सेक्सुअल हेल्थ से जुड़ी प्रौब्लम का इलाज बताएं?

सवाल-

मैं 34 वर्षीय कामकाजी महिला हूं. मेरे 2 बच्चे हैं. छोटी बच्ची 4 साल की है. उस के जन्म के बाद से मेरी योनि काफी ढीली हो गई है. नतीजतन पति को सैक्स के समय संतुष्ट नहीं कर पाती. इस से मन हमेशा बेचैन रहता है. पिछले दिनों एक पत्रिका में मैं ने एक विज्ञापन देखा, जिस में योनि में दवा रखने से कसावट लौट आने का दावा किया गया था. क्या उस दवा का प्रयोग करना वाजिब होगा?

जवाब-

आप जिस समस्या से परेशान हैं, वह आप की उम्र की स्त्रियों में आम पाई जाती है. प्रसूति से गुजरने और उम्र बढ़ने के साथ बहुत सी स्त्रियों में योनि की चुस्ती स्वाभाविक रूप से घट जाती है और उस में शिथिलता आ जाती है. ऐसे में उसे फिर से कसा बनानेकी सब से आसान और सुगम युक्ति नियम से श्रोणि पेशियों का व्यायाम करना है. यह व्यायाम कोई भी स्त्री दिन में किसी भी समय कर सकती है. व्यायाम करने की विधि बिलकुल सीधीसरल है. सिर्फ कुछ मिनट निकालने की जरूरत है. आप चाहें तो इसे लेटे, बैठे या खड़ी किसी भी मुद्रा में कर सकती हैं. बस, श्रोणि पेशियों को इस प्रकार सिकोड़ें और भींच कर रखें मानों मूत्रत्याग की क्रिया पर रोक लगाने की जरूरत है. 10 की गिनती तक श्रोणि पेशियों को भींचे रखें और फिर ढीला छोड़ दें. अगले 10 सैकंड्स तक श्रोणि पेशियों को आराम दें. इस के लिए 10 तक गिनती गिनें. यही व्यायाम पहले दिन 12 बार दोहराएं. फिर धीरेधीरे बढ़ाते हुए सुबहशाम 24-24 बार करने का नियम बना लें. 2-3 महीनों के भीतर ही आप योनि की पेशियों को फिर से कसा पाएंगी. नतीजतन आप दोनों के बीच का यौनसुख भी दोगुना हो जाएगा. योनि में किसी भी प्रकार का रसायन रखना उचित नहीं होगा. चाहे विज्ञापनकर्ता कितना ही भरोसा क्यों न दिलाए. रसायन के प्रभाव से योनि की नाजुक भीतरी तह में विकृति उत्पन्न होने का अंदेशा रहेगा. इस से मामला सुधरने के बजाय बिगड़ भी सकता है.

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अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

गुप्त रोग लाइलाज नहीं

सैक्स का जिक्र आते ही युवा मन में एक विशेष प्रकार की सरसराहट होने लगती है. मन हसीन सपनों में खो जाता है, क्योंकि यह प्रक्रिया है 2 जवां दिलों के आपसी मिलन की.

रमेश का विवाह नेहा से तय हो गया था. रमेश नेहा की खूबसूरती देख पहली ही नजर में उस का दीवाना हो गया था. नेहा को ले कर उस ने हसीन सपने बुन रखे थे. बस, इंतजार था शादी व मिलन की रात का.

रमेश ने पहले कभी शारीरिक संबंध नहीं बनाए थे, इसलिए उस के लिए तो यह नया अनुभव था. मिलन की रात जब रमेश ने नेहा को अपने आगोश में लिया तो उस का धैर्य जवाब देने लगा. उस ने जल्दी से नेहा के कपड़े उतारे और सैक्स को तत्पर हो गया, पर अभी वे एकदूसरे में समा भी न पाए थे कि वह शांत हो गया.

नेहा अतृप्त रह गई. जिस आनंद के सपने उस ने संजो रखे थे सब धराशायी हो गए. रमेश अपने को बहुत लज्जित महसूस कर रहा था.

