Breakfast में झटपट बनाएं टेस्टी ओट्स आमलेट

अगर आप सुबह आफिस जाने के लिए लेट हो रही हैं और आपको जल्दी में स्वादिष्ट और पोषण से भरपूर नाश्ता बनाना है तो आप ओट्स आमलेट ट्राई कर सकती हैं. यह झटपट बन भी जाता है और खाने में भई काफी लाजवाब होता है.

सामग्री

अंडे

जितने अंडे हो उसका एक चौथाई ही ओट्स लें

दूध

चुटकी भर हल्दी

सूखे मसाले

काली मिर्च

तेल या मक्खन अपनी जरूरत के अनुसार

प्याज

गाजर

शिमला मिर्च

हरी मिर्च

धनिया पत्ती

विधि

ओट्स को पीस कर आटा बना लें, इस आटे में हल्दी, नमक, काली मिर्च आदि मसाले एक कटोरे में डाल लें. इसमें थोड़ा दूध डाल कर इसका मिश्रण बना लें.

इस मिश्रण में अब अंडे डालकर अच्छे से फेंट लें. अब इसमें सब्जियां डाल दें.

सभी को अच्छे से मिलाने के बाद मिश्रण को तवा पर डालकर आमलेट बना लें. अब गर्मा गर्म ओट्स आमलेट सर्व करें.

Diwali 2024 : झटपट बनाएं Toffee Apple Pudding, सब पूछेंगे रेसिपी

अगर आप दिवाली में फैमिली के लिए कुछ नई और हेल्द रेसिपी ट्राय करना चाहते हैं तो Toffee Apple Pudding की रेसिपी, जिसे आप आप आसानी से फैमिली के लिए बना सकती हैं.

सामग्री टौफी सौस की

– 125 ग्राम बटर

– 175 ग्राम ब्राउन शुगर

– 200 ग्राम ताजा मलाई

– 1 छोटा चम्मच वैनिला ऐसेंस.

सामग्री पुडिंग की

– 175 ग्राम मक्खन

– 3 बड़े सेब

– 130 ग्राम ब्राउन शुगर

– 2 अंडे फेंटे हुए

– 4 बड़े चम्मच दूध

– 150 ग्राम मैदा

– 1 छोटा चम्मच नीबू का छिलका कद्दूकस किया हुआ

– मलाई हलकी फेंटी हुई सर्व करने के लिए.

विधि टौफी सौस बनाने की

एक छोटे पैन को धीमी आंच पर गरम कर के उस में मक्खन और चीनी को अच्छी तरह पिघला लें. अब आंच को धीमा करें और हलके से मिश्रण को चलाएं. अब इस मिश्रण में धीरेधीरे मलाई और वैनिला ऐसेंस डालें औैर धीमी आंच में पकाएं. फिर इस मिश्रण को ठंडा होने के लिए अलग रख दें.

विधि पुडिंग बनाने की

एक 9 इंच का बेकिंग बेसिन लें और उस पर हलका सा उस में मक्खन लगाएं. अब बटर पेपर लें और उसे छोटे चौकोर टुकड़ों में काट कर रख लें. अब सेब को छील कर काट लें. फिर 25 ग्राम मक्खन गरम करें और उस में सेब फ्राई करें. हलका फ्राई होने के बाद इसे कैरामलाइज करें. फिर ठंडा होने के लिए रख दें. एक बाउल में बचे मक्खन और चीनी को तब तक फेंटें जब तक क्रीम न बन जाए. अब इस मिश्रण में धीरेधीरे अंडे और दूध डालें और अच्छी तरह मिक्स करें. अब इस मिश्रण को मैदे में डाल कर घोल तैयार करें. फिर सेब को बटर लगे बेसिन में रखें और उस में टौफी सौस डालें. फिर सेब के ऊपर बैटर डालें. पुडिंग बेसिन को कवर करें और फिर फौइल पेपर ऊपर से लगा दें और किनारों को दबा दें. अब बेसिन को एक स्टीमर में रखें. स्टीमर में थोड़ा पानी पहले ही उबाल लें. स्टीमर को कवर करें और तब तक स्टीम करें जब तक पुडिंग आराम से बाहर न निकलने लगे. फिर इसे प्लेट में टौफी सौस और क्रीम के साथ सर्व करें.

व्यंजन सहयोग

शैफ आशीष राय

बारबेक्यू नैशन हौस्पिटैलिटी

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पनीर काठी रोल बच्चों और बड़ो दोनों को पसंद आने वाली स्वादिष्ट व्यंजन है. इसे बनाना भी बहुत आसान है. जानें इसे बनाने की विधि.

सामग्री

– 150 ग्राम पनीर.

मैरीनेट की सामग्री

–  1/4 कप हंग कर्ड

–  1/2 छोटा चम्मच अदरकलहसुन का पेस्ट

–  1/2 चम्मच लालमिर्च का पेस्ट

–  1/4 छोटा चम्मच धनियाजीरा पाउडर

–  1/2 चम्मच गरममसाला पाउडर

– फ्राई करने के लिए 1 छोटा चम्मच औयल

– नमक स्वादानुसार.

सलाद की सामग्री

– 1 छोटा प्याज कटा हुआ

– 1 छोटी गाजर टुकड़ों में कटी

– 2 छोटे चम्मच नीबू का रस

– थोड़ी सी धनियापत्ती कटी

– नमक व चाटमसाला स्वादानुसार.

असैंबल की सामग्री

– 1 गेहूं की रोटी.

विधि

सब से पहले पनीर को टुकड़ों में काटें. फिर एक बाउल में मैरीनेट की सामग्री को डाल कर अच्छी तरह मिलाएं. अब पनीर को इस सामग्री से 30 मिनट के लिए मैरीनेट करने के लिए रख दें. फिर नौनस्टिक पैन को गरम कर उस पर औयल डालें. अब मैरीनेट पनीर को 5-6 मिनट के लिए मीडियम आंच पर पकाएं. फिर सलाद की सामग्री को एक बाउल में डाल कर अच्छी तरह मिलाएं. इस के बाद तवे पर रोटी को गरम कर के उस में पनीर और ओनियन सलाद डाल कर रोटी को रोल कर के गरमगरम सर्व करें.

DIWALI 2024: सिल्वर के बरतनों को चांद जैसा चमकाने के लिए करें फौलो ये टिप्स

चांदी के बर्तन खाने के टेबिल को शाही लुक देते हैं. पर जैसे जैसे वक्त बितता जाता है, चांदी के बर्तन और चांदी के गहने काले पड़ने लगते हैं. चांदी एक ऐसा धातु है जो अन्य धातुओं की तुलना से बहुत नाजुक होती है जिसके कारण इस पर दाग-धब्बे और खरोंच आसानी से पड़ जाते हैं. कुछ लोग चांदी के बर्तन और जेवर की सफाई करवाने के लिए दुकानदारों के पास जाते हैं. पर इससे पैसे ही खर्च होते हैं, पर आप घर पर ही आसानी से चांदी के बर्तनों और जेवर की सफाई करवा सकती हैं.

