Mother’s Day 2025 : मां के लिए बनाएं जायकेदार कश्‍मीरी राजमा, ये रही रेसिपी

Mother’s Day 2025 :  कश्‍मीरी खाने का जायका जो एक बार चख ले, वह फिर इसे कभी नहीं भूलता. आज हम आपको सिखाएंगे कश्‍मीरी स्‍टाइल में राजमा की सब्‍जी बनाना, जो अन्‍य राजमा रेसिपी से अलग होता है.

कश्‍मीरी कुजीन की एक खास बात है कि उसकी तरी में दही का इस्‍तेमाल बहुतायत होता है, जिसके कारण वह काफी गाढ़ी होती है. इस राजमा रेसिपी में हम सूखे अदरक के पाउडर का इस्‍तेमाल करते हैं, जिससे खाने में स्‍वाद और तीखापन आता है.

तो अगर आपको आज कुछ हट के खाने का मन कर रहा हो, तो कश्‍मीरी राजमा बनाना बिल्‍कुल भी ना भूलें. आइये देखते हैं इसकी आसान सी रेसिपी.

हमें चाहिए

राजमा- 1×1/2 कप

प्याज- 1 बारीक कटी

हींग  पाउडर – 1/8 चम्‍मच

जीरा- 1 चम्‍मच

अदरक  पाउडर – 1 चम्‍मच

अदरक पेस्‍ट- 1 चम्‍मच

कश्‍मीरी मिर्च  पाउडर – 1 चम्‍मच

धनिया  पाउडर – 2 चम्‍मच

कश्‍मीरी गरम मसाला- 1 चम्‍मच

दही- 1/2 कप

नमक- स्‍वादानुसार

बटर/घी/तेल – 1×1/2 चम्‍मच

गरम मसाले के लिये सामग्री

बड़ी इलायची- 3

छोटी इलायची- 3

दालचीनी- 2-3 पीस

लौंग- 2-3

काली मिर्च के दाने- 1/2 चम्‍मच

इन सभी मसालों को पीस कर  पाउडर  बना लें.

कश्‍मीरी राजमा बनाने की विधि

-रातभर भिगोए हुए राजमा को सुबह धो कर साफ पानी में कुकर में डाल कर 3 सीटी आने तक तेज आंच पर पकाएं. उसके बाद आंच धीमी कर के 30 मिनट तक पकाएं.

-फिर प्रेशर निकल जाने के बाद पानी और राजमा को अलग अलग निकाल कर रख दें.

-एक कढाई में तेल या बटर डाल कर गरम करें, फिर उसमें हींग और जीरा डालें.

-कुछ देर के बाद इसमें कटी प्‍याज डाल कर हल्‍का भूरा होने तक उसे भूनें.

– उसके बाद इसमें अदरक पेस्‍ट, अदरक  पाउडर  और फेंटी हुई दही मिलाएं.

-इसे लगातार चलाती रहिये, नहीं तो दही फट सकता है.

-जब तेल अलग होने लगे तब इसमें लाल मिर्च  पाउडर , हरी मिर्च, नमक और राजमा मिक्‍स करें.

-मसाले को अच्‍छी तरह से मिक्‍स कर के फिर लगभग 1×1/2 कप पानी मिलाएं. इसे उबालिये और आंच धीमा कर के 20-25 मिनट तक पकाइये.

-जब ग्रेवी गाढ़ी होने लगे और राजमा पक जाए तब इसमें धनिया पाउडर और गरम मसाला अच्‍छी तरह से मिक्‍स करें. ऊपर से बटर डालें और गरमा गरम चावल के साथ इसे सर्व करें.

Summer Special : गर्मियों में पसीने से हैं खूब परेशान, तो अपनाएं ये टिप्स

Summer Special :  झुलसाती गरमी में स्किन और स्वास्थ्य संबंधी नईनई समस्याएं सिर उठाने लगती हैं. इन में बड़ी समस्या पसीना आने की होती है. सब से ज्यादा पसीना बांहों के नीचे यानी कांखों, तलवों और हथेलियों में आता है. हालांकि ज्यादातर लोगों को थोड़ा ही पसीना आता है, लेकिन कुछ को बहुत ज्यादा पसीना आता है. कुछ लोगों को गरमी के साथसाथ पसीने की ग्रंथियों के ओवर ऐक्टिव होने के चलते भी अधिक पसीना आता है जिसे हम हाइपरहाइड्रोसिस सिंड्रोम कहते हैं. बहुत ज्यादा पसीना आने की वजह से न सिर्फ शरीर में असहजता महसूस होती है, बल्कि पसीने की दुर्गंध भी बढ़ जाती है. इस से व्यक्ति का आत्मविश्वास डगमगा जाता है.

