#नियमों का पालन कर #अच्छे नागरिक बने

बहुत से लोग ऐसे हैं जो अपनी कार के रीयर वियू मिर्रस को सही तरीक़े से एड्जस्ट करने की जेहमत नही उठाते. सिर्फ़ कुछ ही मिनट लगते हैं सड़क पर गाड़ी दौड़ाने से पहले शीशों को सही तरह एड्जस्ट करने में. हाँ लेकिन आपकी गाड़ी को आपके अलावा कोई और नही चलाता हो तो बात और है अगर ऐसा नही है तो आपको इस साधारण सी लगने वाली लेकिन बेहद अहम बात पर ध्यान देने की ज़रूरत है.

जब भी आपकी गाड़ी के रीयर व्यू मिर्रस(ORVMs) को सेट करें तो ज़रूर ध्यान रखें की ब्लाइंड स्पोट न रहे. आप ये काम आसानी से कर सकते हो अगर आप इन सिंपल लेकिन ज़रूरी स्टेप्स का ध्यान रखें.

अगर आप ड्राइवर की सीट पर बैठे हैं तो अपने सिर को ड्राइवर की साथ वाली यानी राइट साइड की खिड़की की ओर झुकाएँ और फिर शीशे को तब तक एड्जस्ट करें जब तक आपको अपनी गाड़ी का कोना कम से कम दिखे, फिर सीधे बैठ जाएँ और यही प्रक्रिया पेसेंजर सीट पर बैठ कर अपनायें. इसके लिए पेसेंजर साइड पर बैठ जाएँ और जितना आप पहले सीधे हाथ की तरफ़ झुके थे उतना ही अब अपने बाएँ हाथ की खिड़की की तरफ़ झुकें और फिर शीशे को तब तक एड्जस्ट करें जब तक आपको अपनी गाड़ी का कोना कम से कम न दिखने लगे. बस फिर बैठें और बेफ़िक्र हो जाएँ क्यूँकि इस तरीक़े से सेट किए शीशों में आपको OVRMs में अपनी गाड़ी देखने के लिए किसी भी और झुकना नही पड़ेगा और इस आसान से तरीक़े से आप ब्लाइंड स्पोट से भी बच जाएँगे.

इस तरीक़े से अपनी गाड़ी के OVRMs को सेट करने की आदत डालने में आपको कुछ वक्त ज़रूर लगेगा लेकिन ये आदत आपको लम्बे वक्त तक काम आएगी और आपको दुर्घटना से भी बचाएगी जिससे आपके इलाज या गाड़ी के मेंटेनेंस के पैसे भी बच जाएँगे.

तो #ज़िम्मेदारनागरिकबने और हर बार अपनी गाड़ी को मोड़ते वक्त पहले सिग्नल दें और क़रीब 3 सेकेंड रुकने के बाद अपनी गाड़ी के रीयर व्यू मिर्रस (ORVMs ) को देखें और सिर्फ़ तब ही लेन बदलें. आप सभी की यात्रा सुरक्षित रहे.

#BeTheBetterGuy: कोविड-19 से बचना है तो कार को ऐसे करें सेनेटाइज

कोविड-19 इन दिनों तेजी से अपने पांव पसार रहा है, खासकर दिल्ली एनसीआर में इसका खतरा ज्यादा है. कोरोना वायरस से बचने के लिए समय-समय पर कार को सेनेटाइज करना भी बेहद जरूरी है. वरना कार से भी संक्रमण फैल सकता है. जिससे कार चलाने वाले और इसमें बैठने वाले दोनों इसकी चपेट में आ सकते हैं. आप एक बार कार का इस्तेमाल करने के बाद जब दोबोरा ड्राइव करने जाते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि कार को एंटीमाइक्रोबियल धुएं या सतह से सेनेटाइज किया गया हो. ताकि अगली बार जब आप इसमें बैठकर ट्रेवल करें तो सुरक्षा को लेकर आपके मन में शांति रहे और आप निश्चिंत रहें.

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वहीं कार में आपके साथ कोई भी ट्रेवल करता है तो कार का सेनेटाइजेशन आपके लिए और भी जरूरी हो जाता है. खासकर तब आपकी कार में ट्रेवेल करना वाला व्यक्ति आपके साथ नहीं रहता.

वैसे भी दरवाजे के हैंडल, लिफ्ट के बटन से संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है. इसलिए कार के हर हैंण्डल, स्टीयरिंग व्हील, गियर नोड, अपोल्स्टरी और सीट को जरूर साफ करें. अगर आप ऐसा करते हैं तो संक्रमण से बच सकते हैं.

