Relationship : अपनों की जासूसी रिश्ते को न ले डूबे

Relationship : संजना मल्टीनैशनल कंपनी में मैनेजर है. काम के सिलसिले में अकसर बाहर जाती रहती है. कई बार विदेश भी जाना पड़ता है. चूंकि वह बला की खूबसूरत है इसलिए अकसर उस के पति विरेन को उस पर शक रहता है कि कहीं वह काम के बहाने कहीं और तो नहीं जाती. जब भी उसे बाहर जाना होता है विरेन कोई न कोई बहाना बना कर उसे रोकने की कोशिश करता है. लिहाजा, संजना को मानसिक परेशानी होती है. वह कितनी बार पति की साजिशों का शिकार हो चुकी है.

एक बार तो हद ही हो गई. जब संजना औफिस के काम से मुंबई जा रही थी तो विरेन ने अपनी छोटी बहन को उस के साथ लगा दिया. संजना ने कहा भी कि वह अपने काम से जा रही है. घूमना है तो फिर कभी पूरी फैमिली साथ चलेगी. लेकिन विरेन ने बहाना बनाया कि उसे तो काम से फुरसत नहीं मिलती. वह अपनेआप घूम लेगी. बस तुम साथ ले जाओ. विरेन का यह खयाल था कि कम से कम होटल में तो दोनों इकट्ठी रहेंगी.

संजना को कुछ सम झ नहीं आया कि विरेन उस के साथ ऐसा क्यों कर रहा है.

सबकुछ बिगड़ चुका था एक दिन रात को विरेन ने संजना से कहा कि उस का फोन नहीं चल रहा है, किसी क्लाइंट को जरूरी फोन करना है वह अपना फोन उसे दे दे. संजना को हैरानी तो हुई क्योंकि विरेन के पास 2-2 फोन है, फिर वह उस का फोन क्यों मांग रहा. उस ने पूछा तो विरेन ने कहा कि दोनों फोन में कुछ प्रौबल्म आ गई है. उस ने फोन दे दिया.

संजना को जल्दी उठना होता था. सुबह 7 बजे का उस का औफिस था. इसलिए वह अपना फोन विरेन को देकर सो गई. पति ने उस के सारे मैसेज चैक किए, वाट्सऐप से ले कर ईमेल और सोशल मीडिया तक. संजना को इस बात का पता तब चला जब उस की एक दोस्त ने बताया कि वह रात के 12 बजे तक औनलाइन थी, फिर भी उस के मैसेज का जवाब नहीं दिया.

फिर एक दिन उस दोस्त से मुलाकात हुई तो उस ने फिर से उसे मैसेज का जवाब न देने का उलाहना दिया. तब संजना ने गहराई से सोचा तो उसे याद आया कि उस दिन उस के पति विरेन ने अपने किसी क्लाइंट को फोन करने के लिए उस से फोन लिया था.

ऐसे कई किस्से संजना के साथ हो चुके थे. चूंकि संजना अपने काम से काम रखती थी. उस का कोई खास सोशल सर्कल भी नहीं था इसलिए विरेन को कभी भी उस के फोन से कुछ नहीं मिला, इसलिए उस ने संजना को कभी पता नहीं चलने दिया कि वह उस की जासूसी करता है.

इस का नतीजा यह हुआ कि कुछ ही महीनों में संजना पति से अलग रहने लगी. जब पति को एहसास हुआ तब तक सबकुछ बिगड़ चुका था.

आखिर अपनों की ही जासूसी क्यों

शादी का रिश्ता भरोसे पर टिका होता है. अगर एक बार विश्वास खत्म हो जाए तो फिर से उसे कायम करना बेहद मुश्किल है. पहले तो लोग जीवनसाथी पर केवल शक करते थे लेकिन अब जासूसी भी करने लगे हैं. स्मार्टफोन का यूज कर के लोग आसानी से अपने पार्टनर की जासूसी कर लेते हैं. उन को लगता है कि पार्टनर पर नजर रखने का सब से अच्छा तरीका है, सोशल मीडिया पर पार्टनर को फौलो करना लेकिन क्या इस तरह से जासूसी करना सही है?

डिटैक्टिव गुरु के फाउंडर और सीईओ राहुल राय गुप्ता का कहना है, ‘‘बिना किसी ठोस वजह के पार्टनर की जासूसी करना बेहद गलत है. आजकल लोगों के ट्रस्ट इशूज बढ़ते जा रहे हैं खासकर पतिपत्नी के बीच. इसलिए लोग पार्टनर की जासूसी करते हैं. वे जासूसी करने के कई तरीके अपनाते हैं जो अकसर फेल साबित हो जाते हैं. इस से उन का रिश्ता खराब हो सकता है. जासूसी की वजह से दोनों के बीच कड़वाहट पैदा होती है. फिर दूसरा पार्टनर जासूसी करने वाले पार्टनर पर शक करने लगता है. उस के हर मूव को उसी नजरिए से देखता है कि वह उस की जासूसी कर रहा है. उस के बाद रिश्ते में कुछ खास बचता नहीं है. बेहतर है कि दोनों एकदूसरे को सम झने की कोशिश करें. एकदूसरे को स्पेस दें.’’

यह बात तो सही है कि एक न एक दिन पार्टनर को पता चल ही जाएगा कि आप उस की जासूसी कर रहे हैं तो दरार आना स्वाभाविक है.

आदतों पर गौर करना है जरूरी

अमित की शादी हुए 5 साल हो गए हैं. लेकिन उस की पत्नी रीना को अभी तक नहीं पता कि अमित कितना कमाता है. कब उसे छुट्टी होती है क्योंकि कई बार वह घर से काम करता है. उसे कहीं बाहर जाना होता है तो भी वह ऐन वक्त पर रीना को बताता है. ऐसा नहीं है कि दोनों के बीच प्यार नहीं है या अमित कुछ गलत कर रहा है.

रीना को लगा कि अमित उसे धोखा दे रहा है. वह सोचती कि ऐसा कौन करता है. इस की कोई तो वजह होगी?

लेकिन वजह सचमुच ही कोई नहीं है. बस यह अमित की आदत में शुमार है. ऐसे कई लोग होते हैं जो अमित की तरह गलत न होते हुए भी दूसरों की नजरों में गलत बन जाते हैं. पति या पत्नी में से कोई एक ऐसा करता है तो दूसरे को लगता है कि पता लगाना चाहिए कि आखिर माजरा क्या है. जासूसी करतेकरते कब उन को इस की लत लग जाती है, पता ही नहीं चलता. कभी कुछ नहीं मिलता तो भी जासूसी चलती रहती है और एक दिन ऐसा आता है कि दूसरे को पता चल जाता है.

उस के अहं को चोट पहुंचती है और रिश्ता खत्म होने की कगार पर आ जाता है. ऐसी स्थिति में बहुत कम लोग होते हैं जो अपने रिश्ते को संभाल पाते हैं. इसलिए जरूरी है कि ऐसी चीजें न करें, जिन से पार्टनर को लगे कि आप कुछ गलत कर रहे हैं.

चलो दिल खोल कर बातें करते हैं

एकाध मामला ही ऐसा होता है यहां लोग फिल्मों से प्रभावित हो कर या फिर सुनीसुनाई बातों पर पार्टनर की जासूसी करने लगते हैं. ज्यादातर केसेज में जासूसी करने की नौबत तभी आती है जब उस के पीछे कुछ होता है या फिर कुछ गड़बड़ लगती है.

इस का बहुत ही आसान सा हल है कि दोनों एकदूसरे से खुल कर बात करें. दिन में कोई भी वक्त ऐसा निकालें, जब यों ही बस बातें करते रहें. अपना रूटीन एकदूसरे से शेयर करें. इस से गड़बड़ी की आशंका खत्म हो जाती है.