अंतर्राष्ट्रीय हाइपरहाइड्रोसिस सोसाइटी के मुताबिक हमारे पूरे शरीर में 3 से 4 मिलियिन पसीने की ग्रंथियां होती हैं. इन में से अधिकतर एन्काइन ग्रंथियां होती हैं, जो सब से ज्यादा तलवों, हथेलियों, माथे, गालों और बांहों के निचले हिस्सों यानी कांखों में होती हैं. एन्काइन ग्रंथियां साफ और दुर्गंधरहित तरल छोड़ती हैं जिस से शरीर को वाष्पीकरण प्रक्रिया से ठंडक प्रदान करने में मदद मिलती है. अन्य प्रकार की पसीने की ग्रंथियों को ऐपोन्काइन कहते हैं. ये ग्रंथियां कांखों और जननांगों के आसपास होती हैं. ये  ग्रंथियां गाढ़ा तरल बनाती हैं. जब यह तरल स्किन की सतह पर जमे बैक्टीरिया के साथ मिलता है तब दुर्गंध उत्पन्न होती है.

पसीने और उस की दुर्गंध पर ऐसे पाएं काबू

साफसफाई का विशेष ध्यान रखें: पसीना अपनेआप में दुर्गंध की वजह नहीं है. शरीर से दुर्गंध आने की समस्या तब होती है जब यह पसीना बैक्टीरिया के साथ मिलता है. यही वजह है कि नहाने के तुरंत बाद पसीना आने से हमारे शरीर में कभी दुर्गंध नहीं आती. दुर्गंध आनी तब शुरू होती है जब बारबार पसीना आता है और सूखता रहता है. पसीने की वजह से स्किन गीली रहती है और ऐसे में उस पर बैक्टीरिया को पनपने का अनुकूल माहौल मिलता है. अगर आप स्किन को सूखा और साफ रखें तो पसीने के दुर्गंध की समस्या से काफी हद तक बच सकती हैं.

स्ट्रौंग डियोड्रैंट और ऐंटीपर्सपिरैंट का इस्तेमाल करें: हालांकि डियोड्रैंट पसीना आने से नहीं रोक सकता है, लेकिन यह शरीर से आने वाली दुर्गंध को रोकने में मददगार हो सकता है. स्ट्रौंग पर्सपिरैंट पसीने के छिद्रों को बंद कर सकते हैं, जिस से पसीनाकम आता है. जब आप के शरीर की इंद्रियों को यह महसूस हो जाता है कि पसीने के छिद्र बंद हैं तो वे अंदर से पसीना छोड़ना बंद कर देती हैं. ये ऐंटीपर्सपिरैंट अधिकतम 24 घंटे तक कारगर रहते हैं. अगर इन का इस्तेमाल करते समय इन पर लिखे निर्देशों का पालन न किया जाए तो ये स्किन के इरिटेशन की वजह भी बन सकते हैं. ऐसे में कोई भी ऐंटीपर्सपिरैंट इस्तेमाल करने से पहले डाक्टर की सलाह जरूर लें.

लोंटोफोरेसिस: यह तकनीक आमतौर पर उन लोगों पर इस्तेमाल की जाती है, जो हलके ऐंटीपर्सपिरैंट इस्तेमाल कर चुके होते हैं, लेकिन उन्हें इस से कोई फायदा नहीं होता है. इस तकनीक से आयनोटोफोरेसिस नामक मैडिकल डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता है, जिस के माध्यम से पानी वाले किसी बरतन या ट्यूब में हलके इलैक्ट्रिक करंट डाले जाते हैं और फिर प्रभावित व्यक्ति को इस में हाथ डालने के लिए कहा जाता है. यह करंट स्किन की सतह के माध्यम से भी प्रवेश करता है. इस से पैरों और हाथों में पसीना आने की समस्या बेहद कम हो जाती है. लेकिन कांखों के नीचे अधिक पसीना आने की समस्या को ठीक करने के लिए यह तरीका उपयुक्त नहीं होता है.

