Relationship : संजना मल्टीनैशनल कंपनी में मैनेजर है. काम के सिलसिले में अकसर बाहर जाती रहती है. कई बार विदेश भी जाना पड़ता है. चूंकि वह बला की खूबसूरत है इसलिए अकसर उस के पति विरेन को उस पर शक रहता है कि कहीं वह काम के बहाने कहीं और तो नहीं जाती. जब भी उसे बाहर जाना होता है विरेन कोई न कोई बहाना बना कर उसे रोकने की कोशिश करता है. लिहाजा, संजना को मानसिक परेशानी होती है. वह कितनी बार पति की साजिशों का शिकार हो चुकी है.
एक बार तो हद ही हो गई. जब संजना औफिस के काम से मुंबई जा रही थी तो विरेन ने अपनी छोटी बहन को उस के साथ लगा दिया. संजना ने कहा भी कि वह अपने काम से जा रही है. घूमना है तो फिर कभी पूरी फैमिली साथ चलेगी. लेकिन विरेन ने बहाना बनाया कि उसे तो काम से फुरसत नहीं मिलती. वह अपनेआप घूम लेगी. बस तुम साथ ले जाओ. विरेन का यह खयाल था कि कम से कम होटल में तो दोनों इकट्ठी रहेंगी.
संजना को कुछ सम झ नहीं आया कि विरेन उस के साथ ऐसा क्यों कर रहा है.
सबकुछ बिगड़ चुका था एक दिन रात को विरेन ने संजना से कहा कि उस का फोन नहीं चल रहा है, किसी क्लाइंट को जरूरी फोन करना है वह अपना फोन उसे दे दे. संजना को हैरानी तो हुई क्योंकि विरेन के पास 2-2 फोन है, फिर वह उस का फोन क्यों मांग रहा. उस ने पूछा तो विरेन ने कहा कि दोनों फोन में कुछ प्रौबल्म आ गई है. उस ने फोन दे दिया.
संजना को जल्दी उठना होता था. सुबह 7 बजे का उस का औफिस था. इसलिए वह अपना फोन विरेन को देकर सो गई. पति ने उस के सारे मैसेज चैक किए, वाट्सऐप से ले कर ईमेल और सोशल मीडिया तक. संजना को इस बात का पता तब चला जब उस की एक दोस्त ने बताया कि वह रात के 12 बजे तक औनलाइन थी, फिर भी उस के मैसेज का जवाब नहीं दिया.
फिर एक दिन उस दोस्त से मुलाकात हुई तो उस ने फिर से उसे मैसेज का जवाब न देने का उलाहना दिया. तब संजना ने गहराई से सोचा तो उसे याद आया कि उस दिन उस के पति विरेन ने अपने किसी क्लाइंट को फोन करने के लिए उस से फोन लिया था.
ऐसे कई किस्से संजना के साथ हो चुके थे. चूंकि संजना अपने काम से काम रखती थी. उस का कोई खास सोशल सर्कल भी नहीं था इसलिए विरेन को कभी भी उस के फोन से कुछ नहीं मिला, इसलिए उस ने संजना को कभी पता नहीं चलने दिया कि वह उस की जासूसी करता है.
इस का नतीजा यह हुआ कि कुछ ही महीनों में संजना पति से अलग रहने लगी. जब पति को एहसास हुआ तब तक सबकुछ बिगड़ चुका था.
आखिर अपनों की ही जासूसी क्यों
शादी का रिश्ता भरोसे पर टिका होता है. अगर एक बार विश्वास खत्म हो जाए तो फिर से उसे कायम करना बेहद मुश्किल है. पहले तो लोग जीवनसाथी पर केवल शक करते थे लेकिन अब जासूसी भी करने लगे हैं. स्मार्टफोन का यूज कर के लोग आसानी से अपने पार्टनर की जासूसी कर लेते हैं. उन को लगता है कि पार्टनर पर नजर रखने का सब से अच्छा तरीका है, सोशल मीडिया पर पार्टनर को फौलो करना लेकिन क्या इस तरह से जासूसी करना सही है?
