
इन दिनों अपनी फिल्मों से ज्यादा अपनी रील्स को लेकर सुर्खियों में रहती हैं. अक्सर उनके एक से बढ़ कर एक मजेदार रील्स सोशल मीडिया पर देखने को मिलते हैं, जो उनके फैंस को खूब पसंद भी आते हैं. अभी हाल ही में उन्होंने अपने फैंस को एंटरटैन करने के लिए एक नया वीडियो शेयर किया है, जिसमें उनका काफी अलग अंदाज देखने को मिल रहा है.
हाल ही में विद्या बालन ने सोशल मीडिया पर अपने फैंस के साथ अमेजिंग वीडियो शेयर किया है, जिसमें वो कौमेडियन कपिल शर्मा और कृष्णा अभिषेक के हिट कार्यक्रम के एक फनी औडियो क्लिप की नकल कर रही हैं. उनकी इस पोस्ट को देखने के बाद उनके फैंस आश्चर्य में पड़ गए विद्या का कौमेडियन अंदाज खूब वायरल हो रहा है. वो क्या है आइये जानते हैं.
विद्या बालन ने अपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें वह एक लोकप्रिय कौमेडी शो का फेमस “मैंने आपका ट्रेलर देखा” डायलौग बोलती नजर आ रही हैं. विद्या ने वीडियो में कृष्णा के डायलौग पर लिप-सिंक भी किया है. वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए विद्या बालन ने लिखा, “हाहाहाहाहाहा.”
विद्या बालन के इंटरेस्टिंग अवतार ने सच में फैंस को आश्चर्य में डाल दिया है और अपनी कौमिक टाइमिंग के साथ, उन्होंने साबित कर दिया है कि वह भारतीय सिनेमा की एक टैलेंटेड एक्ट्रैस हैं, जो किसी भी रोल को बेहतरीन ढंग से निभा सकती है आपने देखा ही होगा विद्या का रील्स का कंटेंट हमेशा लाजवाब होता है और वह फैंस को जबरदस्त इंट्रैस्टिंग कंटेंट देती रहती हैं जो सभी को पसंद आते हैं और खूब वायरल भी होते हैं.
इससे पहले भी विद्या का भोजपुरी रंग में रंगा वीडियो वायरल हुआ था. जिसमे विद्या बालन किसी से भोजपुरी में प्यार का इजहार करती हुईं नजर आ रही थी. उनका ये वीडियो फैंस को खूब पसंद आया था और खूब वायरल भी हुआ था.
एक्ट्रैस विद्या बालन की फिल्मों बात करें तो वह हौररकौमेडी फिल्म ‘भूल भुलैया 3’ में ओजी मंजुलिका के रूप में नजर आएंगी. यह फिल्म दिवाली 2024 पर सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है. इसमें विद्या के साथ कार्तिक आर्यन हैं.
फिल्म ‘परिणीता’से एक्टिंग के क्षेत्र में चर्चित होने वाली अभिनेत्री ‘विद्या बालन ने इंडस्ट्री में अपनी एक अलग छवि बनाई है. उन्होंने इंडस्ट्री में अभिनेता और अभिनेत्री के बीच पारिश्रमिक और सुविधाओं की असमानता को कम किया है और सिद्ध कर दिया है कि अभिनेत्रियाँ भी फिल्म को लीड कर सकती है. यही वजह है कि आज कई निर्माता निर्देशक उन्हें अपनी फिल्मों में लेना पसंद करते है. उनकी प्रसिद्ध फिल्में‘लगे रहो मुन्ना भाई’, ‘द डर्टी पिक्चर’ ‘कहानी’ आदि कई है. विद्या स्वभाव से हँसमुख, विनम्र और स्पष्ट भाषी है. फिल्म ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ उसके करियर की टर्निंग पॉइंट थी, जिसके बाद से उन्हें पीछे मुड़कर देखना नहीं पड़ा. उन्होंने बेहतरीन परफोर्मेंस के लिए कई अवार्ड जीते और साल 2014 में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से नवाज़ा गया. विद्या तमिल, मलयालम, हिंदी, अंग्रेजी और बांग्ला अच्छा बोल लेती है. विद्या की फिल्म ‘शेरनी’रिलीज हो चुकी है, जिसमें उन्होंने शेरनी की मुख्य भूमिका निभाकर मानव और जंगली जानवरों के बीच एक तालमेल के बारे में बताई है, जो इस धरती के लिए जरुरी है. फिल्म की सफलता पर खुश विद्या ने बात की. पेश है कुछ अंश.