मैसोबोटोक्स: बांहों के नीचे बेहद ज्यादा पसीना आना न सिर्फ दुर्गंध की वजह बनता है, बल्कि आप की ड्रैस भी खराब कर सकता है. इस के इलाज हेतु कांखों में प्यूरिफाइड बोटुलिनम टौक्सिन की मामूली डोज इंजैक्शन के माध्यम से दी जाती है, जिस से पसीने की नर्व्ज अस्थायी रूप से बंद हो जाती हैं. इस का असर 4 से 6 महीने तक रहता है. माथे और चेहरे पर जरूरत से ज्यादा पसीना आने की समस्या के उपचार हेतु मैसोबोटोक्स एक बेहतरीन समाधान साबित होता है, इस में पसीना आना कम करने के लिए डाइल्युटेड बोटोक्स को इंजेक्शन के जरीए स्किन  में लगाया जाता है. खानपान पर भी रखें ध्यान: खानपान की कुछ चीजों से भी पसीना अधिक आ सकता है. उदाहरण के तौर पर गरममसाले जैसेकि कालीमिर्च ज्यादा पसीना ला सकती है. इसी तरह से अलकोहल और कैफीन का अधिक इस्तेमाल पसीने के छिद्रों को ज्यादा खोल सकता हैं. इस के साथ ही प्याज के अधिक इस्तेमाल से पसीने की दुर्गंध बढ़ सकती है. गरमी के दिनों में इन चीजों के अधिक इस्तेमाल से बचें.

 –डा. इंदू बालानी डर्मैटोलौजिस्ट, दिल्ली

साउथ की फेमस डिश है Rava Idli, जानें आसान रेसिपी

Rava Idli : साउथ की फिल्में हो या हीरो सभी फेमस है और अगर साउथ के खाने की बात की जाए तो वह हेल्दी के साथ-साथ टेस्टी भी होता है. आप इसे चाहे तो सुबह के ब्रेकफास्ट में फैमिली को खिला सकते हैं या रात के खाने में परोस सकते हैं. आज हम आपको साउथ के फेमस खाने के बारे में बताएंगे, जिसे आप अपनी फैमिली और फ्रैंड्स को खिला सकते हैं.

हमें चाहिए

रवा (सूजी) —  250 ग्राम

दही – 300 ग्राम

पानी — 50 ग्राम

नमक —  स्वादानुसार

ईनो साल्ट — 3/4 छोटी चम्मच

तेल —  एक बड़ा चम्मच ( इडली स्टैन्ड को चिकना करने के लिये)

बनाने का तरीका

– सबसे पहले दही को फैट लीजिये. अब एक बर्तन में सूजी लीजिये और उसमें दही डाल कर अच्छी तरह मिला लीजिये. इसमें पानी और नमक डाल कर और फैंट लीजिये. अब मिश्रण को 20 मिनट के लिये रख दीजिये. 20 मिनट बाद मिश्रण में सोडा डाल कर अच्छी तरह मिला लीजिये. मिश्रण अधिक गाढ़ा और अधिक पतला न हो.

– कुकर में 2 छोटे गिलास पानी डालकर गैस पर रख दीजिये पानी को गरम होने दीजिये. इडली स्टैन्ड को थोड़ा तेल लग कर चिकना कर लीजिये. मिश्रण को चमचे की सहायता से इडली के प्रत्येक खाने में भर दीजिये.

– एक बार में 12 या 18 इडली बन जाती है. यह इडली स्टैन्ड के साइज पर निर्भर है. इडली स्टैन्ड को जमा कर कुकर में रख दीजिये और ढक्कन लगा दीजिये लेकिन ढक्कन पर से सीटी हटा लीजिये.

– 8 या 10 मिनट में इडली पक जाती है. कुकर का ढक्कन खोलिये (देखने के लिये कि इडली बन गई है इडली के अन्दर चाकू गढ़ा कर देख लें यदि उससे मिश्रण नहीं चिपकता तब इडली बन चुकी है) इडली स्टैन्ड को कुकर से निकलिये, ठंडा होने पर चाकू की सहायता से स्टैन्ड से इडली निकाल कर प्लेट में रख लीजिये.

