40-45 की उम्र पार कर चुके लोग समझने लगते हैं कि अब उन की रोमांस करने की उम्र गुजर चुकी है. लेकिन सचाई यह होती है कि आजकल की भागदौड़ वाली दिनचर्या में इस के लिए उन के पास न तो समय होता है, न ही घरपरिवार में एकांत. यदि दांपत्य जीवन को सुखमय बनाना चाहते हैं तो रोमानियत के पलों को चुरा लें. ये बढ़ती उम्र में रिश्तों में आई ऊब और बासीपन को दूर कर नई ऊर्जा और सुखद एहसास को बरकरार रख सकते हैं. इस के लिए बस जरूरत होती है अपने में थोड़ा सा बदलाव लाने की. इस से आप के पार्टनर को जो खुशी, संतुष्टि और नयापन मिलेगा, उस से आप के प्यार की बगिया फिर से महक उठेगी.
बीना वैसे तो ठीकठाक हैं, मगर उन के 52 वर्षीय पति विवेक को उन से शिकायत है कि उन की सैक्स के प्रति हिचकिचाहट ने उन के दांपत्य जीवन को नीरस बना दिया है. जब भी विवेक उन से सैक्स की इच्छा जाहिर करते हैं, तो बीना का यह कहना होता है कि यह भी कोई उम्र है यह सब करने की. पत्नी बीना की यह बात पति की चाह को ऐसे बैठा देती है जैसे दूध में आए उफान को पानी के छींटे बैठा देते हैं.
यौन रोग विशेषज्ञा डा. सरोज जयंत का मानना है, ‘‘चिकित्सकीय अनुसंधान साबित करते हैं कि यौन व्यवहार शरीर और मन को तरोताजा रखने के लिए बेहद जरूरी है, खासकर बढ़ती उम्र में इस की बेहद आवश्यकता होती है. इस से शरीर की हारमोनल क्रियाएं शरीर को ताजगी व ऊर्जा देती हैं.’’ हमारे यहां जैसेजैसे पारिवारिक जिम्मेदारियां बढ़ती जाती हैं, वैसेवैसे सैक्स की नियमितता, अवधि और बारंबारता कम होती जाती है. यह एक सामाजिक नियम जैसा है. सैक्स को हमारे समाज में मात्र संतानोत्पत्ति के रूप में ही देखा जाता है. ऐसे में 40 के बाद पतिपत्नी में रोमांस, प्यार पहले जैसा नहीं रह पाता.