औफिस के लिए तैयार होते वक्त मोहिनी का 1 घंटा सिर्फ अपने बाल संवारने में लग जाता है. अब यह सुन कर आप को और हैरानी होगी कि इस 1 घंटे में मोहिनी कोई स्टाइलिश हेयरस्टाइल नहीं बनाती, बल्कि साधारण तरीके से 1 पोनीटेल ही बना पाती है. 1 पोनीटेल बनाने में मोहिनी को इतना वक्त इसलिए लग जाता है, क्योंकि उस के बालों में फ्रीजी बेबी हेयर की समस्या है. इस समस्या को कई नामों से पुकारा जाता है. मसलन, बेबी हेयर, फ्लायवेज आदि.

दरअसल, फ्रीजी बेबी हेयर समस्या सिर्फ मोहिनी की ही नहीं, बल्कि हर उस महिला की है जिस के बाल रूखे और घुंघराले होते हैं. फिर चाहे बाल छोटे हों या बड़े. डर्मेटोलौजिस्ट वरुण कतियाल इस समस्या को ऐलोपेशिया बताते हैं. वे कहते हैं, ‘‘यह समस्या जैनेटिक भी हो सकती है और खराब वातावरण की वजह से भी महिलाएं इस समस्या का शिकार हो सकती हैं.’’

वैसे यह समस्या अधिकतर सर्दी के मौसम में होती है. लेकिन इस बाबत एशियन इंस्टिट्यूट में डर्मेटोलौजिस्ट डाक्टर अमित बांगिया का कहना है, ‘‘मनुष्य के सिर पर बालों की संख्या लगभग 1 से 2 लाख के बीच होती है. हर बाल का जीवन 1 से 3 वर्ष होता है. वैसे यह बाल की गुणवत्ता पर भी निर्भर करता है कि कितने समय तक वह जीवित रहेगा. जैसे-जैसे बाल की उम्र पूरी होती जाती है वह टूट जाता है और उस के स्थान पर नया बाल निकल आता है. इस बात की जानकारी भी कम ही महिलाओं को होती है कि  रोज लगभग 100 बाल टूटते हैं और 50 नए बाल उगते हैं. इसलिए हर बाल की एक लैंथ नहीं हो सकती है.’’

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