चांदी के बर्तन में लंबे समय तक सलाद, नमक, नींबू या अंडों को सजाकर रखा जाय तो बर्तन पर दाग हो जाते हैं. मगर आप घर पर ही आसानी से चांदी के बर्तनों को साफ कर सकती हैं.

इन आसान से टिप्स को अपनाकर घर पर ही साफ करें चांदी के बर्तन

1. हेयर कंडीशनर

हेयर कंडीशनर से आपकी बालों की खूबसूरती बढ़ जाती है. पर हेयर कंडीशनर से आप चांदी की खोई चमक भी वापस ला सकते हैं.

 

2. टोमैटो सॉस

टोमैटो सॉस से भी चांदी की चीजों को साफ किया जा सकता है. अगर आप चांदी की चीजों को ज्यादा चमकदार बनाना चाहती हैं तो चीजों पर टोमैटो सॉस लगाकर कुछ देर के लिए छोड़ दें. इसके बाद एक सूखे कपड़े से पोछ लें.

3. एल्युमिनियम फॉयल

1 लीटर पानी में 1 चम्मच बेकिंग सोडे को अच्छी तरह घोल लें. चांदी के बर्तनों को इस घोल में डालें. फॉयल से बर्तनों को अच्छे से रगड़ लें. चांदी के बर्तन और गहने नए जैसे चमकेंगे.

4. डिटर्जेंट

गर्म पानी में डिटर्जेंट डालें. चांदी के बर्तनों को इस घोल में भिगो लें. कुछ देर बाद पानी से निकालकर ब्रश से साफ कर लें.

5. हैंड सेनेटाइजर

हैंड सेनेटाइजर सिर्फ हाथों के कीटाणुओं को मारने के लिए नहीं बल्कि चांदी के बर्तनों और जेवरों को चमकाने के लिए भी बहुत काम आता है.

 

इस फेस्टिव सीजन दिखें सबसे खूबसूरत, फौलो करें ये टिप्स

इस बात में कोई संदेह नहीं कि त्योहारों के मौसम में हर कोई खूबसूरत दिखना चाहता है. ऐसे में विटामिन सी से भरपूर शहतूत और कोकोआ आपकी त्वचा में निखार लाने में काफी मदद करते हैं. हम आपकी त्वचा में निखार लाने का उपाय बता रहे हैं, जो इस प्रकार हैं:

 

विटामिन-सी

एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने के कारण विटामिन सी (एस्कॉर्बिक एसिड) त्वचा पर चमक व निखार लाने में काफी अहम भूमिका निभाता है. यह त्वचा की कोशिकाओं के पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है. एक अध्ययन के अनुसार, यह धूप व पराबैंगनी किरणों से होने वाले नुकसान को रोक कर त्वचा को ठीक करती है.

कोकोआ

जब त्वचा पर पराबैंगनी किरणों की रोशनी पड़ती है तो ऑक्सीजन के प्रतिक्रियाशील चरित्र के कारण अणु मुक्त होते हैं. सूर्य की रोशनी के कारण त्वचा की उम्र बढ़ना व झुर्रिया पड़ना लाजिमी है. एंटी ऑक्सीडेंट से समृद्ध कोकोआ कोशिकाओं की मरम्मत करता है और हानिकारक असर को खत्म करके त्वचा को पोषण देता है.

समुद्री शैवाल

सूजन को कम कर मुंहासों को खत्म करने में यह मददगार है. इसमें मौजूद प्राकृतिक एक्सफॉलिएंट रोम छिद्रों को बंद कर सकने वाले मृत कोशिकाओं को भी हटा देता है. शरीर पर लगाने पर यह त्वचा से अधिक तरल और अपशिष्ट पदार्थ को निकालता है. त्वचा पर जमी गंदगी हटाने के लिए क्लींजर का काम भी करता है.

आरब्यूटिन

यह बेयरबेरी पौधे से प्राप्त एक अणु है, जो मेलानीन को बनने से रोकता है. चेहरे का रंग साफ कर काले धब्बों से भी छुटकारा दिलाता है.

शहतूत

पुरुषों और महिलाओं द्वारा अक्सर त्वचा के रूखेपन, मुंहासों और बढ़ती उम्र के असर को बेअसर करने के लिए शहतूत द्वारा इलाज किया जाता है. संवेदनशील त्वचा पर भी निखार लाने के लिए शहतूत का प्रयोग किया जा सकता है. त्वचा में नमी बनाए रखने के साथ ही दाग-धब्बों से भी छुटकारा दिलाता है. यह बालों का टूटना कम कर उनको बढ़ाने और चमक लाने में भी सहायक है.

Festival Special: दिवाली पर इन तरीकों से सजाएं अपना घर

दिवाली आते ही सबसे पहले शुरु होती है घर की साफ-सफाई और सफाई के बाद नंबर आता है घर की सजावट का. अगर आप अपने घर के वही पुराने ओल्ड लुक से बोर हो चुकी हैं तो इस दिवाली अपने घर को दीजिए एक ट्रडिशनल न्यू लुक.

फूलों से सजावट

घर को ज्यादा फूलों से सजाने की बजाएं आप एक या दो लड़ियों को घर के दरवाजे पर लगा दें. इससे आपके घर को सिंपल के साथ-साथ फेस्टिवल डेकोरेशन भी मिल जाएगी.

रंगोली

घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाने से घर तो सुंदर लगता ही है, आने वाले मेहमान भी इसे देखकर बेहद खुश हो जाएंगे. वैसे तो आप पारंपरिक रंगों और फूलों का इस्तेमाल कर अपने हाथों से रंगोली बना सकती हैं. लेकिन अगर आप ये नहीं कर सकतीं तो बाजार में एक से बढ़कर एक रेडीमेड रंगोली भी मौजूद है जिनका आप इस्तेमाल कर सकती हैं. एंट्रेंस के साथ ही लिविंग रूम के सेंटर में भी रंगोली बनाकर घर की शोभा बढ़ायी जा सकती है.

कार्नर को दीए से सजाएं

ये तो आप भी मानेंगी कि सिर्फ घर की लाइटें बदल देने से ही घर का पूरा लुक चेंज हो जाता है. और इसमें दीए अहम रोल अदा करते हैं. ऐसे में इस दिवाली पर घर को सजाने के लिए आर्टिफिशियल लाइट्स की जगह दीयों का इस्तेमाल करें. और घर के हर एक कार्नर को दीए से सजाएं.

