Valentine’s Special: प्यार के रंग, सितारों के संग 

वैलेंटाइन डे पिछले कुछ वर्षों से लगातार मनाया जाता है, खासकर युवा पीढ़ी इसका पूरे साल बेसब्री से इंतज़ार करती है. इसे वे प्रेम दिवस भी मानते है और इस दिन वे प्रेम का इजहार अपने पार्टनर से करते है. फ़रवरी महीने की 7 तारीख से 14 तारीख को वैलेंटाइन वीक और 14 फ़रवरी को वैलेंटाइन डे के रूप में मनाया जाता है. ये सही है कि कुछ लोग इसे पश्चिमी सभ्यता से आया हुआ मानते है और इसके विरोध में वे युवाओं पर डंडे बरसाने से भी नहीं कतराते, लेकिन ग्लोब्लाइजेशन के दौर में इसे मनाना गलत बात नहीं, पर इस दिन को मनाने के साथ-साथ प्यार पर विश्वास और कमिटमेंट रखना बहुत जरुरी है, ताकि रिश्ता न टूटे और प्यार हमेशा बना रहे. इस दिन के बारें में सेलेब्रिटी की कुछ खट्टी-मीठी बातें, जिसे उन्होंने खास गृहशोभा के लिए शेयर किया, आइये जाने.

मोहित डागा

mohit daga

भास्कर भारती फेम अभिनेता मोहित डागा कहते है कि वैलेंटाइन डे हमारी संस्कृति में कभी नहीं थी, लेकिन इस दिन की वजह से ग्रीटिंग्स कार्ड्स और फ्लावर्स की बिक्री बढ़ जाती है, जिससे कुछ लोगों को रोजगार मिल जाता है. मेरे हिसाब से केवल एक दिन ही इसे सेलिब्रेट करना जरुरी नहीं, अगर आप किसी से प्रेम करते है, तो अपनी भावनाओं को जाहिर करने के लिए केवल एक दिन नहीं, बल्कि कभी भी और कही भी इसे किया जा सकता है.

कविता वर्मा 

kavita

अभिनेत्री कविता वर्मा कहती है कि ये अच्छी बात है कि वैलेंटाइन डे की वजह से एक दिन आपको अपनी भावनाओं को जाहिर करने का मौका मिल जाता है, लेकिन किसी भी रिश्ते को केवल एक दिन नहीं, हर दिन नर्चर करने की आवश्यकता होती है. हमारी आशाएं पार्टनर से बहुत अधिक बढ़ने और उसके न मिलने पर बोन्डिंग में बाधा उत्पन्न होती है. वैलेंटाइन डे केवल एक दिन के लिये ही होता है, जब हम साथ रहना चाहते है. इस साल मेरी वैलेंटाइन पेरेंट्स और बहन सोनिया को जाता है, क्योंकि वे सितारों के बीच भले ही हो, पर मैं दिल से उन्हें खुश रहने की दुआएं देना चाहती हूं.

सिद्धार्थ  सिपानी 

sidharth sipani

अभिनेता सिद्धार्थ कहते है कि वैलेंटाइन डे आजकल सभी मनाने लगे है. पूरा विश्व अगर इसे मना रहा है, तो आप भी इसे मनाएं, ये जरुरी नहीं. प्यार को जाहिर करने का केवल यही एक दिन नहीं होता. प्यार एक खूबसूरत एहसास है, जिसे आप किसी भी दिन अपने पार्टनर के साथ लजीज भोजन, सॉफ्ट म्यूजिक और बातचीत के साथ गुजार सकते है. वैलेंटाइन डे को अधिक रोमांटिक रूप दे दिया गया है, लेकिन इससे असली प्यार का अनुभव नहीं किया जा सकता.

अनुष्का रमेश

anushka ramesh

अभिनेत्री अनुष्का रमेश कहती है कि वैलेंटाइन डे प्यार के लिए मनाया जाने वाला एक खास दिन है, जिसमें कपल्स, दोस्त, या परिवार के कोई भी हो सकते है, जिन्हें आप प्यार करते है. मुझे वैलेंटाइन डे को सभी प्यारे लोगों के साथ मनाना पसंद है. इस बार मैं इसे मना नहीं सकती, क्योंकि मैं शूटिंग में व्यस्त हूं. इस दिन को मनाने के बावजूद आजकल डिवोर्स रेट बढ़ा है, क्योंकि सभी यूथ आज आत्मनिर्भर हो चुके है, इसलिए कोम्प्रोमाईज़ नहीं करना चाहते. हर व्यक्ति अच्छी जिंदगी  की कोशिश बिताने की में लगा हुआ है, कम में किसी को भी संतुष्टि नहीं होती. पति-पत्नी में अगर अनबन हो रही है, तो उस रिश्ते को शांतिपूर्ण तरीके से छोड़कर अलग रहना ही सबसे बेहतर विकल्प है.