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#bethebetterguy: ओवर स्पीडिंग से बचना है बेहद जरूरी

मेरा यह लेख पढ़ने से पहले एक बार आप यह इमेजिन करिए कि आप अपनी फैमिली के साथ लौन्ग ड्राइव पर जा रहे हैं, रोड एकदम खाली है. आपने सोचा अरे वाह road  तो खाली है चलो स्पीड बढ़ाते हैं. आपकी स्पीड हुई  100 ,अरे वाह अभी भी कोई नहीं है आसपास,आपकी स्पीड हुई 120,अभी भी कोई नहीं है  स्पीड हुई 160 चलो और तेज करता हूं 180 फिर अचानक आपके सामने से कोई वाहन निकलता है ,और फिर……..  ???????

क्या हुआ? आप इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते ,जब आप इसके बारे में सोच नहीं सकते तो आप कर कैसे सकते हैं, इतनी जल्दी क्यों? ओवर स्पीडिंग  के  कारण  हर साल जाने कितने  मासूमों  की जान चली जाती है. कुछ आंकड़ों के अनुसार –

एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, सड़क दुर्घटनाओं के कारण भारत में 1 साल में 58. 58 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान होता है, जिसका मूल्य देश की GDP के लगभग 3 % के बराबर  है. अधिकतम सड़क दुर्घटनाएं ओवर-स्पीडिंग के कारण होती हैं. एक सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में भारत में 1.5लाख से भी अधिक लोगों की जान गई है.

W.h.o. की रिपोर्ट के अनुसार विश्व की दुर्घटनाओं से संबंधित मौतों में 11 % हिस्सा भारत का है. रिपोर्ट में सामने आया है कि सड़क दुर्घटनाओं की वजह से सबसे ज्यादा मौतें  तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में हुई हैं. दुर्घटनाओं में हुई मौतों में 18 से 60 वर्ष की आयु के लोगों की 84.7% हिस्सेदारी पाई गई है.

ट्रैफिक उल्लंघनो के  तहत, 5.8% लोग सड़क पर गलत साइड पर ड्राइव करने से, 2.4 % मोबाइल का उपयोग करने से और 2.8% लोग शराब पीकर गाड़ी चलाने से मारे गए हैं.

वैसे तो हमारी सरकार द्वारा ट्रैफिक नियमों का पालन ना करने पर कठोर दंड का प्रावधान है पर वाहन चलाते समय यातायात के नियमों का पालन करना हमारी भी जिम्मेदारी है.

आइए जाने की ओवरस्पीडिंग के कारण होने वाली दुर्घटनाओं से कैसे बचा जाए-

1-स्पीड लिमिट के अंदर गाड़ी चलाए

निर्धारित गतिसीमा से अधिक ड्राइविंग ना करे ,ये न केवल अवैध है बल्कि खतरनाक भी है. सड़क पर जहां गति सीमा 50 किलोमीटर /घंटा है वहां पर 60 किलोमीटर / घंटा की स्पीड से गाड़ी चलाना आपके 20 मिनट बचा तो सकता है लेकिन लेकिन दुर्घटनाओं की संभावना को बढ़ा भी सकता है.  दुर्घटनाओ से बचने का सबसे आसान तरीका निर्धारित गति सीमा के अन्दर गाड़ी चलाना है.

2-गाडी चलते समय दूसरों के साथ रेस  से बचे-

तेज़ गति में  यह अन्य कारों के साथ रेस  रोमांचकारी जरूर हो सकती है  पर सुरक्षित नहीं. ऐसा करने से दंड और दुर्घटनाएं दोनों हो सकती हैं और शायद आपका ड्राइविंग लाइसेंस रद्द भी हो सकता है.सार्वजनिक सड़कों पर अन्य कारों के साथ race लगाना न केवल वाहन के लोगों के लिए खतरनाक है, बल्कि पैदल चलने वालों के लिए भी खतरनाक है, जो सड़कों पर सबसे अधिक असुरक्षित हैं.

3 -अपना ध्यान मार्ग पर रखे –

“मैंने उसे  नहीं देखा! “एक दुर्घटना के बाद इस्तेमाल किया जाने वाला सबसे आम बहाना है। अक्सर दुर्घटनाओ के बाद लोग यही कहते है कि  मै देख नहीं पाया या वो अचानक से सामने आ गया .कई दुर्घटनाएं इसलिए  होती हैं क्योंकि एक चालक सड़क पर क्या हो रहा है, इस पर ध्यान नहीं देता है। इसलिए सतर्क रहे और ये सुनिश्चित  करे की गाड़ी चलते समय आप mobile phone पर बात न करे और फुल वॉल्यूम में गाने न सुने.

