इधर कुआं उधर खाई

हर मोबाइल में कैमरा होना एक टैक्नोलौजी का कमाल है पर हर नई टैक्नोलौजी की तरह उस में भी खतरे भरे हैं. अब इस कैमरे का वाशरूमों में लड़कियों के कपड़े बदलने के दौरान वीडियो बनाने के लिए जम कर इस्तेमाल किया जा रहा है जिसे बाद में ब्लैकमेल के लिए या यों ही मजा लेने के लिए वायरल कर दिया जाता है.

भारत की महान जनता भी ऐसी है कि इस तरह के सैक्सी वीडियो को देखने के लिए हर समय पागल बनी रहती है और इंस्टाग्राम, फेसबुक, ऐप्स, थ्रैड्स, यूट्यूब पर हरदम जुड़ी रहती है तो इसलिए कि इस तरह का कोई वीडियो डिलीट होने से पहले मिस न हो जाए.

दिल्ली के आईआईटी में स्टूडैंट्स के एक प्रोग्राम में फैशन शो के दौरान लड़कियों के ड्रैस बदलने व कौस्ट्यूम पहनने के समय वाशरूम की खिड़की से एक सफाई कर्मचारी शूटिंग करता पकड़ा गया. इस तरह के मामले तो आम हैं पर जिन लड़कियों के वीडियो वायरल हो जाते हैं उन की कितनी रातें हराम हो जाती हैं.

आजकल ऐडिटिंग टूल्स भी इतने आ गए हैं कि इन लड़कियों की बैकग्राउंड बदल कर इन्हें देहधंधे में लगी तक दिखाया जा सकता है, वह भी न के बराबर पैसे में.

अच्छा तो यही है कि मोबाइल का इस्तेमाल बात करने या मैसेज देने के काम आए और उसे कैमरों से अलग किया जाए. कैमरा आमतौर पर दूसरों की प्राइवेसी का हनन करता है. पहले जो कैमरे होते थे दिख जाते थे और जिस का फोटो खींचा जा रहा होता था वह सतर्क हो जाता था और आपत्ति कर सकता था.

अब जराजरा सी बात पर मोबाइल निकाल कर फोटो खींचना या वीडियो बनाना अब बड़ा फैशन बन गया है और लोग रातदिन इसी में लगे रहते हैं. यह पागलपन एक वर्ग पर बुरी तरह सवार हो गया है और टैक्नोलौजी का इस्तेमाल हर तरह से घातक होने लगा है.

मोबाइल बनाने वाली कंपनियां लगातार कैमरों में सुधार कर रही हैं पर यह बंद होना चाहिए. कैमरे की डिजाइन अलग होनी चाहिए और केवल अलग रंगों में मिलनी चाहिए ताकि इस का गलत इस्तेमाल कम से कम हो. यह टैक्नोलौजी विरोधी कदम नहीं है, यह कार में सेफ्टी ब्रेक, एअर बैलून जैसा फीचर है.

हर मोबाइल एक प्राइवेसी हनन का रास्ता बन जाए उतना खतरनाक है जैसा सुरक्षा के नाम रिवाल्वरों को हरेक हाथों में पकड़ा देना जो अमेरिका में किया जा रहा है. वहां हर थोड़े दिनों में कोई सिरफिरा 10-20 को बेबात में गोलियों की बौछारों से भून डालता है पर चर्च समर्थक इसे भगवान की मरजी और अमेरिकी संविधान के हक का नाम देते हैं. जब अमेरिका का संविधान बना था तब हर जगह पुलिस व्यवस्था नहीं थी और लोगों को गुंडों, डाकुओं और खुद सरकार की अति से बचना होता था.

मोबाइल कैमरे किसी भी तरह काम के नहीं हैं. वैसे ही सरकारों ने देशों को सर्विलैंस कैमरों से पाट रखा है. इस पर मोबाइल कैमरे बंद होने चाहिए. कैमरे बिकें, एक अलग डिवाइस की तरह. ऐसा करने से कम लोग कैमरे लेंगे और जो लेंगे उन में अधिकांश जिम्मेदार होंगे. वे अमेरिका के गन कल्चर की तरह काम करें, यह संभव है पर फिर भी उम्मीद की जाए कि निर्दोष मासूम लड़कियां अपने बदन की प्राइवेसी को बचा कर रख सकेंगी. वैसे यह मांग मानी जाएगी, इस में शक है क्योंकि जनता को अफीम की तरह मोबाइल कैमरों की लत पड़ चुकी है और ड्रग माफिया की तरह मोबाइल कंपनियां अरबों रुपए लगा कर ऐसे किसी बैन को रोकने में सक्षम हैं.

स्मार्टफोन कितने स्मार्ट

पिछले कई सालों से स्मार्ट फोनों ने दुनिया को अपनी गिरफ्त में इस तरह ले लिया है मानो स्मार्टफोन का न होना, सूर्य का सुबह न निकलना हो. पढ़ेलिखे डाक्टर, विचारक, नेता हों या अधपढ़े मजदूर, छात्र, किसान सभी सारे दिन स्मार्टफोन में उलझे रहते हैं. स्मार्टफोन पर तरहतरह की जानकारी उपलब्ध है, गेम्स हैं, पढऩे की सामग्री है, वीडियो हैं, फिल्में हैं. वहीं, स्मार्टफोन बिजली खाते हैं, डेटा खाते हैं और सब से बड़ी बात यह है कि ये आम आदमी का समय खाते हैं.

हाथ में स्मार्टफोन हो तो हर समय क्या टैंप्रेचर है, यह देखा जाता है. सुबह से कितने स्टैप चल लिए, यह देखा जाता है. करीना कपूर और आलिया भट्ट ने आज क्या पहना, यह देखा जाता है. बिल स्मिथ ने औस्कर पुरस्कार के दौरान क्रिस रौक को किस तरह चांटा मारा, यह देखा जाता है. यूक्रेन के नष्ट होते शहर देखे जाते हैं. जिंद की लडक़ी का नाच देखा जाता है. मोदी का भाषण देखा जाता है. वृंदावन का आडंबर देखा जाता हैं. हिंदूमुसलिम विवाद की झलकियों का तमाशा देखा जाता है.

सारा दिन यही सब देखने में गुजर जाता है. इस से मिलता क्या है? बड़ा सा जीरो. जिंदगी सुधारने की कोई बात स्मार्टफोन पर शायद ही देखी जाती हो. यह तो वह झुनझुना है जो हाथ में है, तो बजाते रहो और खुश होते रहो. इसलिए अब लोग फिर डंब फोन पर लौटने लगे हैं. सीधे सिर्फ टैक्सट मैसेज और फोन कौल करने वाले नोकिया के फोन अब सफल लोग फिर तेजी से खरीद रहे हैं क्योंकि इन से उन का समय बच रहा है. हां, उन्हें अपने खास कामों के लिए बैग में आईपैड या कंप्यूटर रखना पड़ता है पर हर समय स्मार्टफोन के नोटिफिकेशन की पुंगपुंग से फुरसत मिल जाती है.

स्मार्टफोन स्मार्ट तो हैं पर जैसे हर स्टैंडअप कौमेडियन के शो में पिछले मजाकों के अलावा कुछ नहीं मिलता वैसे ही स्मार्टफोन का अनचैलेंज भंडार हर यूजर को और अधिक बेवकूफ बनाता है क्योंकि वह दिमाग की मैमोरी में बेकार फैक्ट्स इस कदर ठूंस देता है कि कुछ सोचनेविचारने का समय ही नहीं मिलता.