कहीं जाएं तो वहां से आ कर खामोश रहने के बजाय पार्टनर को वहां की बातें बताएं. कहने का यह मतलब हरगिज नहीं है कि आप अपने हर पल की डिटेल पार्टनर को दें लेकिन अगर बता भी देंगे तो कुछ नहीं बिगड़ेगा.

अगर पार्टनर से औफिस के बारे में, दोस्तों के साथ अपनी मुलाकातों के बारे में खुल कर बात करेंगे तो जासूसी करने की गुंजाइश नहीं बचेगी और आप का रिश्ता हमेशा महकता रहेगा.

Relationship : बौयफ्रैंड करे जब पति सा व्यवहार

Relationship : एक दिलचस्प वाकेआ याद आ रहा है. मैं उस वक्त एक न्यूज पेपर औफिस में जर्नलिस्ट थी और फीचर सैक्शन का काम देखती थी. वहां काम करने वाली नीरजा के साथ धीरेधीरे मेरी दोस्ती हो गई और मैं उस के सुखदुख की साथी भी बन गई.

नीरजा का एक बौयफ्रैंड था जो एक बड़ी प्राइवेट कंपनी में सैक्शन हैड था. ठीक है, थोड़ा गुरूर और रुतबे में रहता था लेकिन नीरजा को उस के प्यार में कोई कमी नहीं दिखती थी. सुयश उसी शहर का था जहां नीरजा नौकरी करती थी लेकिन नीरजा पास के शहर से यहां आ कर किराए के फ्लैट में रहती थी. दोनों की उम्र 27-28 के आसपास होगी.

औफिस के बाद कभीकभी मैं यों ही मन बहलाने के लिए नीरजा के साथ उस के फ्लैट जाया करती थी. कुछ देर बैठ गपशप करती. इस समय औफिस के बाद सुयश आ जाता और देर रात तक रुकता या कभीकभी पूरी रात भी रुकता. हम लोग चूंकि पहले ही पहुंच कर कौफी और गपशप का आनंद उठा चुके होते तो सुयश के आने के बाद मैं कुछ ही मिनटों में रवाना हो जाती.

उस दिन आते ही सुयश मेरे सामने ही नीरजा पर बरस पड़ा कि फील्ड वर्क में तुम्हारे साथ शैलेश क्यों था? अपनी गाड़ी में तुम अकेली क्यों नहीं गई? उस के साथ पीछे बैठ कर जाने में बहुत मजा आ रहा था क्या?

मैं तो हैरान थी. मुझे उठ कर जाने का मौका भी नहीं मिल रहा था, फिर सहेली के लिए मैं चिंता में पड़ गई कि यह कैसा लड़का है, प्रेमिका का अपना भी एक वजूद और व्यक्तित्व है, नौकरी करते हुए फील्ड वर्क में किसी के साथ जाने की जरूरत हो सकती है.

नीरजा शांत हो कर उसे सम झाने की जितनी कोशिश कर रही थी, सुयश उतना ही उत्तेजित हो रहा था. अंतत: उस ने नीरजा को इस बहाने एक थप्पड़ जड़ दिया कि वह उस के साथ जबान लड़ा रही है.

मैं ने उन दोनों के बीच कुछ कहा नहीं और नीरजा को इशारा कर निकल आई. दूसरे दिन जब मैं ने नीरजा से इस बारे में बात की तो उस के अंदर का दर्द फूट कर बाहर आ गया यानी इस रिश्ते के पहाड़ के नीचे ज्वालामुखी बड़े दिनों से तैयार हो रहा था. पता चला सुयश उसे आए दिन किसी न किसी बात को ले कर टोकता रहता है. उस ने अपने फ्लैट में अपने ही पैसे से फ्रिज लिया, सुयश ने उस की कलर चौइस को ले कर 4 बातें सुना दीं. कहांकहां नीरजा ने अपने रुपए इन्वैस्ट किए हैं, उस की सारी खबर सुयश को चाहिए होती है. घर वालों को क्याक्या उस ने खरीद कर दिया इस की पूरी जानकारी लेने के बाद नीरजा को इतना खर्च करने के लिए फटकारता है.

हां, जब शारीरिक संबंध बनाने की उस की इच्छा होती तब बड़े प्यार से फुसलाता कि वह अपनी गर्लफ्रैंड को इतना प्यार करता है कि उस के भलेबुरे का बिना सोचे वह रह ही नहीं पाता. बड़ी बात नीरजा को उस का यह व्यवहार पसंद न आने के बावजूद वह यह भ्रम पाले थी कि यह सुयश के उस के प्रति प्यार की अभिव्यक्ति है. क्या वास्तव में ऐसा था?

ट्यूलिप के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था. वह और उस का बौयफ्रैंड दोनों उस समय साथ अपनेअपने घर से दूर दूसरे शहर में एमबीए कर रहे थे. इस बार ट्यूलिप को जन्मदिन पर उस के घर वाले घर बुला रहे थे. उस ने तब तक अपने इस रिश्ते के बारे में घर पर नहीं बताया था. उसे थोड़ा समय चाहिए था. ट्यूलिप के बौयफ्रैंड ने शर्त लगा दी कि उसे छोड़ वह अगर अपने घर चली गई तो वह इसे ब्रेकअप मान लेगा. बर्थडे यानी इस पर सिर्फ उस के बौयफ्रैंड का अधिकार है. ट्यूलिप कशमकश में पड़ गई. उस ने घर जाना टाल तो दिया लेकिन आगे भी यही होता रहा. कब तक  झेलती. बौयफ्रैंड की इस जबरदस्ती की आदत के कारण आखिर ट्यूलिप को इस रिश्ते से पीछे हटना पड़ा.

उधर नीरजा को उस के इस हाल में छोड़ना मुनासिब नहीं था और उसे सही दिशा की जरूरत थी. इधर ट्यूलिप जैसी लड़कियों के लिए भी कुछ पौइंट्स थे जिन से इन जैसी लड़कियों को अपनी जिंदगी का फैसला सही तरीके से लेने में आसानी हो.

यद्यपि भारतीय समाज का पति अकसर या ज्यादातर पत्नी को अपनी मिल्कियत समझता है और हर वक्त पत्नी को कंट्रोल में रखने की कोशिश करता है. मगर यह भी सच है कि भारतीय समाज में परिवार के मुखिया के रूप में पति की अहम भूमिका होती है और कानूनी और सामाजिक रूप से पति को अधिकारों के साथसाथ कुछ कर्तव्यों का भी निर्वाह करना होता है. कहा जाए तो पतिपत्नी के अधिकार और कर्तव्यों के सुनियोजित उपयोग से इन का रिश्ता जन्मभर बना रहता है.

लेकिन बौयफ्रैंड का रिश्ता और अधिकार तब तक ही होता है जब तक प्रेमिका उस के भाव और प्रभाव को माने. सामाजिक, कानूनी और पारिवारिक तौर पर बौयफ्रैंड को वे अधिकार नहीं होते कि वह अपनी गर्लफ्रैंड की स्वतंत्रता नष्ट करे या अनाधिकार उस के अधिकार क्षेत्र में प्रवेश करे.

जब बौयफ्रैंड दोस्त सा न रहे: एक दोस्त को उस की दोस्ती का अधिकार सामने वाले की स्वतंत्रता का सम्मान बनाए रखने पर ही मिलता है. अगर बौयफ्रैंड अपनी गर्लफ्रैंड पर अपने विचार और पसंद थोपता है अथवा अपनी उस की इच्छा का सम्मान नहीं करता अथवा रूढि़वादी सोच से उसे आंकता है तो यह बौयफ्रैंड कभी रिश्ता सही नहीं निभा पाएगा.