रमेश जैसी स्थिति किसी भी युवा के साथ आ सकती है. अकसर युवा इसे अपनी शारीरिक कमजोरी या गुप्त रोग मान लेते हैं और उन्हें लगता है कि वे कभी शारीरिक संबंध स्थापित नहीं कर पाएंगे.

बहुत से युवा अपने मन की बात किसी से संकोचवश कर नहीं पाते और हताशा का शिकार हो कर आत्महत्या तक कर लेते हैं. कुछ युवा नीमहकीमों के चक्कर में पड़ जाते हैं जो उन्हें पहले नामर्द ठहराते हैं और फिर शर्तिया इलाज की गारंटी दे कर लूटते हैं. युवाओं को समझना चाहिए कि ऐसी समस्या मानसिक स्थिति के कारण उत्पन्न होती है.

प्रसिद्ध स्किन व वीडी स्पैशलिस्ट डा. ए के श्रीवास्तव का कहना है कि ‘पहली रात में सैक्स न कर पाना एक आम समस्या है, क्योंकि युवाओं को सैक्स की जानकारी नहीं होती. वे सैक्स को भी अन्य कामों की तरह निबटाना चाहते हैं, जबकि सैक्स में धैर्य, संयम और आपसी मनुहार अत्यंत आवश्यक है.

डा. श्रीवास्तव कहते हैं कि सैक्स से पहले फोरप्ले जरूरी है, इस से रक्त संचार तेज होता है और पुरुष के अंग में पर्याप्त कसाव आता है. कसाव आने पर ही सैक्स क्रिया का आनंद आता है और वह पूर्ण होती है. इसलिए युवाओं को सैक्स को गुप्त रोग नहीं समझना चाहिए. यदि फिर भी कोई समस्या है तो स्किन व वीडी विश्ेषज्ञ की राय लें.

आइए, एक नजर डालते हैं कुछ खास यौन रोगों पर :

शीघ्रपतन

अकसर युवाओं में शीघ्रपतन की समस्या पाई जाती है. यह कोई बीमारी नहीं है बल्कि दिमागी विकारों की वजह से ऐसा होता है. इस समस्या में युवा अपने पार्टनर को पूरी तरह से संतुष्ट करने से पहले ही स्खलित हो जाते हैं. यह बीमारी वैसे तो दिमागी नियंत्रण से ठीक हो जाती है, लेकिन अगर समस्या तब भी बनी रहे तो किसी योग्य चिकित्सक से परामर्श ले कर इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है.

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नपुंसकता

नपुंसकता एक जन्मजात बीमारी है. इस रोग से ग्रसित लोग स्त्री को शारीरिक सुख देने में सक्षम नहीं होते और न ही संतान पैदा कर पाते हैं. कुछ युवाओं में क्रोमोसोम्स की कमी भी नपुंसकता का कारण होती है. युवाओं को शादी से पहले पता ही नहीं चलता कि उन के क्रोमोसोम्स या तो सक्रिय नहीं हैं या उन में दोष है. कुछ युवा शुरू में नपुंसक नहीं होते पर अन्य शारीरिक विकारों की वजह से वे सैक्स क्रिया सही तरीके से नहीं कर पाते. इसलिए उन को नपुंसक की श्रेणी में रखा जाता है. आजकल तो इंपोटैंसी टैस्ट भी उपलब्ध हैं. अगर ऐसी कोई समस्या है तो इस टैस्ट को अवश्य कराएं.

पुरुष हारमोंस की कमी

पुरुषों में टैस्टेटोरोन नाम का हारमोन बनता है. यही हारमोन पुरुष होने का प्रमाण है. कभीकभी किन्हीं वजहों से टैस्टेटोरोन स्रावित होना बंद हो जाता है तो वह व्यक्ति गुप्त रोग का शिकार हो जाता है. 50 से 55 वर्ष की आयु के बाद इस हारमोन के बनने की गति धीमी पड़ जाती है इसलिए ऐसे व्यक्ति सैक्स क्रिया में जोश से वंचित रह जाते हैं.