स्मार्टफोन से सही इंफौर्मेशन मिल सकती है, यह ऐसा कहना है कि शहर के बाहर बने कूड़े के ढेर में बहुत सी लगभग नई चीजें भी मिल सकती हैं. सवाल है, यह कौन करेगा. आज तो आप ने कुछ जानने के लिए गूगल पर नीदरलैंड टाइप किया नहीं कि कितनी ही साइटों पर नीदरलैंड के विज्ञापन दिखने लगेंगे. आप ने किडनी के बारे में जानने के लिए कुछ टाइप किया नहीं कि आप का स्मार्टफोन डाक्टरों के मैसेजों से भरने लगेगा जो आप की किडनी की रिपेयरिंग सस्ते में करा देने का वादा करेंगे.

स्मार्टफोन आप की गुलामी की निशानी है जिस में फोन की सुविधा और कुछ काम कीर ऐपों के बदले आप हर समय पब्लिसिटी के शिकार बने रहते हैं. स्मार्टफोन नए धर्म की तरह है जो आप को बेवकूफ बनाने के लिए स्वार्थहीन, परिश्रम, बड़ों के आदर जैसे कुछ वाक्य सुनाने के बदले आप से मोटा धन ही नहीं वसूलते, आप को किसी को जान से मारने के लिए उकसा भी देते हैं और अपनी जान देने को तैयार भी कर देते हैं. स्मार्टफोन हाथ में हो, तो आप को रेल की पटरियां क्रौस करते हुए आती ट्रेन की आवाज सुनाई नहीं देती. वहीं, वहां चलाने के दौरान स्मार्टफोन पर बात करना शुरू कर आप किसी को मार भी सकते हैं. यह भी सही है कि आज की मौजूदा स्थिति में स्मार्टफोन हम सब की जरूरत बन चुके हैं और अब इन से छुटकारा पाने का प्रयास करना गहरे काले अंधेरे में रोशनी की लाइन दिखने जैसा है.

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बड़े काम के हैं व्हाट्सऐप के ये ट्रिक्स

लेखक- शाहनवाज

स्मार्टफोन यूज करने और इंटरनैट चलाने वाले व्हाट्सऐप के बारे में जानते ही होंगे. व्हाट्सऐप पूरी दुनिया में स्मार्टफोन यूज करने वाले लोगों के फोन में सब से कौमन एप्लीकेशन है जिस की जरूरत आजकल तकरीबन सभी को होती है. व्हाट्सऐप का इस्तेमाल पहले के समय में सिर्फ लिखे हुए मैसेज को भेजने के लिए किया जाता था लेकिन आज के एडवांस जमाने के साथ व्हाट्सऐप काफी एडवांस हो चुका है. अब लिखे हुए मैसेज भेजने के साथसाथ व्यक्ति व्हाट्सऐप पर वौइसकौल और वीडियोकौल दोनों कर सकते हैं. इस के अलावा, व्हाट्सऐप मल्टीमीडिया सैंड करने का तो जरिया है ही.

एक आंकड़े के अनुसार, पूरे भारत में व्हाट्सऐप यूज करने वाले लोगों की संख्या करीब 39 करोड़ है. लेकिन हर कोई व्हाट्सऐप के सभी टिप्स और ट्रिक्स से वाकिफ हो, यह जरूरी नहीं. ये कुछ टिप्स और ट्रिक्स उन यूजर्स के लिए सब से ज्यादा यूजफुल होंगे जो किसी से संपर्क करने के लिए ज्यादातर व्हाट्सऐप का इस्तेमाल करते हैं और सब से ज्यादा व्हाट्सऐप पर ऐक्टिव रहते हैं.

बिना नंबर सेव किए मैसेज भेजना:

व्हाट्सऐप में कई बार ऐसा होता है कि आप को किसी अनसेव्ड नंबर पर मैसेज भेजना होता है जिस के लिए आप को सब से पहले उस का नंबर अपने फोनबुक में सेव करना होता है. इसी के बाद ही आप उसे व्हाट्सऐप कर सकते हैं. लेकिन इस ट्रिक से आप व्यक्ति का नंबर सेव किए बिना उसे मैसेज भेज सकते हैं, बशर्ते वह व्हाट्सऐप पर मौजूद हो.

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उदाहरण के लिए, यदि आप को 98123××××× नंबर को बिना सेव किए उस को व्हाट्सऐप संदेश भेजना है तो आप को सब से पहले अपने फोन का ब्राउजर ओपन करना है, फिर यूआरएल में द्धह्लह्लश्चह्यर्//2ड्ड.द्वद्ग/+98123××××× टाइप करना है और सर्च कर लेना है. जिस के रिजल्ट में एक विंडो ओपन होगी जो आप से पूछेगी कि क्या आप को इस नंबर पर चैट करना है, जिस पर क्लिक करते ही आप के फोन में व्हाट्सऐप खुल जाएगा और आप उस नंबर पर बिना उसे सेव किए मैसेज भेज सकते हैं. याद रखें कि यूआरएल में नंबर डालने से पहले कंट्री कोड डालना जरूरी है और जिसे आप मैसेज भेज रहे हैं उस का व्हाट्सऐप पर अकाउंट होना चाहिए.

औटो रिप्लाई करना :

यह ट्रिक उन व्हाट्सऐप यूजर्स के लिए बेहद यूजफुल है जो बिजनैस के उद्देश्य से व्हाट्सऐप का इस्तेमाल करते हैं और उन के लिए जिन्हें व्हाट्सऐप पर बड़ी संख्या में मैसेज आते हैं जिन पर एकएक कर रिप्लाई करना कई बार बेहद मुश्किल हो जाता है. इस के अलावा यदि आप बिजी हैं और चाहते हैं कि आप को व्हाट्सऐप पर मैसेज भेजने वालों को एक औटोमेटेड रिस्पौंस चला जाए तो आप इस ट्रिक का बखूबी इस्तेमाल कर सकते हैं.

इस के लिए आप को प्ले स्टोर से एक थर्ड पार्टी एप्लीकेशन डाउनलोड करना होगा जो बेशक थोड़ा रिस्की जरूर है लेकिन यदि फिर भी आप ट्राई करना चाहें तो कर सकते हैं. प्ले स्टोर के सर्च बौक्स में आप को टाइप करना है- व्हाट्स औटो रिप्लाई ऐप. जिसे डाउनलोड करने के बाद आप को इसे अपने फोन की सैटिंग्स में जा कर इनेबल करना है, नोटिफिकेशन की परमिशन देनी है और अपने कस्टम मैसेज फीड कर सेव कर देना है. यह औटोमैटिकली किसी के मैसेज करने पर औटो रिप्लाई कर देगा.

किसी मैसेज को बुकमार्क करना :

जिस तरह से हम अपने कंप्यूटर या लैपटौप में किसी खास वैबसाइट को आसानी से एक्सैस करने के लिए बुकमार्क कर लेते हैं ताकि हमें आसानी से वह वैबसाइट मिल जाए, ठीक उसी तरह से आप व्हाट्सऐप में कोई मैसेज सेव कर सकते हैं जिसे आप आसानी से एक्सैस कर सकते हैं.

