त्वचा से आप का भीतरी स्वास्थ्य झलकता है. त्वचा शरीर के तापमान और नमी को संतुलित बनाए रखती है. इसे जवां और चमकदार बनाए रखना चाहती हैं तो जरूरी है कि त्वचा में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकाला जाए.

उम्र बढ़ने तथा बाहरी कारकों का असर हमारी त्वचा  पर पड़ता है. इन कारकों की वजह से त्वचा में विषैले पदार्थ जमा हो जाते हैं.

त्वचा में टौक्सिंस जमा होने का सब से बड़ा कारण प्रदूषण है. प्रदूषण के कारण त्वचा धूल, धुंए, जहरीली गैसों के संपर्क में आती है. ये सभी प्रदूषक त्वचा में समा जाते हैं और फ्री रैडिकल्स के कारण त्वचा में ऐजिंग के लक्षण दिखने लगते हैं.

चीनी, सोडियम, ट्रांसफैट से युक्त आहार के सेवन से त्वचा पर बुरा असर पड़ता है और त्वचा में टौक्सिंस जमा हो जाते हैं.

उम्र बढ़ने के साथ प्राकृतिक रूप से त्वचा में कोलाजन कम होने लगता है. इस से त्वचा में नमी का स्तर गिरने लगता है और त्वचा पतली एवं संवेदनशील हो जाती है.

उम्र बढ़ने के साथ त्वचा में सिबैशियस ग्लैंड्स यानी तेल कम होने लगती हैं, जिस से त्वचा संवेदनशील हो जाती है.

कैसे करें त्वचा को डीटौक्सीफाई

त्वचा को कितनी बार डीटौक्सीफाई करना है यह हर व्यक्ति और उस की त्वचा के प्रकार पर निर्भर करता है. अगर आप अपनी त्वचा को स्वस्थ बनाए रखना चाहती हैं तो आप को हर महीने त्वचा को डीटौक्स करना चाहिए. साल में कम से कम 4 बार त्वचा को जरूर डीटौक्स करें.

पानी: अगर आप नियमित रूप से पर्याप्त पानी पीएं तो रूखी और बेजान त्वचा भी धीरेधीरे मुलायम हो जाएगी. रोजाना 10-12 गिलास पानी पीने से आप के खून में मौजूद टौक्सिंस बाहर निकल जाते हैं और त्वचा साफ हो जाती है. दिन की शुरुआत 1 गिलास पानी से करें. इस पानी में 1 चम्मच नीबू का रस और 1/2 चम्मच शहद मिला लें.

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