– अब अपनी फैमिली और दोस्तों को सुबह के नाश्ते या रात के खाने में टेस्टी और हेल्दी रवा इडली खिलाएं.

Festive Special: इस तरह बनाएं टेस्टी कराची हलवा, बढ़ जाएगा थाली का स्वाद

कराची हलवा का नाम आपने बौम्बे कराची हलवे के रूप में कईं बार सुना होगा. कराची हलवा मार्केट में बड़ी आसानी से मिल जाता है, लेकिन क्या आपने कभी कराची हलवा घर पर बनाने की कोशिश किया है. आज हम आपको कराची हलवा की आसान रेसिपी के बारे में बताएंगे, जिसे बनाकर आप अपनी फैमिली और फ्रेंड्स के अपनी तारीफें बटोर सकती हैं.

हमें चाहिए

कार्न फ्लोर – 1 कप (100 ग्राम)

चीनी – 2 कप ( 450 ग्राम)

घी – 1/2 घी (125 ग्राम)

काजू – आधा कप (छोटे छोटे कटे हुये)

पिस्ते – 1 टेबल स्पून (बारीक पतले कटे हुये)

टाटरी (टार्टरिक एसिड)- 1 /4 छोटी चम्मच पाउडर (2 मटर के दाने के बराबर)

छोटी इलाइची – 4-5 (छील कर पाउडर कर लीजिये)

बनाने  का तरीका

हलवा बनाने में 2 कप पानी यानी कि 400 ग्राम पानी प्रयोग करना है. सबसे पहले कार्न फ्लोर को थोड़ा पानी डालकर गुठलियां खतम होने तक घोल लीजिये, घोल में पानी की कुल मात्रा 1 1/4 कप डाल कर मिला दीजिये. चीनी को पैन में डालिये और 3/4 कप पानी, चीनी में डाल दीजिये. चीनी अच्छी तरह घुलने तक चाशनी पका लीजिये.

चाशनी में कार्न फ्लोर का घोल मिलाइये, और धीमी गैस पर हलवे को कलछी से लगातार चलाते हुये पकाइये, 10-12 मिनिट में हलवा गाढ़ा होने लगता है, अभी भी हलवा को लगातार धीमी आग पर चलाते हुये पकाना है, हलवा पारदर्शक होने लगता है, अब हलवा को आधा घी डालकर, घी अच्छी तरह मिक्स होने तक पकाइये. टाटरी भी डाल कर मिला दीजिये. बचा हुआ घी भी चम्मच से थोड़ा थोड़ा करके डालिये और सारा घी हलवा में डालकर, घी के एब्जोर्ब होने तक हलवा को चलाते हुये पकाइये.

हलवा में काफी चमक आ गई है, हलवे में कलर डालिये और अच्छी तरह मिक्स होने तक पका लीजिये, काजू और इलाइची पाउडर डालकर हलवे को अच्छी तरह पका लीजिये. हलवा को और 5-7 मिनिट या जब तक हलवा जमने वाली कनिसिसटेन्सी तक न आ जाय तब तक पका लीजिये.

कराची हलवा तैयार है, हलवे को किसी ट्रे या प्लेट में निकाल कर जमने रखिये, हलवा के ऊपर बारीक कटे हुये पिस्ते डालकर चम्मच से चिपका दीजिये. हलवा के जमने पर अपने मन पसन्द आकार के टुकड़ों में हलवा को काट कर तैयार कर लीजिये.

हलवा को आप अभी खाइये और बचा हुआ कराची हलवा एअर टाइट कन्टेनर में भर कर रख लीजिये इस हलवे की शैल्फ लाइफ बहुत अधिक है.  इसे फ्रिज में न रखकर फ्रिज से बाहर ही रखिये. और अपनी फैमिली को डिनर या कभी भी खिलाइये.

बारिश में मन है कुछ मीठा खाने का, तो बनाएं आटे और सूजी का हलवा

अगर आप अपनी फैमिली के लिए आटे और सूजी से बना हलवा बनाने की सोच रहे हैं, तो ये रेसिपी आपके काम की है. कम समय और आसानी से बनने वाली यह रेसिपी आपकी फैमिली के लिए हेल्दी और टेस्टी है.