व्हाट्सऐप में जो कोई भी मैसेज आप बुकमार्क करना चाहते हैं उसे लौंग प्रैस करने के बाद सब से ऊपर एक स्टार का निशान बना होता है जिसे क्लिक कर आप व्हाट्सऐप के स्टार मैसेज के फोल्डर में जा कर उसे पढ़ सकते हैं. बुकमार्क किया हुआ मैसेज उस फोल्डर में तब तक सेव रहेगा जब तक आप उसे डिलीट न कर दें.

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मैसेज की फौर्मेटिंग करना :

आप ने कई बार देखा होगा कि आप के फैमिली या फ्रैंड व्हाट्सऐप ग्रुप्स में फौरवर्ड किए हुए मैसेज आते हैं जो दिखने में काफी स्टाइलिश लगते हैं. कहीं बोल्ड अक्षरों का इस्तेमाल किया जाता है तो कहीं इटैलिक्स का. जिसे करना बेहद आसान होता है जो कई व्हाट्सऐप यूजर्स को पता ही नहीं होता.

इस के लिए आप को मैसेज टाइप करते समय ही कुछ अक्षरों का ध्यान रखना होता है. यदि आप बोल्ड अक्षरों का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो जितने हिस्से को बोल्ड करना है उस की शुरुआत और अंत में **(स्टार) टाइप कर देना है. इटैलिक्स के ट्ठ (अंडरस्कोर) और स्ट्राइकथ्रू के लिए – (हाइफन) का इस्तेमाल मैसेज की शुरुआत व अंत में कर आप अपने मैसेज को अधिक अट्रैक्टिव बना सकते हैं. यकीन न हो तो इस्तेमाल कर के देखिए.

स्मार्टफोन बैटरी से जुड़ी अफवाहें

लेखक- शाहनवाज

स्मार्टफोन जीवन का सब से अहम हिस्सा बन चुका है. जीवन में स्मार्टफोन का इतना गहरा असर है कि हम कई बार खुद से भी ज्यादा अपने स्मार्टफोन की केयर करते हैं. फोन को साफ करते रहना, ज्यादा यूसेज से कहीं फोन गरम न हो जाए इस बात का ध्यान रखना, बैटरी को सही तरीके से चार्ज करना इत्यादि स्मार्टफोन की केयर करने से जुड़ा हुआ है.

अपने फोन की केयर करतेकरते हम कई बार ऐसी बातों को भी मानना शुरू कर देते हैं जो बिलकुल ही फुजूल हैं. स्मार्टफोन से जुड़ी ऐसी कई भ्रामक अफवाहें हैं जिन्हें अकसर लोग सच मान बैठते हैं. जिस में सब से ज्यादा पौपुलर स्मार्टफोन की बैटरी से जुड़ी भ्रामकता है. आज उन्हीं भ्रामकता को तोड़ने का काम करेंगे जिन्हें बहुसंख्य स्मार्टफोन यूजर्स सच मान बैठते हैं और बेवकूफ बन जाते हैं.

रातभर स्मार्टफोन चार्ज करना

आप ने भी स्मार्टफोन को ले कर कभी न कभी और किसी न किसी से यह जरूर सुना होगा कि अपने फोन को कभी भी देररात तक चार्ज नहीं करना चाहिए वरना तो फोन की बैटरी खराब हो सकती है, फोन ब्लास्ट हो सकता है, बैटरी फूल सकती है वगैरहवगैरह. यह पूरी तरह से एक मिथ्य है.

दरअसल यह अफवाह मार्केट में तब फैली थी जब हमारे स्मार्टफोन इतने स्मार्ट नहीं थे और न ही उन में लीथियम आयन की बैटरी का इस्तेमाल हुआ करता था. आजकल हमारे फोन के प्रोसैसर में जिस अत्याधुनिक एआई का इस्तेमाल किया जाता है, उस की मदद से यदि हमारा फोन एक बार पूरा चार्ज हो जाए तो वह औटोमैटिकली चार्जिंग डिसकनैक्ट कर देता है जिस से हमारे फोन की बैटरी को नुकसान नहीं पहुंचता. लेकिन फिर भी सावधानी बरतना जरूरी है, कम से कम इस बात का ध्यान रखें कि आप अपने बिस्तर के पास अपना फोन चार्ज पर लगा कर न सो जाएं. क्या पता यदि चार्जर में फौल्ट हुआ तो समस्या होने की पौसिबिलिटी तो है ही.

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फोन की बैटरी डैड होने पर ही फोन चार्ज करना

इंटरनैट की दुनिया में कुछ ऐसे लोग हैं जो इस तरह की अफवाह फैलाते हैं कि अपने फोन को चार्ज पर तभी लगाना चाहिए जब फोन की बैटरी एकदम खत्म होने वाली हो या फिर जब फोन डैड होने वाला हो. जिस के पीछे वे लौजिक देते हैं कि ऐसा करने से फोन की बैटरी की लाइफ अच्छी रहती है. और यही अफवाह ऐसे कई लोग देते हैं जो इसे सच मान बैठते हैं. हालांकि, यह बिलकुल भी सच नहीं है.

तो अब आप के मन में यह सवाल उठ सकता है कि हमें अपने फोन को कब चार्ज पर लगाना चाहिए. इस का जवाब है कि आप अपने फोन को अपनी मरजी से कभी भी चार्ज पर लगा सकते हैं. जब भी आप को लगे कि आप के फोन की बैटरी कम है और उसे चार्ज पर लगाना चाहिए, तब आप अपने फोन को बिना किसी चिंता के चार्ज कर सकते हैं.

हाई वाट के चार्जर से फोन चार्ज  ही करना चाहिए

ऐसे कई लोग हैं जिन का मानना होता है कि अपने फोन को हाई वाट के चार्जर से चार्ज नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से स्मार्टफोन की बैटरी डैमेज हो सकती है. जिसे कई लोग मान भी जाते हैं.

सचाई ऐसी नहीं है. आप बिलकुल अपने फोन को हाई वाट के चार्जर से चार्ज कर सकते हैं. आजकल के स्मार्टफोन इतने स्मार्ट होते हैं कि स्मार्टफोन यूजर को किसी भी तरह की टैंशन लेने की जरूरत नहीं होती. उदाहरण के लिए, आप का फोन 18 वाट के चार्जर से चार्ज होता है, यदि आप उसे रिप्लेस कर 35 वाट का चार्जर इस्तेमाल करते हैं तो आप का फोन उतना ही पावर सप्लाई चार्जर से खींचेगा जितना उसे जरूरत है, उस से ज्यादा नहीं. बशर्ते, आप कंपनी का ओरिजिनल चार्जर इस्तेमाल करते हैं तो ऐसे में आप को घबराने की जरूरत नहीं है.

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कहीं आपकी ये आदत आपको अपने बच्चो से दूर न कर दे

कुछ समय पहले मैंने एक बच्चे की कहानी पढ़ी थी.जिसमे कहानी का शीर्षक था ,”मै एक ‘स्मार्ट फ़ोन’ बनना चाहता हूँ.”
अब हो सकता है की आप सोच रहे हो की इसमें क्या.ये तो बहुत ही नार्मल सी कहानी है.बच्चे स्मार्ट फ़ोनको पसंद करते है हो सकता है इस वजह से कहते है.पर यकीन मानिए कहानी पढने से पहले मुझे भी कुछ ऐसा ही लगा था.

पर कहानी कुछ इस तरह थी-….

