्यकता पड़ने पर वह आपकी जरूरतों को पूरा कर पाएगी या नहीं. मान लीजिए आपने बच्चे की उच्च शिक्षा को ध्यान में रखकर कोई पालिसी खरीदी है और आपको 15 साल बात पैसों की जरूरत पड़ती है लेकिन पालिसी 18 साल में पूरी होती है तो ऐसे में आप अपनी जरूरतें नहीं पूरी कर पाएंगी. इसलिए आप पालिसी के चयन में आयु, समय और आवश्यकता का ध्यान जरूर रखें.

6 टिप्स: पैसा रखें नहीं, निवेश करें

मौजूदा दौर में पैसों को सैकंड गौड कहा जाता है. यानी, पैसा है तो आप के पास काफीकुछ है. सैकंड गौड और काफीकुछ होने के बावजूद इसे रखे न रहें, वरना घाटे में रहेंगे. इसे निवेश करेंगे, तो ही फायदे में रहेंगे.

पैसों के रखने से मतलब सिर्फ घर में रखने से नहीं है, बैंक आदि में भी रखे रहने से है. चौंकिए नहीं, बचत खाते में पैसों के जमा रहने का मतलब रखा रहना ही होता है जबकि निवेश का मतलब और.

निवेश या विनियोग यानी इन्वैस्टमैंट का मतलब होता है अपने पैसों को ऐसी जगह लगाना जिस से कि लगाए हुए पैसों से भविष्य में अधिक पैसे मिल सकें. इन्वैस्ट करने वाले को जितने पैसे अधिक मिलते हैं, उन्हें निवेश पर प्राप्त प्रौफिट यानी लाभ कहा जाता है. और जो निवेश करता है उसे निवेशक या इन्वैस्टर कहा जाता है.

आप के पास पैसा है, कमाया हुआ है, बचत किया हुआ है या कहीं से मिला है और उस को इन्वैस्ट करना चाहते हैं तो इस के कई विकल्प मौजूद हैं. यहां देश की श्रेष्ठ 6 निवेश योजनाओं के बारे में जानकारी दी जा रही है.

ये ऐसी योजनाएं हैं जो दीर्घकालिक निवेश व बेहतर लाभ के लिए अच्छी तरह जानी जाती हैं.

1. सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई) :

मातापिता को अपनी बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सुकन्या समृद्धि योजना शुरू की गई. यह योजना वर्ष 2015 में देश के प्रधानमंत्री द्वारा ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत शुरू की गई थी. यह योजना नाबालिग बालिकाओं की ओर लक्षित है.

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एसएसवाई खाता जन्म से ले कर 10 वर्ष की आयु से पहले किसी भी समय लड़की के नाम से खोला जा सकता है. इस योजना के लिए न्यूनतम निवेश राशि 1,000 रुपए से अधिकतम 1.5 लाख रुपए सालाना है. सुकन्या समृद्धि योजना 21 वर्षों तक संचालित होती है.

2. राष्ट्रीय पैंशन योजना (एनपीएस) :

केंद्र सरकार की महत्त्वपूर्ण योजनाओं में से एक राष्ट्रीय पैंशन योजना या एनपीए है. यह सभी भारतीयों के लिए एक सेवानिवृत्ति बचत योजना है, लेकिन सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य है. एनपीएस का उद्देश्य भारत के नागरिकों को सेवानिवृत्ति आय प्रदान करना है. 18 से 60 आयुवर्ग के भारतीय नागरिक और अनिवासी भारतीय इस योजना के लिए सदस्यता ले सकते हैं.

एनपीएस योजना के तहत आप अपने फंड को इक्विटी, कौर्पोरेट बौंड, सरकारी प्रतिभूतियों में आवंटित कर सकते हैं. 50,000 रुपए तक का निवेश आयकर कानून की धारा 80 सीसीडी (1 बी) के तहत कटौती के लिए उत्तरदायी हैं. आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत 1,50,000 रुपए तक का अतिरिक्त निवेश कटौतीयोग्य है.

3. सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) :

सरकार द्वारा शुरू की गईं सब से पुरानी योजनाओं में से एक सार्वजनिक भविष्य निधि या पीपीएफ है. इस योजना में निवेश की गई राशि, अर्जित ब्याज और निकाली गई राशि सभी को कर से छूट प्राप्त है. इस प्रकार, सार्वजनिक भविष्य निधि योजना न केवल सुरक्षित है, बल्कि एक ही समय में करों को बचाने में आप की मदद कर सकती है. योजना की मौजूदा ब्याजदर 7 फीसदी है. पीपीएफ में निवेश करने वाला कोई भी आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत 1,50,000 रुपए तक की कटौती का दावा कर सकता है.

4. राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी) :

भारतीयों में बचत की आदत को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र या एनएससी को शुरू किया. इस योजना के लिए न्यूनतम निवेश राशि 100 रुपए है और अधिकतम निवेश राशि की सीमा नहीं है. एनएससी की ब्याजदर हर साल बदलती है. आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपए की करकटौती का दावा किया जा सकता है. केवल भारत के निवासी इस योजना में निवेश करने के लिए पात्र हैं.

5. अटल पैंशन योजना (एपीवाई) :

असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई अटल पैंशन योजना या एपीवाई एक सामाजिक सुरक्षा योजना है. एक वैध बैंकखाते के साथ 18-40 वर्ष की आयु का भारतीय नागरिक एपीवाई के लिए आवेदन करने के लिए पात्र है.

कमजोर वर्ग के व्यक्तियों को पैंशन का विकल्प देने को प्रोत्साहित करने के लिए अटल पैंशन योजना शुरू की गई है, जिस से उन्हें वृद्धावस्था के दौरान लाभ होगा. यह योजना किसी के द्वारा भी ली जा सकती है. यह स्वनियोजित है. कोई बैंक या डाकघर में एपीवाई के लिए नामांकन कर सकता है. हालांकि, इस योजना में एकमात्र शर्त यह है कि योगदान 60 वर्ष की आयु तक किया जाना चाहिए.

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6. प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) :

सौफीसदी देशवासियों को बुनियादी बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री जनधन योजना शुरू की. सरकार ने समाज के गरीब और जरूरतमंद वर्गों को बचत और जमा खाते, प्रेषण, बीमा, क्रेडिट, पैंशन जैसी वित्तीय सेवाओं तक आसान पहुंच प्रदान करने का लक्ष्य रखा है.

नाबालिग के लिए इस योजना में न्यूनतम आयुसीमा 10 वर्ष है. अन्यथा, 18 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी भारतीय निवासी इस खाते को खोलने के लिए पात्र है. एक व्यक्ति केवल 60 वर्ष की आयु तक पहुंचने के बाद इस योजना से बाहर निकल सकता है.

कुल मिला कर, निवेश आने वाले समय के लिए, भविष्य के लिए बहुत ही फलदायी होता है. आड़े वक्त में परिवार को इस से महत्त्वपूर्ण मदद मिलती है. निवेश कर के इंसान अपनी जरूरतों को खुद ही पूरी करने के साथसाथ अपने बुढ़ापे को सुरक्षित भी रख सकता है. सो, निवेश करना हरेक के लिए अनिवार्य है.

जीवन बीमा को चुनने में आसान बनाएंगी ये 7 बातें

लेखक- सैफ अयान

लाइफ इंश्योरैंस फाइनैंशियल प्लानिंग के लिए सब से महत्त्वपूर्ण है. लाइफ इंश्योरैंस पौलिसी की बीमा राशि आप की मौत होने पर आप की गैरमौजदूगी में आप की आमदनी की कमी को पूरा कर के आप के परिवार को बिखरने से बचा लेगी. यदि आप ने कोई लोन लिया है तो उस की ईएमआई जाती रहेगी, आप ने अपने बच्चों के कैरियर के लिए जो सपना देखा वह पूरा हो पाएगा. आप की पत्नी को बुढ़ापे में किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा.