सवाल-फिल्म की सफलता आपके लिए क्या माइने रखती है?
इस सफलता से मुझे बहुत ख़ुशी है, क्योंकि ये एक अलग तरीके की फिल्म है. इसे दर्शक कितना पसंद करेंगे, ये पता नहीं चल पा रहा था, लेकिन एक लालच थी कि 240 देशों के लोग इसे देख सकेंगे. अच्छी बात अभी ये भी है कि ओटीटी पर रिलीज होने की वजह से दर्शक जब चाहे इसे देख सकता है. दर्शकों ने फिल्म देखी और मुझे अच्छे-अच्छे मेसेज भेजे, इस बार शर्मीला टैगोर ने भी फिल्म की तारीफ की.
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सवाल-आपने हमेशा अलग-अलग विषयों पर काम किया है, इस दौरान कई उतर-चढ़ाव आये, किसने साथ दिया?
मेरे जीवन की सबसे स्ट्रोंग पर्सन मेरी माँ सरस्वती बालन है, जो मुश्किल घड़ी में शांत रहकर आसानी से उसे पार कर लेती है. उन्होंने हम दोनों बहनों को खुद की ड्रीम पूरा करने का साहस दिया है. फिल्म इश्कियां से पहले मैं बहुत कन्फ्यूज्ड रहा करती थी. मैं हिंदी फिल्मों के लिए बनी हूं या नहीं. ये सोचती रहती थी, लेकिन इश्कियां के लिए मैं फिट बैठ गयी. आगे भी मैंने अलग विषयों पर काम किया है. मेरे लिए हीरो ओल्ड है या जवान कुछ फर्क नहीं पड़ता. मैंने रिस्क लिया और कामयाब रही. अभी जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूं, तो लगता है कि मैंने जो ड्रीम अपने जीवन में देखी थी, वह धीरे-धीरे पूरी हो रही है. मैं एक विषय से ऊब जाती हूं, इसलिए अलग-अलग विषयों पर काम करती हूं, इससे मेरे अंदर काम करने की इच्छा बनी रहती है.
सवाल-आजकल की महिलाएं बहुत मजबूती से आगे बढ़ रही है, लेकिन एक सीमा तक पहुँचने के बाद उन्हें मंजिल तक जाने से रोका जाता है, इसकी वजह आप क्या मानती है?
फारेस्टलाइफ में शेरनी चुपचाप शिकार की तलाश में शांत बैठी रहती है और शिकार को देखते ही उसपर छलांग मारकर उसे झपट लेती है, लेकिन रियल लाइफ में ऐसा नहीं हो सकता, लेकिन औरतों को जब भी ताने सुनने को मिले या लोग उनके सपनों को समझ नहीं रहे है,तो चुपचाप उसे सुने या अनसुना कर दें और समय आने पर उसका जवाब दें, क्योंकि जिंदगी एक है और हर महिलाको अपनी ड्रीम पूरा करने का हक है.
सवाल-कई बार उच्च प्रशासनिक पद पर कार्यरत महिलाएं एक मुकाम तक पहुंचकर आगे नहीं बढ़ पाती, क्योंकि उस स्थान से वापस आना ही भलाई समझती है, ऐसे महिलाओं के लिए आपकी मेसेज क्या है?
ये सही है कि लड़कियों की परवरिश इसी तरह से की जाती है, उन्हें किसी प्रकार की चुनौतियों से आगे बढ़ने की सलाह नहीं दी जाती, बल्कि पीछे हटने के लिए कह दिया जाता है. डर पर काबू पाना जरुरी है और सभी महिलाओं में ताकत होती है, उन्हें सिर्फ समझना पड़ता है, तभी हम आगे बढ़ सकते है.
सवाल-महिलाओं को कमतर समझने की वजह क्या है? क्या आपको कभी इसका सामना करना पड़ा?