डिटैक्टिव गुरु के फाउंडर और सीईओ राहुल राय गुप्ता का कहना है, ‘‘बिना किसी ठोस वजह के पार्टनर की जासूसी करना बेहद गलत है. आजकल लोगों के ट्रस्ट इशूज बढ़ते जा रहे हैं खासकर पतिपत्नी के बीच. इसलिए लोग पार्टनर की जासूसी करते हैं. वे जासूसी करने के कई तरीके अपनाते हैं जो अकसर फेल साबित हो जाते हैं. इस से उन का रिश्ता खराब हो सकता है. जासूसी की वजह से दोनों के बीच कड़वाहट पैदा होती है. फिर दूसरा पार्टनर जासूसी करने वाले पार्टनर पर शक करने लगता है. उस के हर मूव को उसी नजरिए से देखता है कि वह उस की जासूसी कर रहा है. उस के बाद रिश्ते में कुछ खास बचता नहीं है. बेहतर है कि दोनों एकदूसरे को सम झने की कोशिश करें. एकदूसरे को स्पेस दें.’’
यह बात तो सही है कि एक न एक दिन पार्टनर को पता चल ही जाएगा कि आप उस की जासूसी कर रहे हैं तो दरार आना स्वाभाविक है.
आदतों पर गौर करना है जरूरी
अमित की शादी हुए 5 साल हो गए हैं. लेकिन उस की पत्नी रीना को अभी तक नहीं पता कि अमित कितना कमाता है. कब उसे छुट्टी होती है क्योंकि कई बार वह घर से काम करता है. उसे कहीं बाहर जाना होता है तो भी वह ऐन वक्त पर रीना को बताता है. ऐसा नहीं है कि दोनों के बीच प्यार नहीं है या अमित कुछ गलत कर रहा है.
रीना को लगा कि अमित उसे धोखा दे रहा है. वह सोचती कि ऐसा कौन करता है. इस की कोई तो वजह होगी?
लेकिन वजह सचमुच ही कोई नहीं है. बस यह अमित की आदत में शुमार है. ऐसे कई लोग होते हैं जो अमित की तरह गलत न होते हुए भी दूसरों की नजरों में गलत बन जाते हैं. पति या पत्नी में से कोई एक ऐसा करता है तो दूसरे को लगता है कि पता लगाना चाहिए कि आखिर माजरा क्या है. जासूसी करतेकरते कब उन को इस की लत लग जाती है, पता ही नहीं चलता. कभी कुछ नहीं मिलता तो भी जासूसी चलती रहती है और एक दिन ऐसा आता है कि दूसरे को पता चल जाता है.
उस के अहं को चोट पहुंचती है और रिश्ता खत्म होने की कगार पर आ जाता है. ऐसी स्थिति में बहुत कम लोग होते हैं जो अपने रिश्ते को संभाल पाते हैं. इसलिए जरूरी है कि ऐसी चीजें न करें, जिन से पार्टनर को लगे कि आप कुछ गलत कर रहे हैं.
चलो दिल खोल कर बातें करते हैं
एकाध मामला ही ऐसा होता है यहां लोग फिल्मों से प्रभावित हो कर या फिर सुनीसुनाई बातों पर पार्टनर की जासूसी करने लगते हैं. ज्यादातर केसेज में जासूसी करने की नौबत तभी आती है जब उस के पीछे कुछ होता है या फिर कुछ गड़बड़ लगती है.
इस का बहुत ही आसान सा हल है कि दोनों एकदूसरे से खुल कर बात करें. दिन में कोई भी वक्त ऐसा निकालें, जब यों ही बस बातें करते रहें. अपना रूटीन एकदूसरे से शेयर करें. इस से गड़बड़ी की आशंका खत्म हो जाती है.
कहीं जाएं तो वहां से आ कर खामोश रहने के बजाय पार्टनर को वहां की बातें बताएं. कहने का यह मतलब हरगिज नहीं है कि आप अपने हर पल की डिटेल पार्टनर को दें लेकिन अगर बता भी देंगे तो कुछ नहीं बिगड़ेगा.
अगर पार्टनर से औफिस के बारे में, दोस्तों के साथ अपनी मुलाकातों के बारे में खुल कर बात करेंगे तो जासूसी करने की गुंजाइश नहीं बचेगी और आप का रिश्ता हमेशा महकता रहेगा.