फैशनेबल और स्टाइलिश दिखने की होड़ के चलते आजकल युवतियां केशों पर तरहतरह के ऐक्सपैरिमैंट करवाती रहती हैं. जैसे हेयर स्मूदनिंग, स्ट्रेटनिंग, रिबौंडिंग, पर्मिंग आदि. लेकिन इन्हें करवाने का नतीजा कई बार यह होता है कि अच्छेखासे दिखने वाले केश भी बेढंगे से दिखने लगते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस तरह के ऐक्सपैरिमैंट कराते वक्त वे कुछ बातों को अनदेखा कर जाती हैं. उन्हें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए यहां इसी संबंध में महत्त्वपूर्ण जानकारियां दे रही हैं हेयर ऐक्सपर्ट इंद्रजीत कौर.

बढ़ता चलन

इंद्रजीत कहती हैं कि भारतीय युवतियों के केश रफ होने के साथ ही सिल्की भी नहीं होते. इसीलिए हमारे यहां की 95% युवतियां स्ट्रेटनिंग, रिबौंडिंग, स्मूदनिंग करवाती हैं जबकि 5% सिर्फ पर्मिंग. लेकिन इन्हें करवाते वक्त कुछ खास बातों पर ध्यान देना जरूरी है.

रखें ध्यान

- टूट रहे केशों की स्ट्रेटनिंग हो सकती है, लेकिन रिबौंडिंग नहीं.

- ज्यादा रफ केशों की स्ट्रेटनिंग या रिबौंडिंग नहीं हो सकती. इस से पहले कस्टमर को सप्ताह में 7-8 सिटिंग्स हेयर स्पा की लेनी होती हैं.

- केशों को कुनकुने या ठंडे पानी से ही धोएं.

- ज्यादा शैंपू करने से बचें, क्योंकि बहुत ज्यादा शैंपू केशों को ड्राई बनाता है.

- हेयरवाश के बाद कंडीशनर जरूर अप्लाई करें. बाद में केशों को ठंडे पानी से धो लें. इस से उन में चमक आएगी.

- केशों को धोने के बाद तौलिए से न झाड़ें, बल्कि हलके हाथों से सुखाएं.

- रोजाना केशों की ओपन मसाज करें. इस से रक्तसंचार बढ़ेगा और केशों को पोषण मिलेगा. हेयर मसाज के बाद केशों को गरम पानी में भिगोए तौलिए में लपेट कर स्टीम दें. इस से उन में चमक आएगी.

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