हमेशा ये याद रखे की यदि बाकी की गाड़ियां तेज़ रफ़्तार से चल रही है तो लेन को बाईं ओर रखे और तेज़ वाहनों के रास्ते से बाहर रहें। यदि आपको अपने से धीमी गति से चलने वाले वाहन से आगे निकलने की आवश्यकता है, तो दाईं ओर से ओवरटेक  करें। ओवरटेक करने से पहले संकेतक का उपयोग करके. अपने इरादे स्पष्ट करें.

4-अगर आप परेशान है या अस्वस्थ्य है तो ड्राइव न करे

अगर आप अधिक  काम करने की वजह से तनावग्रस्त है या थके हुए है तो गाड़ी मत चलाये क्योंकि ऐसा होने से आपको गाडी  चलाते समय नींद आ सकती है और फिर दुर्घटना होने से कोई नहीं रोक सकता .अगर आप थका हुआ महसूस  कर रहे है तो आप सड़क के किनारे गाड़ी लगा ले और थोड़ा आराम कर ले.

5-शराब पीकर गाड़ी न चलाये

शराब पीकर गाड़ी चलाना एक दंडनीय अपराध है इससे न केवल गति तेज़ होती है बल्कि आपके साथ साथ आस पास के लोगों की जान को भी खतरा रहता है.यदि आप किसी ऐसी पार्टी में जा रहे हैं, जहाँ आपको शराब का सेवन करने की संभावना है, तो सुनिश्चित करें कि जो शराब नहीं पिए हुए हो  है वह गाड़ी  चलाये .

6-समय पर पहुंचने के लिए समय पर निकले

इस तेज-तर्रार माहौल में, लोग अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए हमेशा देरी से चल रहे हैं। अगर उन्हें कहीं जाना होता है तो वो निकलते तो देर से है पर पहुँचना  जल्दी चाहते है.सारी  ज़ल्दी उन्हें रोड पर ही होती है. ये सब कारण उन्हें ओवर स्पीडिंग के लिए प्रोत्साहित  करते है हालांकि ये तरकीबें उन्हें कुछ मिनटों के लिए बचा सकती हैं, लेकिन अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं। लोगों को यह समझाना जरूरी है कि रेस  ड्राइविंग और ओवर स्पीडिंग द्वारा समय पर पहुंचना उन्हें अपनी जिंदगी से हाथ धोने को मजबूर कर सकता है.

इसलिए, लोगो  को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अपनी मीटिंग या पार्टीज की पहले से योजना बना लें और अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए पर्याप्त समय रखें। इससे न केवल उनकी गति पर अंकुश लगेगा बल्कि दुर्घटनाओं से भी बचा जा सकेगा।

‘ओवर स्पीड से बचना कोई लापरवाही नहीं बल्कि समझदारी हैं.  समझदार इंसानों ने कहा है, दुर्घटना से देर भली मतलब हम अपने मंजिल पर कुछ समय देर से पहुंचे लेकिन सुरक्षित पहुंचे. ‘

रक्षात्मक ड्राइविंग सुस्त लग सकती है, पर खतरनाक नहीं…


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#bethebetterguy: ड्राइविंग के दौरान फोन का इस्तेमाल करने से बचें

अगर आप भी ड्राइविंग करते समय फोन का इस्तेमाल करते हैं तो सुधर जाइए. ये आपके लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है. कुछ समय पहले एक अध्ययन के मुताबिक भारत में हर 10 में से 3 व्यक्ति वाहन चलाते वक्त फोन का इस्तेमाल करते हैं.

गाने सुनते हैं या बात करते हैं जिसके कारण वो सड़क दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं. आजके समय में मोबाइल फोन यदि सबके लिए अच्छा है तो कुछ मामलों में खतरनाक भी है और यहां पर तो आपकी जिंदगी का सवाल है.

29 मई 2016 की बात है एक खबर आई थी कि मध्य प्रदेश में बिलासपुर के रेलवे स्टेशन पर एक व्यक्ति फोन पर बात करते हुए ट्रेन में चढ़ने की कोशिश कर रहा था उसका पैर फिसल गया और गिर गया जिसके कारण तत्काल ही उसकी मौत हो गई थी.