जब प्रेमी बातबात पर प्रेमिका को गलत कहे या सुधारे: जो चीजें एक लड़के को गलत लग रही हैं, कभीकभी एक लड़की की परिस्थितियों में वह सही हो सकती हैं. पति की तरह अगर बौयफ्रैंड अपनी फ्रैंडको बातबात पर गलत ठहराने और सुधारने की कोशिश करे तो रिश्ता आगे नहीं टिकेगा क्योंकि लड़की जैसी है उसे वैसा ही स्वीकार नहीं पा रहा बौयफ्रैंड.

प्रेमिका के घर वालों से हो परेशानी: जब बौयफ्रैंड खुद का प्रेमिका पर ज्यादा हक जताता है और वह लगभग खुद को उस का पति ही समझ लेता है तो प्रेमिका के घर वालों के मामले में भी प्रेमिका को नसीहत देने लगता है या उन से कुछ ईर्ष्याग्रस्त हो जाता है. ऐसे बौयफ्रैंड से भी तोबा करें जो प्रेमिका का फायदा भी उठाता है और उस के घर वालों से बैर भी रखना नहीं छोड़ता.

प्रेमिका के पैसों पर हक जताए: प्रेमिका के पिता की संपत्ति हो या उस की खुद की अर्जित संपत्ति अपनेपन के बहाने अगर बौयफ्रैंड उस की संपत्ति और डिपोजिट के बारे में जानकारी रखना अपना हक समझे या बिन मांगे कोई आर्थिक सलाह दे और उसे मानने को मजबूर करे तो बौयफ्रैंड के तौर पर उस का यह अपने दायरे का उल्लंघन माना जाएगा. प्रेमिका को अपने रिश्ते को ले कर सचेत हो जाना चाहिए.

प्रेमिका के खर्च पर कंट्रोल: शादी के बाद जब परिवार की प्लानिंग और बजट की बात आती है तब पति अगर पत्नी के अनुचित खर्चे पर रोकटोक करे तो यह सर्वथा मान्य है लेकिन बौयफ्रैंड जिस की अभी अगर प्रेमिका से शादी की बात काफी दूर है और तब भी वह उस के खुद के पैसे के खर्च को ले कर हमेशा रोकटोक करे या प्रेमिका को पैसे और खर्च के बारे में पूछताछ कर के उस पर अपना कंट्रोल बनाना चाहे तो यह पूरी तरह अमान्य है और ऐसे लड़के लालची भी हो सकते हैं, जिन्हें प्रेमिका के पैसों में हो सकता है ज्यादा रुचि हो.

प्रेमिका के रंगरूप और साजसज्जा पर नैगेटिव कमैंट: यह तो सही है कि प्रेमिका किस तरह और ज्यादा खूबसूरत लग सकती है या उस पर क्या ज्यादा मैच करता है यह बौयफ्रैंड बता ही सकता है और ऐसा बताने पर प्रेमिका के साथ उस का अपनापन बढ़ता ही है लेकिन यहां बात हो रही है नैगेटिव कमैंट की. यानी प्रेमिका के रंगरूप या साजसज्जा पर ऐसा मंतव्य करना जिस से प्रेमिका का दिल दुखे और वह खुद को छोटा महसूस करे. मसलन, अरे तुम में ड्रैस सैंस ही नहीं है. तुम आजकल ज्यादा मोटी लग रही हो? इतना मेकअप क्यों थोपती हो? किसी लड़की का उदाहरण दे कर कहना कि उस लड़की को देखो कितनी अच्छी लगती है, खुद को कितना अच्छा मैंटेन करती है आदि इस तरह कहने वाला बौयफ्रैंड प्रेमिका के साथ अपनापन महसूस नहीं करता बल्कि उसे अपने भोग की चीज सम झता है और कोई कमी महसूस होने पर उसे नीचा दिखाने में कसर नहीं छोड़ता. ऐसा बौयफ्रैंड आगे चल कर चीट भी कर सकता है. अत: सावधान होने की जरूरत है.

प्रेमिका को उस के नएपुराने दोस्तों से दूर करे: यदि बौयफ्रैंड अपनी प्रेमिका को उस के दोस्तों से कट कर सिर्फ उसके साथ ही रिश्ता रखने को बाध्य करता है या लड़की का उस के दूसरे परिचित लड़कों के साथ सामान्य बातचीत रखने पर भी वह खफा होता है तो बौयफ्रैंड के साथ लड़की का रिश्ता ज्यादा स्वस्थ नहीं माना जाएगा.

शारीरिक संबंध बनाने पर जोर: यदि लड़कालड़की दोनों बालिग हैं और लड़की की भी इच्छा है कि शारीरिक संबंध बने तो लड़की अपने रिस्क पर यह चयन करती है लेकिन शादी होने तक अगर प्रेमिका शारीरिक संबंध से बचना चाहती है और तब यदि प्रेमी यह कह कर दबाव बनाए कि अगर शारीरिक संबंध नहीं बना तो बौयफ्रैंड लड़की से शादी नहीं करेगा या रिश्ता नहीं रखेगा तो यह बहुत बड़ा रैड फ्लैग है. इस रिश्ते पर फिर से विचार करने की दरकार होगी.

घर वालों की सेवा या खुशामद में लगाए: थोड़ाबहुत मेलजोल या प्रेमिका को अपने घर वालों के स्वभाव के बारे में बताना तक सही है लेकिन प्रेमिका की व्यस्तता के बावजूद शादी से पहले प्रेमिका को अपने घर वालों के लिए हाजिर रहने को मजबूर करना या अपने घर वालों का खयाल न रखने के लिए प्रेमिका को उलाहने देना एक तरह से प्रेमिका को कंट्रोल में रखने जैसा ही है. इस बात को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.

गर्लफ्रैंड से हमेशा उम्मीद रखना: घरगृहस्थी बसा लेने के बाद पति और पत्नी दोनों को एकदूसरे से कुछ उम्मीदें होती हैं, चाहतें होती हैं यह स्वाभाविक है क्योंकि एकदूसरे को अपनी जरूरत सम झाना और एकदूसरे की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए एकदूसरे को प्रेरित करना परिवार की नींव है. मगर बौयफ्रैंड अगर प्रेमिका से हमेशा उस की उम्मीदों पर खरा उतरने की चाहत रखता है या ऐसा नहीं होने पर मुंह फुलाता है तो यह सरासर प्रेमी की नासम झी है.

मैंने अपनी दोस्त की बहन के साथ संबंध बनाया है, कहीं फ्रैंड मुझे धोखेबाज न समझ लें…. मैं क्या करूं?

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल

मेरा एक बचपन का दोस्त था, जो मुझे सालों बाद मिला. अब हमारे बीच गहरी दोस्ती हो गई है. वह अपनी बहन के साथ रहता है. मैं अक्सर अपने दोस्त के घर जाता हूं, वह भी मेरे घर आता है. एक दिन उसकी बहन रास्ते में मुझे मिल गई, मैंने उसे घर छोड़ दिया उस दिन से हमारी बातचीत शुरू हुई. लेकिन मैं अपने दोस्त के सामने उसकी बहन से ज्यादा बात नहीं करता हूं, क्योंकि मुझे लगता है कहीं वह मुझे गलत न समझ लें.

कुछ दिनों पहले मेरा दोस्त शहर से कहीं बाहर गया था और उसकी बहन को तेज बुखार था, मेरा दोस्त मुझे फोन कर के बताया और उसने कहा कि मेरे घर चले जाओ और उसे डौक्टर से दिखा देना. उसकी बहन मुझे मैसेज काल करती है, हमारे बातचीत बढ़ती जा रही है. जब उसका भाई नहीं रहता है, तो हम मिलते भी हैं, हमारे बीच फिजिकल रिलेशन भी बन चुका है. लेकिन मेरे दोस्त को इस बारे में कुछ नहीं पता है. आजकल मुझे डर लग रहा है कि अगर मेरे दोस्त उसकी बहन के साथ अफेयर के बारे में पता चल गया तो हमारी दोस्ती तो टूटेगी ही और पता नहीं वह मेरे साथ क्या करेगा?