एक बार एक औरत बहुत ही दुखी मन से स्कूल से बच्चो को पढ़ा के निकली .शाम के समय जब उसका पति घर पर आया तो औरत को दुखी देखकर पूछा,”क्या हुआ इतनी दुखी क्यों हो ?कोई परेशानी????
औरत ने भारी मन से पूरे दिन का हाल बताना शुरू किया. वो बोली ,”आज स्कूल में मैंने बच्चो को एक टॉपिक दिया था ,जिसमे लिखना था की वो क्या बनना चाहते है?

सब बच्चो की सोच इस टॉपिक पर अलग-अलग थी.कोई डॉक्टर बनना चाहता था तो कोई इंजिनियर,कोई पायलट तो कोई क्रिकेटर.पर सबसे लास्ट में जब मैंने एक बच्चे की कॉपी चेक की तो उसमे लिखा था
“मै एक ‘स्मार्ट फ़ोन’बनना चाहता हूँ.

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क्योंकि मेरे मम्मी और पापा अपने स्मार्टफोन से बहुत प्यार करते हैं.मेरे मम्मी और पापा अपने फोन पर गेम खेलते हैं, मेरे साथ नहीं. जब वे किसी के साथ फोन पर बात कर रहे होते हैं, भले ही मैं किसी चीज के बारे में उत्साहित हूं और उन्हें बताना चाहता हूं, तो वे मुझसे दूर हो जाते हैं और मुझे दूर जाने के लिए कहते हैं.मेरे मम्मी पापा को चाहे कितना भी जरूरी काम क्यों न हो अगर उनका फोन सिर्फ एक बार बजता है, तो वे इसे तुरंत उठाते हैं. लेकिन वे मेरे लिए ऐसा नहीं करते, भले ही मैं रो रहा हूं…
इसलिए अगर मैं smartphone बन जाऊ तो घर में मेरी एक ख़ास जगह होगी और सारा परिवार मेरे आस पास रहेगा. जब मैं बोलूँगा तो सारे लोग मुझे ध्यान से सुनेंगे.पापा ऑफिस से आने के बाद थके होने के बावजूद भी मेरे साथ बैठेंगे. मम्मी को जब तनाव होगा तो वो मुझे डाटेंगी नहीं बल्कि मेरे साथ रहना चाहेंगी. सब मुझे अपने पास रखने के लिए झगडा करेंगे, और हाँ ‘स्मार्ट फ़ोन’ के रूप में मैं सबको ख़ुशी भी दे पाऊँगा………………”
जब उस औरत ने पढना बंद किया तो उसके पति ने उससे कहा की न जाने कैसे माता-पिता होते है जो अपने बच्चे पर ध्यान नहीं देते.बेचारा बच्चा…..
औरत ने रुंधे हुए गले से बोला ,”जानते हो ये किस बच्चे ने लिखा है ?
हमारे बेटे ने……

दोस्तों हो सकता है ये एक काल्पनिक कहानी हो पर सच कहूं तो शायद ये आज के दौर की हकीकत भी है.
शायद ये हम सभी जानते है की सोशल मीडिया कितना पावरफुल है.सोशल मीडिया की पॉवर इतनी है कि दुनिया के किसी भी इंसान से आपको मिलवा सकती है और सोशल मीडिया की पॉवर इतनी है की आपको आपके परिवार के साथ रहते हुए भी उनसे दूर कर सकती है .कहीं न कहीं हम इस मानव निर्मित दुनिया में खोते से जा रहे हैं. हम वास्तविक जीवन में लोगों से जुड़ने की तुलना में ऑनलाइन जुड़ने में अधिक समय व्यतीत कर रहे है.
क्वाल्ट्रिक्स और एक्सेल पार्टनर्स के एक सर्वेक्षण के अनुसार, 79% मिलेनियल्स अपने सेल फ़ोन को अपने सिरहाने रखकर सोते है और लगभग 53% हर रात कम से कम एक बार उन्हें जांचने के लिए उठते हैं.

केवल इतना ही नहीं, बल्कि लगभग 60% लोग सुबह बाथरूम का उपयोग करने से पहले ही अपने फोन की जांच करते हैं. एक अध्ययन में पाया गया कि सोशल मीडिया पर एक नज़र डाले बिना 42% लोग 2 से अधिक घंटे नहीं बिता पाए. यहाँ तक की सोशल गैदरिंग के दौरान भी 65 % लोगों ने अपने सेल फ़ोन का इस्तेमाल किया. लगभग 40% लोग कभी भी सेल फोन से डिस्कनेक्ट नहीं करते हैं, यहां तक कि छुट्टी के दिन भी नहीं… …..

पर ये चीज़े सिर्फ उन्ही लोगों तक सीमित नहीं रहती . वो खुद के साथ- साथ अपने बच्चो को भी इसकी चपेट में ले आते है. अक्सर कई माता –पिता में ये देखा गया है की वो अपने बच्चो को मोबाइल में इन्टरनेट कनेक्ट करके दे देते है ताकि बच्चे उन्हें परेशान न करें .
पर हाल ही में हुए एक शोध के मुताबिक़ बच्चों को अपने माता-पिता का ध्यान आकर्षित करने के लिए जोखिम भरे व्यवहार में संलग्न होने की अधिक संभावना पायी गयी. यानी वो अपने माता -पिता का ध्यान अपनी और खीचने के लिए ऐसे कोई भी जोखिम भरे कदम उठा सकते है जिससे उन्हें अपने माता पिता का अटेंशन मिले.

एक सर्वेक्षण के दौरान यह भी पाया गया की डिजिटल उपकरणों के अधिक उपयोग से बड़ों से लेकर बच्चो में आंखों की रोशनी कम होना , आंखें खराब होना , सिर दर्द, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई जैसे लक्षण पाए गए.

यहाँ तक की इन्टरनेट पर गेम खेलने की वजह से बच्चों के अन्दर मनोवैज्ञानिक बीमारियाँ भी आ रही है. इन्टरनेट पर गेम खेलने से रोकने पर बच्चे घबराहट महसूस करते है.

अगर आपके बच्चे में बेवज़ह गुस्सा करना या चिडचिडाना ,ज्यादातर अकेले रहने की आदत या हर वक़्त ऑनलाइन रहने की आदत है तो यह इन्टरनेट एडिक्शन की निशानी है. ज्यादातर बच्चे super- heroes को अपना ideal मानते है और उनसे एक जुडाव महसूस करते हैं. super- heroes के साथ जुडी बच्चों की दीवानगी जानलेवा भी साबित हो सकती है.

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ऐसे में इस देश के भविष्य (बच्चों) को इस लत से बचाना होगा वरना इसका नतीजा बहुत भायानक होगा.

दोस्तों इस लेख के माध्यम से मेरा आपसे सिर्फ यही कहना है ये जो इन्टरनेट है ये चीज़ हमें सिखाने के लिए बनी है ,हमें एक बेहतर इंसान बनाने के लिए ही बनी है ,किसी दूर बैठे को पास लाने के लिए बनी है ,इस दुनिया में क्या हो रहा है ये बताने के लिए बनी है.सीखने वालों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है ये इन्टरनेट और वहीँ टाइम पास करने वालों के लिए किसी शराब की लत से कम नहीं है इन्टरनेट.
कोशिश करें की ये आपको Use न करे, आप इसे Use करें .अपने परिवार के साथ ,अपने दोस्तों के साथ कीमती समय व्यतीत करें . Emoji के साथ- साथ लाइफ के real इमोशन भी फील करिए.फिर महसूस करिए की ये दुनिया कितनी खूबसूरत है……

NOTE: इस लेख के माध्यम से मेरा सिर्फ आपसे यही कहना है की जितना हो सके मोबाइल फ़ोन के उपयोग को कम करने का प्रयास करें,खुद के लिए भी और अपनों के लिए भी.