सिफलिस

यह वाकई एक गुप्त रोग है जो किसी अनजान के साथ यौन संबंध बनाने से होता है. अकसर यह रोग सफाई न रखने या ऐसे पार्टनर से सैक्स संबंध कायम करने से होता है जो अलगअलग लोगों से सैक्स संबंध बनाता है. इस रोग में यौनांग पर दाने निकल आते हैं. कभीकभी इन दानों से खून या मवाद का रिसाव तक होता रहता है. यदि आप के यौन अंग पर ऐसे दाने उभरते हैं तो तुरंत त्वचा व गुप्त रोग विशेषज्ञ से राय लें और इलाज कराएं. इस का इलाज संभव है.

जिस तरह पुरुषों में यौन या गुप्त रोग होते हैं, उसी तरह महिलाओं में भी गुप्त रोग हो सकते हैं. अकसर बहुत सी युवतियों की सैक्स में रुचि नहीं होती. सैक्स के नाम से वे घबरा जाती हैं ऐसी युवतियां या तो बचपन में किसी हादसे का शिकार हुई होती हैं या फिर किसी गुप्त रोग से पीडि़त होती हैं, यहां तक कि वे शादी करने तक से घबराती हैं.

महिलाओं के कुछ खास गुप्त रोग

बांझपन

युवतियों में 12-13 वर्ष की उम्र से माहवारी आनी शुरू हो जाती है. कभीकभी यह 1-2 साल आगेपीछे भी हो जाती है पर ऐसी भी युवतियां हैं जिन के माहवारी होती ही नहीं. ऐसी युवतियां बांझपन का शिकार हो जाती हैं. स्त्री बांझपन भी पुरुष नपुंसकता की तरह जन्मजात रोग है. बहुतों में अनेक शारीरिक व्याधियों के चलते भी हो जाती है लेकिन वह अस्थायी होती है और इलाज से ठीक भी हो जाता है. अगर किसी किशोरी को माहवारी की समस्या है तो उसे तुरंत किसी योग्य स्त्रीरोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए.

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जननांगों में खुजली

जब से समाज में खुलापन आया है युवा मस्ती में कब हदें पार कर देते हैं पता ही नहीं चलता. चूंकि इन्हें जननांगों की साफसफाई कैसे रखी जाए, यह पता नहीं होता इसलिए ये खुजली जैसे यौन संक्रमणों का शिकार हो जाते हैं. यदि बौयफ्रैंड को कोई यौन संक्रमण है तो गर्लफ्रैंड को इस यौन संक्रमण से बचाया नहीं जा सकता. अत: दोनों को ही शारीरिक संबंध बनाने से पहले अपने यौनांगों की अच्छी तरह सफाई कर लेनी चाहिए.

एंड्रोजन हारमोन का अभाव

जिस तरह पुरुषों में पुरुष हारमोन टैस्टेटोरोन होता है, उसी तरह युवतियों में एंड्रोजन हारमोन होता है. जिन युवतियों में इस हारमोन की कमी होती है, उन में सैक्स के प्रति उत्साह कम देखा गया है, क्योंकि यही हारमोन सैक्स क्रिया को भड़काता है. यदि कोई युवती एंड्रोजन हारमोन की कमी का शिकार है तो उसे तुरंत गाइनोकोलौजिस्ट से राय लेनी चाहिए. यह कोई लाइलाज रोग नहीं है.

लिकोरिया

लिकोरिया गंदगी की वजह से होने वाला एक महिला गुप्त रोग है. इस रोग में योनि से सफेद बदबूदार पानी का स्राव होता रहता है, जिस से शरीर में कैल्शियम व आयरन की कमी हो जाती है. इस रोग से बचने के लिए युवतियों को अपने गुप्तांगों की नियमित सफाई रखनी चाहिए और किसी दूसरी युवती के अंदरूनी वस्त्र नहीं पहनने चाहिए. लिकोरिया की शिकार युवतियों को तुरंत लेडी डाक्टर से सलाह लेना चाहिए, वरना यह रोग बढ़ कर बेकाबू हो सकता है.

सैक्स में भ्रांतियां न पालें

सैक्स की अज्ञानता की वजह से अकसर युवकयुवतियां सैक्स को ले कर तरहतरह की भ्रांतियां पाल लेते हैं.