मेरी दोस्त की बहन ये भी कहती है कि मैं अपने भैया से हमारी शादी की बात करूंगी. मुझे ये बात भी परेशान कर रहा कि वह क्या सोचेगा कि उसकी पीठ पीछे मैंने उसकी बहन को बहकाया.

जवाब

देखिए आपके सवाल से लगता है आप अपने दोस्ती को नहीं खोना चाहते हैं और बीच में आपका प्यार भी है. दोस्ती और प्यार दोनों जरूरी रिश्ते हैं, इन दोनों में से किसी एक को चुनना बहुत कठिन है.
अगर आप और आपके दोस्त की बहन दोनों मिलकर बात करें और आप अपने दोस्त से अपने रिश्ते की सच्चाई बताएं, तो ये भी हो सकता है कि आपका दोस्त दोनों के रिश्ते को खुशीखुशी स्वीकार कर लें.

लेकिन आप अपने रिलेशनशिप की सच्चाई अपने दोस्त से छिपाए नहीं क्योंकि अगर उन्हें किसी तीसरे से इस बारे में पता चलता है, ज्यादा तकलीफ हो सकती है. उनकी सोच भी आपके प्रति गलत साबित हो सकती है. इसलिए जितना जल्दी हो सके आप अपने दोस्त से उनकी बहन के साथ रिलेशनशिप के बारे में बता दें.

व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या इस नम्बर 8588843415 पर  भेजें. 

या हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- sampadak@delhipress.biz सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

जिस लड़की से मेरी शादी होने वाली है उसका फोन हमेशा बिजी रहता है, कहीं किसी के साथ चक्कर तो नहीं चल रहा ?

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल

कुछ महीनों पहले मेरी शादी तय हुई थी, लेकिन मेरे पिताजी की तबियत खराब हो गई, जिस वजह से शादी की डेट आगे बढ़ानी पड़ी.

दरअसल, मेरी मंगेतर घंटों बातें किया करती थी, लेकिन अब वह मेरा फोन कट कर देती है और कहती है कि बाद में बात करूंगी. दोबारा कौल करने पर उसका नम्बर बिजी बताता है, Whatspp पर भी औनलाइन दिखती है, लेकिन मेरे मैसेज और काल का जवाब नहीं देती है. मुझे लगता है कि उसका किसी के साथ चक्कर चल रहा है. मुझे समझ नहीं आ रहा, मैं क्या करूं ? आप ही इस समस्या का हल बताएं.

जवाब

जैसा कि आपने बताया आपकी मंगेतर पहले घंटों बातें किया करती थी. शादी टलने की वजह से आपको उसमें कई बदलाव नजर आ रहे हैं. आपके सवाल से लग रहा है कि आपकी शादी नहीं टूटी है. अगर संभव हो, तो आप अपनी मंगेतर से मिल सकते हैं, और आप दोनों के बीच जो भी गलतफहमियां हुई हैं, उसे दूर करें.

आप ये भी कह रहे हैं कि वह अक्सर फोन पर बिजी रहती है, हो सकता है कि वह अपने फ्रैंड्स या काम की वजह से भी बिजी हो. शादी से पहल आप उससे पूछ सकते हैं कि उसके लाइफ में कोई है तो नहीं ? ये नौर्मल बात है.. बात करने से ही पता चलेगा कि आखिर शादी को लेकर उस लड़की के मन में क्या चल रहा है.

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क्या आप भी हैं वन साइडेड रिलेशनशिप में ?

अपने एकतरफा प्यार का इजहार करने में जहां लड़के उतावले रहते हैं वहीं लड़कियों में शर्मझिझक होने से वे इस का इजहार नहीं कर पातीं. आमतौर पर लड़कियां इस की पहल नहीं करतीं या करती भी हैं तो किसी को माध्यम बना कर.

कई बार जब आप किसी के प्रति आकर्षित होते हैं तो उस आकर्षण को ही प्यार समझने लगते हैं. लेकिन ये दोनों अलगअलग बातें हैं. आकर्षण छलावा होता है जबकि प्यार गहराई लिए होता है. प्यार भावनाओं पर आधारित होता है जबकि आकर्षण वासना पर. वासना को प्यार का नाम देना बुद्धिमानी नहीं है.

एकतरफा प्यार में मिली असफलता को धोखे का नाम नहीं दिया जा सकता, क्योंकि वह तो इस बात से अनजान है. जब आप उसे इस बारे में बताते हैं तो उस की प्रतिक्रिया क्या होगी, यह नहीं कह सकते. हो सकता है कि उस का जवाब सकारात्मक हो. यदि आप का प्यार स्वीकार हो जाता है तो आप के मन की इच्छा पूरी हो सकती है वरना सामने वाले को दोष देना ठीक नहीं. इसलिए, प्यार में इतने बेवकूफ न बनें कि आप अपना आपा ही खो दें.

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रिश्ते को बनाना चाहते हैं मजबूत, तो इन बातों का रखें ध्यान

आजकल हम अपने स्वास्थ्य को ले कर काफी जागरूक रहते हैं. इस के लिए हम अपने खानपान, पोषण, फिटनैस, जैविक उत्पादों और पर्यावरण अनुकूल प्रथाओं पर अधिक ध्यान देते हैं. मगर क्या हम ने कभी अस्वस्थ रिश्तों के बारे में सोचा है? खराब या अस्वस्थ रिश्ते भी हमारे स्वास्थ्य के लिए फास्ट फूड और प्रदूषण की तरह ही हानिकारक हो सकते हैं अस्वस्थ रिश्ते हमें असहज, उदास, डरा हुआ महसूस करा सकते हैं, साथ ही मानसिक रूप से बीमार और कमजोर भी बना सकते हैं.

रिश्ते हमारे जन्म से ले कर मरने तक हमारे बीच बने रहते हैं. रिश्ते हमारे मातापिता, परिवार, सहपाठियों, दोस्तों आदि से शुरू होते हैं. इन में से हर रिश्ता हमारी मदद कर सकता है और हमें एक समृद्ध और बेहतर इंसान बना सकता है, साथ ही हमें खुशी भी दे सकता है. अस्वस्थ रिश्ते कभी इन में से किसी भी भावना को बढ़ावा नहीं दे सकते हैं.

हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम अपनी भावनात्मक और मानसिक सेहत को उसी तरह सुरक्षित रखें जिस तरह हम अपने शारीरिक स्वास्थ्य को सुरक्षित रखते हैं.

वास्तव में स्वस्थ और अस्वस्थ रिश्ते हमारे व्यक्तित्व का आईना भी होते हैं, कुछ रिश्ते तो हमें जन्म लेते ही मिल जाते हैं जैसे मातापिता, भाईबहन, मौसी या बूआ आदि जिन्हें हमें स्वीकारना ही पड़ता है लेकिन कुछ रिश्ते जैसे पतिपत्नी, दोस्ती, पड़ोसियों, औफिस आदि में जो बनते हैं उन्हें हम अपनी मरजी या पसंद से बनाते हैं. हां एक बात याद रखने योग्य है कि रिश्ते बनाना भले आसान हो पर उन्हें बचाना या निभाना एक कला है. इसे कोई भी व्यक्ति साथ ले कर जन्म नहीं लेता बल्कि इसे समय के साथ सीखा जा सकता है.

किसी भी व्यक्तिकी सफलता सिर्फ उस की आर्थिक स्थिति या कैरियर से ही तय नहीं होती बल्कि यह भी देखा जाता है कि उस के दोस्तों, रिश्तेदारों से संबंध कैसे हैं. यदि रिश्ते स्वस्थ हैं तो उसे एक अच्छा सफल इंसान माना जाता है और यदि वह अस्वस्थ रिश्तों के साथ रहता है तो उस की गिनती एक असफल और बुरे इंसान के रूप में की जाती है इसलिए स्वस्थ और अस्वस्थ रिश्ते हमारे व्यक्तित्व का आईना भी होते हैं.