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एक खबर 25 जुलाई 2016 को आई थी कि उत्तर प्रदेश के भदोही मे एक व्यक्ति रेलवे फाटक को क्रॉस कर रहा था, उसने अपने कान में ईयरफोन लगा रखे थे और उसे ट्रेन आवाज सुनाई नहीं दी वो व्यक्ति बस चला रहा था ट्रेन की बस से टक्कर हो गई और बस में सवार आठ लोगों की जान चली गई.

ऐसी तमाम खबरें आई हैं कि ड्राइविंग के दौरान फोन का इस्तेमाल करने की वजह से दुर्घटना हुई है. अखबारों के पन्नों में ऐसी तमाम खबरें मिलेंगी. सबसे ज्यादा तो आजकल युवा इसके पीछे पागल हैं. उन्हें लगता हैं कि हेड फोन लगा कर चलने से मैं ज्याद कूल दिखुंगा.

उन्हें ये सब फैशन लगता है लेकिन वो ये नहीं जानते कि वो अपनी मौत को न्योता दे रहें हैं. तो आपके लिए ये जरूरी है कि यदि आपके पास फोन है तो उसका इस्तेमाल सही तरीके से करें ताकि कहीं वो आने वाले समय में आपके लिए वरदान की जगह अभिशाप ना बन जाए. इसलिए सावधान हो जाइए.


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#bethebetterguy: ड्राइविंग के दौरान सीट बेल्ट है जरूरी

वैसे तो यातायात के सभी नियमों का पालन आपको करना चाहिए उनमें सबसे मुख्य बात यह भी है की यदि आप चार पहिया वाहन का इस्तेमाल कर रहें हैं तो आपको सीट बेल्ट अवश्य लगाना चाहिए ये आपके लिए एक तरह से सुरक्षा कवच है. जरा सोचिए कि आखिर सीट बेल्ट की क्या जरूरत थी इसका आविष्कार ही क्यों किया गया.

दरअसल जब भी चार पहिया वाहन चलाते हैं तो अक्सर ऐसा होता है कि अचानक कोई गाड़ी के सामने आ गया व्यक्ति या कोई जानवर या आगे कोइ गाड़ी ही आ गई तो अचानक से ब्रेक लगाना पड़ता है ऐसे में आप भी आगे की और झुक जाते हैं तब ये सीट बेल्ट ही आपके माथे को गाड़ी में लड़ने से बचाता है. क्योंकि यदि आप आगे की ओर झुकें और आपने सीट बेल्ट नहीं लगा रखी है तो आपको गंभीर चोट लग सकती है सर में. ऐसे में आप बेहोश हो सकते हैं कोमा में जा सकते हैं या आपकी मौत भी हो सकती है. इसलिए ही सीट बेल्ट जैसी चीज का आविष्कार किया गया है.

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बिना सीट बेल्ट के गाड़ी चलाने की वजह से भी दुर्घटना आए दिन होती रहती है. जिसमें काफी लोगों को अपनी जान से हांथ धोना पड़ता है. ऐसा नहीं है कि लोगों को इसके बारे में पता नहीं है सभी जानते हैं लेकिन फिर भी इस नियम का पालन नहीं करना चाहते.

हालांकि अब तो ट्रैफिक नियम के मुताबिक सीट बेल्ट ना लगाने पर आपका चालान कटेगा जैसे की अभी बाइक वालों पर हेलमेट ना लगाने पर कट रहा है तो अब इस डर से लोग सीट बेल्ट लगाने लगे हैं. और अच्छा ही है भले डर कर ही सही लोग अपनी जान को जोखिम में नहीं डाल रहें हैं. और यदि आप भी अभी तक इस नियम का पालन नहीं कर रहें हैं तो अब जरूर करिए ये आपकी सुरक्षा के लिए ही है.


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यातायात के नियमों का पालन करना है बहुत जरूरी

जिंदगी बहुत छोटी होती है ये कब कहां खतम हो जाए हम नहीं जानते लेकिन खुद से अगर आप सुरक्षित रहना चाहते हैं तो यातायात के नियमों का पालन अवश्य करें. अक्सर लोग सड़क पर वाहन चलाते समय जल्दी के कारण यातायात के नियमों का पालन नहीं करते हैं और परिणाम ये होता है कि सड़क दुर्घटना में मारे जाते हैं ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें यातायात के नियमों की कोई परवाह ही नहीं होती है या फिर वो जान कर भी अंजान बनते हैं.