लाइफ इंश्योरैंस पौलिसीज कई तरह की होती हैं और यदि आप इन में से कोई पौलिसी खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो आप को सही पौलिसी चुनने के लिए सब से पहले अपनी जरूरतों को सम झना चाहिए. एक इंश्योरैंस पौलिसी खरीदते समय इन महत्त्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए:

1. पौलिसी के प्रकार

लाइफ इंश्योरैंस पौलिसीज कई तरह की होती हैं-ऐंडोमैंट इंश्योरैंस प्लान, टर्म पौलिसी और यूएलआईपी स्कीम. आप को प्रत्येक पौलिसी के बीच का अंतर मालूम होना चाहिए. ऐंडोमैंट पौलिसी और यूएलआईपी जीवन सुरक्षा के साथसाथ निवेश लाभ भी प्रदान करती है, लेकिन एक टर्म प्लान, सिर्फ जीवन सुरक्षा प्रदान करती है, कोई मैच्योरिटी लाभ प्रदान नहीं करती है. यदि आप सिर्फ मुत्यु लाभ सुरक्षा प्राप्त करना चाहते हैं तो आप के लिए टर्म पौलिसी सब से उपयुक्त विकल्प है.

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2. पौलिसी कितने समय के लिए

पौलिसी को कम से कम आप के रिटायरमैंट के दिन तक आप को सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम होना चाहिए. उदाहरण के लिए यदि अभी आप की उम्र 25 साल है और आप 60 साल की उम्र में रिटायर होना चाहते हैं तो पौलिसी को आप को कम से कम 35 साल की सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए. बाजार में ऐसी कई पौलिसियां उपलब्ध हैं, जो 75 साल की उम्र तक या उस से भी ज्यादा समय तक सुरक्षा प्रदान करती हैं. आदर्श रूप में इस का कार्यकाल कम से कम इतना लंबा तो होना ही चाहिए कि आप के कामकाजी सालों के दौरान आप को सुरक्षा मिल सके.

3. लाइफ इंश्योरैंस पौलिसी के साथ ऐड औन

एक लाइफ इंश्योरैंस पौलिसी के साथ उपलब्ध ऐड औन आप का पैसा बचा सकता है, जो आप को एक अलगथलग पौलिसी खरीदने में खर्च करना पड़ सकता है. उदाहरण के लिए दुर्घटना मृत्यु लाभ, गंभीर बीमारी सुरक्षा और आंशिक या स्थायी विकलांगता लाभ वाली लाइफ इंश्योरैंस पौलिसी आधारभूत पौलिसी के मूल्य को बहुत अधिक बढ़ा सकती है. इसलिए लाइफ इंश्योरैंस पौलिसी के साथ ऐड औन राइडर खरीदने से पहले आप को अपनी जरूरतों का जायजा ले लेना चाहिए.

4. क्लेम सैटलमैंट रेश्यो को समझें

क्लेम सैटलमैंट रेश्यो से इस बात का पता चलता है कि एक इंश्योरैंस कंपनी द्वारा पिछले साल कुल कितना प्रतिशत इंश्योरैंस क्लेम का निबटान किया गया था. सीएसआर जितना अधिक होता है, उतना ही बेहतर होता है. आईआरडीए हर साल क्लेम सैटलमैंट रेश्यो डेटा जारी करता है ताकि ग्राहकों को सही इंश्योरैंस कंपनी का चयन करने में मदद मिल सके. याद रखें कि आप का परिवार आप की मौत के बाद इंश्योरैंस के लिए क्लेम करेगा और यदि क्लेम रिजैक्ट होता है तो उस की वजह से पैदा होने वाली समस्याओं को हल करने के लिए उस समय आप वहां मौजूद नहीं होंगे.

5. प्रीमियम का खर्च

पौलिसी के प्रीमियम की जांच करें. बाजार में ऐसी कई लाइफ इंश्योरैंस पौलिसियां मौजूद हैं, जो बहुत कम प्रीमियम लेती हैं. सिर्फ कीमत के आधार पर पौलिसियों की तुलना न करें. सीएसआर, सेवा की गुणवत्ता, बीमा राशि, कार्यकाल, राइडर इत्यादि पर भी विचार करें. आप को अपनी क्षमता और जरूरत के अनुसार अच्छी से अच्छी पौलिसी लेने की कोशिश करनी चाहिए.

