इस तरह  के मासूम भोले चेहरे अफगानिस्तान की जेलों में भरे पड़े हैं. वहां कानून की नहीं, पुलिस, सेना और कबीलों की चलती है और भोली, निर्दोष औरतें भी चक्करों में फंस जाती हैं. ईरान शहर की जेल से आईं 27 औरतों को वर्षों और महीनों बाद रहम खा कर छोड़ा गया है. क्या इन औरतों का भविष्य बाहर भी सुरक्षित होगा या समाज के दरिंदे इन्हें दागी मान कर नोच खाएंगे?

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