हमें चाहिए- 

–  2 बड़े चम्मच देसी घी

–  2 बड़े चम्मच गेहूं का आटा

–  चीनी स्वादानुसार

–  जरूरतानुसार फूड कलर

–  1 कप दूध

–  1 छोटा चम्मच इलायची पाउडर

–  2 बड़ा चम्मच मेवा कटा.

बनाने का तरीका-

कड़ाही में घी गरम कर गेहूं का आटा मध्यम आंच पर भूनें. अब इस में सूजी मिला कर मिश्रण हलका लाल होने तक भूनें. आंच धीमी कर चीनी, फूड कलर और जरूरतानुसार पानी मिला कर हलवा पक जाने तक भूनें. फिनिश करने के लिए दूध व इलायची पाउडर मिलाएं. मेवे से गार्निश कर परोसें.

पराठे के साथ परोसें भरवा शिमला मिर्च, खाना होगा बेहद लजीज

अक्सर आपके घर में शिमला मिर्च बनाता होगा, जो कि आपके बच्चों को नापसंद होता है. शिमला मिर्च एक हैल्दी फूड है. इसीलिए आज हम आपको भरवा शिमला मिर्च कैसे बनाएं, इसकी रेसिपी बताएंगे. भरवा शिमला मिर्च बनाना आसान है. ये हेल्दी के साथ-साथ टेस्टी भी है. तो आइए आपको बताते हैं भरवा शिमला मिर्च की हेल्दी रेसिपी के बारे में.

हमें चाहिए

शिमला मिर्च- 5-6

आलू- 300 ग्राम या 5-6

तेल- 4 टेबिल स्पून

हींग- 1-2 पिन्च

जीरा- आधा छोटी चम्मच

हल्दी पाउडर- आधा छोटी चम्मच

धनिया पाउडर- एक छोटी चम्मच

लाल मिर्च पाउडर- एक चौथाई छोटी चम्मच

गरम मसाला- एक चौथाई छोटी चम्मच

अमचूर पाउडर- एक चौथाई छोटी चम्मच

नमक- स्वादानुसार

बनाने का तरीका

सबसे पहले आलू उबालने रख दें. शिमला मिर्च अच्छी तरह धोलें. अब उनके डन्ठल चाकू की सहायता से निकाल दें, साथ ही उनके अन्दर के बीज भी निकाल कर हटा दें.

अब उबाले हुये आलुओं को छील लें और बारीक तोड़ लें. कढ़ाई में एक टेबिल स्पून तेल डाल कर गरम कर लीजिये. हींग और जीरा डाल दीजिये. जीरा भुनने के बाद हल्दी, धनिया पाउडर, मिर्च पाउडर, गरम मसाला और अमचूर पाउडर डाल दीजिये. अब इस मसाले को आधा मिनिट तक भूनिये. इसमें आलू और नमक डाल दीजिये. कलछी से चलाते हुये 2-3 मिनिट तक भूनिये. गैस से उतार लीजिये और ठंडा होने दीजिए. पिठ्ठी शिमला मिर्च में भरने के लिये तैयार है.

अब शिमला मिर्च लीजिये और उसमें ये पिठ्ठी भर दीजिये. जो डन्ठल आपने हटाए थे वे लगा कर उसके काटे हुये स्थान को बन्द कर दीजिये. इसी तरह सारे शिमला मिर्च भर कर तैयार कर लीजिये.

कढ़ाई में बचा हुआ तेल ( 3 टेबिल स्पून ) डाल कर गरम कीजिये. और उसमें वे शिमला मिर्च लगा कर रख दीजिये, और ढक दीजिये. 2-3 मिनिट बाद ढक्कन खोलकर उनको पलट दीजिये. अब दुबारा ढक दीजिये. 2-3 मिनिट बाद खोलिये और जिस ओर शिमला मिर्च नहीं सिके हैं उस साइड नीचे की तरफ करते हुये पलट दीजिये. 1-2 मिनट में ये बन कर अब तैयार होने वाले हैं. अब भरवा शिमला मिर्च को गरमागरम पराठों के साथ अपनी फैमिली को परोसें.