6. बीमा राशि में परिवर्तन

आमतौर पर जब कोई पौलिसी खरीदी जाती है तब उस की बीमा राशि नहीं बदलती है. आप एक ऐसी पौलिसी खरीदने पर विचार कर सकते हैं, जिस की बीमा राशि उस के कार्यकाल के दौरान बढ़ती रहती है. इस से आप को महंगाई के जोखिमों से अपने जीवन को अधिक प्रभावशाली ढंग से सुरक्षित रखने में मदद मिलती है. इसी तरह कुछ इंश्योरैंस कंपनियां आप को एक सीमित अवधि तक ही प्रीमियम देने के लिए कहती हैं और पौलिसी अवधि के अनुसार संपूर्ण कार्यकाल के दौरान जीवन सुरक्षा प्रदान करती हैं. सही पौलिसी चुनने के लिए आप को उस पौलिसी से जुड़ी सभी सुविधाओं और विशेषताओं की जांच कर लेनी चाहिए और बाजार में मौजूद इसी तरह की अन्य पौलिसियों के साथ उस की तुलना भी कर लेनी चाहिए.

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7. औनलाइन खरीदें या औफलाइन

औनलाइन या औफलाइन से पौलिसी खरीदने के अपनेअपने लाभ और नुकसान हैं. इसलिए कोई भी पौलिसी खरीदते समय उस पौलिसी की विशेषताओं, मूल्यों और सेवा की गुणवत्ता के बारे में जरूर जान लें. प्रीमियत संबंधी खर्च कम होने के कारण औनलाइन पौलिसियों की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है. आप के लिए कौन सी पौलिसी सब से बेहतर है, इस का पता लगाने के लिए आप टैलीफोन पर उपलब्ध सलाहकारों की मदद ले सकते हैं. गलत पौलिसी खरीद लेने पर आप के आश्रितों को आर्थिक जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है. अत: इस क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों की राय ले कर ही सही पौलिसी खरीदें और अपने परिवार को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करें.

फाइनेंशियल जानकारी: लंबी अवधि+लगातार जमा= करोड़पति

21वीं सदी में लखपति बनने की तमन्ना नहीं. सभी की करोड़पति बनने की इच्छा है. थोड़े रुपयों को लंबे समय के लिए लगातार जमा कर कोई भी अपने इस लक्ष्य को पा सकता है. कई लोग सिर्फ इसलिए निवेश से करोड़ रुपए नहीं जुटा पाते क्योंकि उन्हें इस पर यकीन नहीं होता.

हां, यह जान लें कि पैसा जमा करने यानी निवेश करने में अनुशासन जरूरी है. फाइनेंशियल एडवाइजर यानी वित्तीय सलाहकार कहते हैं कि फाइनेंशियल प्लानिंग  में अनुशासन का मतलब यह है कि आप को नियमित अंतराल पर अपनी कमाई का एक हिस्सा निवेश करना होगा. नौकरीपेशा लोगों के मन में अकसर यह सवाल उठता है कि वे ऐसे कौन से निवेश विकल्प का चुनाव करें जहां उन का मामूली निवेश एक तय समय में मोटे फंड में बदल जाए.

यह सच है कि करोड़पति बनना मुश्किल नहीं है लेकिन, इस के लिए जरूरी है लगातार जमा या नियमित निवेश और अच्छा सेविंग सिस्टम. वहीं, ब्याज दरों में लगातार गिरावट के कारण  करोड़ रुपए का फंड बनाने के लिए अब पहले के मुकाबले अधिक समय लगेगा. सैलरी के जरिए कमाने वालों के पास एकसाथ निवेश करने के लिए बड़ी रकम नहीं होती. ऐसे में आप हर महीने एक तय रकम की बचत कर के करोड़पति बन सकते हैं.

एक्सपर्ट बताते हैं कि कोई भी नियमित रूप से निवेश कर के 20 वर्षों में करोड़पति बन सकता है. दरअसल, लंबे समय तक निवेश आप की पूंजी को कंपाउंडिंग ब्याज की ताकत से कई गुना कर देता है.

करोड़पति बनने के लिए यहां 3 निवेश विकल्पों का ज़िक्र किया जा रहा है, जिन में आप हर महीने 10 हजार रुपए का निवेश कर के करोड़पति बन सकते हैं, साथ ही, यह भी जानिए कि इन में से कौन सा औप्शन आप को जल्दी करोड़पति बना सकता है.

