Festival Shopping: औनलाइन शौपिंग ने जहां शौपिंग को बहुत आसान बना दिया है, वहीं इस के बहुत से फायदे भी हैं. अगर समझदारी और ध्यान से शौपिंग न करी जाए तो इस के नुकसान भी बहुत हैं. अपनी बेवजह की लापरवाही के चलते आप मुश्किल में भी पढ़ सकते हैं. इसलिए त्योहारों के समय में खासतौर पर औनलाइन शौपिंग करते समय कुछ बातों का खयाल जरूर रखें :

वैबसाइट का यूआरएल चैक करें

यदि वैबसाइट के यूआरएल में सिक्योर मोड (https) में नहीं है, तो वहां से शौपिंग न करें. इस के आलावा फेक शौपिंग वैबसाइट के यूआरएल में ग्रामर की गलतियां होना आम बात है. अगर कोई शौपिंग ऐप है तो उस के डेवलपर के बारे में प्लेस्टोर पर जा कर पढ़ें.

टर्म ऐंड कंडीशन और रिटर्न पौलिसी को चैक कर लें

जहां पर आप को प्रोडक्ट की पिक्चर दिख रही है वहां पर आप को शौपिंग की पौलिसी के बारे  लिखा रहता है उस को पूरा खोल कर पढ़ें कि जो प्रोडक्ट आप मंगा रहे हैं वह अगर पसंद नहीं आया तो उस के रिटर्न करने की क्या पौलिसी है. इस तरह खरीदारी करने से पहले टर्म ऐंड कंडीशन और वारंटी पौलिसी को बारीकी से पढ़ना चाहिए.

हर लिंक को न खोलें

कई बार हमें अनजान नंबर से शौपिंग का कोई लिंक आता है, जिस में बहुत अच्छी ड्रैसेज होती हैं. लेकिन यह सिर्फ एक धोखा होता है. इसलिए किसी के द्वारा भेजे गए ऐसे किसी भी लिंक से शौपिंग न करें. कई कंपनियां फ्रौड भी होती हैं, जो मैसेज में एक लिंक भेजती है. जैसे ही लिंक को क्लिक करते हैं तो आप के सामाने बड़ेबड़े आइटम्स पर जबरदस्त छूट के औफर्स दिखाई देते हैं. औफर्स देख कर कुछ लोग इन वैबसाइट पर पेमेंट कर सामान का और्डर कर देते हैं. इसी का फायदा उठाते हुए ठग फ्रौड कर लेते हैं.

शौपिंग साइट की स्पेलिंग चेक करें

कई बार शौपिंग साइट की स्पेलिंग में एकआध नंबर का फर्क होता है, जिस पर हम ध्यान नहीं देते हैं और उसे ओरिजनल साइट समझ कर आगे बढ़ जाते हैं लेकिन यह फेक भी हो सकता है. इसलिए जिस भी वैबसाइट पर जा रहे हैं उस की स्पेलिंग अच्छी तरह से चैक करें.

ऐंटी वायरस जरूर रखें

अपने लैपटौप या मोबाइल में ऐंटी वायरस जरूर रखें. किसी अनजान ऐप को कभी डाउनलोड न करें. कई बार औनलाइन शौपिंग करते समय हम गलती से कुछ ऐसा क्लिक कर देते हैं जिस से लैपटौप में वायरस आ जाता है.

कैशऔन डिलिवरी चुनें

जब बात औनलाइन की आती है तो फ्रौड के तरीके काफी क्रिएटिव हो जाते हैं. वैसे तो फिशिंग स्कैम्स, फेक औफर्स और डिस्काउंट के नाम पर धोखाधड़ी सामान्य है, लेकिन ऐसे और भी कई तरीके हैं, जिन के माध्यम से लोगों को आजकल खूब लूटा जा रहा है. इन सब पर भी अपनी नजर बनाए रखें.

डेटा फार्मिंग से बचें

सोशल मीडिया या वैबसाइट पर अपने बैंक या कार्ड की जानकारी बिलकुल शेयर न करें. कई वैबसाइट व्यक्तिगत जानकारी इकट्ठा कर डेटा स्कैमर्स को बेच देती हैं, जिस से अनधिकृत ट्रांजैक्शन हो सकता है. कोई भी कितना ही बड़ा औफर क्यों न दे, कभी भी अपने बैंक डिटेल्स शेयर न करें.

फेक वेबसाइट से बचें

त्योहारों के समय कई सारे ऐसे ऐप और वैबसाइट देखने को मिलते हैं, जो फेक होते हैं. देखने में तो वे सही लगते हैं लेकिन असल में वे फ्रौड साइट्स होते हैं. इन फेक ई कौमर्स प्लेटफौर्म्स पर खूब सारा डिस्काउंट दिया जाता है. यहां तक कि 80% तक भी यहां छूट मिलती है. हालांकि जब सामान आप के पास डिलिवर होता है तो वह बेकार होता है या फिर वह होता ही नहीं है जिस के बारे में बताया होता है या प्रोडक्ट वह नहीं होता है जिस की पिक्चर दी गई होती है.

क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी से रहें सतर्क

त्योहारों में क्रेडिट कार्ड फ्रौड के मामले तेजी से बढ़ जाते हैं. कभी भी अपने कार्ड की जानकारी किसी दुकानदार या अनजान व्यक्ति से साझा न करें. औनलाइन शौपिंग में अगर कोई व्यक्ति कौल कर आप से कार्ड नंबर, सीवीवी या ओटीपी पूछे तो समझ जाएं कि यह एक फ्रौड कौल है.

शौपिंग के वक्त क्वालिटी पर भी ध्यान दें

हम प्रोडक्ट की क्वालिटी चैक करने के लिए साइट पर मौजूद रिव्यू पर निर्भर करते हैं. कई बार यह रिव्यू फेक होते हैं जो पैसे दे कर कराए जाते हैं और आप उन के जाल में फंस जाते हैं. अगर आप कहीं रिव्यू देख रहे हैं तो इस बात पर ध्यान दें कि रिव्यू सिर्फ पोजिटिव ही न हो बल्कि कुछ लोगों ने नैगटिव रिव्यू भी दिया हो, तभी वह सही होगा.

फ्रौड होने पर शिकायत करें

अगर आप को किसी भी तरह के फ्रौड का अंदेशा हो तो इस की शिकायत साइबर थाने में करें. किसी भी तरह की धोखाधड़ी की शिकायत https://consumerhelpline.gov.in/ पर जा कर कर सकते हैं.

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