महिलाएं खुद को ही कमतर समझती है, उन्हें खुद की काबिलियत पर संदेह होने लगता है. ये उनके दिमाग में चलता रहता है. असल में महिलाओं ने काफी सालों बाद बहुत सारे क्षेत्रों में काम करना शुरू किया है. उसमें एडजस्ट होने में समय लगेगा. हर महिला अपनी बात तेज आवाज में नहीं रख पाती. चुप रहकर भी कुछ महिलाएं अपना काम निकाल लेती है. कैरियर की शुरू में बहुत बार ऐसा हुआ है, जब सबने मुझे कमतर समझा. जब मैंने फिल्म कहानी की, तो सबको लग रहा था कि ये फिल्म नहीं चलेगी, जबकि ‘ द डर्टी पिक्चर’ को सबने सही कहा, क्योंकि ये मसाला और सेक्सी फिल्म है. एक प्रेग्नेंट महिला, जो अपने खोये हुए पति की खोज में है, उस पिक्चर को कौन देखना चाहेगा? इसकी वजह केवल मैं नहीं, बल्कि सब्जेक्ट, फिल्म की टीम सभी को कम समझा गया, लेकिन कहानी इतनी चली कि सबकी बोलती बंद हो गयी.
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सवाल-फिल्म इंडस्ट्री में क्या आपको लैंगिक असामनता का सामना करना पड़ा? उसे कैसे लिया?
बहुत बार सामना करना पड़ा, क्योंकि आसपास के लोगों में ये धारणा रहती है कि लड़की और लड़के की काम में अंतर है. जब लड़की इसे तोड़ कर आगे बढती है, सब उन्हें रोकते है. जब मैं इश्कियां कर रही थी तो सबका कहना था कि बड़ी मुश्किल से एक फिल्म महिला प्रधान बनती है, लेकिन मैंने इन 13 वर्षों में उनके इस प्रश्न का उत्तर दे दिया है. इसके अलावा शुरूआती दौर में एक्टर के हिसाब से डेट देने पड़ते थे, एक्टर के लिए बड़ा कमरा, बड़ा वैन होता था. ये सीनियर कलाकारों को ही नहीं, बल्कि नए चेहरे को भी ऐसी सहूलियत मिलती थी. वह सही नहीं लगता था. इसके अलावा एक्टर समय से 3 या 4 घंटे लेट आता था. मुझे अच्छा नहीं लगता था और सोचती थी कि ये कब बदलेगा. अभी बदला है, मुझे किसी का अब इंतज़ार नहीं करना पड़ता.
रेटिंगः दो स्टार
निर्माताः भूषण कुमार, किशन कुमार, विक्रम मल्होत्रा, अमित मसूरकर
निर्देशकः अमित वी मसूरकर
कलाकारः विद्या बालन, शरत सक्सेना, विजय राज, ब्रजेंद्र काला, इला अरूण , नीरज काबी, मुकुल चड्ढा व अन्य.
अवधिः दो घंटे दस मिनट 44 सेकंड
ओटीटी प्लेटफार्मः अमेजॉन प्राइम वीडियो
एक तरफ देश के राष्ट्ीय पशुं टाइगर(बाघ )की प्रजाति खत्म होती जा रही है. तो दूसरी तरफ विकास के नाम पर जंगल खत्म हो रहे हैं, ऐसी परिस्थितियों में हर जानवर के सामने समस्या है कि वह कहां स्वच्छंदतापूर्ण विचरण करे. जंगल के खत्म होने से टाइगर, भालू आदि हिंसक जानवर खेतों व आबादी की तरफ बढ़ रहे हैं. जिसके चलते पशु और इंसान के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है. तो वहीं इस समस्या का सटीक हल ढूढ़ने की बनिस्बत राजनेता अपनी रोटी सेंकने में लगे हुए हैं, जिसका फायदा अवैध तरीके से टाइगर का शिकार करने वाला शिकारी उठा रहा है. इन्ही मुद्दों व पशु व इंसान के बीच संघर्ष को खत्म कर संतुलन बनाने का संदेश देने वाली फिल्म ‘‘शेरनी’’ लेकर आए हैं फिल्म निर्देशक अमित वी मसुरकर, जो कि 18 जून से ‘‘अमैजॉन प्राइम’’पर स्ट्रीम हो रही है.
