चित्तौड़गढ़, राजस्थान के लड्ढा दंपती बहुत से सामाजिक कार्यों में लगे हुए हैं. वैसे पति डा. दामोदर लड्ढा तो अपना क्लीनिक चलाते हैं और पत्नी सुशीला लड्ढा कालेज में पढ़ाती हैं, लेकिन दोनों मिल कर कई सामाजिक कामों में भी भाग लेते हैं और इस काम में उन के घरेलू सहायक महाराज भी उन का साथ देते हैं. महाराज चाहे घर का काम हो या बाहर का, हर काम बड़े चाव से करते हैं. इतना ही नहीं उन्हें लड्ढा दंपती के मित्रों, परिचितों की पसंद पता है. उन के आने पर वे खुशीखुशी उन की पसंद पूरी करते हैं. ऐसे में जो एक बार भी लड्ढा दंपती से मिलता है, अपने लिए एक महाराज की फरमाइश जरूर कर देता है.

 

इस से इतर दिल्ली और कई महानगरों से ले कर छोटे शहरों में भी मालिकों और नौकर के हैवानियत भरे रिश्तों ने मालिकों को जेल पहुंचाया है, तो कई नौकर मालिकों का माल ही नहीं उड़ाया, उन की हत्या तक कर बैठे. मालिकों ने काम से राहत पाने, नौकरी अमनचैन से करने तथा घरबच्चों की ठीक से देखरेख करने के लिए जिन्हें रखा था, उन्होंने ही अमनचैन हरा, छवि धूमिल की साथ ही उन्हें अपराधी बना कर कठघरे में ला खड़ा किया. आज सांसद धनंजय सिंह की पत्नी डा. जागृति नौकर के साथ दुर्व्यवहार के चलते जेल में हैं. उन्होंने ऐसी नौबत आने के बारे में सोचा भी न होगा कि वे हवालात की हवा भी खा सकती हैं.

 

किसलिए रखे जाते हैं नौकर

 

नौकर पैसे के लिए काम करते हैं और समय पूरा होते ही वे पैसे चाहते हैं. लेकिन अपने लक्ष्य के बारे में नौकर जितना सोचते हैं उतना ही मालिक के लक्ष्य के बारे में भी सोचें तो रिश्तों में खटास आए ही नहीं. काम को ठीक से करना, समझ कर करना, जिन शर्तों पर रखा गया उन का पालन करना आदि कई मुद्दे हैं जिन के कारण रिश्ते बनते भी हैं और बिगड़ते भी हैं.

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