स्वस्थ रिश्तों के लिए कुछ बातें मददगार हो सकती हैं:

बनें अच्छे श्रोता

रिश्ते लंबे समय तक बेहतर बनाए रखने के लिए जरूरी है कि आप एक श्रोता हों यानी दूसरे की बात भी सुनें अपनी ही न चलाएं. प्राय: यह देखा जाता है कि जिन लोगों को सिर्फ अपनी ही बात रखते रहने की आदत होती है लोग उन से कटने लगते हैं, जबकि जो लोग धैर्यपूर्वक औरों की भी बात सुनते हैं, उन्हें सभी प्यार करते हैं और लंबे समय तक उन से जुड़े रहना चाहते हैं.

अपेक्षाएं कम से कम हों

रिश्ते तभी स्वस्थ बने रह सकते हैं जब अपेक्षाएं कम से कम हों अधिकांश रिश्ते इसलिए टूटते हैं कि हम उन से जरूरत से ज्यादा अपेक्षा रखने लगते हैं और बातबात पर अपनी शिकायतों का पिटारा खोल कर बैठ जाते हैं तथा यह भी भूल जाते हैं कि हम ने उन्हें क्या दिया? कैसा व्यवहार रखा? आदि. स्वस्थ रिश्तों में हमेशा देने की आदत डालें. चाहने की आदत जितनी कम होगी रिश्तात उतना ज्यादा खूबसूरत और लंबे समय तक रहेगा.

रिश्ते की अच्छी बौंडिंग के लिए निकालें समय

आज के भागमभाग वाले लाइफस्टाइल या जीवनशैली में रिश्तों के लिए समय निकलाना थोड़ा मुश्किल होता जा रहा है. रिश्ता कोई भी हो अच्छी बौंडिंग के लिए समय देना आवश्यक होता है ताकि एकदूसरे को सम झना आसान हो वरना बहस और मनमुटाव की आशंका बनी रहती है क्योंकि अकसर किसी भी रिश्ते में यह सुना जा सकता है कि देखो अब जरूरत पड़ी तो फोन लगा लिया या आ गए, अब मिलने की फुरसत मिल गई या अब याद आ गई न हमारी वगैरहवगैरह. तो इन सब से बचने के लिए और एक स्वस्थ रिश्ते के लिए अपनी व्यस्त लाइफ में से कुछ समय अवश्य निकालें.

यूज ऐंड थ्रो से बचें

किसी भी स्वस्थ रिश्ते के लिए जरूरी है कि सिर्फ काम के लिए ही नहीं बल्कि हमेशा हर समय अपने प्रियजनों के संपर्क में रहें. अगर आप अपने दोस्तोंरिश्तेदारों को सिर्फ काम के समय याद करते हैं तो मान कर चलिए कि आप के रिश्ते बहुत समय तक चलने वाले नहीं हैं. इस से लोगों को लगने लगता है कि आप स्वार्थी हैं और केवल काम के समय औरों को याद करते हैं. रिश्ते यूज ऐंड थ्रो की श्रेणी में नहीं आते. इसलिए सिर्फ काम के लिए नहीं बल्कि हमेशा अपने प्रियजनों के संपर्क में रहें. इस के लिए विशेष अवसर जैसे त्योहार, नया साल, बर्थडे, ऐनिवर्सरी  आदि पर कुछ समय निकाल कर यदि संभव हो तो मिलेंजुलें नहीं तो फोन जरूर लगाएं और उन्हें शुभकामनाएं, बधाई अवश्य दें ताकि रिश्तों में मधुरता बनी रहे.

प्रशंसा करें

प्रशंसा सभी को पसंद आती है इसलिए प्रशंसा करने में कंजूसी न करें. यह उन के लिए मानसिक खुराक हो सकती है. जब भी आप के लिए कोई कुछ अच्छा करे, अपने निजी, पारिवारिक या व्यावसायिक जीवन में सफलता हासिल करे तो उस की प्रशंसा जरूर करें. हर किसी को स्पैशल फील होना अच्छा लगता है इसलिए कभीकभी यह मौका देते रहें. ऐसा करना रिश्ते को तनाव से दूर रखता है.

ईगो को रखें दूर

यदि किसी कारण से रिश्तों में कड़वाहट या दूरियां आ जाएं या मनमुटाव हो जाए तो अपने ईगो को आड़े न आने दें और रिश्तों को दोबारा बनाने या जोड़ने, मनमुटाव को दूर करने में देरी न करें पहले आप पहले आप के चक्कर में न पड़ें. पहले पहल कर अपनी सम झदारी का परिचय दें और रिश्ते को स्वस्थ बनाएं.

तुलना से बचें

अकसर हर रिश्ते में प्राय: देखा जाता है कि हम हर समय तुलना करते रहते हैं. हम या मैं क्यों ऐसा करूं, हम क्यों वैसा करें, उन्होंने भी ऐसा नहीं किया तो हम ही क्यों करें. उन्होंने हमें नहीं बुलाया तो हम क्यों बुलाए वैगरहवैगरह कुछ ऐसे ही सवाल हमें बेवजह परेशान करते हैं इसलिए किसी रिश्ते को स्वस्थ रखने के लिए तुलना न करें. आप वही करें जो आप करना चाहते हैं सामने वाले के व्यवहार या देनेलेने से तुलना न करें. तभी आप अपने रिश्तों को स्वस्थ रख पाएंगे.

लें तकनीक की मदद

आज के डिजिटल युग में टैक्नोलौजी हमारी रोजमर्रा की लाइफ का एक अहम हिस्सा बन चुकी है. यहां तक कि हम हमारे स्मार्टफोन से सोशल मीडिया और वीडियो कौल तक अपने करीबियों से जुड़े रहने पर काफी भरोसा करने लगे हैं. एडवांस टैक्नोलौजी ने हमारे करीबियों के साथ जुड़ना पहले से कहीं ज्यादा आसान बना दिया है इसलिए यदि विशेष मौकसें जैसे बर्थडे, ऐनिवर्सरी या किसी और अवसर पर अपने दोस्तों, परिवारजनों से कनैक्ट या जुड़े रहने के लिए टैक्नोलौजी की मदद लें. आजकल की व्यस्तता भरी लाइफ में यह आप के रिश्ते को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक है.

ईर्ष्या की भावना से बचें

रिश्ता कोई भी हो यदि आप उसे ईर्ष्या की भावना से दूर रखेंगे तो यकीनन वह रिश्ता बेहद खुशियों से भरा, तनाव रहित और खूबसूरत होगा क्योंकि अकसर यह देखा जाता है जब भी हमारे किसी परिचित या रिश्तेदार या किसी दोस्त अथवा भाईबहन के यहां कुछ भी अच्छा होता है जैसे उन के यहां नई कार आ जाए, नया मकान खरीद लें, अच्छी नौकरी लग जाए या उन का बच्चा पढ़ने में अच्छा हो आदि तो हमें जलन या ईर्ष्या होने लगती है कि इस के यहां क्यों कुछ अच्छा हो गया जिस के कारण हम बेवजह परेशान बने रहते हैं या होते हैं. फिर मजबूरी में हम उन्हें बधाई भी देते हैं और  झूठी प्रसंशा भी करते हैं लेकिन बहुत ही दुखी मन से और यह भावना हमें मानसिक रूप से बीमार भी बना सकती है.

इन बातों को भूलकर भी अपने बौयफ्रैंड से न करें शेयर, टूट सकता है लंबे समय का रिश्ता

अविनाश और रश्मि करीब 2 सालों से रिलेशनशिप में थे. वो दोनों एकदूसरे से बहुत प्यार करते थे. रश्मि अपने लाइफ से जुड़ी हरेक बात अविनाश से शेयर करती थी. जब वह कालेज से घर वापस लौटी तो उस ने देखा कि मां और पापा किसी लड़के को ले कर लड़ाई कर रहे हैं. बाद में उसे पता चला कि उस की मम्मी अपने ऐक्स बौयफ्रैंड से मिलने गई थी इसलिए उस के पापा ने लड़ाई की थी.