तोरण और कंदील

घर के मुख्य द्वार के साथ ही हर कमरे के दरवाजे पर तोरण लगाएं. इसके लिए आप पारंपरिक पत्तों और फूल के तोरण का भी इस्तेमाल कर सकती हैं. या फिर बाजार में मिलने वाले डिजाइनर तोरण का भी. इसके साथ ही घर के मेन हौल को सजाने के लिए कंदील का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

कैंडल डेकोरेशन

आजकल तो बजार में कई तरह की कैंडल मिल जाती है. आप उससे घर को डिफरेंट और सिंपल लुक दे सकती हैं. इन कैंडल को आप खिड़की और छतों पर सजा सकती हैं.

टी लाइट्स का करें इस्तेमाल

रंगीन कांच के कंटेनर में टी लाइट्स रखकर उसे ड्राइंग रूम और डाइनिंग रूम की सीलिंग से लटका दें. इससे किसी के इनसे टकराने का खतरा भी नहीं रहेगा और ये घर को बेहद सुंदर लुक भी देंगे.

Festival Special: इस दीवाली करें घर को जर्म फ्री

क्या आप प्रतिदिन खुद के नहाने, घर में झाड़ूपोंछा करने और बरतनों व कपड़ों की सफाई को ही घर का रोगाणुरहित होना मानती हैं? अगर हां तो आप गलत हैं. कभी आप ने सोचा है कि ऐसा करने के बावजूद आप या घर के दूसरे सदस्य बारबार बीमार क्यों पड़ते हैं? उदाहरण के लिए आप नहाने की ही बात करें तो क्या जिस बालटी व मग का प्रयोग आप नहाने के लिए करती हैं या शावर से नहाती हैं उसे प्रतिदिन ऐंटीसेप्टिक लोशन से साफ किया जाता है? यहां भी बैक्टीरिया पनपते हैं.

यद्यपि बढ़ते प्रदूषण और बदलते लाइफस्टाइल के चलते घर को जर्म फ्री रखना किसी चुनौती से कम नहीं है और फिर वातावरण को पूरी तरह से नहीं बदला जा सकता पर फिर भी घर व घर के सदस्यों का थोड़ीबहुत सूझबूझ व थोड़ा सा ज्यादा समय लगा कर बचाव तो किया ही जा सकता है. रोगाणुरहित बनना है तो शारीरिक हाइजीन, पर्सनल हाइजीन व घर के हाइजीन के बारे में जानना ही होगा.

घर को बनाएं जर्म फ्री

घर की बात करें तो लिविंगरूम या ड्राइंगरूम, बैडरूम, किचन और बाथरूम का जिक्र अनिवार्य है. यहां पर ही पनपते हैं जर्म्स और इन के संपर्क में आने से हम हो जाते हैं बीमार.

लिविंगरूम/ड्राइंगरूम

इस जगह का प्रयोग घर के सदस्यों के द्वारा सर्वाधिक किया जाता है. यहां की खिड़कियां, दरवाजे अकसर लोग बंद रखते हैं ताकि धूल अंदर न आए. पर ऐसा होता नहीं है. कुशन कवर, सोफे की गद्दियों, सैंटर टेबल, डाइनिंग टेबल कवर पर धूल जम ही जाती है, जो हमें दिखाई नहीं देती. कालीन तो सब से अधिक धूल अब्जौर्ब करता है. इसी तरह परदों पर भी धूल इकट्ठा होती रहती है. आप भले ही कितनी डस्टिंग करें धूल पुन: उड़ कर आ जाएगी और इसी से उपजते हैं बैक्टीरिया. पंखे, स्विचबोर्ड आदि पर भी धूल की परत साफ देखी जा सकती है.

रोकथाम

  1.  सब से अधिक जरूरी यह है कि ड्राइंगरूम की खिड़कियों को कुछ देर खुला रखें ताकि ताजा हवा का सर्कुलेशन अच्छी तरह हो.
  2.  वैज्ञानिकों का कहना है कि कमरे में इनडोर प्लांट्स रखें, जो वायु क्वालिटी को बढ़ाते हैं और टौक्सिन को अब्जार्ब कर लेते हैं. इनडोर प्लांट्स में मनी प्लांट सब से अधिक उपयुक्त हैं.
  3.  कारपेट बिछाया है तो उसे सप्ताह में एक बार अवश्य वैक्यूम क्लीनर से साफ करें व 1 या 2 महीने बाद ड्राईक्लीन करवाएं. या फिर 1 महीने बाद धूप अवश्य दिखाएं.
  4.  कुशन कवर, टेबल कवर आदि को 10 दिनों बाद अवश्य धोएं.
  5.  परदों को हर महीने धोएं और अच्छा हो यदि सूती परदों का इस्तेमाल करें.
  6.  लकड़ी के फर्नीचर को प्रतिदिन पहले गीले कपड़े से और फिर सूखे से पोछें. हर चौथे महीने वार्निश करवाएं.
  7.  सजावटी सामान को भी प्रतिदिन ऐंटीसैप्टिक लोशन लगा कर कपड़े से पोंछें.
  8.  एअरकंडीशन की जाली को सप्ताह में 1 बार अवश्य धोएं. पंखों की सफाई सप्ताह में 1 बार जरूर करें.
  9.  फर्श की रोज सफाई करें. इस के लिए पानी में थोड़ा सा डिसइन्फैक्टैंट क्लीनर अवश्य डालें.
  10.  मेनडोर पर धूलमिट्टी सोखने वाला डोरमैट लगाएं. इस से घर में बाहर से आने वाली डस्ट से बचा जा सकता है.
  11.  सप्ताह में कम से कम 2 बार घर की खिड़कियों को अच्छी तरह साफ करें. अंदर वाले हिस्सों को लंबाई में व बाहर वालों को चौड़ाई में साफ करें. ऐसा करने पर अगर दागधब्बा न छूटा हो तो यह पता चल जाता है.
  12.  स्विचबोर्ड, खिड़कियों के हैंडल आदि को डिसइन्फैक्टैंट कपड़े से प्रतिदिन साफ करें, क्योंकि दिन में कितनी ही बार हमारे हाथ इन चीजों के संपर्क में आते हैं. अत: इन का साफसुथरा रहना बहुत जरूरी है.

बैडरूम

बैडरूम में धूल के कणों से उपजे कीटाणु गद्दों और तकियों में अपनी जगह बनाते हैं. इन्हीं में ये अपना भोजन लेते हैं. डा. फिलिप टियरनो ने अपनी पुस्तक ‘द सीक्रेट लाइफ औफ जर्म्स’ में लिखा है कि बिस्तर पर पसीना और वीर्य के अलावा कुछ और पदार्थ भी गिरते रहते हैं, जिन से बैक्टीरिया पनपते हैं.