महिलाएं फोन हैंडलिंग में दिखाएं स्मार्टनैस

पार्टनर 4 महीने से बिजनैस ट्रिप पर गया हुआ था, जिस कारण न सिर्फ उस की पत्नी रीता बोर फील कर रही थी, बल्कि उस की शारीरिक जरूरतें भी पूरी नहीं हो पा रही थीं. तभी उस की फ्रैंड नेहा ने उसे कुछ ऐसी साइट्स देखने की सलाह दी जिन्हें देख कर उसे संतुष्टि मिल सके. और हुआ भी ऐसा ही, अब रोज वह उन साइट्स पर विजिट करने लगी. लेकिन उस की गलती यह हुई कि उस ने जो भी लिंक खोल कर देखा न तो उसे हिस्ट्री से डिलीट किया और न ही डाउनलोड किए फोटो फोन से हटाए. ऐसे में जब पार्टनर वापस आया तो उस ने कुछ सर्च करने के लिए उस का फोन उठाया तो उस के होश उड़ गई. सफाई देने के बावजूद उस ने रीता की एक नहीं सुनी और दोनों के बीच  झगड़ा शुरू हो गया. उस ने रीता के कैरेक्टर पर उंगली उठा दी. रीता की छोटी सी गलती ने उन के रिश्ते में दूरियां पैदा कर दीं.

ऐसा सिर्फ महिलाएं ही नहीं, पुरुष भी करते हैं, बल्कि इस तरह की चीजें देखने में पुरुष महिलाओं से कहीं आगे होते हैं, लेकिन वे ज्यादा तकनीक के जानकार होने के कारण बच जाते हैं. यहां तक कि भले ही वे घर से बाहर निकलते हुए अपनी कुछ जरूरी चीजें भूल सकते हैं, लेकिन फोन कभी नहीं. तभी तो यह पुराना चुटकुला उन पर मशहूर है- एक शादीशुदा आदमी सबकुछ भूल सकता है, लेकिन घर पर मोबाइल नहीं. ऐसे में आप टैक्नोलौजी के मामले में पुरुषों से पीछे क्यों रहें.

जानिए, कैसे आप अपनेअपने फोन को स्मार्टली हैंडल कर सकती हैं:

फोन को नहीं ऐप्स को करें लौक

पुरुष काफी स्मार्ट होते हैं भले ही वे हमेशा अपने फोन को लौक कर के रखें, लेकिन पार्टनर का फोन उन्हें खुली किताब की तरह ही चाहिए. जब खोले उसे किसी पासवर्ड की जरूरत न हो. ऐसे में आप थोड़ी सम झदार बनें. भले ही उस में ऐसीवैसी कोई चीज न हो, फिर भी अपने फोन के ऐप्स को लौक कर के रखें. इस के लिए आप को आमतौर पर हर ऐप की सैटिंग में जा कर प्राइवेसी के औप्शन पर क्लिक कर के उस ऐप को लौक करना होगा. इस से फायदा यह होगा कि आप का पार्टनर आप के बिना आप का फोन नहीं खोल पाएगा. इस से जहां आप को तकनीक की जानकारी मिलेगी वहीं आप निश्चिंत भी रहेंगी.

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फोन को क्यों न करें लौक

अधिकांश लोगों की यह आदत होती है कि वे अपने फोन को लौक कर के रखते हैं ताकि कोई भी उन के फोन के साथ छेड़छाड़ न कर सके. जबकि फोन को लौक करना सही नहीं है, क्योंकि अगर आप कहीं भी जाते हुए किसी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं या फिर कहीं पर आप का फोन छूट जाता है तो फोन के लौक होने के कारण कोई भी आप के परिवार को सूचित नहीं कर पाएगा.

क्लाउड पर सेव करें डाटा

ऐप्पल डिवाइस में आई क्लाउड सुविधा होती है, जबकि ऐंड्रौयड स्मार्टफोन में गूगल ड्राइव पहले से इनबिल्ट होता है. ये क्लाउड स्टोरेज कहलाते हैं. मोबाइल पर जो डेटा हम सेवा करते हैं उसे डिजिटल माध्यम कहते हैं. लेकिन जो डेटा हम आई क्लाउड या गूगल ड्राइव पर सेव करते हैं उसे वर्चुअल माध्यम कहते हैं. इस में डेटा आप के फोन की लोकल ड्राइव में सेव नहीं होता, बल्कि दूसरी कंपनी के सर्वर पर सेव होता है. इस से जहां आप के फोन की मैमोरी भी नहीं भरती वहीं आप का डेटा भी स्टोर हो जाता है, जिसे आप जब चाहें, जहां से चाहें खोल कर देख सकती हैं. और जिसे चाहें भेज सकती हैं. इस में आप फोटो, फाइल्स, वीडियो कुछ भी सेव कर के रख सकती हैं. इस के लिए आप को ईमेल आईडी और पासवर्ड की जरूरत होती है और इंटरनैट होना जरूरी है.

उदाहरण के लिए जैसे आप ऐंड्रौयड फोन में ड्राइव पर डेटा सेव करती हैं तो उस के लिए आप को जो भी डौक्यूमैंट सेव करना है उस पर क्लिक कर के आप को शेयर के औप्शन को चूज करना है, फिर उस में आप सेव ड्राइव वाले औप्शन को क्लिक करें, जिस में सब से पहले आप को डौक्यूमैंट का नाम डालना होगा. फिर मेल आईडी, फिर फोल्डर के औप्शन पर क्लिक कर के सलैक्ट डैस्टिनेशन में न्यू फोल्डर में जा कर फोल्डर का नाम डालें और क्रिएट करें और उस फाइल को फोल्डर में सेव कर लें.

हिस्ट्री डिलीट करने की आदत डालें

अकसर औफिस में जब भी हम किसी कुलीग का कंप्यूटर यूज करते हैं तो उस से हिस्ट्री को डिलीट जरूर करते हैं ताकि कोई देख न पाए कि हम ने क्या सर्च किया है. ऐसे में जब भी आप गूगल पर कुछ भी सर्च करें तो हिस्ट्री को डिलीट जरूर करें. इस से अगर कोई आप का फोन यूज करेगा तब भी कोई नहीं जान पाएगा कि आप ने क्या सर्च किया है.

इस के लिए आप जब गूगल पेज ओपन करते हैं तो ऊपर की तरफ या फिर नीचे की तरफ डौट्स बने होते हैं, उन्हें आप क्लिक करें. आप को इस में हिस्ट्री का औप्शन दिखेगा, फिर उस पर क्लिक कर के आप क्लियर बरोसिंग डेटा पर क्लिक करें. इस में आप को लास्ट आवर का औप्शन दिखेगा, जिस पर क्लिक कर के आप को जो डेटा डिलीट करना है कर लें. इस से आप निश्चिंत हो कर फोन में कुछ भी सर्च कर सकती हैं.

एडल्ट साइट्स को सबस्क्राइब न करें

आज ढेरों ऐसे ऐप्स हैं जो एडल्ट कंटैंट देते हैं, साथ ही आप को नैट पर भी इस तरह की ढेरों सामग्री देखने को मिल जाएगी. ऐसे में जब भी आप इन साइट्स पर विजिट करें तो भूल कर भी सबस्क्राइब न करें, क्योंकि इस के बहाने आप की पर्सनल इन्फौरमेशन जैसे मेल आईडी, कौंटैक्ट नंबर उन तक चला जाता है, जो आप को मुसीबत में डाल सकता है.