रश्मि इस बात को ले कर बहुत उदास थी. अविनाश उसे कौल और व्हाट्सऐप किए जा रहा था, लेकिन वह उस का जवाब नहीं दे रही थी. बाद में रश्नि ने अविनाश को व्हाट्सऐप पर मैसेज किया और अपने मम्मीपापा के लड़ाई की भी बातें बता दीं. उस ने यह भी बताया कि उस की मां का कोई बौयफ्रैंड था, जिसे वे भूल नहीं पाई हैं.

अविनाश ने रश्मि को समझाया. उस ने यह भी कहा कि उसे अपनी मम्मीपापा के इस झगड़े को खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए वरना उन के रिश्ते टूट भी सकते हैं.

अविनाश के इस बात से रश्मि को काफी मदद मिली और उस का मन भी हलका हुआ. लेकिन कुछ दिनों बाद रश्मि ने जो सुना, उस के तो होश ही उड़ गए.

दरअसल, रश्मि के पास कुछ पुराने दोस्तों ने मैसेज किए और पूछा कि तुम्हारी मम्मी का बौयफ्रैंड लौट आया है क्या? यह सुन कर रश्मि के पैरों तले जमीन खिसक गई.

उस ने पूछा,”यह सब बातें तुम लोगों को कैसे पता?”

उन लोगों ने मैसेज के स्क्रीनशौट भेजे. रश्मि ने देखा कि मैसेज अविनाश ने किया है और उस में लिखा था,”रश्मि की मां का बौयफ्रैंड है और उस के घर में रोजाना इस बात को ले कर रश्मि के पापा उस की मां के साथ मारपीट करते हैं.”

मैसेज पढ़ते ही रश्मि को तगङा झटका लगा. वह कुछ देर के लिए सोचती रह गई. जिस लड़के पर उस ने आंख बद कर के भरोसा किया. उस लड़के ने मेरी रिस्पैक्ट नहीं की? दोस्तों के बीच मेरे और मेरे पेरैंट्स का मजाक बना कर रख दिया. उस ने तुरंत ही अविनाश का फोन नंबर ब्लौक किया और उस से सारे रिश्तेनाते तोड़ लिए.

जब कोई लड़की अपने बौयफ्रैंड से कोई भी बड़ा सीक्रेट शेयर करती है, तो उस पर यह भरोसा करती है कि वह किसी से नहीं कहेगा. लेकिन आंख बंद कर भरोसा करना गलत साबित हो सकता है. कई बार बौयफ्रैंड अपनी गर्लफ्रैंड की सीक्रेट बातें भी शेयर कर देते हैं, जिस की वजह से उन के रिश्ते में दरार आ जाती है.

जब आप किसी से प्यार करते हैं, तो उस पर विश्वास करना चाहिए, लेकिन उस से वहीं बातें शेयर करें, जिस में मस्तीमजाक हो, नकि आप अपनी फैमिली या खुद से जुड़े कोई बड़ा सीक्रेट आप अपने बौयफ्रैंड को न बता दें. इस से आप के ही रिश्ते को नुकसान होगा.

तो चलिए जानते हैं, बौयफ्रैंड से कौन सी बातें शेयर न करें :

परिवार से जुड़ा सीक्रेट

आप अपने बौयफ्रैंड से भले ही कितना प्यार करती हों, लेकिन उस से अपने परिवार से जुड़ी सीक्रेट न बताएं. कई बार हम अपनी ही फैमिली में किसी को पसंद नहीं करते हैं. कई बार लड़कियां इमोशनल हो कर इस तरह की बातें अपने बौयफ्रैंड से शेयर कर देती हैं. लेकिन बाद में उन्हें पछताना पड़ता है. जब किसी तीसरे व्यक्ति को यह सब पता चलता है तो कपल के बीच झगड़े होने लगते हैं.

बैंक अकाउंट की जानकारी

बौयफ्रैंड पर भरोसा करना सही है, पर कई बार कुछ लड़कियां जानेअनजाने अपने बैंक की भी सारी जानकारी बौयफ्रैंड को दे देती हैं. इस से बैंक अकाउंट का एक्सैस उन के पास आ जाता है. लड़कियों को ध्यान रखना चाहिए कि कई बार इस से फ्रौड या ठगी की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए बेहतर है कि बौयफ्रैंड को बैंक से जुड़ी हुई जानकारी न बताएं.

अपनी कमजोरियों को न करें जाहिर

हर व्यक्ति के अंदर कुछ न कुछ कमजोरियां होती हैं. कई बार लड़कियां इतनी इमोशनल हो जाती हैं कि बिना सोचेसमझे वे अपने बौयफ्रैंड से अपनी वीकनैस को भी बता देती हैं. कई बार लड़के इस का फायदा उठाते हैं और अपनी गर्लफ्रैंड का ही इस्तेमाल करने लगते हैं.

दोस्त की बीवी मुझ से संबंध बनाना चाहती है…

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल

मुझे अपने कलिग से अच्छी दोस्ती हो गई और हमारी यह दोस्ती पारिवारिक भी होती जा रही है. वह भी अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहता है और मेरी भी कुछ दिनों पहले ही शादी हुई है, तो मैं भी अपने पत्नी के साथ रहता हूं. हम दोनों का अकसर एकदूसरे के घर आनाजाना लगा रहता है.

मेरे दोस्त की पत्नी 2 बच्चों की मां है, लेकिन उस ने अपने फिगर को बहुत खूबसूरती से मैंटेन किया है. वह जिम भी जाती है. वह दिखने में बहुत खूबसूरत है. अभी कुछ दिनों पहले मेरी पत्नी मायके गई थी। ऐसे में मैं रात का खाना खाने अपने दोस्त के घर गया था. जब मैं उस के घर गया तो भाभीजी ने मुझे खाना खिलाया। मेरा दोस्त कहीं बाहर गया था. किचन में कुछ सामान गिरने की आवाज आई. मैं इसी बहाने भाभीजी के करीब गया. वह मना नहीं की और हम दोनों बच्चों से छिप कर एक कमरे में चले गए। भाभीजी ने बताया कि पति को घर आने में समय लगेगा. मैं ने उन्हें किस किया.

मैं इंटिमेट होने के लिए फोरप्ले कर ही रहा था कि तभी दरवाजे की घंटी बजी. हम दोनों चौंक गए और खुद को संभाला. भाभीजी तो कमरे से बाहर निकल कर दरवाजा खोलने चली गईं, मैं अभी कमरे से बाहर जा ही रहा था कि मेरे दोस्त ने मुझे देख लिया, लेकिन उसे शक नहीं हुआ. उस ने बस इतना ही पूछा कि मेरा कमरा कैसा लगा? मैं ने बात बनाते हुए कहा कि भाभीजी ने कमरे को काफी अच्छे तरीके से सजाया है. वह भी बस मुझे ही देखे जा रही थी.

अब जब भी मैं दोस्त के घर जाता हूं मेरी निगाहें भाभीजी पर होती हैं। वे भी उसी निगाह से मुझे देखती हैं. मेरी पत्नी भी मेरे पास आ गई है. मैं जब भी उस के साथ सैक्स करता हूं तो मुझे भाभीजी की याद आती है. सोचता हूं कि कब मैं अपनी अधूरी इच्छा पूरी कर पाऊंगा. इसी वजह से किसी भी काम में मन नहीं लगता. आप ही बताएं मैं क्या करूं?