दिल्ली के अपोलो अस्पताल ईएनटी स्पैशलिस्ट डा. कविता नागपाल का भी यह मानना है कि त्वचा संबंधी रोगों व ऐलर्जी होने का मुख्य कारण बैक्टीरिया ही है.

रोकथाम

  1.  तकियों और गद्दों पर कवर चढ़ाएं. हर महीने गद्दों को पलट दें. महीने में 1 बार धूप दिखाएं.
  2.  तकियों व गद्दों के कवरों को सप्ताह में 1 बार गरम पानी से धोएं ताकि कीटाणु नष्ट हो सकें.
  3.  ध्यान रहे, एक तकिए की उम्र 3 से 5 साल होती है. इंटरनैशनल कंज्यूमर हाइजीन सर्वे के अनुसार 5 साल में 1 तकिए में 10% धूल जमा हो जाती है. अत: 5 साल बाद उसे जरूर बदल देना चाहिए.
  4.  पिलो कवर, चादर व बैड कवर को हर हफ्ते बदलें.
  5.  ओढ़ने वाली चादरों को भी सप्ताह में 1 बार धोएं. कंबल को भी सप्ताह में 1 बार वैक्यूम क्लीनर से साफ करें और 1 महीने बाद ड्राइक्लीन करवाएं अथवा उस पर भी कवर चढ़ा कर रखें और उसे नियमित धोएं.

बाथरूम

बाथरूम एरिया में टौयलेट सीट, वाशबेसिन, शावर, कर्टेन, शावर हैड, बालटी, मग, डोर हैंडल, फ्लश हैंडल, शीशा, स्विचबोर्ड आदि पर बैक्टीरिया बहुत ज्यादा पाए जाते हैं और सही वातावरण मिलने पर कुछ ही समय में दोगुने हो जाते हैं.

उपचार

  1.  नहाने की प्लास्टिक की बालटी, मग को प्रतिदिन थोड़े से साबुन से अवश्य साफ करें, बाद में 2 बूंदें ऐंटीसेप्टिक लोशन डाल कर रिंस करें.
  2.  नहाने के बाद बाथरूम को वाइपर से साफ करें और ऐक्जौस्ट व पंखा चला दें ताकि बाथरूम गीला न रहे.
  3.  नहाने के लिए बाथटब है तो सप्ताह में 3 बार उस का पानी हटा कर ऐंटीसेप्टिक लोशन डाल कर साफ करें.
  4.  तौलिए को प्रतिदिन गरम पानी से धोएं.
  5.  प्रतिदिन थोड़ी देर बाथरूम की खिड़कियां खुली रखें ताकि ताजा हवा व धूप की किरणें अंदर आ सकें.
  6.  जूते, चप्पलों को शू रैक में रखें, बैडरूम में न रखें.
  7.  बैडरूम में रखी अलमारियों को सप्ताह में 1 बार अवश्य साफ करें.
  8.  बच्चों के सौफ्ट टौयज को 10-15 दिन में साफ करें. उन्हें तकिए के कवर में बंद कर वाशिंग मशीन में धो लें.
  9.  सप्ताह में 3 बार फ्लश हैंडल, टौयलेट सीट, डोर हैंडल लाइट स्विच आदि को ऐंटीसैप्टिक वाइप्स से अवश्य पोंछें.
  10.  शावर हैड्स पर कीटाणु बहुत जल्दी पनपते हैं. अत: यदि कम प्रयोग में आता हो तो 2 मिनट हौट सैटिंग पर पानी के साथ चलाएं ताकि कीटाणु मर जाएं.
  11.  बाथरूम की नाली में कूड़ा पड़ा न रहने दें. नाली को साफ कर 2 कप सिरका डालें. सिरका लगभग 99% बैक्टीरिया को समाप्त कर देता है.

किचन

एरिजोना विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने किचन में बरतन साफ करने वाले स्पंज, बरतनों को पोंछने वाले कपड़े और सिंक में सब से ज्यादा कीटाणु पाए. इस के अलावा कूड़ेदान, रैफ्रीजरेटर, डिश रैक आदि पर भी. हम सोचते हैं कि हमारे बरतन साफ हैं, पोंछने वाला कपड़ा साफ है पर यह सही नहीं है. रोगाणुरहित बनना है तो किचन की भी सफाई ठीक प्रकार से होनी चाहिए.

उपचार

  1.  किचन स्लैब व गैस चूल्हे को पहले साबुन वाले स्पंज से साफ करें फिर 2 बार दूसरे कपड़े से ताकि वर्किंग स्पेस साफसुथरी रहे.
  2.  किचन सिंक को हमेशा साफ रखें. बरतन धोने से पहले व उस के बाद उसे विम पाउडर से साफ करें और काम के बाद पोंछ दें.
  3.  किचन सिंक को जर्म फ्री बनाने के लिए एकचौथाई कप सिरके में समभाग पानी मिलाएं और सिंक में फैला दें. थोड़ी देर बाद साफ करें.
  4.  बरतन पोंछने के लिए डस्टर, हाथ पोंछने के लिए तौलिए और स्लैब पोंछने के लिए नेपकिंस अलग रखें. प्रतिदिन सुबहशाम अलग धुला नैपकिन प्रयोग में लाएं.
  5.  बरतन धोने वाले स्क्रब को काम करने के बाद ऐंटीसैप्टिक लोशन से रिंस कर के सुखा लें. विप को भी ढक कर रखें.
  6.  किचन ऐक्जौस्ट फैन, कैबिनेट हैंडल, चिमनी आदि को भी सप्ताह में 1 बार अवश्य साफ करें.
  7.  फ्रिज को भी सप्ताह में 1 बार अवश्य साफ करें. इस के लिए मैडिकेटेड डिटर्जैंट का इस्तेमाल करें.
  8.  किचन की खिड़कियां व जालियों को साफ करने के लिए एकतिहाई कप सिरके में एकचौथाई कप अल्कोहल मिलाएं और मिश्रण से खिड़कियां व जालियां साफ करें.
  9.  माइक्रोवेव ओवन, आदि को भी सप्ताह में 1 बार अवश्य साफ करें.
  10.  किचन के डस्टबिन में सूखा विम पाउडर और सिरका डाल कर सप्ताह में 1 बार रगड़ें और धो कर सुखाएं. कचरा डालने से पहले उस में डस्टबिन वाला थैला अवश्य लगाएं.
  11.  किचन की नालियों को साफ रखें. उन में कूड़ाकचरा न रहने दें ताकि बैक्टीरिया न पनपें.
  12.  सब्जी काटने वाले बोर्ड की भी सफाई करें, क्योंकि सब से अधिक बैक्टीरिया यहीं पनपते हैं. वैज और नौनवैज काटने के लिए अलगअलग चौपिंग बोर्ड का इस्तेमाल करें.