अलाउ औप्शन ओके न करें

चाहे हम शौपिंग साइट्स पर विजिट करें या फिर किसी अन्य साइट पर, जब भी हम उस साइट पर जाते हैं तो नोटिफिकेशन के लिए अलाउ और डिसएग्री का औप्शन आता है, तो आप कभी भी अलाउ के औप्शन पर क्लिक न करें, क्योंकि इस से आप को थोड़ीथोड़ी देर में नोटिफिकेशन आने शुरू हो जाते हैं, जो न सिर्फ आप को परेशान करेंगे, बल्कि हो सकता है कि इन पर किसी की नजर भी पड़ जाए. ध्यान रखें बिना सोचेसम झे किसी पर भी क्लिक न करें.

फोन में चीजें डाउनलोड न करें

अकसर हमारी आदत होती है कि हमें जो भी साइट्स खोलते हुए अच्छा लगता है हम उसे डाउनलोड कर के फोन में रख लेते हैं. आप अपनी इस आदत को छोडि़ए, क्योंकि इस से न सिर्फ फोन की मैमोरी पर असर पड़ता है बल्कि कई बार ऐसी चीजें भी सेव कर लेते हैं, जिन से फोन हैंग होने का भी डर बना रहता है.

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व्हाट्सऐप को करें लौक

व्हाट्सऐप आजकल सब से ज्यादा चैटिंग करने के लिए प्रचलित ऐप है. आप उस को लौक कर के रखें. इस से आप के चैटिंग बौक्स को बिना आप की इजाजत के कोई नहीं खोल पाएगा. इस के लिए आप व्हाट्सऐप को ओपन करिए, फिर ऊपर की तरफ के डौट्स को क्लिक कर के अकाउंट में प्राइवेसी को क्लिक करना होगा. इस में आप लौक औप्शन को चूज कर सकती हैं और आप इसी में चैट पर जा कर अपनी चैट हिस्ट्री को डिलीट या फिर चैट बैकअप भी ले सकती हैं.

कैसे करें ऐंड्रौयड फोन में फोटो हाइड

कुछ मूवमैंट ऐसे होते हैं, जिन्हें हम अपने फोन में कैद कर के रखना चाहते हैं, लेकिन अनजाने में कोई आप के फोटो खोल कर देख ले तो आप को शर्मिंदा होना पड़ सकता है. ऐसे में आप के पास औप्शन है कि आप सभी फोटो हाईड कर के रखें और जब मन हो तब खोल कर देख लें.

इस के लिए आप फोन की गैलरी में जिस फोटो को हाइड करना चाहती हैं उस पर क्लिक करें. फिर ऊपर की तरह दिख रहे डौट्स पर क्लिक कर के कंप्रैस पर क्लिक करें. अब फाइल नेम, फाइल लोकेशन, जिस में आप को फाइल कहां सेव करनी है डाल कर पासवर्ड सैट करें और सेव कर लें. इस से आप की पर्सनल चीजें आप के पास भी रहेंगी और कोई उन्हें देख भी नहीं पाएगा.

इन बातों का भी रखें खयाल

– शौपिंग साइट्स पर कभी अपने कार्ड को सेव कर के न रखें.

– पासवर्ड कभी फोन में सेव न करें.

– बैंक डिटेल फोन में न रखें.

– नैट बैंकिंग हमेशा खुद के मोबाइल फोन से ही करें.

– सामान की लिस्ट बना कर फोन में सेव कर के रख सकती हैं.

– अपनी पर्सनल इन्फौरमेशन फोन में सेव न करें.

– जरूरी डेटा पासवर्ड प्रोटैक्टेड रखें.

– अगर आप को पासवर्ड भूलने की आदत है तो आप दूसरे शहर में रह रही अपनी किसी विश्वसनीय फ्रैंड से उसे शेयर कर दें ताकि भूलने की स्थिति में वह आप की मदद कर सके.

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हर महिला के स्मार्टफोन में होनी चाहिए ये 5 ऐप्स, जानें क्यों

एक स्मार्टफोन को स्मार्ट बनाती हैं उसमें मौजूद ऐप्स यानी कि मोबाइल ऐप्लिकेशन्स.अब फेसबुक, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम जैसी टाइम पास ऐप्स तो हर किसी के फोन में मिल जाती हैं लेकिन कई ऐप्लिकेशन्स ऐसी भी हैं जिनसे आपकी रोजमर्रा की जिंदगी काफी हैंडी हो सकती है. हम जानत हैं कि ऐप स्टोर्स पर मौजूद लाखों ऐप्स में सेकाम की ऐप्स छांटने का समय किसी के पास नहीं है इसलिए हम आपको आज यहां कुछ ऐसी ऐप्स के बारे में बता रहे हैं जो हर एक महिला के फोन में होनी ही चाहिए.

1. My SafetiPin: महिलाओं के काम आने वाली ऐप्स की बात करने जा रहे हैं तो शुरुआत My SafetiPinऐप से करते हैं. अगर आप वर्किंग विमिन हैं तो ये आपके और भी काम का साबित होगा. My SafetiPinऐप GPS ट्रैकिंग, इमरजेंसी कॉन्टैक्ट नंबर, डायरेक्शन फॉर सेफ्टी रूट जैसे फीचर के साथ आता है. इस ऐप को इस तरह डिजाइन किया गया है कि ये आपको अनसेफ एरिया की जानकारी फौरन देगा और इसके जरिए आप अपने परिवार वालों और दोस्तों को खुद को ट्रैक करने के लिए अलर्ट भी भेज सकती हैं.इसके अलावा Raksha, Himmat Plus  जैसी ऐप्स को भी आप ट्राय कर सकती हैं.

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2. Urban Clap: ये नाम आपने जरूर सुना होगा और अगर नहीं सुना है तो बता दें कि ये ऐप हाउस वाइफ्स के बहुत काम आने वाली है. दरअसल अगर ये ऐप आपके फोन में है तो आपको प्लंबर, कारपेंटर या इलेक्ट्रिशियन जैसे लोगों को बुलाने के लिए घर के किसी पुरुष सदस्य के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा. इस ऐप पर आपको अलग अलग सर्विस देने वाले प्रोफेशनल्स मिल जाएंगे. काम के बदले उन्हें कितना भुगताम करना है इसकी जानकारी भी आपको ऐप पर ही मिल जाएगी.

3. Medisafe Meds & Pill Reminder: ज्यादातर समय कामों में व्यस्त रहने के कारण ऐसा अक्सर होता है कि हमें समय पर जरूरी दवाईयां लेना याद नहीं रहता और समय पर दवाई ना लेने का मतलब है अनजान खतरे को बुलावा देना. आपकी इसी समस्या को दूर करने के लिए ये ऐप बनाई गई है. ये ऐप आपके बल्ड प्रेशर, ग्लूकोज और शरीर की बाकी गतिविधियों पर तो नजर रखती ही है साथ हीसमय पर दवाई, सप्लिमेंट या विटामिन लेने के लिए आपको नोटिफिकेशन भी भेजती है.

4. Period Tracker: जैसा कि नाम से समझ आ जाता है ये ऐप महिलाओं के पिरियड कैलेंडर के हिसाब से ट्रैक करता है. अगर आप प्रेंगनेंट होना चाहती हैं या प्रेंग्नेंसी को रोकना चाहतीं हैं तो ये ऐप आपके काम का है. इसके जरिए आप आसानी से अनियमित पिरियड का पता लगा सकती हैं.

