Skin Cycling : आज की तेज रफ्तार जिंदगी में हरकोई चाहता है कि एक ऐसा स्किनकेयर रूटीन जो काम भी करे और स्किन को थकाए नहीं. जहां एक तरफ बाजार में एक से बढ़ कर एक प्रोडक्ट्स मौजूद हैं, वहीं दूसरी तरफ ओवरलोडिंग स्किन को नुकसान भी पहुंचा सकती है. ऐसे में स्किन साइक्लिंग एक ऐसा नया साइंटिफिक ट्रैंड बन कर सामने आया है, जो स्किन को ऐक्टिव इनग्रीडिऐंट्स से फायदा दिलाता है और वह भी बिना साइड इफैक्ट्स के.

हैली बीबर, कर्टनी कार्डिशियन से ले कर कई ब्यूटी स्पैशलिस्ट स्किन साइक्लिंग को फौलो कर रहे हैं. इन का कहना है कि इस से स्किन ज्यादा क्लीयर, ब्राइट और कैमरा रैडी रहती है.

क्या है स्किन साइकलिंग

यह दरअसल एक रोटेशन बेस्ड स्किनकेयर रूटीन है जिस में 4 रातों का एक साइकिल फौलो किया जाता है. हर रात का एक अलग रूटीन होता है. पहले स्किन को ऐक्सफोलिएट किया जाता है, फिर उसे ऐक्टिव इनग्रीडिऐंट्स दिए जाते हैं और फिर 2 दिनों तक उसे रैस्ट और रिपेयर के लिए छोड़ा जाता है.

इस रूटीन का पर्पज है स्किन को बैलेंस देना

जब हर रात एक ही ऐक्टिव इनग्रीडिऐंट जैसे रैटिनौल या ऐसिड्स लगते हैं तो स्किन पर इरिटेशन, रैडनैस या ड्राईनैस हो सकती है. लेकिन जब इन ऐक्टिव्स को स्मार्टली रोटेट किया जाए तो स्किन को भरपूर फायदा भी मिलता है और रिकवरी का समय भी मिलता है.

4 रातों का साइक्लिंग रूटीन

पहली रात: पहली रात ऐक्सफोलिएशन नाइट है. इस दिन स्किन को कैमिकल ऐक्सफोलिएंट से साफ किया जाता है. इस में ग्लाइकोलिक ऐसिड 7त्न, लैक्टिक ऐसिड या सैलीसिलिक ऐसिड जैसे एएचए/बीएचए प्रोडक्ट्स त्वचा की डैड सैल्स हटाते हैं. इस से न सिर्फ स्किन स्मूद बनती है, बल्कि बाद में प्रयोग किए जाने वाले बाकी इनग्रीडिऐंट्स भी स्किन में अच्छी तरह घुलमिल जाते हैं.

दूसरी रात: यह रैटिनौइड नाइट है. दूसरे दिन रैटिनौल या रैटिनौइड 0.3त्न का इस्तेमाल होता है. यह इनग्रीडिऐंट स्किन सैल टर्नओवर को तेज करता है जिस से फाइनलाइंस, डलनैस, पिगमैंटेशन जैसी समस्याएं धीरेधीरे कम होती हैं.

तीसरी और चौथी रात: इन्हें रिकवरी नाइट्स कहते हैं. इन 2 रातों में स्किन को आराम दिया जाता है यानी कोई हार्श ऐक्टिव इनग्रीडिऐंट स्किन पर नहीं लगाया जाता. बस, जैंटल मौइस्चराइजर, बैरियर रिपेयर क्रीम और हाइड्रेटिंग सीरम जैसे कि ह्यूलोरोनिक ऐसिड, नियासिनामाइड, सिरामिड मौइस्चराइजर, स्क्वैलें औयल या स्लीपिंग मास्क लगाए जाते हैं ताकि स्किन खुद को रिपेयर कर सके.

मिलती है स्मूद स्किन

स्किन साइक्लिंग को अपनाने के बाद कुछ ही हफ्तों में महसूस होता है कि स्किन पहले से ज्यादा स्मूद और ग्लोइंग हो गई है. रैडनैस और ड्राइनैस कम होने लगती है. स्किन की सैंसिटिविटी कम होने लगती है और स्किन बैरियर मजबूत हो जाता है. यह रूटीन खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो पहले स्किनकेयर में बहुत सारे प्रोडक्ट्स एकसाथ यूज कर के नुकसान कर बैठते थे.

असल में स्किन साइक्लिंग एक साइंटिफिक अप्रोच है जो स्किन को रैस्ट और रिस्पौंस दोनों का समय देती है. यह खासकर उन लोगों के लिए अच्छा है जिन की स्किन सैंसिटिव है या जो ऐक्टिव इनग्रीडिऐंट्स को टौलरेट नहीं कर पाते. यह लौंग टर्म में स्किन हैल्थ को बेहतर बनाता है.

यदि आप की स्किन में ऐक्ने की समस्या है तो पहले डर्मैटोलौजिस्ट से सलाह लें और अगर आप किसी मैडिकेशन (ओरल रैटिनौइड) पर हैं तो इस के साथ मिला कर ऐक्सपेरिमैंट न करें. पहली बार रेटिनौल या ऐसिड्स यूज कर रहे हैं तो ‘लो ऐंड स्लो’ रूल अपनाएं.

जब स्किन को वक्त और सम?ादारी के साथ ट्रीट किया जाए तभी वह सच में चमकती है. स्किन साइक्लिंग एक ऐसा ट्रैंड है जो ट्रैंड से बढ़ कर हैल्दी आदत बन सकता है. अगर आप भी स्किनकेयर को ले कर उलझन में हैं तो इस रूटीन  को अपनाएं और कुछ ही हफ्तों में आप की स्किन मानो बोल उठेगी, ‘थैंक यू.’

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