हस्तमैथुन

यह एक स्वाभाविक क्रिया है. अकसर युवकों को हस्तमैथुन की आदत पड़ जाती है. ज्यादा हस्तमैथुन करने वाले युवकों को लगता है कि उन का अंग छोटा या टेढ़ा हो गया है और वे विवाह के बाद अपनी पत्नी से शारीरिक संबंध बनाने में कामयाब नहीं होंगे. कई नीमहकीम भी युवकों को डरा देते हैं कि हस्तमैथुन से अंग की नसें कमजोर पड़ जाती हैं और वे अपनी पत्नी को खुश नहीं रख सकेंगे, पर वास्तव में ऐसा नहीं है. हस्तमैथुन शरीर की आवश्यकता है. शरीर में वीर्य बनने पर उस का बाहर आना भी जरूरी है. इस में किसी प्रकार की कोई बुराईर् नहीं है. युवक ही नहीं युवतियां भी हस्तमैथुन करती हैं. डाक्टरों का भी मत है कि हस्तमैथुन का कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ता.

ज्यादा सैक्स सेहत के लिए हानिकारक

अकसर लोगों को यह कहते सुना जाता है कि ज्यादा सैक्स सेहत के लिए हानिकारक है पर ऐसा बिलकुल भी नहीं है. बल्कि सैक्स से महरूम रहना सेहत पर असर डालता है. सैक्स से मानसिक थकावट कम होती है, चित्त प्रफुल्लित रहता है जो सेहत के लिए अत्यंत जरूरी है.

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वैजाइनल ड्राईनैस और दर्द

 वैजाइनल ड्राईनैस यानी योनिमार्ग का सूखा होने की समस्या, सभी आयुवर्ग की महिलाओं में हो सकती है, लेकिन राजोनिवृति के बाद तो यह समस्या हर महिला में आम हो गई है. यह अनुमान लगाया गया है कि समस्या पोस्टमेनोपौजल महिलाओं के लगभग आधे हिस्से को प्रभावित करती है और उन में अधिकांश जो अपने लक्षणों के लिए इलाज की तलाश नहीं करते हैं, जिस में न केवल सूखापन, बल्कि संभोग के दौरान जलन और दर्द भी शामिल है.यह अन्य जीर्ण स्थितियों की तरह ही जीवन की गुणवत्ता को कम कर सकता है. रजोनिवृत्ति के अन्य लक्षणों में समय के साथ सुधर आता है मगर योनि का सूखापन बना रहता है क्योंकि यह शारीरिक परिवर्तन से उत्पन्न होता है. विशेष रूप से एट्रोफी औफ टिश्यूज, जो ऐस्ट्रोजेन के नुकसान के कारण पहले, सूखने वाले और कम लचीले हो जाते हैं.

वैजाइनल ड्राईनैस के लक्षण

– संभोग के दौरान लुब्रिकेशन न होने की वजह से दर्द की समस्या जो कि धीरेधीरे बढ़ती रहती है. योनि के आसपास की त्वचा का पतला होना इसे और अधिक आसानी से क्षतिग्रस्त कर देता है. यह क्षति अकसर सैक्स के दौरान हो सकती है, खास कर अगर लुब्रिकेशन खराब हो. यहां तक कि कोमल घर्षण से दर्द और असुविधा हो सकती है. दर्दनाक संभोग के कारण यौन इच्छा में धीरेधीरे कमी आने लगती है.

– योनि और वल्वा की स्थिति में परिवर्तन होने लगता है. योनि का अलग दिखना आम बात है क्योंकि इस के किनारे और पतले हो जाएंगे.- योनि स्राव में परिवर्तन होने लगता है. महिलाओं को धीरेधीरे अपने योनि स्राव में बदलाव देखने को मिलता है क्योंकि यह जलन के साथ अधिक बदबूदार होती है. ये लक्षण चिंताजनक हो सकते हैं लेकिन वे केवल हार्मोनल परिवर्तनों के कारण होते हैं.