अन्य सावधानियां

  1.  वाशिंग मशीन में भी बैक्टीरिया बहुत जल्दी पनपते हैं. अत: कपड़े धोने के बाद वाशर ड्रम को डिसइन्फैक्टैंट से पोंछें.
  2.  ऐसे आइटम्स जो ज्यादा प्रयोग में आते हैं जैसे रिमोट कंट्रोल, टैलीफोन रिसीवर, फ्रिज का हैंडल, मोबाइल, डोर की बैल आदि को प्रतिदिन ऐंटीबैक्टीरियल वाइप्स से पोंछें.
  3.  मोबाइल, कंप्यूटर की बोर्ड को तो दिन में 4-5 बार साफ करें.

बौडी हाइजीन

सिर्फ घर को साफसुथरा रखने से ही काम नहीं चलता स्वयं की सफाई भी आवश्यक है. शारीरिक हाइजीन में हाथों की अहम भूमिका है. यह बात कम लोग ही जानते हैं कि घरों में संक्रमण फैलाने में हाथ सब से अधिक जिम्मेदार होते हैं. उस के बाद नाखूनों की, बालों की व शरीर के अन्य अंगों की सफाई.

उपचार

बाहर से आने के तुरंत बाद, खांसनेछींकने के बाद, टौयलेट से आने के बाद, पालतू जानवर को छूने के बाद, बच्चों को खिलाने और खुद खाना खाने से पहले हाथ अवश्य धो लें.

हाथ धोने के लिए मैडिकेटेड लिक्विड सोप सब से अधिक उपयुक्त रहता है.

नहाने के पानी में कुछ बूंदें ऐंटीबैक्टीरियल लोशन अवश्य डालें.

पसीना ज्यादा आता हो तो अंडरआर्म्स की सफाई पर पूरा ध्यान दें. प्यूबिक एरिया के बालों की सफाई भी समयसमय पर करें.

नहाने के लिए अपना सोप अलग रखें. नाखूनों को समयसमय पर जरूर काटें. गंदे नाखूनों से भी अस्वस्थ होने की संभावना ज्यादा रहती है.

पर्सनल हाइजीन

  1.  हमेशा साफ कपड़े पहनें, जो सिर्फ धुले ही नहीं वरन संक्रमण रहित भी हों.
  2.  दूसरे का तौलिया, कपड़े, चश्मा, कंघा, लिपस्टिक आदि प्रयोग न करें.
  3.  मेकअप किट में भी जर्म्स पाए जाते हैं. अत: मेकअप ब्रश, पफ, आईब्रो पैंसिल आदि को भी प्रयोग में लाने से पहले ऐंटीसैप्टिक वाइप्स से पोंछ लें.
  4.  महिलाओं के पर्स के हैंडल में उतने ही जर्म्स पाए जाते हैं जितने एक टौयलेट सीट पर. यह बात हाल ही में हुए सर्वे में पता चली. अत: अपने पर्स की भी नियमित सफाई करती रहें.

Festive Season में खानपान ऐसे रखें Health का ध्यान

भारत अपनी विविधता और पूरे सालभर अलगअलग आस्थाओं तथा जातियोंधर्मों के लोगों द्वारा मनाए जाने वाले विभिन्न त्योहारों की वजह से जाना जाता है. साल में अपने त्योहारों को मनाने के लिए परिवार और दोस्त अकसर भोजन के इर्दगिर्द जमा होते हैं और साथ मिल कर खातेपीते, मौज करते हैं. ऐसा घर पर, रैस्टोरैंट में या बारबेक्यू में हो सकता है. साथ मिलजुल कर खानेपीने के बहुत फायदे हैं. सब से बड़ा फायदा तो सामाजिक मेलमिलाप है जोकि मानसिक स्वास्थ्य तथा खुशहाली के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण है.

त्योहारों के अवसर पर हम सिर्फ अच्छे और खास व्यंजनों के बारे में सोचते हैं. लेकिन त्योहार और छुट्टियों के मौसम में ही हम सभी से कई बार चूक भी हो जाती है. हम सेहतमंद खानपान के बजाय ज्यादा मात्रा में भोजन, मिठाई, प्रोसैस्ड फूड वगैरह का सेवन करते हैं यानी हमारे शरीर में कैलोरी की अधिक मात्रा पहुंचती है.

अधिक कैलोरीयुक्त भोजन का मतलब है अधिक मात्रा में फैट, शुगर, अत्यधिक कंसंट्रेटेड ड्रिंक्सतथा अधिक नमकयुक्त यानी सोडियम से भरपूर भोजन का सेवन. ऐसे में जो आम

समस्याएं सामने आती हैं, उन में प्रमुख हैं: वजन बढ़ना या पाचन संबंधी समस्याएं जैसेकि ऐसिडिटी, गैस्ट्राइटिस, कब्ज, शरीर में पानी की कमी होना आदि.

त्योहारों के बीतने के बाद वजन कम करने को ले कर बढ़ता तनाव वास्तव में ज्यादा वजन बढ़ाता है क्योंकि तनाव की वजह से भूख का एहसास बढ़ाने वाले हारमोन ज्यादा बनते हैं. इसलिए त्योहारी सीजन में कुछ सावधानियों के साथ उन खास पलों का आनंद उठाएं, आगामी त्योहारों के मद्देनजर आप के लिए कुछ आसान उपायों की जानकारी दी जा रही है.

खाली पेट रहने से बचे

दिन की सेहतमंद और संतुलित शुरुआत के लिए ब्रेकफास्ट में साबूत अनाज, लो फैट प्रोटीन तथा फलों का सेवन करें. कहीं किसी से मिलनेजुलने के लिए खाली पेट न जा कर भरे पेट जाएंगे तो फैस्टिव ट्रीट्स के नाम पर अनापशनाप खाने से बचेंगे.

अकसर होता यह है कि व्यंजनों का लुत्फ उठाने के लिए हम मील्स स्किप करते हैं और इस के चलते ओवरईटिंग हो जाती है. खाली पेट होने पर सैरोटानिन लैवल गिरता है. इसलिए जब भी हम बिना कुछ खाएपीए हुए लंबे समय तक रहते हैं तो स्ट्रैस बढ़ने लगता है और यही से बिना सोचेसमझे हुए लगातार कुछ न कुछ खाते रहने की शुरुआत होती है और हम जरूरत से ज्यादा भोजन पेट में ठूंस लेते हैं.

इसलिए ओवरईटिंग से बचने और वजन को नियंत्रण में रखने के लिए नियमित रूप से (1 बड़ा मील+2 स्नैक मील्स) खाना खाएं.

