48साल की उम्र में कालेज गोइंग स्टूडैंट जैसी फिट और आकर्षक फिगर वाली फिटनैस ऐक्सपर्ट और सैलिब्रिटी पर्सनल ट्रेनर यासमीन कराचीवाला ने 26 साल पहले मुंबई में काम शुरू किया था. बौडी इमेज नाम से यासमीन ने फिटनैस सैंटर की नींव रखी. हाल ही में दिल्ली में इस की एक और ब्रांच लौंच की गई. पेश हैं, इस मौके पर उन से की गई बातचीत के कुछ अंश:
आप की नजर में फिटनैस क्या है?
फिटनैस वह है जो आप को एनर्जेटिक फील कराए. जब आप सुबह उठें तो बिलकुल फ्रैश हो कर उठें. आप अपना पूरा दिन आसानी से कंप्लीट कर सकें. दोपहर को भी नींद या आलस न आए. हमेशा एनर्जेटिक फील हो. रात को ऐसे सोएं जैसे घोडे़ बेच कर सो रहे हों तो समझिए आप फिट हैं.
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महिलाओं को अपनी फिटनेस के लिए कौन सी बेसिक बातों का खयाल रखना चाहिए?
आप अपने लिए ऐसी ऐक्सरसाइज चुनें जो आप की बौडी के लिए उपयुक्त हो और जो आप को अच्छी लगती हो. जरूरी नहीं कि जो और कर रही हो वही आप के लिए भी अच्छी होगी. पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की बोन डैंसिटी कम होती है. महिलाएं बच्चों को जन्म देती हैं और इस दौरान उन की बौडी को अंदर से स्ट्रैस सहना पड़ता है. इसलिए बहुत जरूरी है कि वे स्ट्रैंथ ट्रेनिंग करें. अपनी बोंस मजबूत करें. पुरुषों की हड्डियां महिलाओं की हड्डियों के मुकाबले बहुत मजबूत होती हैं. उन का स्केलेटन स्ट्रक्चर ही ऐसा होता है, जबकि महिलाओं का स्केलेटन स्ट्रक्चर काफी अलग होता है. उन के लिए वेट ट्रेनिंग जरूरी होती है.
फिट रहने के लिए जिम ही जाना जरूरी नहीं. महिलाएं घर में भी कई तरह से एक्सरसाइज कर सकती हैं. जैसे वाल पर पुशअप कर सकती हैं, कुरसी पर बैठेबैठे पैरों की मसल्स स्ट्रौंग करने की छोटीमोटी एक्सरसाइज भी कर सकती हैं.
महिलाओं को अपने खानपान पर भी ध्यान देना बहुत जरूरी है. उन का वजन पुरुषों के मुकाबले बहुत तेजी से बढ़ता है. वजन अधिक हो तो दूसरी बहुत सी बीमारियां जैसे डायबिटीज, हाइपरटैंशन आदि का खतरा रहता है. उन का शरीर 9 महीने की प्रैगनैंसी भी सहता है. किसी दूसरी जिंदगी को अपने अंदर रख कर पोषण देना, बड़ा करना आसान नहीं है. इसलिए जरूरी है कि वे अपने पोषण और खानपान पर भी पूरापूरा ध्यान दें.
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क्या परिवार की सपोर्ट मिलता है?
25 साल पहले मेरी अरेंज्ड मैरिज हुई भी. मेरे 20 और 18 साल के 2 बेटे हैं. पति का बिजनैस है. कैंसर की वजह से 3 साल पहले फादर की डैथ हो गई थी. मदर हाउसवाइफ हैं और इस उम्र में भी रोज एक्सरसाइज करती हैं. मेरे सास ससुर काफी सपोर्टिव हैं.
जैंडर और एज के हिसाब से क्या फिटनैस रूटीन में कुछ परिवर्तन किए जाते हैं?
फिटनैस रूटीन तय करने के लिए हम जैंडर या ऐज नहीं देखते. स्त्री हो या पुरुष हर उम्र में फिट रहना महत्त्वपूर्ण है. मगर बीमारी, इंजरी, लाइफस्टाइल, सर्जरी आदि के आधार पर फिटनैस रूटीन तैयार करना चाहिए. इस के अलावा आप का मकसद क्या है, आप वेटलौस के लिए आए हैं या स्ट्रौंग होने के अथवा फिट रहने के मकसद से इस आधार पर भी ट्रेनिंग निर्भर करती है.
आप ने करीना, दीपिका, आलिया समेत कई सैलिब्रिटीज को ट्रेनिंग दी है. उन में से किस के ट्रांसफौर्मेशन पर आप को प्राउड फील होता है?
कैटरीना, करीना, आलिया, दीपिका ने ट्रेनिंग के बाद खुद को बहुत अलग रूप में तैयार किया है. कैटरीना को ही लीजिए. शुरुआत में वे बहुत अलग दिखती थीं पर ‘शीला की जवानी…’ गाने में उन की बौडी बहुत अच्छी दिखी. ‘धूम-3’ में उन की फिटनैस देखते ही बनती है. आलिया भट्ट ने भी ‘स्टूडैंट औफ द ईयर’ फिल्म के बाद खुद को काफी फिट बनाया. ‘कौकटेल’ मूवी में हम दीपिका पादुकोण का ट्रांसफौर्मेशन साफ देख सकते हैं.
आप का डेली रूटीन क्या है?
मेरी डेली रूटीन बहुत ही व्यस्त है. मुझे लगता है जैसे दिन में 24 घंटे और होने चाहिए. दिन की समाप्ति पर लगता है जैसे मुझे बहुत से काम करने बाकी रह गए हैं.
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भारत के लोग कितने फिटनेस फ्रीक है?
मैं इस इंडस्ट्री में 26 साल से हूं. 26 साल पहले और आज लोगों की सोच में बहुत फर्क आया है. उन्हें इस बात का एहसास हो गया है कि पतला होने का अर्थ फिट होना नहीं होता. आज हर कोई इंस्ट्रक्टर नहीं बन सकता. पहले जिम में कई साल काम कर कोई भी शख्स इंस्ट्रक्टर बन जाता था. मगर अब बहुत जरूरी है कि हर इंस्ट्रक्टर सर्टिफाइड हो.
30-40 की उम्र आतेआते महिलाओं को क्या समस्याएं ज्यादा होने लगती हैं?
इस उम्र तक आतेआते महिलाएं बच्चों को जन्म दे चुकी होती हैं. प्रैगनैंसी के दौरान शरीर को काफी स्ट्रैस सहना पड़ता है. ऐसे में जरूरी है कि आप सही ऐक्सरसाइज चुन कर शरीर को अंदर से मजबूत बनाएं. इस उम्र में ऐस्ट्रोजन लैवल भी काफी नीचे चला जाता है. शरीर कमजोर हो जाता है, हड्डियां आसानी से टूट सकती हैं. महिलाएं अपने खानपान पर ध्यान नहीं देतीं. बच्चे के जन्म के बाद वेटलौस के लिए या तो डाइटिंग करने लगती हैं या फिर शरीर को वैसा ही छोड़ देती हैं. ये दोनों ही स्थितियां गलत हैं. ज्यादा शुगर भी सेहत के लिए बुरी है. एक ही मील में चावल और रोटी एक साथ न खाएं.