घर पर बनाएं मसाला तुरई, जानें यहां रेसिपी

तुरई हर घर में बनती तो है, लेकिन हर किसी को पसंद आए यह जरूरी नही. तुरई बनाना आसान है, लेकिन उसे हेल्दी के साथ-साथ टेस्टी कैसे बनाएं यह आप पर निर्भर करता है. इसीलिए आज हम आपको तुरई को हेल्दी के साथ-साथ टेस्टी कैसे बनाएं इसके लिए मसाला तुरई की आसान सी रेसिपी बताएंगे.

हमें चाहिए

1/2 कप मूंग दाल स्प्राउट

500 ग्राम तुरई

1 लच्छे प्याज के

1 आलू

1-2 हरीमिर्चें

2-3 टमाटर

1 छोटा चम्मच लालमिर्च

1 छोटा चम्मच हल्दी

1 छोटा चम्मच राई

थोड़े से करीपत्ते

1 बड़ा चम्मच ताजा कसा नारियल

2 बड़े चम्मच तेल

नमक स्वादानुसार.

बनाने का तरीका

तुरई को 1 इंच के टुकड़ों में काट लें. आलू को छील कर लंबाई में काट लें. टमाटरों के बारीक टुकड़े काट लें.

– एक पैन में तेल गरम कर राई भूनें और फिर करीपत्ते डालें. प्याज के लच्छे डाल कर नर्म होने तक भूनें.

– टमाटर डाल कर गलने तक पकाएं. सारे मसाले डालें. कुछ देर भूनें. स्प्राउट्स मिलाएं. आलू व तुरई डाल कर ढक कर सब्जी गलने तक पकाएं. नारियल डाल कर परोसें.

Summer Tips: गरमी चुरा ना ले स्किन की रंगत

गर्मियों में सूर्य से निकलने वाली ,पराबैंगनी किरणें स्किन के लिए काफी नुकसानदायक होती हैं.बहुत देर तक धूप में रहने से स्किन जल जाती है और शरीर पर काले धब्बे पड़ जाते हैं. धूप का प्रभाव हाथ गर्दन और चेहरे पर पड़ता है ,क्योंकि यह अंग हमेशा खुले रहते हैं. देखभाल के बाद भी स्किन झुलस जाए तो, स्वयं उपचार ना करके स्किन विशेषज्ञ से राय लें.

1.  गरमी के कुप्रभावों से बचने के लिए, किसी नामी ब्रांड के साबुन से नहाएं.

2. सूती वस्त्रों को पहने और ऐसे परिधानों का चुनाव करें, जिनसे आपका पूरा शरीर ढका रहे.

3. कपड़े रोज बदले. उनसे पसीने की बदबू नहीं आनी चाहिए.

4. घर से बाहर निकलते समय छतरी का इस्तेमाल करना चाहिए. दिन में दो बार नहाना चाहिए.5. दिन में दो बार सन ब्लॉक क्रीम का प्रयोग करें. यह क्रीम सूर्य की किरणों से स्किन की रक्षा करती है.

6. सन प्रोटेक्ट/ब्लौक क्रीम खरीदते समय सन प्रोटेक्शन फैक्टर यानि एस पी एफ की जांच करें.

7. सन प्रोटेक्शन का एसपीएफ 15 होना चाहिए.इस क्रीम से सूर्य की किरणों से होने वाली हानि 15% तक कम हो जाती है.

परिधानों का चुनाव

8. गर्मियों में हल्के रंग के कपड़े पहने. जो दोपहर में भी सॉफ्ट लुक दे सके.

9. बहुत अधिक चुस्त कपड़े नहीं पहने. टॉप या कोई भी ऐसी पोशाक, जो शरीर के ऊपर वाले हिस्से में पहनी जाती है. वह हल्के  कलर में हो. पैंट या स्कर्ट भले ही गहरे रंग की हो. सुबह से शाम तक काम करना हो तो सूती वस्त्र धारण करें. मेकअप कम से कम इस्तेमाल करें.

10. गर्मियों के लिए सबसे अच्छे फैब्रिक जॉर्जेट ; शिफॉन और क्रेप हैं. फ्लोरल और पोलका प्रिंटस कूल कूल लुक देते हैं. आप रात की पार्टी में जा रही हैं तो, ब्राइट कलर जैसे संतरी, चेरी लाल,   चमकता पीला पहन सकती हैं. यह ब्राइट कलर हैं.