पब्लिक प्रोविडैंट फंड यानी पीपीएफ :

पब्लिक प्रोविडैंट फंड  या  लोक भविष्य निधि भारत में बचत एवं कर-बचत करने के लिए एक जमा योजना है.  बहुत से लोग इसे सेवानिवृत्ति के समय धनप्राप्ति का साधन भी मानते हैं. यह काफी लोकप्रिय निवेश औप्शन है. दरअसल, पूरी तरह से टैक्सफ्री होना इस की सब से बड़ी खासीयत है. पीपीएफ में आप को आयकर एक्ट की धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट मिलती है. हालांकि, यह बेनिफिट पुराने टैक्स सिस्टम पर ही मिलता है.

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पीपीएफ खाता बैंक या डाकघर में खोला जा सकता है. इस समय पीपीएफ पर ब्याज दर 7.1 फीसदी है. यह मानते हुए कि निवेश की पूरी अवधि में 7.1 फीसदी की दर स्थिर रहेगी, अगर आप हर महीने 10 हजार रुपए का निवेश करें तो 28 सालों में एक करोड़ रुपए हासिल कर सकते हैं. 28 सालों में आप के 1.05 करोड़ रुपए हो जाएंगे  जिस में लगभग 72 फीसदी पैसा सिर्फ ब्याज का होगा. यानी, आप को 28 सालों में सिर्फ 33.60 लाख रुपए का ही निवेश करना होगा.

नेशनल पैंशन स्कीम यानी एनपीएस :

एनपीएस एक प्रकार की पैंशन कम इन्वैस्टमैंट स्कीम है जो कि बाजार आधारित रिटर्न की गारंटी देती है. एनपीएस में कर में छूट मिलती है जैसा कि कर्मचारी भविष्य निधि और लोक भविष्य निधि योजनाओं के मामले में है.
एनपीएस ने रिटायरमैंट बचत साधन के रूप में काफी लोकप्रियता हासिल की है. पहले यह केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू की गई थी, लेकिन 2009 से यह सभी के लिए खुली है. आप एनपीएस में हर महीने एक तय रकम का निवेश कर सकते हैं. एनपीएस योगदान का 50 फीसदी इक्विटी और 50 फीसदी ही सरकारी प्रतिभूतियों में आवंटित करें तो पिछले 10 वर्षों में एनपीएस फंड्स का औसत रिटर्न लगभग लगभग 10 फीसदी रहा है. इस तरह, लंबी अवधि के कंपाउंडिंग वार्षिक ग्रोथ रेट यानी सीएजीआर को 10 फीसदी मानते हुए आप हर महीने की शुरुआत में एनपीएस में 10  हजार रुपए का निवेश कर के 23 वर्षों में 1 करोड़ रुपए हासिल कर सकते हैं.

म्यूचुअल फंड यानी एमएफ :

म्यूचुअल फंड, जिसे हिंदी में पारस्परिक निधि कहते हैं,  लेकिन इस का इंग्लिश  नाम अधिक प्रचलित है, एक प्रकार का सामूहिक निवेश होता है. निवेशकों के समूह मिल कर स्टौक, अल्प अविधि के निवेश या अन्य प्रतिभूतियों मे निवेश करते हैं. म्यूचुअल फंड में कई निवेशकों का पैसा एक जगह जमा किया जाता है और इस फंड में से फिर बाज़ार में निवेश किया जाता है. म्यूचुअल फंड को एसेट मैनेजमैंट कंपनियों यानी एएमसी  द्वारा मैनेज किया जाता है. म्यूचुअल फंड में कोई भी निवेश कर सकता है.

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अगर शेयर बाजार के उतारचढ़ाव को झेल सकते हैं तो इक्विटी म्यूचुअल फंड को पैसा बनाने के लिए सब से अच्छा साधन माना जाता है. जोखिम वाले निवेशकों के लिए इंडेक्स म्यूचुअल फंड सब से उपयुक्त हैं क्योंकि वे कम अस्थिर होते हैं और लंबी अवधि में शानदार रिटर्न देते हैं.

आप इंडेक्स फंड में निवेश कर सकते हैं जो निफ्टी या सेंसेक्स को ट्रैक करते हैं. इन फंड्स में लंबी अवधि में लगभग 12 फीसदी सीएजीआर के रूप में रिटर्न देने की क्षमता है. 12 फीसदी के लंबे समय तक सीएजीआर को मानते हुए आप हर महीने 10 हजार रुपए का निवेश कर के 20 वर्षों में 1 करोड़ रुपए हासिल कर सकते हैं. यदि आप एसआईपी टौप-अप का उपयोग करते हैं तो आप इस लक्ष्य को और भी तेज़ी से प्राप्त कर सकते हैं.