सृष्टि जैन 

shrishti jain

धारावाहिक मेरी दुर्गा से चर्चित हुई अभिनेत्री सृष्टि जैन का कहना है कि वैलेंटाइन डे मेरे लिए केवल एक दिन ही नहीं, बल्कि किसी भी दिन इसका इजहार किया जा सकता है. रिलेशनशिप और विवाह को टिकाये रखने के लिए हर दिन दोनों व्यक्ति को प्रयत्न करना पड़ता है, जो दोनों की मंजूरी से ही संभव होता है. शादियों के टूट जाने की वजह है, व्यक्ति कामकाज में इतने व्यस्त हो जाते है कि वे रिश्ते को टिकाये रखने के लिए कोशिश नहीं करते, जैसी उन्होंने शुरू में की थी. इससे उनके रिश्ते की डोर कमजोर होकर टूट जाती है. प्यार को सेलिब्रेट करने का यह दिन अच्छा है, लेकिन अगर आप किसी से प्यार करते है, तो हर दिन वैलेंटाइन डे होता है. इस बार मैं अपने परिवार के साथ इसे मनाना चाहती हूं, क्योंकि वे मेरे जीवन के सबसे प्यारे है.

अभिनन्दन जिंदल 

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अभिनेता अभिनन्दन जिन्दल का मानना है कि केवल वैलेंटाइन डे को मनाने के लिए दो लोग आपस में रिलेशनशिप में है, तो कोई भी इससे खुश नहीं रह सकता. आज लाइफ बहुत प्रैक्टिकल हो चुका है, जिसकी वजह से भावनाएं भी ख़त्म हो चुकी है, ऐसे में यही एक दिन है, जब कपल थोडा समय निकाल कर इसे सेलिब्रेट कर सकते है. वैलेंटाइन डे मना लेने के बावजूद कई असफल शादियां दिखाई पड़ रही है, क्योंकि कपल्स ने अपनी भावनाओं को एक दूसरे से शेयर करना बंद कर दिया है, जो इस रिश्ते में बहुत जरुरी होता है. मैं किसी रिलेशनशिप में अब नहीं हूं, लेकिन पहले जब मैं लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में था, तो इस दिन मैं उसे हमेशा सरप्राइज दिया करता था.

मीरा देओस्थले

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अभिनेत्री मीरा हंसती हुई कहती है कि मैंने वैलेंटाइन डे कभी नहीं मनाया है. न तो मुझे कोई गिफ्ट मिला और न ही मैंने अपने बॉयफ्रेंड को कुछ दिया. मैं प्यार को एक दिन मनाने में विश्वास नहीं करती. किसी भी रिलेशनशिप में दोनों की एफर्ट रोज होनी चाहिए. आप जितना अपने पार्टनर को प्यार करते है, उसे भी उतना ही आपको प्यार करना जरुरी है. मैं जिसे डेट करती हूं, उसकी सोच मेरे जैसे ही है, जिससे हम दोनों को साथ समय बिताना अच्छा लगता है. ऐसे कई कपल मैंने देखे है, जो बाहर से खुश दिखते है, पर अंदर से वे एक दूसरे से नाखुश होते है. ऐसा क्यों होता है, ये बताना संभव नहीं, पर मेरे हिसाब से उनके बीच कोम्युनिकेशन का एक बड़ा गैप होता है, जबकि दोनों के बीच एक जैसी वेव लेंथ होना जरुरी है.

वीरेन्द्र कुमेरिया 

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धारावाहिक उडान फेम अभिनेता वीरेन्द्र कुमेरिया, वैलेंटाइन डे के बारें में कहते है कि ये एक मार्केटिंग स्ट्रेटेजी है, जिससे यूथ अधिक मात्रा में कार्ड्स, फ्लावर्स, गिफ्ट्स आदि अपने पार्टनर के लिए ख़रीदे. रियल जिंदगी में अगर लव ट्रू है, तो हर दिन, हर क्षण मनाया जा सकता है. समस्या ये है कि आज के कपल वैलेंटाइन डे के दिन अपने प्यार को सोशल मीडिया पर अधिक दिखाना पसंद करते है, जबकि उन्हें अपने रिलेशनशिप के बारें में अच्छे और ख़राब बातों की चर्चा करने की आवश्यकता है, ताकि वे रिश्ते को मजबूती दे सकें. मेरे लिए वैलेंटाइन डे कोई माइने नहीं रखती, क्योंकि मैं अपने प्यार को एक दिन सेलिब्रेट नहीं करना चाहता.