11.  गर्मियों में कुरता फैशन में होता है. जिस पर कैप  बाजू ,लेअर्ड  बाजू , पाक वाली छोटी बाजू अच्छी लगती है. इन कुर्तों में बोट गला,  छोटा वी  गला और गोल गला सिलवा सकती हैं या सिला सिलाया  खरीद सकती हैं. आप पर यह खिलेंगे और ठंडक का अहसास भी दिलाएंगे.

12. गर्मियों में कुर्तियां अधिक पसंद की जाती हैं. पुरुषों के लिए शार्ट कुर्तियां अच्छी रहती हैं. सफेद, वेज, स्टोन और ग्रीन कलर की कुर्तियां ठंडक का अहसास कराती हैं. महिलाओं के लिए भी शार्ट कुर्तियां फैशन में हैं. हल्का हरा, हल्का नीला, सफेद, क्रीम, आसमानी, लेमन व स्टोन कलर में चुनाव करें. यह कुर्तियां;  जींस व ट्राउजर, दोनों के साथ ही जंचती है.

13. ग्रेस फुल दिखने की इच्छा,  रखने वालों के लिए शिफान से बढ़िया, कोई दूसरा का फैब्रिक नहीं है. महिलाएं वह लड़कियां शिफॉन के टॉप, साड़ियां पहनकर गर्मी में ठंडक का अहसास कर सकती हैं.

14. गर्मियों का एक और ;बेहतरीन फैब्रिक है; लिनेन. लिनेन का क्रिस्पी होना, इस फैब्रिक को खास बना देता है. इस में पड़े रिंकल्स  इसे और भी अधिक अच्छा लुक देते हैं.इस पर इस्त्री करने की भी जरुरत नहीं पड़ती है. इसे कैजुअल तो पहन भी सकती हैं,  खास मौकों के  लिए भी लिनेन की पोशाक का चुनाव कर सकती हैं.

15. डेनिम फैब्रिक्स का राजा है. इस का मौसम के अनुकूल होना ही,  इसकी विशेषता है.मोटे डैनिम वजाय गर्मियों में पतला डेनिम ही पहने.

16.  पोशाकों के साथ -साथ ही जूते, घड़ी ,बेल्ट, पर्स, गहने,  आकर्षक डिजाइनों के मोबाइल फोन आदि का भी चुनाव करें,  क्योंकि फैशन केवल परिधानों तक ही सीमित नहीं है.

Summer Special: औयली स्किन से छुटकारा दिलाएंगे ये 5 होममेड फेस पैक

औयली (तैलीय) त्वचा वाली महिलाओं को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है. त्वचा पर मौजूद अधिक तेल चेहरे को चिपचिपा बना देता हे, जिस से चेहरे पर कीलमुंहासे होने का डर बना रहता है, लेकिन अब इस डर को घर में बनाए जाने वाले फेस पैक, जिन्हें घरेलू फेस पैक के नाम से भी जानते हैं, का इस्तेमाल कर दूर किया जा सकता है.

डा. दीपाली भारद्वाज, त्वचा रोग विशेषज्ञा बताती हैं कि तैलीय त्वचा से परेशान बहुत सी महिलाएं उन के पास आती हैं, जो विभिन्न क्रीमों व अन्य चिकित्सीय उपचार ले चुकी होती हैं, लेकिन डा. दीपाली के मुताबिक घरेलू उपचार से बेहतर कोई इलाज नहीं.

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इन 5 घरेलू उपचारों का प्रयोग कर आप औयली त्वचा की परेशानियों से छुटकारा पा सकती हैं:

1 केला, शहद और लैमन फेस पैक: केला सेहत के लिए तो फायदेमंद होता ही है, साथ ही यह त्वचा से अतिरिक्त तेल निकालने में भी मदद करता है. केले के साथ शहद और नीबू भी कमाल के गुणों से भरपूर होते हैं. आप को अपने लिए फेस पैक बनाने के लिए बस इतना करना है कि एक केले को मैश कर उस में 1 चम्मच शहद और नीबू का रस मिला कर इस मिश्रण को चेहरे पर तब तक लगाए रखना है जब तक कि यह सूख न जाए. फिर चेहरे को कुनकुने पानी से धो लें.

