अभिनेत्री कावेरी प्रियम झारखंड के बोकारों की है. उन्हें बचपन से ही अभिनय का शौक रहा. उनके पिता सेल (स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) में प्रबंधक के रूप में काम करते हैं, उनके भाई रितेश आनंद ब्रिटिश टेलीकॉम में वित्तीय विश्लेषक हैं. कावेरी के परिवार में कोई भी एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से नहीं है, फिर भी उनका साथ हमेशा रहा है. स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, वेल्लोर से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया. कावेरी ने एक्टिंग का कोर्स दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिएटिव एक्सीलेंस से वर्ष 2016 में किया था. पढ़ाई पूरी करने के बाद वह कैरियर बनाने के लिए मुंबई आ गईं और कई प्रिंट शूट और विज्ञापन करके एक मॉडल के रूप में अपना करियर शुरू किया.

टेलीविजन पर कैरियर की शुरुआत उन्होंने साल 2015 में नागिन सीजन 2 से की थी. उस शो में उन्होंने एक छोटी सी भूमिका निभाई थी. इस शो के बाद उन्होंने सीरियल “परदेस में है मेरा दिल” में काम मिला. साल 2019 में, उन्होंने हिंदी टीवी सीरियल “ये रिश्ते हैं प्यार के” में कुहू माहेश्वरी की भूमिका निभाई थी, जिसमे आलोचकों ने उनके काम को काफी सराहा. इसके बाद उन्हें कई शोज मिले, हर तरह की भूमिका पसंद करने वाली कावेरी अब सोनी सब की शो ‘दिल दिया गल्लां’ में अमृता ब्रार की मुख्य भूमिका में है. शो और अपनी  जर्नी के बारें में उन्होंने खास गृहशोभा के लिए बात की,  आइये जानते है उनकी जर्नी कैसी रही.

 

रिलेटेबल कहानी

कावेरी के पेरेंट्स झाड़खंड के बोकारो में रहते है और उन्होंने स्कूल की पढ़ाई वही से की है. आज के हालात पर बनी इस शो में काम करने की वजह के बारें में पूछने पर कावेरी बताती है कि आज अधिकतर घरों में बच्चे पेरेंट्स को छोड़कर बाहर या विदेश काम करने या पढने चले जाते है, ऐसे में उनके पेरेंट्स अकेले रह जाते है. धीरे-धीरे उनके बीच दूरियां बढती जाती है, जेनरेशन  गैप बढ़ता जाता है. माता-पिता अपने दिल की बात किसी से शेयर नहीं कर पाते. उनमे डिप्रेशन और अकेलापन का विकास हो जाता है. इतना ही नहीं मैं इस भूमिका से खुद को हमेशा रिलेटेबल पाती हूँ, क्योंकि मैं भी अपने पेरेंट्स को छोड़कर मुंबई आ गई हूँ. मुझे उनकी भावनाओं की समझ है. चरित्र को निभाना भी मुझे अच्छा लग रहा है, क्योंकि इसमें मैं मॉडर्न लड़की हूँ, लेकिन गुजराती पारंपरिक परिवार से हूँ, ऐसी परिस्थिति में भी मैं बहुत ग्राउंडेड हूँ. मैं इससे खुद को बहुत अच्छी तरीके से जोड़ पाती हूँ, क्योंकि मैं रियल लाइफ में प्रैक्टिकल होने के साथ-साथ पारंपरिक चीजों को भी फोलो करती हूँ. दोनों शेड मुझे बहुत पसंद है.

रिश्तों में होनी चाहिए बातचीत

आज के एकाकी परिवार में बुजुर्गों को एक उम्र के बाद सम्हालने वाले कम होते है और विदेशों की तरह यहाँ उतनी सुविधा नहीं है कि एक बुजुर्ग अकेले शांतिपूर्वक सुरक्षित रह सकें और उनकी देखभाल सरकार या किसी संस्था के द्वारा किया जाता हो. देखभाल की व्यवस्था होने पर उन्हें अकेले रहने में किसी प्रकार की समस्या नहीं होती, पर यहाँ ऐसा नहीं है और बुजुर्गो की देखभाल कमोवेश बच्चों को ही करना पड़ता है. कावेरी कहती है कि रिश्ते को अच्छा बनाए रखने के लिए दो लोगों के बीच में बातचीत होने की बहुत जरुरत है, क्योंकि भाई-बहन, पति-पत्नी, या किसी भी रिश्ते में एक दूसरे की खैर खबर लेने की जरुरत होती है, इससे व्यक्ति दूर रहकर भी एक दूसरे से जुड़ा रह सकता है. इसे अपनाने की जरुरत है, क्योंकि भविष्य में आगे बढ़ने के लिए कोई भी कही जा सकता है, लेकिन परिवार भी इग्नोर न हो, इसका ख्याल उन्हें रखना है. मैं कितनी भी व्यस्त क्यों न रहूं, मैं अपने परिवार और दोस्तों से बात करने का समय अवश्य निकाल लेती हूँ और ये मुझ पर ही निर्भर करता है. इसलिए ये सभी बच्चों पर अधिक निर्भर करता है, वैसे ही पेरेंट्स को भी बच्चों को समझना है, वे अधिक एक्सपेक्टेशन बच्चों से न रखे, तभी वे खुश रह सकते है. ये सही है कि बाहर जाने वाले बच्चों के लिए लगातार एक सपोर्ट की जरुरत होती है. पहले विदेश जाने पर किसी को भी परिवार की खबर लेना मुश्किल होता था, पर आज ये नहीं है, तकनीक ने अपना योगदान दिया है. इसमें सब सही हो सकता है, एफर्ट दोनों तरफ से होनी चाहिए.