मात्रा नियंत्रित करें

जो भी खाएं उस की मात्रा का भरपूर ध्यान रखें यानी ‘पोर्शन कंट्रोल’ करें क्योंकि आप का पेट भर चुका है यह एहसास शरीर को कुछ देर से होता है. इसलिए अगर आप तब तक खाते रहेंगे जब तक कि पेट भरने का एहसास न हो जाए तो आप ओवरईटिंग करेंगे.

इसलिए जरूरी है कि एक बार में कम मात्रा में ही खाएं. धीरेधीरे खाने से आप के शरीर को यह पता चलता रहता है कि आप ने पर्याप्त मात्रा में खा लिया और आप ओवरईट नहीं करते.

सही भोजन करें

यह सब से महत्त्वपूर्ण है. सही चयन/विकल्प का चुनाव करने से आप त्योहारों की मस्ती और मजे को दोगुना कर सकते हैं क्योंकि आप अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं और जोखिम वाले कारकों से दूर रहते हैं.

अधिक फाइबरयुक्त भोजन: ऐसा भोजन चुनें जो फाइबरयुक्त हो क्योंकि फाइबरयुक्त भोजन आप को तृप्ति का एहसास दिलाता है, आप देर तक पेट भरा हुआ महसूस करते हैं और इस तरह ओवरईटिंग से बचते हैं तथा अपने भोजन की मात्रा को भी नियंत्रित रखते हैं.

साबूत अनाज पोषण से भरपूर होता है, उस में कैलोरी की मात्रा कम होती है और पैकेज्ड एवं प्रोसैस्ड फूड्स की तुलना में इस के सेवन से पेट अधिक भरा हुआ महसूस होता है. साथ ही कैलोरीयुक्त मेन कोर्स मील शुरू करने से पहले किसी हैल्दी डिश का सेवन करें और कम ऐनर्जी वाले खाद्यपदार्थों जैसेकि सलाद या वैजिटेबल सूप आदि लें.

सब्जियों में विटामिन, मिनरल्स, फाइबर और पानी की मात्रा अधिक होती है यानी इन के सेवन से आप अपने पेट को भरा हुआ महसूस करते हैं और इस तरह खुद ही अपनी प्लेट में भोजन की मात्रा को नियंत्रित रखते हैं.

हर मील में प्रोटीन लें. प्रोटीन न सिर्फ शरीर के विभिन्न ऊतकों की बढ़त के लिए महत्त्वपूर्ण होते हैं, बल्कि लीन बौडी मास (एलबीएम) के लिए भी फायदेमंद होते हैं.

हाल के अध्ययनों से यह स्पष्ट हो गया है कि मील्स के बीच फिलर्स के तौर पर सही मात्रा में प्रोटीन के पर्याप्त सेवन से ब्लड शुगर लैवल में उतारचढ़ाव को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है. इसलिए मेवे और बीजों का सेवन करने से खाने के बीच हैल्दी स्नैकिंग का विकल्प मिलता है.

फू्रटी डैजर्ट: खाने के बाद मीठा (डैजर्ट) खाने की तलब स्वाभाविक है और यह भोजन को पूरा करने खासतौर से त्योहारी सीजन में बेहतरीन तरीका भी है. लेकिन चीनी और मैदे से बने डैजर्ट स्वास्थ्य केलिए अच्छे नहीं होते. इसलिए साबूत अनाज के आटे जैसेकि गेहूं और गुड़ (सीमित मात्रा में) का प्रयोग सेहतमंद विकल्प है. इसी तरह फल आधारित डैजर्ट जैसेकि फ्रूट योगर्ट शरबत पेट के लिए हलके होते हैं और सच तो यह है कि चाशनी में डूबे रसगुल्लों और जलेबियों जैसे तले हुए डैजर्ट की तुलना में ये काफी सेहतमंद भी होते हैं.

चांदी का वर्क लगी मिठाई खाने से बचें क्योंकि इस में ऐल्युमीनियम की मिलावट होती है जोकि सेहत के लिए अच्छी नहीं है. इसी तरह कृत्रिम रंगों के इस्तेमाल से बनी मिठाई खाने से भी बचना चाहिए. इन की जगह विभिन्न फू्रट आइटम्स के प्राकृतिक और स्वस्थ  रंगों के इस्तेमाल से बनी मिठाई का प्रयोग करें.

ऐसी गलती न करें: हम सभी एक बड़ी गलती यह करते हैं कि तलने के बाद बच गए तेल को दोबारा इस्तेमाल करते हैं. इस प्रकार तेल को दोबारा इस्तेमाल करने से फ्री रैडिकल्स बनते हैं जो शरीर की रक्तवाहिकाओं को अवरुद्ध करने के साथसाथ ऐसिडिटी का कारण भी बनते हैं. हो सके तो चीजों को तलने से बचना चाहिए और इन के बजाय स्नैक्स तथा मील्स के लिए स्टीमिंग, ग्रिलिंग, रोस्टिंग आदि को अपनाना सेहतमंद विकल्प है.

शरीर में पानी का पर्याप्त स्तर

कैलोरी को सीमित करने का एक आसान उपाय है- कैलोरी पीएं नहीं यानी सौफ्ट ड्रिंक्स पीने के बजाय पानी पीएं जिस से आप का पेट भर जाएगा और शरीर में फालतू कैलोरी भी नहीं जाएगी. इसलिए जूस की बोतल, सोडा/ऐरेटेड ड्रिंक्स या अलकोहलिक ड्रिंक लेने की बजाय पानी का सेवन करना अच्छा विकल्प है. ऐसा कर आप न सिर्फ कैलोरी की मात्रा नियंत्रित रखते हैं बल्कि अपने शरीर को प्राकृतिक रूप से हाइड्रेट भी रखते हैं. इस से भूख पर नियंत्रण आसान होता है.

खेलकूद या व्यायाम से शरीर को अधिक ऊर्जावान बनाया जा सकता है. गैस्ट्राइटिस से बचाव होता है, साथ ही कब्ज की शिकायत भी नहीं होती क्योंकि सभी प्रकार के ऐरेटेड ड्रिंक्स/ जूस ऐसिडिक होते हैं. इसी तरह नैचुरल ड्रिंक्स जैसेकि स्मूदी/ लस्सी/ मिल्कशेक (लो फैट, अतिरिक्त शुगर रहित), शिकंजी (चीनी रहित) आदि त्योहारों के मौसम में अच्छे विकल्प होते हैं.

शारीरिक गतिविधि

वजन को नियंत्रित करने के लिए डाइट कंट्रोल के साथसाथ शारीरिक व्यायाम करना महत्त्वपूर्ण होता है. इस से तनाव घटता है और उस का सीधा या परोक्ष असर आप की खानपान की आदतों पर पड़ता है. व्यायाम करने से ऐंडोमार्फिंस को बढ़ावा मिलता है जो आप को हर दिन सकारात्मक और ऊर्जावान बने रहने में मदद करते हैं.