2 पपीता व लैमन फेस पैक: पपीता एक ऐसा फल है, जो कहीं भी आसानी से मिल जाता है. तैलीय त्वचा के लिए यह अद्भुत विकल्प है. पपीते का फेस पैक बनाने के लिए इसे अच्छी तरह मैश कर के इस में नीबू का रस मिलाएं और फिर करीब 20 मिनट तक चेहरे पर लगाए रखने के बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें.

3 मुल्तानी मिट्टी व गुलाबजल: तैलीय त्वचा के लिए मुलतानी मिट्टी किसी वरदान से कम नहीं है. यह एक प्रकार की औषधीय मिट्टी है. इस में गुलाबजल मिला कर चेहरे पर लगाने से त्वचा से औयल भी निकल जाता है और वह कोमल भी बन जाती है.

4 ऐलोवेरा: ऐलोवेरा जहां पेट के लिए काफी फायदेमंद होता है वहीं यह तैलीय त्वचा के लिए भी काफी उपयोगी होता है. तैलीय त्वचा से छुटकारा पाने के लिए आप ऐलोवेरा में शहद मिला कर चेहरे पर लगाएं. यह फेस पैक यकीनन लाभकारी सिद्ध होगा.

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5 अंडा: अंडा प्रोटीन, विटामिन और विभिन्न मिनरल्स से भरपूर होता है, जो त्वचा को पूरी तरह स्वस्थ रखने का काम करता है. औयली त्वचा से छुटकारा पाने के लिए इस फेस पैक को जरूर ट्राई करें. यह पैक बनाना बहुत आसान है. 1 चम्मच शहद में अंडे की सफेदी मिला कर चेहरे पर लगाएं. 8-10 मिनट लगा रहने के बाद चेहरे को धो लें.

-पूजा

Summer Special: बच्चों के लिए बनाएं आलू की नई डिश, यहां जानें इसकी रेसिपी

आजकल बाजार में रोजाना भिंडी तोरई आदि सब्जियां मिलती हैं, जो बच्चे अक्सर खाने में नापसंद कर देते हैं. आलू टेस्टी होने के साथ हेल्दी भी होता है. अगर लिमिट में खाया जाए तो. दम आलू को बनाने में आपको ज्यादा मेहनत और समय गंवाने की न चिंता करते हुए आज हम आपको घर पर ही रेस्टोरेंट स्टाइल में दम आलू कैसे बनाएं इसकी रेसिपी बताएंगे.

हमें चाहिए…

500 ग्राम (छोटे साइज के) आलू

1 कप टमाटर प्योरी

2 बड़े चम्मच प्याज़ का पेस्ट

2 बड़े चम्मच तेल,

1 बड़ा चम्मच देशी घी

1 बड़ा चम्मच अदरक-लहसुन पेस्ट

1 बड़ा चम्मच दही

1 बड़ा चम्मच धनिया पाउडर

2 छोटे चम्मच लाल मिर्च पाउडर

1 छोटा चम्मच हल्दी पाउडर

नमक स्वादानुसार,

सजाने के लिए धनिया पत्ती

बनाने का तरीका

-सबसे पहले आलू धो कर छील लें. उसके बाद कांटे की सहायता से सभी आलुओं को गोद लें.

-अब कढ़ाई में घी गरम करें. घी गर्म होने पर उसमें आलुओं को डालें और धीमी आंच पर सुनहरा होने तक तल लें. उसके बाद प्रेशर कुकर में तेल गरम करें.

तेल गरम होने पर उसमें जीरा डाल कर चटका लें. उसके बाद उसमें अदरक-लहसुन का पेस्ट डालें और गुलाबी होने तक तल लें. फिर उसमें प्याज़ डालें और सुनहरा होने तक भून लें.

-इसके बाद हल्दी, धनिया, मिर्च पाउडर डालकर दो मिनट तक भूनें. फिर उसमें टमाटर प्योरी डालें और मसाले को तेल छोड़ने तक भून लें.

-अब मसाले में भुनें हुए आलू और दही डालें और लगातार चलाते हुए पांच मिनट भून कर नमक और दो ग्लास पानी डालें. इसके बाद कुकर का ढक्कन बंद कर दें और धीमी आंच पर दस मिनट पका लें. इसके बाद गैस बंद कर दें. और गरमा-गरम निकालें और ऊपर से धनिया पत्ती से सजा कर पराठों के साथ परोसें.

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