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5. 8fit: दिन भर के काम काज के चलते अगर आप भी फिटनेस पर ध्यान नहीं दे पातीं तो अपने स्मार्टफोन में ये फिटनेस ऐप जरूर इंस्टॉल कर लें. इस ऐप में आपको इंटरेक्टिव वीडियोज, न्यूट्रिशन प्लान्स, फिटनेस टिप्स,गाइड्स और ट्यूटोरियल्स भी मिलेंगे. तो देर किस बात की मनचाहा फिगर आपसे सिर्फ एक ऐप दूर है.

भारत का सबसे बड़ा ड्रोन फ्लाई लाईट शो का OPPO ने किया प्रस्तुत

हवा में भविष्य के टेक्नोलौजी डिस्प्ले के साथ मार्केटिंग इनोवेशन को पहुंचाया नए आयाम पर अग्रणी ग्लोबल स्मार्ट डिवाईस ब्रांड, ओप्पो ने कल मुंबई में भारत के सबसे बड़े ड्रोन लाईट शो में 250 ड्रोन्स के हवाई प्रदर्षन के साथ इतिहास रच दिया. इस स्मार्टफोन ब्रांड द्वारा अपनी तरह के पहले मार्केटिंग इनोवेशन ने बेहतरीन लाईट शो के साथ मरीन ड्राईव के आकाश को जगमगाते हुए मुंबई के इस्लामिक जिमखाना में मौजूद सैकड़ों लोगों को अचंभित कर दिया.

ओप्पो उपभोक्ताओं को मजबूत संपर्क स्थापित करने के लिए यादगार अनुभव प्रदान करने में सबसे आगे रहता है. खूबसूरती एवं इनोवेटिव टेक्नॉलॉजी के बीच सामंजस्य बिठाते हुए ओप्पो ने इस अद्वित्य अनुभव का निर्माण किया तथा ओप्पो रेनो3 प्रो की झलकियां प्रस्तुत कीं, जिसमें दुनिया का प्रथम 44 मेगापिक्सल का ड्युअल पंच-होल कैमरा है. इस 10 मिनट के श के दौरान खूबसूरत आकृतियां बनाई गईं, जिनमें हर ड्रोन लाईट एक पिक्सल के रूप में रात के आकाश को जगमगा रही थी.

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श्री सुमित वालिया, वाईस प्रेसिडेंट – प्रोडक्ट एवं मार्केटिंग, ओप्पो इंडिया ने कहा, ‘‘ओप्पो में हमारा मानना है कि अच्छे अनुभव मजबूत संपर्कों का निर्माण करते हैं और इसलिए हम अपने उत्पादों, सेवाओं एवं अभियानों द्वारा अपने उपभोक्ताओं को यादगार अनुभव प्रदान करने का पूरा यत्न करते हैं. सबसे बड़े ड्रोन लाईट शो  के साथ हम अपने उपभोक्ताओं को यह अपनी तरह का पहला अनुभव प्रस्तुत करके काफी उत्साहित हैं. यह इनोवेशन एवं मार्केटिंग अभियान, दोनों ही नजरियों से सीमाओं का विस्तार करने के ओप्पो के प्रयास का एक और प्रदर्शन है. हमें उम्मीद है कि हमारे उपभोक्ता आमची मुंबई के खूबसूरत आकाश को ड्रोन लाईट शो से जगमगाता देखकर बहुत प्रसन्न होंगे.’’

https://www.youtube.com/watch?v=mzgdEZ7dNOU

आकाश में कई सारे ड्रोन्स ने सबसे पहले भारतीय झंडे की आकृति का प्रदर्शन किया. इसके बाद शो की शुरुआत हुई और ओप्पो रेनो3 प्रो के ड्युअल पंच होल कैमरा का प्रदर्शन करके रात के आसमान में टेक्नॉलॉजी की खूबसूरती दिखाई गई.

ओप्पो भारत का पहला स्मार्टफोन ब्रांड बन गया, जिसने ब्रांड न्यू एवं इनोवेटिव तरीके से ग्राहकों तक पहुंचने के लिए भविष्य की ड्रोन टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल किया एवं रात के आकाश को अनेक खूबसूरत रंगों में रंग दिया.

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ओप्पो रेनो 3 प्रो ने कल भारत में अपना वैष्विक लॉन्च किया. रेनो सीरीज़ का यह नया सदस्य स्मार्टफोन फोटोग्राफी का अनुभव उन्नत बनाने के लिए डिज़ाईन किया गया है. इसमें दुनिया का पहला 44 मेगापिक्सल+2मेगापिक्सल का ड्युअल पंच होल कैमरा तथा 64 मेगापिक्सल का रियर कैमरा है, जो बेहतर अल्ट्रा-वाईड शॉट्स ले सकता है. यह अतुलनीय 20एक्स डिजिटल जूम के साथ 108 मेगापिक्सल की अल्ट्रा क्लियर इमेजेस ले सकता है. इसमें अल्ट्रा डार्क मोड है, जो ब्राईट एवं क्लियर पिक्चर्स प्रदान करता है तथा यूज़र्स अंधेरे में वो खूबसूरती भी कैप्चर कर सकते हैं, जो मानव आंख को दिखाई नहीं देती. इसके 8जीबी+128जीबी का मूल्य 29,990 रु. एवं 8जीबी+256जीबी का मूल्य 32,990 रु. है. ओप्पो रेनो3 प्रो 3 खूबसूरत रंगों, स्काई व्हाईट, मिडनाईट ब्लैक एवं ऑरोरल ब्लू में उपलब्ध होगा. यह 6 मार्च, 2020 से अमेज़न, फ्लिपकार्ट एवं ऑफलाईन रिटेल स्टोर्स पर मिलना शुरू होगा.

भारत में लांच हुआ QUAD CAMERA के फीचर वाला फोन, जानिए क्या है खास

भारत में अपनी V सीरीज़ से विख्यात हुए, चीनी हैंडसेट निर्माता Vivo ने सोमवार को भारत में अपना Vivo V17 स्मार्टफोन लौन्च किया. Vivo V17 ,V श्रृंखला का नया वर्ज़नहै जो भारतीय बाजार में VIVO की सफलता के लिए अभूतपूर्व रहा है. यह 17 दिसंबर से वीवो इंडिया ई-स्टोर, अमेजन इंडिया, फ्लिपकार्ट, पेटीएम मॉल, टाटाकलीक और बजाज फिनसर्व ईएमआई स्टोर और सभी पार्टनर रिटेल स्टोर्स पर उपलब्ध होगा. इस नए डिवाइस का मुख्य आकर्षण कैमरा सेक्शन है, जिसमें वीवो V17 में लेटर ’L’ के आकार में रियर कैमरा में क्वाड कैमरा है. हम आपको बता दे कि VIVO ने इस साल के शुरू में Vivo V17PROके संस्करण को दोहरे पॉप-अप सेल्फी कैमरा और 4010mAh बैटरी के साथ लॉन्च किया था. नया VIVOV17दो कलर वेरिएंट में आता है और इसकी कीमत 22,990 रुपये है.

आइये नएVivo V17के फीचर्स पर एक नज़र डालते हैं-

डिस्प्ले:Vivo V17 में 6.44-इंच की OLED स्क्रीन है जिसमें 32MP का फ्रंट सेल्फी कैमरा है.जिसमें 2400 x 1080 पिक्सल रेजल्यूशन है और इसका आस्पेक्ट रेशियो 20: 9 है.