साथ ही नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियां आप के मसल एनाबौलिज्म के लिए भी महत्त्वपूर्ण हैं जिस से मसल लौस से बचाव होता है. अच्छी सेहत के लिए सप्ताह में 5-6 दिन 30-45 मिनट तक शारीरिक व्यायाम करने की सलाह दी जाती है.

हम सभी को त्योहारों के उल्लास का हिस्सा बनना और समाज में खुशहाली बढ़ाने का कारण बनना अच्छा लगता है. खानपान जीवन के उत्सव का अहम हिस्सा है.

अच्छा भोजन अच्छी सेहत को बढ़ावा देता है, इसलिए समझदारी से भोजन कर सेहतमंद रहें.

Diwali 2021: झटपट बनाएं ये मिठाईयां

त्यौहार मिठाइयों के बिना अधूरा सा होता है. त्यौहार पर बाजार में मिलने वाली मिठाइयों में बहुत अधिक मिलावट होने का अंदेशा होता है. तो क्यों न इस बार आप घर पर ही कुछ मिठाईयां बनाएं वह भी घर में उपलब्ध वस्तुओं से ही. घर पर बनी मिठाईयां शुद्ध तो होतीं ही हैं साथ ही बाजार की मिठाइयों की अपेक्षा सस्ती भी पड़तीं हैं. आज हम आपको सूजी, बेसन और मूंगफली से बनाई जाने वाली बर्फी बनाना बता रहे हैं जिन्हें बनाना भी बहुत आसान है तो आइए देखते हैं कि इन्हें कैसे बनाते हैं-

-सूजी की बर्फी

कितने लोगों के लिए         6

बनने में लगने वाला समय   30 मिनट

मील टाइप                        वेज

सामग्री

सूजी                      1 कप

मिल्क पाउडर           1 कप

फुल क्रीम दूध             2 कप

शकर                        1 कप

इलायची पाउडर         1/2 टीस्पून

पानी                        1/2 कप

नारियल बुरादा            1 कप

नारियल लच्छा            1/4 कप

घी                              1 कप

बारीक कटे मेवा             1/2 कप

विधि

घी में से 2 चम्मच घी अलग करके शेष को एक पैन में डाल दें. जब घी गरम हो जाये तो सूजी डालकर धीमी आंच पर सुनहरा होने तक भूनें. जब सूजी लगभग भुनने को हो तो मेवा भी सूजी के साथ ही भून लें. अब इसमें नारियल बुरादा और मिल्क पाउडर डालकर 2 मिनट तक भूनें और गैस को बंद कर दें. अब एक दूसरे पैन में पानी में शकर डाल दें. जब शकर पिघल जाए तो इसमें दूध डालकर एक दो उबाल लें लें. अब इस शकर की चाशनी को भुनी सूजी में मिलाएं. बचा 2 चम्मच घी और इलायची पाउडर डालकर गैस पर रखें. सूजी को तब तक चलाते हुए मद्धिम आंच पर भूनें जब तक कि मिश्रण पैन के किनारे छोड़कर बीच में इकट्ठा न हो जाये. तैयार मिश्रण को चिकनाई लगी थाली या ट्रे में जमाएं. आधे घण्टे के लिए फ्रिज में सेट होने दें. आधे घण्टे बाद मनचाहे आकार में काटकर सर्व करें.

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-बेसन मलाई बर्फी

कितने लोंगों के लिए        6

बनने में लगने वाला समय    30 मिनट

मील टाइप                       वेज

सामग्री

बेसन                         1 कप

ताजी मलाई                1 कप

पिसी शकर                1 कप

इलायची पाउडर         1 टीस्पून

घी                            1 टेबलस्पून

विधि

1 टीस्पून घी में कटी मेवा को हल्का सा भूनकर एक प्लेट में निकाल लें. अब इसी घी में बेसन और मलाई डालकर धीमी आंच पर सुनहरा होने तक भूनें. भुने बेसन में पिसी शकर डालकर शकर के घुलने तक लगातार चलाते हुए पकाएं. इलायची पाउडर और  कटी मेवा डालकर तब तक पकाएं जब तक कि मिश्रण गाढ़ा होकर पैन के किनारे न छोड़ दें. चिकनाई लगी ट्रे में जमाएं. ठंडा होने पर चौकोर टुकड़ों में काटकर सर्व करें.

-पीनट बर्फी

कितने लोगों के लिए         8

बनने में लगने वाला समय    30 मिनट

मील टाइप                        वेज

सामग्री

मूंगफली दाना                  1 कप

काजू                               1 कप

पिसी शकर                        डेढ़ कप

इलायची पाउडर             1/4 टीस्पून

घी                                   1 टेबलस्पून

सिल्वर फॉयल                   सजाने के लिए

विधि

मूंगफली दाना को धीमी आंच पर भूनकर ठंडा होने पर छिल्का अलग कर दें. अब काजू और मूंगफली को मिक्सी में पाउडर फॉर्म में पीस लें. एक पैन में घी गर्म करके पिसी मूंगफली, पिसे काजू, इलायची पाउडर और पिसी शकर डालकर अच्छी तरह चलाएं. जब मिश्रण बीच में इकट्ठा सा होने लगे तो चिकनाई लगी ट्रे में जमाएं. ऊपर से सिल्वर फॉयल चिपकाएं. ठंडा होने पर चौकोर टुकड़ों में काटकर एयरटाइट जार में भरकर रखें.

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Diwali में क्यों छोटे पर्दे के सेलेब्स एन्जॉय करने के साथ, कर रहे है चिंता, पढ़ें इंटरव्यू

दीपावली की त्यौहार, रौशनी के साथ-साथ खुशिया, साफ़-सफाई, रिश्तेदारों से मिलना आदि  सब कुछ लेकर आती है. पिछले साल कोविड 19 की वजह से इस त्यौहार को सभी ने अपने घरों में मनाया और वर्चुअल लिंक के ज़रिये अपने परिवार और दोस्तों के लिए सन्देश भेजे थे,पर इस बार कोविड की वैक्सीन लग जाने से कोरोना संक्रमण में थोड़ी कमी आई है और सभी इस बार दीपावली को मनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है,लेकिन इन खुशियों में अगर किसी को भी किसी प्रकार का दुःख मिले, तो उसे अवॉयड करना बहुत जरुरी है. खासकर पटाखे फोड़ने से पर्यावरण काप्रदुषण तो बढ़ता ही है, जानवर और पक्षी भी परेशान हो जाते है. इसलिए बहुत जरुरी है, खुद की ख़ुशी में दूसरों की ख़ुशी को नज़रअंदाज न करना, ताकि आपके साथ-साथ वे भी खुश रह सके. इस बार छोटे पर्दे की सेलेब्रिटी ने दीपावली की खुशियों को गृहशोभा के लिए खास बांटा है, आइये जाने उनकी खट्टी मीठी बातें, उनकी जुबानी.