इंडस्ट्री में कॉम्पीटिशन और इनसिक्युरिटी बहुत ज्यादा है – मीरा देवस्थले

टीवी शो ‘दिल्ली वाली ठाकुर गर्ल्स’ से चर्चित होने वाली एक्ट्रेस मीरा देवस्थले बरौदा की है. उसे बचपन से अभिनय की इच्छा थी, जिसमें साथ दिया उसकी माँ ने. स्वभाव से विनम्र और हंसमुख मीरा ने केवल 5 साल की उम्र से नाटकों में अभिनय करना शुरू कर दिया था.

अपनी पढाई ख़त्म करने के बाद मीरा देवस्थले मुंबई आई और अभिनय की प्रशिक्षण लेने के बाद धारावाहिक ‘ससुराल सिमर का’ में डेब्यू किया, जिसमें उनके काम को काफी प्रशंसा मिली. इसके बाद उसने लगातार कई शो किये और अपनी एक अलग पहचान बनायीं. मीरा देवस्थले अभिनय के साथ-साथ उनकी प्रोसेस भी पसंद है. मीरा देवस्थले शो ‘विद्या’ काफी पौपुलर शो थी. लेकिन लॉकडाउन की वजह से इसे बंद कर दिया गया, जिसका मलाल मीरा को है, पर वह मायूस नहीं आगे बढ़ना जानती है. इन दिनों वह अपने पेंडिंग काम और हॉबी को पूरा कर रही है. उनसे बात हुई पेश है कुछ अंश.

सवाल-इस फील्ड में आने की प्रेरणा कहां से मिली?

12 वीं की परीक्षा पास करने के बाद मैं मुंबई आई और अभिनय की ओर रुख किया. इसके लिए मैंने अभिनय का प्रशिक्षण लिया. पहले मैं इंजिनीयर बनना चाहती थी, पर मैंने देखा कि मुझे सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेना, एक्टिंग और डांस करना अधिक अच्छा लगता है. फिर मैंने अभिनय की ओर जाने का मन बनाया, लेकिन इसके लिए मैंने एक साल का समय मेरे परिवार से माँगा. अगर मैं सफल नहीं हो पायी तो वापस पढाई करुँगी. मुझे परिवार का सहयोग हमेशा मिला उन्होंने मुझे काम करने की पूरी आज़ादी दी है.

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सवाल-कितना संघर्ष रहा?

मुंबई आने के बाद एक्टिंग क्लास ख़त्म होने के बाद काम मिलना शुरू हो गया. अधिक संघर्ष नहीं था, क्योंकि मैंने एक्टिंग क्लास ले लिया. ऑडिशन देती रही और काम मिल गया. संघर्ष अच्छे काम के लिए, स्क्रिप्ट को याद करना और अच्छा परफोर्मेंस देना था, जो मैंने एक दिन में करीब 4 जगह ऑडिशन दिया है, जो बहुत कठिन था.  

सवाल-बड़ी शो का हिस्सा बनने की ख़ुशी कितनी थी?

मैं बहुत खुश थी. मेरी माँ हमेशा मेरे साथ जाती थी, क्योंकि मैं 18 साल की थी. उस धारावाहिक में मुझे सबसे अंत में साईन किया गया था. इसके बाद मैंने एक मेकअप किट खरीदी. शौपिंग की, बहुत अच्छा लगा. इस शो के प्रोड्यूसर और लोग बहुत अच्छे थे, इसलिए पहले दिन से ही शूटिंग करने में भी बहुत मज़ा आया था. सीखने और समझने के लिए वहां बहुत कुछ मिला.  

सवाल-लॉक डाउन में क्या कर रही है?

मुझे किताबे पढने का बहुत शौक है, उसे पढ़ रही हूं. इसके अलावा मैंने माँ के साथ केक बेक करना, इटालियन खाना बनाना सीखा है. इस दौरान मैंने महसूस किया है कि घर पर रहने वाली महिलाएं पूरा दिन काम करती है और ये आसान नहीं होता. 

सवाल-धारावाहिक ‘विद्या’ के बंद होने से मायूसी हुई?

हाँ थोड़ी तो हुई, क्योंकि कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन की वजह से उन्होंने उसे बंद किया, पर मेरी माँ ने मेरी मायूसी को कम कर दिया. 