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कहानीः
कहानी शुरू होती है विजाशपुर वन मंडल के जंगलों से, जहां कुछ पुलिस की टीम व वन संरक्षण अधिकारी टाइगर की आवाजाही को समझने के लिए वीडियो कैमरा लगा रही है. उसी वक्त नई वन अधिकारी विद्या विंसेट(विद्या बालन) भी वहां पहुंचती है और हालात का जायजा लेती है. वाटरिंग होल सूखा हुआ है. क्योंकि स्थानीय विधायक जी के सिंह(अमर सिंह परिहार )का साला मनीष उस जंगल में सुविधाएं देखने वाला ठेकेदार है. वह किसी नही सुनता. उधर जंगल के नजदीक में बसे गांव वासी अपने मवेशियों को चारा खिलाने इसी जंगल में कई वर्षों से जाते रहे हैं. मगर अब राष्ट्रीय पार्क और इस जंगल के बीच हाइवे सहित कई विकास कार्य संपन्न हो चुके है, जिसकी वजह से जंगल कें अंदर मौजूद टाइगर व भालू जैसे हिंसक पशु नेशनल पार्क नही जा पा रहे हैं और वह ग्रामीणों का भक्षण करने लगे हैं. पूर्व विधायक पी के सिंह(सत्यकाम आनंद) ग्रामीणों के जीवन की सुरक्षा के नाम पर वन अधिकारियों को धमकाते हुए अपनी राजनीति को चमकाने में लगे हैं. वन अधिकारी विद्या विंसेट चाहती है कि इंसानों और पशुओं के बीच संघर्ष खत्म हो और एक संतुलन बन जाए. इसके लिए वह अपने हिसाब से प्रयास शुरू करती हैं, जिसमें वन विभाग से ही जुड़े मोहन, हसन दुर्रानी( विजय राज ) व अन्य लोगों की मदद से प्रयासरत हैं. पर विधायक जी के सिंह के चमचे व वन विभाग के अधिकारी बंसल(ब्रजेंद्र काला ) व अन्य अपने हिसाब से टंाग अड़ाते रहते हैं. तभी चुनाव जीतने के लिए विधायक जी के सिंह शिकारी पिंटू को लेकर आते हैं. विद्या चाहती है कि नर भक्षी बन चुकी बाघिन टी 12 व उसके दो नवजात बच्चों को इस जंगल से निकालकर नेशनल पार्क भेज दिया जाए, जिससे ग्रामीणों की भी सुरक्षा हो सके. जबकि बंसल व पिंटू(शरत सक्सेना) की इच्छा टाइगर यानी कि शेरनी को बचाने में बिलकुल नही है. इसी बीच अपने उच्च अधिकारी नंागिया(नीरज काबी ) की हरकत से विद्या विंसेट को तकलीफ होती है. अब राजनीतिक कुचक्र और नेताओं के इशारे पर नाच रहे कुछ भ्रष्ट वन अधिकारियों व इमानदार वन अधिकारी विद्या विंसेट में से किसकी जीत होती है, यह तो फिल्म देखने पर ही पता चलेगा.
लेखन व निर्देशनः
‘‘सुलेमानी कीड़ा’’ और ऑस्कर के लिए भारतीय प्रविष्टि के रूप में भेजी जा चुकी फिल्म‘‘ न्यूटन’’के निर्देशक अमित वी मसूरकर इस बार मात खा गए हैं. फिल्म की कमजोर पटकथा के चलते फिल्म काफी नीरस और धीमी है. जंगल में नरभक्षी टाइगर की मौजूदगी के चलते जो डर व रोमांच पैदा होना चाहिए, उसे पैदा कर पाने में अमित वी मसूरकर असफल रहे हैं. शेरनी की आंखों से पैदा होने वाला सम्मोहन भी नदारद है. दो राजनेताओं के बीच की राजनीतिक चालों का भी ठीक से निरूपण नही हुआ है.