प्रोसेसर:dualsim फोन, स्नैपड्रैगन 675 चिपसेट द्वारा संचालित है. यह डिवाइस को मिड-सेगमेंट में सही जगह देता है.

रैम:8GB

स्टोरेज:128GBस्टोरेज

रियर कैमरा:VIVOV17 एक QUAD रियर कैमरा सेट अप के साथ आता है, जिसमें f / 1.8 अपर्चर के साथ 48MP प्राइमरी सेंसर, चौड़े-एंगल शॉट्स के लिए f / 2.2 के साथ 8MP सेंसर और प्रत्येकdepthshotsऔर macro shotsके लिए f / 2.4 अपर्चर के साथ दो 2MP सेंसर शामिल हैं.

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फ्रंट कैमरा:स्मार्टफोन में 32MP का फ्रंट कैमरा है, जिसे E3 सुपर AMOLED स्क्रीन के साथ “iView” डिस्प्ले में रखा गया है. अनुकूलित सुपर AMOLED डिस्प्ले नवीनतम E3 OLED से बना है और इसमें 20: 9 का आस्पेक्ट रेश्यो है.

बैटरी:4500mAh,18W फास्ट-चार्जिंग सिस्टम के साथ और USBTYPE-C सपोर्ट के साथ 4,500mAhकी बैटरी, डिवाइस को 18W डुअल-इंजन फास्ट चार्जिंग सपोर्ट के साथ पावर देती है. USB-C प्रकार सॉकेट और 3,5 mm जैक शामिल हैं। इसमें अंदर डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर है.

सॉफ्टवेयर:एंड्रॉइड 9 पर आधारितफनटच OS 9.2

कलर आप्शन : मिडनाइट ओसियन (ब्लैक) और ग्लेशियर आइस (व्हाइट)।

विशेष लक्षण:

– Vivo V17 सुपर नाइट मोड ,फ्रंट और रियर दोनों कैमरों के लिए उपलब्ध है.कंपनी का कहना है कि यह मोड कम रोशनी में भी किसी ऑब्जेक्ट का स्पष्ट विवरण देने की काबिलियत रखता है .यह मोड एक फ्रेम में कई चेहरों को पहचान सकता है और कम रोशनी की स्थिति में सभी चेहरों को स्पष्ट रूप से पकड़ सकता है.

– Vivo V17 4500mAh की बैटरी के साथ आता है, जिसके बारे में कंपनी ने कहा है कि यह एक चार्ज पर पूरे एक दिन चलेगी. बैटरी 18W फास्ट चार्जिंग सिस्टम और USBTYPE-C सपोर्ट के साथ आती है.

कीमत और उपलब्धता: Vivo V17  की कीमत 22,990 रुपये है.फोन के लिए प्री-बुकिंग सोमवार  से शुरू हो गयी है.

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नया हो या पुराना हर स्मार्टफोन के लिए जरूरी है ये मोबाइल एसेसरीज

हमारा स्मार्टफोन एक हद तक आज कम्प्यूटर वाले सारे काम कर सकता है लेकिन जैसे कंप्यूटर के रख रखाव और उसकी क्षमता का पूरा इस्तेमाल करने के लिए कुछ साजो सामान की जरूरत पड़ती है वैसे ही स्मार्टफोन के लिए भी अगर आप कुछ जरूरी एसेसरीज लें तो ना केवल आप उसका बेहतर इस्तेमाल कर पाएंगे बल्कि आपके डिवाइस की लाइफ भी बढ़ जाएगी.  आज हम बता रहे हैं उन जरूरी मोबाइल एसेसरीज के बारे में जो नए या पुराने किसी भी स्मार्टफोन के साथ आपको इस्तेमाल करनी ही चाहिए.

1. स्क्रीन प्रोटेक्टर और मोबाइल केस

नया फोन किसे अच्छा नहीं लगता लेकिन और भी अच्छा लगता है जब नया फोन नए जैसा ही रहे. इसके लिए जरूरी है फोन की स्क्रीन और बॉडी को डैमेज होने से बचाना. जो कि आप अपने फोन पर स्क्रीन गार्ड और केस के इस्तेमाल से कर सकते हैं. अब सवाल उठता है कि कौन सा केस और कौन सा स्क्रीन गार्ड? बता दें कि औनलाइन और औफलाइन दोनो ही जगह आपको इसके कई औप्शन मिल जाएंगे लेकिन उनमें से किसी को भी चुनते वक्त कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें. स्क्रीन को स्क्रैच से बचाने के लिए टेम्पर्ड ग्लास का इस्तेमाल बेहतर रहता है. ये फोन के गिरने पर आपकी स्क्रीन को एक हद तक सुरक्षा तो प्रदान करता ही है साथ ही कीमत में भी सस्ता होता है. बाजार में आपको नॉन ब्रेकेबल स्क्रीन गार्ड का औप्शन भी मिल जाएगा लेकिन टेम्पर्ड ग्लास के मुकाबले महंगे होने के साथ-साथ ये प्लास्टिक का होने की वजह से जल्दी स्क्रैच पकड़ते हैं और गिरने पर फोन की स्क्रीन को भी कोई सुरक्षा प्रदान नहीं करते. फोन का केस भी ऐसा लें जो फोन को चारो ओर से कवर करें और अगर फोन में कैमरा बंप (कैमरे का फोन की बॉडी से उभरा हुआ होना) है तो उसे भी सुरक्षा प्रदान करे.

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2. पेन ड्राइव और ओटीजी केबल

 अब आप सोचेंगे फोन के लिए पेन ड्राइव की क्या जरूरत? दरअसल अब कम ही स्मार्टफोन्स में माइक्रो एस़डी कार्ड के लिए जगह देखने को मिलती है लेकिन अधिक्तर स्मार्टफोन ओटीजी स्पोर्ट के साथ आते हैं. ऐसे में ओटीजी स्पोर्टेड पेन ड्राइव या सामान्य पेन ड्राइव और ओटीजी केबल के साथ आप अपने फोन की स्टोरेज को ना केवल बढ़ा सकते हैं बल्कि समय-समय पर फोन का बैकअप लेकर फोन की लाइफ भी बढ़ा सकते हैं.

3. पावर बैंक

 एंड्रौयड हो या आईफोन समय के साथ हर फोन की बैटरी कमजोर होती है. ऐसे में अच्छा पावरबैंक आपके काफी काम आ सकता है. इसके चलते आपको किसी भी इमरजेंसी सिच्युएशन में फोन के चार्जिंग की चिंता करने की जरूरत नहीं रहती. बता दें कि शाओमी के पावरबैंक सस्ते और टिकाउ माने जाते हैं.

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4. ब्लूटूथ इयरफोन/हेडफोन

जिस तरह से स्मार्टफोन्स कंपनियां हेडफोन जैक को बीते कल की बात बनाने पर तुली हैं उस लिहाज से आपके लिए एक ब्लूटूथ इयरफोन/हेडफोन लेना जरूरी हो जाता है. आप 1000 से 1500 रुपए के बीच एक अच्छा ब्लूटूथ हेडफोन या इयरफोन खरीद सकते हैं. जिससे आपके लिए फोन रिसीव करने के अलावा एंटरटेनमेंट कंज्यूम करना भी बेहद आसान हो जाएगा.

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