सवाल-क्या हिंदी फिल्मों में आने की इच्छा है ?

मैं अभी वेब सीरीज में काम करना चाहती हूं, क्योंकि मुझे अभी बहुत कुछ सीखना है. सीखने के बाद मैं फिल्मों में आना चाहूंगी. 

सवाल-क्या काम के साथ-साथ आपकी पढाई जारी है?

नहीं, वह संभव नहीं क्योंकि काम में हर दिन 10 से 12 घंटे देने पड़ते है, ऐसे में पढाई छूट गयी है, पर जब कभी भी काम से ब्रेक लूँगी, मैं अवश्य एक बार फिर कुछ कोर्स करने की कोशिश करुँगी.

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सवाल-नेपोटिज्म और खेमेबाजी के बारें में आपकी सोच क्या है?

ये हर क्षेत्र में होता है, पर मुझे अभी तक इसका सामना नहीं करना पड़ा. मैंने जब कभी भी लो फील किया मेरे परिवार वालों ने साथ दिया. इसे अधिक महत्व नहीं दिया. डिप्रेशन एक बीमारी है और लोग इसे छिपाते है, जो उचित नहीं. इसका इलाज है, इसलिए डॉक्टर की सलाह लेने से घबराना नहीं चाहिए. साथ ही दोस्तों और परिवार से संवाद बनाना जरुरी है, जो आपकी बात सुने और सही निर्देश दें. इंडस्ट्री में कॉम्पीटिशन और इनसिक्युरिटी बहुत अधिक है. इसलिए यहाँ डिप्रेसड होना या अकेले पड़ना आम बात है,ऐसे में सपोर्ट सिस्टम का स्ट्रोंग होना जरुरी है. सुशांत सिंह राजपूत की घटना से मैं बहुत शॉकड थी, क्योंकि इतना मेहनत करने वाला इंसान के लिए ऐसा कर जाना विश्वास योग्य नहीं था.

सवाल-तनाव में होने पर आप क्या करती है? 

मेरा परिवार मेरे साथ हमेशा रहता है, इसलिए कभी तनाव नहीं आती. विद्या शो के बंद होने के बाद जब मैंने माँ से इसका जिक्र किया तो उनका कहना था कि कोई बात नहीं. इतने सालों से काम कर रही है अब थोड़ी आराम कर लें. ये रिएक्शन मेरे लिए बड़ी थी. इसके अलावा कोई भी समस्या आने पर भाई, माँ या दोस्तों से शेयर करती हूं. मैं बहुत पॉजिटिव विचार रखती हूं. किसी चीज के न मिलने पर मायूस नहीं होती, हार नहीं मानती. मेरे माता-पिता अलग रहते है, पर उसका प्रभाव मेरे जीवन पर कभी नहीं पड़ा. 

सवाल-लॉक डाउन का असर इंडस्ट्री पर पड़ा है, आपकी सोच इस बारें में क्या है?

जैसा मैंने सुना है कि करीब 12 करोड़ लोगों के काम हर क्षेत्र से चले गए है. ये बहुत बड़ी समस्या है. धीरे-धीरे सब सही होगा. धीरज सबको रखना पड़ेगा. जल्दी ठीक हो यही उम्मीद करती हूं. दुःख इस बात का है कि लोग अभी भी मान नहीं रहे और झुण्ड में बाहर निकलते है.

सवाल-आप कितनी फैशनेबल है?

मैं अधिक फैशन पसंद नहीं करती. आरामदायक कपडे पहनती हूं.  अभी मैं खुद फैशन के बारें में थोडा सोचने लगी हूं. 

सवाल-कोई सामाजिक काम जिसे आप करना चाहे?

मैं करती हूं, जिसे बताना नहीं चाहती. इसके अलावा सिग्नल पर भीख मांग रहे छोटे बच्चों को अगर पढ़ाया जाय, तो अच्छी बात होगी.

सवाल- गृहशोभा के जरिये कोई मेसेज देना चाहे?

मेरी माँ गृहशोभा हमेशा पढ़ती है, उन्हें मैगज़ीन की ब्यूटी, रिलेशनशिप, महिलाओं से सम्बंधित लेख बहुत पसंद है. इसके अलावा महिअलों से मैं कहना चाहती हूं  कि वे घर की बहुत बड़ी जिम्मेदारी सम्हालती है. उन्हें मैं सेल्युट करती हूं. उन्हें कभी अपने आप को कम नहीं समझना चाहिए.

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