जवाब

देखिए, आप शादीशुदा हैं और जिस महिला से आप संबंध बनाना चाहते हैं, वह आप के दोस्त की पत्नी है जिस के 2 बच्चे भी हैं. कोई भी किसी के प्रति आकर्षित हो सकता है, लेकिन शादीशुदा जिंदगी को अनदेखा कर अपने सुख के लिए मन में ऐसी इच्छा पालना गलत साबित हो सकता है.

अभी आप की नईनई शादी हुई है. आप की पत्नी को आप से ढेर सारी उम्मीदें होंगी. ऐसे में आप अपनी पत्नी को प्यार और सम्मान दें. उन की इच्छाओं को पूरी करें. आप कहीं घूमने जाएं। जो प्यार आप अपने दोस्त की पत्नी को देना चाहते हैं, वह प्यार आप अपनी पत्नी को दें. इस से आप की भी जिंदगी बेहतर होगी और दोनों दोस्त का घर भी टूटने से बच जाएगा.

व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या इस नम्बर पर 9650966493 भेजें. 

 हमें इस ईमेल आईडी पर भेज सकते हैं- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

रिश्ते को बिगाड़ने का काम करते हैं ये झूठ, ‘हैसियत के मामले में बढ़ाचढ़ा कर न बोलें’

मेहनती युवती सावी के साथ अजीब सी बात हुई. उस ने नए दफ्तर के अपने सहकर्मी सौनिक को अपने बारे में बस यही बताया था कि उस का किसी भी पुरुष से कोई संबंध नहीं रहा. न कोई मित्रता न कुछ और. मगर दफ्तर की ही एक पार्टी मे सब खुलासा हो गया. सावी का ऐक्स बौयफ्रैंड वहां किसी के संग आया और जरा सी पी कर बहक गया. बहुत कुछ कह गया.

यह सच सुन कर सौनिक को इतना सदमा लगा कि वह 2 दिन दफ्तर नहीं आया. सावी का झूठ उस से सहन न हुआ. सौनिक ने बाद में उस से कहा कि सावी हम सब इंसान हैं. महिला का अगर एक पुरुष मित्र है तो यह होना स्वाभाविक है. मगर ?ाठ बोलना नहीं. एक ?ाठ वह भी इतनी सफाई से. मैं तुम्हें अपनी अचछी दोस्त मानने लगा था. आगे की भी योजना थी. मन की बात कहनी थी. मगर अब नहीं. सावी खुद भी सौनिक को अपना हमसफर बनाना चाहती थी मगर ?ाठ ने सब बिगाड़ दिया.

तकि भविष्य में दिक्कत न हो

सावी की ही तरह अगर आप का किसी और के साथ अफेयर है तो अपने नए पार्टनर को इस के बारे में अवश्य बता दें और अगर आप शादी के बंधन में बंधने वाले हैं तो शादी से पहले जरूर बता दें वरना भविष्य में कोई बड़ी दिक्कत हो सकती है. आजकल सोशल मीडिया सब उगल देता है.

रिश्ते हमेशा विश्वास पर टिके होते हैं और अगर हम उस में झूठ बोलने लगते हैं तो रिश्तों में खटास आना शुरू हो जाती है, इसलिए कहा जाता है कि कभी भी रिश्ते में झूठ नहीं बोलना चाहिए. वैसे तो किसी भी रिश्ते को बनाने के लिए ?ाठ बोलना ठीक नहीं है लेकिन कई ऐसे झूठ होते हैं जोकि बिलकुल नहीं बोलने चाहिए. इस से एक बार तो रिश्ते बन जाते हैं, लेकिन बाद में बड़ी मुश्किल हो जाती है.

इसी तरह कभी भी पैसों को ले कर कोई ?ाठ न बोलें. वित्तीय हैसियत से संबंधित झूठ दिखाना भी गलत है. कई लोग पैसों को ले कर कहते हैं कि मैं बहुत अमीर हूं और मेरे पास इतना पैसा है कि मेरी 7 पीढि़यां बैठ कर खा सकती हैं. मोनिका ने अपने मंगेतर को अपनी तनख्वाह बढ़चढ़ कर बताई. मगर जब खुलासा हुआ कि मोनिका की क्व50 हजार नहीं क्व30 हजार ही कमाई है तो दोनों के बीच कड़वाहट बढ़ती गई.

हैसियत के मामले में झूठ न बोलें

युवकों को भी यह याद रखना चाहिए कि पैसों के जरीए लड़कियों को आकर्षित करना बेकार है और इस पैतरे से केवल लालची लड़कियां आप के करीब आएंगी. अगर आप सच में किसी से रिश्ता जोड़ना चाहते हैं तो हैसियत के मामले में ?ाठ न बोलें.

परिवार को ले कर ?ाठ. कई बार हम किसी से रिश्ते बनाने के लिए कुछ ज्यादा ही झूठ बोल देते हैं. परिवार से जुड़े सच के बारे में कुछ दिनों बाद तो पता चल ही जाता है, इसलिए कभी भी ऐसा न करें. जब किसी को बाद में पता चलता है तो पार्टनर के लिए विश्वास कम हो जाता है, जोकि बहुत गलत है.

बीमारी से जुड़ा ?ाठ भी बहुत बुरा है. अनुजा को विवाह से कुछ समय पहले टीबी हुई थी. मगर उस ने ससुराल में नहीं बताया. जब उस के पति को टीबी हुई तब उस का बीमारी से जुड़ा झूठ सामने आया.

यह बताना भी जरूरी

बीमारियां कभीकभी जिंदगीभर तक जुड़ी रहती हैं. अत: यदि आप किसी ऐसी बीमारी से पीडि़त हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है तो अपने पार्टनर को इस के बारे में बताना बेहद जरूरी है.

कभीकभी ?ाठ बोलना ठीक होता है. मान लीजिए किसी का भला हो रहा है तो फिर भी वह ?ाठ सहन किया जा सकता है लेकिन अगर आप हर बात पर झूठ बोलेंगे तो पार्टनर के मन पर गलत असर पड़ेगा.

धीरेधीरे शायद वह आप की किसी बात पर विश्वास न करे और हर बात की पहले पड़ताल करे. इसलिए कभी ऐसा न करें. जिस रिश्ते की बुनियाद झूठ पर रखी गई हो वह रिश्ता ज्यादा देर तक नहीं चलता है.

रिश्तों की गणित में अप्लाई करें 3+1 रूल, जिंदगीभर निभाना है साथ तो ये आएगा काम

अखिल को अक्सर घर काटने को दौड़ता पत्नी बच्चे सब पराएपराए से लगते थे. उसका मन करता,घर से कहीं बाहर निकल जाये और सड़कों पर तब तक घूमता रहे,जब तक थक कर टूट न जाए और फिर घर लौटकर आये तो गहरी नींद सो जाए,ताकि उसकी पत्नी के ऊंचे बोलने की आवाज और बच्चों की चिल्लपे उसे सुनाई ही न दें. उसे लगता उसके अपने परिवार के लोग ही उसके सबसे बड़े दुश्मन हैं. उसके परिवार ने ही उसकी सुख शांति छीन ली है .

उसे अपने मित्र समर से ईर्ष्या होती. सोचता कितनी सुशिक्षित,और सभ्य पत्नी मिली है समर को,जिसकी एक मुस्कान और झलक देखकर ही मन खिल उठता है. फिर सोचता,उसकी पत्नी भी देखने में तो बुरी नहीं है.लेकिन दो बच्चों की मां बनते ही अपनी दुनिया में ऐसे खो गयी है,जैसे और किसी काम से उसका वास्ता ही न हो.थक जाए तो अपनी खीझ बच्चों पर उतारती है.

अखिल ऐसा अनुभव करता , जैसे उसने शादी करके बहुत बड़ी मुसीबत मोल ले ली है. शादी से पहले उसने जो भी सपने देखे थे,वो सब मिट्टी में मिल गये हैं. अब तो मौत ही उसे इस जीवन से छुटकारा दिला सकती है.