सुलगना पाणिग्रही

 

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धारावाहिक ‘विद्रोही’ में लीड रोल ‘राधामणि जगबंधु महापात्रा’के नाम से अभिनय करने वाली सुलगना पाणिग्रही कहती है कि इस बार मेरी शादी के बाद पहली दिपावली है, इसलिए ये मेरे लिए बहुत खास है,मैं बहुत खुश हूँ, क्योंकि मेरी माँ मेरे घर इस दीपावली पर आने वाली है. हर साल की तरह घर की सफाई, सजावट, कुछ स्वादिष्ट मिठाइयाँ बनाना और दोस्तों के साथ एन्जॉय करने वाली हूँ. मुझे ये त्यौहार बहुत पसंद है, क्योंकि पूरा देश इस दिन लाइट और दिए से जगमगा उठता है. बचपन की दीपावली मेरे लिए बहुत अलग होती थी, उस दिन मैं बहुत सारे पटाखे जलाती थी, जिसमें चक्री, अनार, फुलझड़ी आदि से डर भी लगता था और मज़ा भी खूब आता था. इसके अलावा दीपावली पर सबके घर मिलने जाना, कुछ स्पेशल डिशेज खाना,सभी में बहुत अच्छा लगता था. अब तो मैं बिलकुल भी पटाखे नहीं जलाती. ये सही है कि हमारे देश के सभी त्यौहार बहुत ही अलग और सुंदर है. मुझे याद है कि बचपन में मैं दीपावली पर पहले लाइट लगाने वाले घर को खोजती थी और ये एक अलग उत्साह होती थी. असल में दीपावली खुशियाँ और प्यार बाटने का त्यौहार है, सभी को इसे मिलजुलकर एन्जॉय करना है, लेकिन पटाखे मैं नहीं फोड़ना चाहती, ताकि हमारे साथ रहने वाले पशु परेशान न हो और प्रदूषण न फैले.

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रूपल पटेल

शगुन फेम रूपल पटेल कहती है कि इस साल भी हर साल की तरह साफ-सफाई, रौशनी से घर को सजाना, अच्छी-अच्छी पकवान बनाना आदि करने वाली हूँ. बचपन की हर दिवाली को मैं मिस करती हूँ, क्योंकि बचपन की दीपावली बेफिक्र की थी,जिसमें कोई महाराष्ट्रियन, कोई गुजराती, पंजाबी सभी तरह के लोगों से मिलना, उनके घर जाकर मिठाई मांगकर हक़ से खाना, खेलना सब बहुत ही अच्छा लगता था. उसे अब मैं बहुत मिस करती हूँ. दिवाली की केवल एक बात मुझे पसंद नहीं है, वह है पटाखे जला कर एयर पोल्यूशन, नॉइज़ पोल्यूशन को फैलाना. ये बच्चे और बुजुर्गो की सेहत के लिए ठीक नहीं होता. इसके अलावा परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए भी सही नहीं होता. इससे बचने की जरुरत है. दीपावली दिए जलाने का सुंदर पर्व है, इसे सबके साथ मिलकर मनाये.

ईशा कंसारा

 

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‘जिंदगी मेरे घर आना’ धारावाहिक की यंग और लीड अभिनेत्री ईशा कंसारा कहती है कि इस बार मेरे शो की शूटिंग चल रही है. मुझे नहीं लगता है कि इस बार की दीपावली को मनाने के लिए अधिक छुट्टियाँ मिलेगी, लेकिन जितना भी मिले, मैं अहमदाबाद जाकर परिवार के साथ इसे मनाने की कोशिश कर रही हूँ, लेकिन फ्लाइट में टिकट का मिलना भी अब मुश्किल हो रहा है. किसी करणवश अगर मैं नहीं जा सकी, तो मुंबई में अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ दिपावली मनाउंगी. बचपन की दिवाली मेरे लिए हमेशा खास रही है. एक ट्रेडिशन के अनुसार हर साल दीपावली पर मेरे पिता दुकान के कर्मचारी को बोनस देने के साथ-साथ हमें भी बोनस देते थे, जो मैं बहुत अब मिस करती हूँ. मेरे लिए ये बोनस टोकन ऑफ़ लव हुआ करती थी. परिवार के बच्चे और बड़े सभी इसे मनाते थे. मुझे फायर क्रेकर्स एकदम पसंद नहीं. ये खतरनाक होने के साथ-साथ पोल्यूशन भी फैलाते है. पटाखे के अलावा मुझ दिपावली की सबकुछ पसंद है.

परिधि शर्मा

 

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टैलेंटेड एक्ट्रेस परिधि शर्मा, जो ‘चीकू की मम्मी दूर की’ में मुख्य भूमिका निभा रही है उनका कहना है कि इस बार भी मैं दीपावली अपने परिवार के साथ मनाने वाली हूँ. मुझे मुंबई में रहते हुए 11 साल बीत चुके है और हमेशा मैंने इंदौर में दीपावली मनाई है, पर इस साल मैं मुंबई में इस पर्व को मनाने वाली हूँ. मुंबई की पहली दीपावली होने की वजह से थोड़ी खास है. बचपन की दीपावली की बात करें, तो उस दिन तरह-तरह के व्यंजन बनते थे, जिसमे शकरपारा, चकली, नमकीन पारे आदि बनाने के बाद माँ उन्हें आस-पड़ोस में भेजने के लिए थाली सजाकर मुझे 10 से 15 घरों में दे आने के लिए कहा करती थी. मिठाइयाँ देने के बाद मैं उन लोगों के घर से मिठाइयाँ आने की प्रतीक्षा करती थी और वह बहुत ही प्यारा सा एहसास मेरे लिए है. अब ये सब सीमित हो गए है. कुछ एक घर से ही जुड़ाव रह गया है. मैं उस समय को बहुत मिस करती हूँ. पटाखे के अलावा मुझे सब अच्छा लगता है. पटाखे भी छोटी-छोटी जलाई है,जिसमें तितलियाँ, अनार, फुलझड़ी, चक्री आदि छोटे पटाखे मुझे पसंद है. शोर करने वाले पटाखे बेहूदा लगते है, क्योंकि अब हमारे पशु – पक्षी को भी इस आवाज से डर कर हार्टफेल ओ जाता है. धूल और धुआं से पर्यावरण दूषित हो जाता है. इसके लिए हम सभी को अधिक जागरूक होने की जरुरत है.

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