फिल्म‘‘शेरनी’’ अवनी या टी1 के मामले की याद दिलाती है. जब बाघिन पर 13 लोगों की हत्या का आरोप लगा था. महीनों के लंबे शिकार के बाद, 2018 में महाराष्ट्र के यवतमाल में एक नागरिक शिकारी के नेतृत्व में वन विभाग के कुछ अधिकारियों के साथ उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. कई कार्यकर्ताओं ने इसे ‘कोल्ड ब्लडेड मर्डर‘ बताया और मामला भारत के सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंच गया. यह मामला अभी भी चल रहा है और अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि अवनी नामक बाघिन आदमखोर थी या नहीं. लेकिन फिल्मकार इस सत्य घटनाक्रम को सही अंदाज में नही उठा पाए.
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फिल्म का संवाद ‘‘विकास के साथ जाओ, तो पर्यावरण को नहीं बचा सकते. और यदि पर्यावरण के साथ जाएं, तो विकास बेचारा उदास हो जाता है. ’’कई सवाल उठाता है, मगर अफसोस की बात यह है कि इस तरह की बात करने वाले नंागिया का कार्य इस संवाद से मेल नही खात. यानी कि चरित्र चित्रण में भी फिल्मकार ने गलतियंा की हैं. फिल्म में पशुओं को लेकर मनुष्य की संवेदनहीनता, वन विभाग में भ्रष्टाचार, राजनेताओं की नकली नारेबाजियां, जैसे मुद्दे उठाए गए हैं मगर बहुत ही सतही तौर पर. बीच बीच में फिल्म पूरी तरह से डाक्यूमेंट्री बनकर रह जाती है.
कैमरामैन राकेश हरिदास बधाई के पात्र हैं.
अभिनयः
जहां तक अभिनय का सवाल है, तो विद्या बालन का अभिनय शानदार है. उन्होने वन अधिकारी विद्या विसेंट को जीवंतता प्रदान की है. फिर चाहे डर का भाव हो या कुछ न कर पाने की विवशता. मगर लेखक व निर्देशक ने विद्या बालन के किरदार को भी ठीक से नही गढ़ा है. वह कहीं भी दहाड़ती नही है, उसके कारनामे ऐसे नही है जो कि याद रह जाएं. नीरज काबी व मुकुल चड्ढा की प्रतिभा को जाया किया गया है. हसन दुर्रानी के किरदार मे विजय राज एक बार फिर अपने अभिनय की छाप छोड़ जाते हैं. ब्रजेंद्र काला को अवश्य कुछ अच्छे दृश्य मिल गए हैं.
काफी समय से बौलीवुड फिल्मों से दूर चल रहीं एक्ट्रेस विद्या बालन इन दिनों समर वेकेशन पर हैं. वह बाली में छुट्टियां मना रही हैं, जिसकी फोटोज विद्या अपने इंस्टाग्राम पर लगातार शेयर कर रही हैं. जहां एक तरफ फैंस विद्या की फोटोज को लेकर तारीफें करने से थक नही रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ सेलेब्स भी विद्या की फोटोज पर तारीफें कर रहे हैं. आइए आपको दिखाते हैं उनकी कुछ लेटेस्ट फोटोज
समर में समंदर का मज ले रही हैं विद्या बालन
एक्ट्रेस विद्या बालन इन दिनों समर वेकेशन में बाली की सैर कर रही हैं. जहां विद्या समंदर के बीच जमकर मजे कर रही है.
समंदर के बीच मस्ती कर रहीं विद्या
विद्या बालन फोटोज में मस्ती करती हुई दिखाई दे रही हैं. वहीं उनके साथ उनके परिवार के लोग भी दिखाई दे रहे हैं.
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मौसम का मजा ले रहीं हैं लुत्फ विद्या
इस दौरान विद्या ने जमकर समर वेकेशन का लुत्फ उठाते हुए नजर आईं. जिसकी फोटोज उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी फोटोज शेयर करते हुए फैंस को दी.
फूलों से सजती नजर आई विद्या
विद्या को लगता है कि फूलों से बेहद प्यार हैं तभी तो वो पूरी तरह फूलों से सजी हुई दिखाई दी. विद्या बालन यहां एकदम नए ही अंदाज में दिखाई दे रही है. एक ओर वो बालों में फूल तो दूसरी ओर आंखों पे काले सनग्लासेस लगाते हुए नजर आईं.
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