समर के समझाने पर अखिल साइकैटरिस्ट से मिला. अखिल ने जब अपने दिल की बात उन से कही तो उन्होंने अखिल को समझाया और फिर जीवन के प्रति अखिल का नजरिया बदल गया. आइए जानते हैं उन्होंने अखिल से क्या कहा.

एक समय था जब शादी को सात जन्मों का बंधन माना जाता था. प्यार के रिश्ते को मरते दम तक निभाने की कसमें खाई जाती थीं. लेकिन आज के समय में प्यार, साथ और अपनेपन के ये रिश्ते बदल गए हैं. अब कपल्स इतने प्रैक्टिकल हो गए हैं कि थोड़ा सा भी मतभेद या मनभेद उनके रिश्ते पर हावी हो जाता है. वे स्थितियों को संभालने की जगह, उनसे पीछा छुड़वाना बेहतर समझते हैं. रिश्ता निभाने की जगह, उससे दूर जाना अच्छा समझते हैं. हालांकि रिश्तों की गणित में अगर आप गुणा और जोड़ करना सीख लें तो जिंदगी बेहतर हो सकती है. ऐसे में सवाल ये है कि क्या कोई ऐसा फार्मूला है, जो प्यार और रिश्ते दोनों को संभाल सके. तो इसका जवाब है, जी हां. यह शानदार फार्मूला है 3+1 रूल.

जानिए क्या है 3+1 का रूल

मशहूर मोटिवेशनल स्पीकर और लेखक साइमन सिनेक ने रिश्तों का यह अनोखा रूल बनाया है. सिनेक का कहना है कि अगर कोई भी कपल चाहे वो पति-पत्नी हो या गर्लफ्रेंड-बौयफ्रैंड 3+1 रूल को फौलो करता है तो रिश्ता निभाने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है. इस रूल में तीन बातें मुख्य हैं और एक उनका सार है.

भावनात्मक अनुकूलता है जरूरी

कोई भी रिश्ता भावनाओं के बिना अधूरा है. भावनाएं रिश्ते के हरे भरे पेड़ की जड़ों की तरह हैं. ये जड़ें जितनी गहरी और मजबूत होंगी, रिश्तों की हरियाली उतनी ही ज्यादा होगी. इसलिए रिलेशनशिप में पार्टनर्स को एक दूसरे की फीलिंग समझनी चाहिए और उनका सम्मान भी करना चाहिए. साथ ही जरूरत के समय आपस में इमोशनल सपोर्ट भी देना चाहिए. इससे रिश्ते में मजबूती आती है.

बौद्धिक अनुकूलता से बढ़ेगा सम्मान

जब पार्टनर एकदूसरे की महत्वाकांक्षाओं, करियर, गोल्स को समझ कर, उन्हें पाने के लिए साथ कोशिश करते हैं तो ऐसा करना आपके रिश्ते को मजबूती देता है. एक दूसरे से ​कुछ सीखने और कुछ सिखाने की प्रवृति आपके रिश्ते के जोड़ को मजबूती देगी. इससे रिश्ते में हमेशा नयापन बना रहता है. साथ ही सम्मान की भावना भी बढ़ती है.

आकर्षण नहीं नजदीकी पर करें फोकस

रिश्ते में कई बार आकर्षण को लोग प्यार समझ लेते हैं. लेकिन ऐसा रिश्ता लंबे समय तक नहीं चल पाता है. इसलिए रिलेशन में सेक्शुअल कंपैटिबिलिटी होना जरूरी है. एक दूसरे की जरूरतों को समझें, उनका सम्मान करें और इस मुद्दे पर खुलकर बात करें. इससे आपका रिश्ता मजबूत होगा.

यह है सबसे बड़ा गुरु मंत्र

इन तीनों रूल्स के अलावा एक और रूल है, जो रिश्तों के घरोंदे को खूबसूरती देता है. दरअसल, हर कपल की परिस्थितियां, प्राथमिकताएं, समय और जरूरतें अलग-अलग होती हैं. इसलिए ये जरूरी नहीं है कि सब पर एक ही रूल लागू हो. इसलिए +1 रूल की जरूरत है. इसका मतलब है कि आप रिश्ते को अपने अनुसार संभालें और संवारें. एक-दूसरे का साथ देने के साथ ही एक दूसरे का सम्मान करें, प्यार करें और परिस्थितियों को समझने का प्रयास करें.

मेरा बौयफ्रैंड दूसरी लड़की के साथ घूम रहा था, कहीं वह मुझे धोखा तो नहीं दे रहा?

अगर आप भी अपनी समस्या भेजना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें..

सवाल

मैं 3 सालों से रिलेशनशिप में हूं, मेरा बौयफ्रैंड जौब करता है, इसलिए वह शहर से बाहर रहता है. मैं पीजी में रहती हूं और वह पहले मुझसे हर हफ्ते मिलने आया करता था लेकिन इधर कुछ दिनों से वह अब मिलने भी नहीं आ रहा है. फोन पर भी हमारी बातें कम होने लगी हैं. मैंने इस बदलाव का कारण भी जानने की कोशिश की, लेकिन उसने यह कह कर मना कर दिया कि उसे औफिस के काम का ज्यादा प्रैशर है.

मैंने उसे बिना बताए दो दिनों की छुट्टी लेकर उससे मिलने उसके शहर गई, वहां उसके औफिस जा ही रही थी कि वह उधर एक लड़की के साथ घूमते दिखाई दिया. मैं वापस अपने शहर चली आई, अब मैं भी उससे कम ही बात करती हूं. लेकिन अंदर से टूटती जा रही हूं. मुझे कभीकभी ये लगता है कि वह कि कहीं वह दूसरे लड़की के साथ रिलेशनशिप में तो नहीं है या फिर वह मुझे धोखा दे रहा है, समझ नहीं आ रहा क्या करूं ? कृपया इस समस्या का कोई समाधान बताएं.

जवाब

कपल्स के बीच दूरियों का कारण है, एकदूसरे को अनदेखा करना.. ये रिश्ते कमजोर होने का सबसे बड़ा कारण है. देखिए आपके बौयफ्रैंड में ये बदलाव अचानक से आए हैं. जैसा कि आपने बताया कि आप अपने बौयफ्रैंड के औफिस तक गई थी, वहां आपने उन्हें एक लड़की के साथ देखा और फिर वापस आ गए. ये आपने गलती की. जब आप वहां गई थी, तो आपको अपने बौयफ्रैंड से मिलना चाहिए.

जरूरी नहीं है कि अगर कोई लड़कालड़की साथ में घूम रहे हैं, तो वो दोनों रिलेशनशिप में ही हों. आपका 3 साल का रिलेशनशिप है, तो आपको अपने बौयफ्रैंड के मूड के बारे में पता होगा, उसे क्या पसंद और क्या नहीं ? अगर आप अपने रिश्ते को आगे बढ़ाना चाहते हैं , तो आप दोनों मिलकर बात करें, रोमांटिक डेट पर जाएं, अगर ये भी करने से बात नहीं बनती है, तो बेहतर है कि आप ब्रेकअप कर लें. किसी रिश्ते में बने रहने के लिए दोनों को प्रयास करना चाहिए. किसी रिश्ते में घुटघुट कर जीने से बेहतर है, उस रिश्ते को तोड़ देना…

जब बौयफ्रैंड अनदेखा करने लगे

  • अगर आपको लग रहा है कि आपका पार्टनर इग्नोर कर रहा है, तो उसे अपने प्यार का इजहार करें, सरप्राइज गिफ्ट्स दें या डेट पर जाएं.
  • रिश्ते में कम्यूनिकेशन गैप न आने दें.
  • अगर किसी बाते से साथी परेशान है, तो उससे कारण जानने की कोशिश करें और अपनी भी राय दें.
  • ये छोटेछोटे कन्सर्न रिश्ते को मजबूत बनाते हैं.

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