वैसे तो उन्हें सब पता होता है फिर भी वो नियमों का पालन नहीं करते हैं. ऐसा नहीं है कि ये यातायात नियम ऐसे ही बने हैं या इससे सरकार और ट्रैफिक पुलिस वालों का कोई फायदा है. ये आपकी सेफ्टी के लिए ही बनाए गए हैं ताकि आप सुरक्षित रहें. हमेशा गाड़ी को एक सामान्य गति में चलाना चाहिए क्योंकि आंकड़े बताते हैं की सबसे ज्यादातर सड़क दुर्घटना तेज रफ्तार गाड़ी चलाने आ अनियंत्रित होने की वजह से ही होते हैं. गाड़ी को हमेशा सही रूट पर ही चलाएं कभी भी गलत रास्ते पर उल्टा ना चलाए.

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अगर रेड सिग्नल है तो गाड़ी को वहीं रोक दें सिग्नल ग्रीन होने पर ही जाएं.यदि आप चार पहिया वाहन चला रहें हैं तो आपके लिए ये जरूरी है कि आप सीट बेल्ट अवश्य लगाएं. कभी भी बड़ी गाड़ियों को ओवरटेक ना करें क्योंकि ऐसे में भी दुर्घटना होने की संभावना होती है. जब भी ब्रेकर दिखे तो गाड़ी की रफ्तार धीमी करें.जब भी कोई मोड़ आए सड़क पर तो वहां पर भी गाड़ी की रफ्तार को धीमा करके हार्न देने के बाद ही गाड़ी को मोड़े.

वरना अक्सर ऐसा होता की है दूसरे साइड से कोई गाड़ी आ रही होती है और अचानक गाड़ी मोड़ने पर दोनों ही गाड़ियों में टक्कर हो जाती है. इसलिए इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है. बाइक चलाते वक्त हेलमेट भी जरूर पहने ताकि यदि कोई दुर्घटना होती है हेलमेट आपको सर पर गंभीर चोट लगने से बचाएगा. ये सभी नियम आपको सुरक्षित रखेंगे और साथ ही साथ दूसरों को भी.

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#bethebetterguy: शराब पीकर गाड़ी चलाना हो सकता है खतरनाक

ये समस्या आज पूरे देश में फैली हुई है और सबसे ज्यादा ये समस्या युवाओं-किशोरों के साथ हैं. उन्हें कितना भी समझा लो लेकिन उनके पल्ले कुछ भी नहीं पड़ता है. आजकल के युवा फैशन में पीने में तो आगे हैं और अपना जलवा दिखाने के चक्कर में नशे में गाड़ी चला कर खुद अपनी मौत को न्योता देते हैं.

सरकार इसके खिलाफ कितनी मुहिम चला रही है. लोगों को जागरूक करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं होता है और यातायात नियमों की भी धज्जियां उड़ा रहें हैं लोग. सराकर के आंकड़े के मुताबिक हर रोज 400-500 लोग सड़क दुर्घटना में मारे जाते हैं इनमें एक सबसे बड़ा कारण है शराब पीकर गाड़ी चलाना और तो और लोग नशा करके सोचते हैं उन्हें सब समझ में आ रहा है लेकिन ऐसे में वो अपने साथ-साथ दूसरों की जान को भी खतरे में डालते हैं.

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खुद तो होश में होते नहीं हैं और दूसरों की जान को भी दाव पर लगा देते है. 2018 में एक खबर आई थी रात के समय कुछ लड़के नशे में थे और गाड़ी चलाते वक्त नियंत्रण बिगड़ गया जिसके कारण उन्होंने गाड़ी सड़क के किनारे सो रहे लोगों पर चढ़ा दी. उन्होंने खुद की जान को तो जोखिम में डाला ही साथ ही उन गरीबों की जान से भी खिलवाड़ कर गए.

अक्सर ऐसा बड़े-बड़े शहरों में सबसे ज्यादा होता है. दिल्ली में एक नियम के मुताबिक यदि आप पहली बार ही नशे में गाड़ी चलाते पाते गए तो आपका ड्राइविंग लाइसेंस भी कैंसिल हो सकता है. तो भला सब कुछ जानकर भी अगर आप नहीं सुधरेंगे और नशे में गाड़ी चलाएंगे तो अपनी जान को ही खतरे में डालेंगे इसलिए सावधान हो जाइए और आगे से कभी भी शराब पीकर नशा करके गाड़ी ना चलाये, क्योंकि आपके पीछे कोई और भी होता है जिसके लिए आपका जीवन अनमोल होता है उनके बारे में सोचिए.

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