 

मिली प्रेरणा

फिल्मों में आने की प्रेरणा के बारें में पूछने पर कावेरी का कहना है कि बचपन से ही मुझे एक्टिंग का काफी शौक रहा है. स्कूल कॉलेज में मैंने काफी नाटकों और डांस में भाग लिया है. बडी हुई, तो एक्स्ट्रा कर्रिकुलम भाग लेना भी अच्छा लगता था, इससे मेरे अंदर अभिनय की तरफ बढ़ने की प्रेरणा मिली. सोसाइटी में किसी भी फेस्टिवल पर मैं आसपास के सबको बुलाकर स्क्रिप्ट लिखती थी और स्टेज पर परफॉर्म करती थी. ये खेल-खेल में निकल जाता था. तब मैंने नहीं सोचा नहीं था कि एक्टिंग मेरा प्रोफेशन बनेगा, क्योंकि परिवार में एजुकेशन को अधिक महत्व दिया जाता था, पढाई को पूरा करना मेरे लिए जरुरी था. मैं उसे पूरा कर रही थी और साथ में दिल्ली में नाटक देखा करती थी. एक जगह मैंने शो के लिए ऑडिशन दिया था, जो मुंबई में होना था, मैं चुन ली गई और उस शो के लिए मुंबई आई, लेकिन शो शुरू नहीं हुआ, पर मैंने समय न गवाकर मुंबई आकर एक्टिंग का कोर्स ज्वाइन कर लिया, क्योंकि मुझे लग रहा था कि मैं अभिनय के क्षेत्र में कुछ कर सकती हूँ. मेरा पैशन एक्टिंग ही है और इसमें मुझे समय देने और मेहनत करने की जरुरत है.

परिवार का सहयोग 

कावेरी का आगे कहना है कि परिवार ने हमेशा सहयोग दिया है, पहले उनके मन में डाउट तो था कि मैं कैसे मुंबई जाकर सरवाईव करुँगी, लेकिन उन्होंने ही मुझे मुंबई छोड़ने आये और सारा इंतजाम कर वापस गए. मैं इस बात में खुद को लकी मानती हूँ.

संघर्ष 

कावेरी कहती है कि मेहनत की बात करें. तो वह मेरे लिए बहुत अधिक ही था, शुरू में मैंने एक दिन में 20 से 25 ऑडिशन दिए है. हर दिन ऑडिशन के लिए जाती है, ऑडिशन देकर ही मैंने बहुत कुछ सीखा है. कैसे रिलेटेबल ऑडिशन दिया जाता है, उनकी पसंद क्या होती है, आदि को समझने में समय लगा, लेकिन मैं उन दिनों थिएटर करती रहती थी, इससे समय का पता अधिक नहीं चला. असल ब्रेक वर्ष 2018 में ‘ये रिश्ते है प्यार के’ से मिला. मैने दो साल तक संघर्ष किया है. हर स्टेज का अलग संघर्ष रहता है. पहले लोगों को जानना, जान जाने पर काम का मिलना, और अंत में खुद के अनुसार काम का मिल पाना. ऑफ़र आते है, पर मुझे करना नहीं है, तो ना बोलना पड़ता है. ना कहने के बाद पसंद का काम मिलना, इसमें संघर्ष रहता है. मुझे अब अच्छा काम मिला.

नहीं है कोई दायरा

मैंने कभी खुद को किसी दायरे में नहीं बाँधा, अलग-अलग एक्टिंग करनी है, बस यही सोच हमेशा रही है. किसी भी फिल्म, वेब या टीवी शो हर में काम करने की इच्छा है. वेब में इंटिमेट सीन्स होते है, पर ये कहानी पर निर्भर होता है.  मैंने हमेशा फॅमिली शो करने की कोशिश की है. मैं इंटिमेट सीन्स को गलत नहीं कहती. ये हर कलाकार पर निर्भर करता है कि वह कौन सी शो करे और किसे ना कहे. मैं एक कलाकार हूँ और हर एक्टर डायरेक्टर के साथ काम करना चाहती हूँ, लेकिन अमिताभ बच्चन मेरे ड्रीम को-स्टार है.

दिल्ली से मुंबई आकर खुद को सेटल्ड करना कावेरी के लिए आसान नहीं था, लेकिन उन्हें करना क्या है, इसकी जानकारी थी, जिससे उन्हें अधिक इधर-उधर भटकना नहीं पड़ा. बाहर से आने पर स्ट्रेस लेवल हमेशा हाई रहता है, ऐसे में खुद को स्ट्रेस मुक्त रखने के लिए कावेरी ने हमेशा परिवार का सहारा लिया. वह कहती है कि तकनीक का सहारा आज अधिक है, ऐसे में तनाव होने पर एक वेब सीरीज उठा कर पूरा देख लेती हूँ, ताकि बाकी कुछ भी भूल जाऊं, इसके अलावा मैडिटेशन करती हूँ. मेरी इच्छा है कि दर्शक मुझे देंखे और उनका प्यार मेरे लिए हमेशा बनी रहे.

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