लब्बोलुआब यह है कि 10 हजार रुपए की हर माह बचत को निवेश कर 20 से 28 वर्षों के बीच में कोई भी करोड़पति बनने के अपने लक्ष्य को हासिल कर सकता है. जाहिर है, अगर कोई इस से बड़ी रकम हर माह जमा कर सकता है तो वह 20 वर्षों से पहले ही करोड़पति का लक्ष्य हासिल कर लेगा. बस, शर्त यह है कि हर महीने समय पर निवेश की रकम जमा कराई जाती रहे.

‘जीवन शांति’ मतलब मन की शांति

एलआईसी (भारतीय जीवन बीमा निगम) अपने ग्राहकों के लिए हमेशा कुछ न कुछ नया ले कर आती है, इसीलिए इस की पौलिसियां ग्राहकों के बीच बड़ी तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं. आज सुरक्षित निवेश और गारेंटेड रिटर्न के लिए एलआईसी से बेहतर कुछ और नहीं है. हाल ही में एलआईसी ने नई पौलिसी ‘‘जीवन शांति’’ ग्राहकों के लिए प्रस्तुत की है.

जीवन शांति पौलिसी न सिर्फ अपने पॉलिसीधारकों के भविष्य को सुरक्षित करता है, बल्कि इस के तहत सिर्फ एक बार निवेश करने से ग्राहक को तुरंत पेंशन की सुविधा मिलनी भी शुरू हो जाती है. यही नहीं, अगर आप तुरंत पेंशन नहीं लेना चाहती हैं, तो आप इसे 5 साल से ले कर 20 साल बाद तक भी शुरू कर सकती हैं. आप जितनी देर में पेंशन लेना शुरू करेंगी, आप को उतना ही अधिक फायदा मिलेगा. इस पेंशन योजना को शुरू करने के लिए आप की न्यूनतम आयु 30 वर्ष होनी चाहिए. यदि आप को तुरंत पेंशन चाहिए तो उम्र की अधिकतम सीमा 85 वर्ष है.

डिफरमेंट प्लान के लिए अधिकतम उम्र 79 होनी आवश्यक है. एलआईसी ने इस के लिए 12 तरह के विकल्प  दिए हैं. इस योजना में आप डेढ़ लाख रुपए से ले कर जितना दिल चाहे पैसा निवेश कर सकती हैं.

जीवन शांति प्लान की खास बातें

  • यह वन टाइम इन्वेस्टमेंट प्लान है यानी एक बार निवेश करने पर आप को पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी और यह पेंशन आप को जीवन भर मिलेगी.
  • जब आप पौलिसी लेंगी, तभी यह तय हो जाएगा कि आप के द्वारा लिए प्लान के अनुसार आप को कितनी पेंशन मिलेगी. इस का भुगतान एलआईसी अपने ग्राहक को आजीवन करेगी.
  • एलआईसी जीवन शांति योजना एक नौन मार्केट लिंक्ड प्लान है अर्थात आप को गारेंटेड और फिक्स्ड पेंशन प्राप्त होगी.
  • इसे आप संयुक्त रूप से भी अर्थात अपने माता-पिता, भाई-बहन या पति-पत्नी के संयुक्त जीवन पर भी ले सकती हैं.
  • इस निवेश पर आप ऋण के लिए भी आवेदन कर सकती हैं अर्थात् इस निवेश पर ऋण की सुविधा उपलब्ध है.
  • इस बीमा योजना के प्रीमियम पर बीमाधारक आयकर की छूट का लाभ ले सकता है.
  • 12 विकल्पों में से 4 विकल्पों में मृत्यु हितलाभ भी उपलब्ध है.
  • खास बात यह है कि एलआईसी के इस प्लान को ग्राहक औफलाइन के साथ-साथ औनलाइन भी खरीद सकता है.
  • अगर आप अभी कोई भी जीवन बीमा पौलिसी लेने की सोच रहे हैं तो एलआईसी की जीवन शांति पौलिसी एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है. अधिक जानकारी के लिए आप निकटतम एलआईसी शाखा कार्यालय या एलआईसी अभिकर्ता से संपर्क कर सकती हैं.
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