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भावनात्मक प्रभाव:

योनि का सूखापन महिलाओं को अलग महसूस करा सकता है. शरीर में परिवर्तन को स्वीकार करना मुश्किल हो सकता है और इस के कारण होने वाले दर्द और परेशानी से आत्मविश्वास और यौन आत्मविश्वास में कमी हो सकती है.कभीकभी ये लक्षण भ्रम पैदा कर सकते हैं क्योंकि वे यौन संचारित रोगों या थ्रश (छालों) के लक्षणों के समान होते हैं. जैसा कि यह एक शर्मनाक समस्या है, कई महिलाएं इसे सहन करती हैं और यह उन के साथी के साथ संबंधों पर एक बड़ा दबाव डाल सकता है, खासकर अगर महिलाएं अपने साथी को यह बताने में असमर्थ महसूस करती हैं कि उन्हें यौन गतिविधि में रुचि क्यों नहीं है.

इलाज

यदि कोई महिला इन उपरोक्त लक्षणों का अनुभव कर रही है, तो उस का डाक्टर के पास जाना ही उचित है. कुछ त्वचा संबंधित स्थितियां हैं जो समान लक्षणों का कारण हो सकती हैं, जैसे कि जननांगों पर पतली, धब्बेदार सफेद  त्वचा, जिस के कारण श्लेष्मा होता है, श्लेष्मा से झिल्ली और शरीर के अन्य क्षेत्रों में खुजली होती है.आमतौर पर, एक ही लक्षण डिसप्लासिया नामक एक पूर्ववर्ती स्थिति से उत्पन्न हो सकता है.वैजाइनल इनफैक्शन और दाद के लक्षण भी योनि में सूखापन के लक्षणों की तरह ही हो सकते हैं.एक  बार जब अन्य स्थितियों से इनकार कर दिया जाता है, तो डाक्टर योनि के सूखापन के समाधान खोजने के लिए काम कर सकते हैं. वैजाइनल मौइस्चराइजर, वैजाइनल ऐस्ट्रोजन या कोई अन्य डाक्टर बता सकते हैं.

चिकित्सक भी संभोग के दौरान एक महिला को लुब्रिकेंट का उपयोग करने की सलाह दे सकते हैं, हार्मोन थैरेपी के अन्य रूपों की पेशकश कर सकते हैं.अन्य उपचारों के अलावा स्वस्थ आहार आप के योनि के ऊतकों को हाइड्रेट करने में मदद कर सकता है, जिस तरह यह शरीर के अन्य क्षेत्रों पर शुष्क त्वचा की मदद कर सकता है.योनि के लिए नियमित लोशन की सिफारिश नहीं की जाती है, लेकिन नारियल तेल या जैतून का तेल मौइस्चराइजर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन इन सब के नियमित उपयोग से संक्रमण हो सकता है. इस के अलावा, संभावित यानि इरिटेंट से सावधान रहें, जैसे कि मूत्र असंयम के लिए पैड. ये पैड त्वचा में सूजन ला सकते हैं, क्योंकि इस में सुगंधित डिटर्जैंट हो सकते हैं.आमतौर पर, सूती अंडरवियर नियमित आधार पर पहनने के लिए सब से अच्छा विकल्प है. सुगंधित साबुन से बचें.

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एक मौन समस्या

वैजाइनल ड्राईनैस से संबंधित समस्याओं का सामना करने वाली महिलाओं की भारी संख्या के बावजूद, यह अभी भी एक मूक समस्या है कि बहुत सी महिलाएं अपने साथी, दोस्तों और यहां तक कि डाक्टरों से बात करने में शर्मिंदगी महसूस करती हैं. इन समस्याओं के साथ केवल एक चौथाई महिलाएं वास्तव में उपचार चाहती हैं.याद रखें, रजोनिवृत्ति के बाद की अवस्था में अपना जीवन व्यतीत करने वाली महिलाओं को यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि वे रजोनिवृत्ति से पहले जीवन की गुणवत्ता बनाए रखें. वैजाइनल ड्राईनैस को बढ़ती उम्र के अपरिहार्य भाग के रूप में इलाज करने की आवश्यकता नहीं है. इस के बारे में कुछ किया जा सकता है. महिलाओं को अपनी समस्याओं को अपने जीवन के हिस्से के रूप में छोड़ कर समाधान प्राप्त करने के लिए आना चाहिए.

-डा. संचिता दुबे

फीमेल इश्यू ऐक्सपर्ट, मदरहुड हौस्पिटल, नोएडा से मोनिका अग्रवाल की बातचीत पर आधारित.

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