हिंदी फिल्म ‘जज्बा’ से अभिनय के क्षेत्र में कदम रखने वाली कनाडाई मूल की अभिनेत्री प्रिया बैनर्जी ने तेलगू और तमिल फिल्मों में भी अच्छा काम किया है. बचपन से ही अभिनय की इच्छा रखने वाली प्रिया को उसके परिवार वालों का काफी सहयोग रहा है. उसने कथक और रबीन्द्र संगीत का प्रशिक्षण भी लिया है और कई बार मंच पर भी प्रस्तुत कर चुकी है. पिछले कुछ सालों से वह मुंबई में रह रही है और जब भी काम से समय मिलता है, वह कनाडा अपने माता-पिता के पास चली जाती है. स्वभाव से हंसमुख और विनम्र प्रिया ने फिल्मों के अलावा कई वेब सीरीज में भी काम किया है और वह खुश है कि आज इंडस्ट्री सभी कलाकारों को अभिनय करने का मौका देती है. उसकी वेब सीरीज ‘बेकाबू’ रिलीज पर है, पेश है उससे हुई बातचीत के कुछ अंश.

वेब सीरीज में काम कर आप कितनी संतुष्ट है?

वेब सीरीज अभी एक बड़ी इंडस्ट्री बन चुकी है. कई बड़े-बड़े कलाकार और निर्देशक काम कर रहे है. जैकलिन ,करीना कपूर, सैफ अली  खान आदि जैसे बड़े-बड़े कलाकार इसमें काम कर रहे है. इस तरह लेखक से लेकर तकनीशियन, निर्देशक सबके लिए काम बढ़ गया है. फिल्मों की तरह ही ये वेब सीरीज बनती है. केवल प्लेटफौर्म का अंतर होता है.

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फिल्मों में आने की प्रेरणा कहा से मिली?

असल में मैं ग्रेजुएशन के बाद एक ब्रेक के दौरान मुंबई घूमने आई थी. फिर मुझे मेरी फ्रेंड ने एक तेलगू फिल्म के ऑडिशन के लिए भेजा और उनकी भाषा न जानते हुए भी मैंने वहां ऑडिशन दिया. इसके बाद मैं वापस कनाडा चली गयी. कुछ दिनों बाद मुझे पता चला कि मैं उस फिल्म के लिए चुन ली गयी. ऑडिशन भी मैंने हिंदी में ही दिया था. यही से मेरे अभिनय की जर्नी शुरू हुई.

आउटसाइडर होने से हिंदी फिल्मों में काम मिलना कितना मुश्किल होता है?

आउटसाइडर होने से मुश्किल बहुत होता है. कोई भी काम आसानी से नहीं मिलता,लेकिन अगर आप में प्रतिभा है तो आप इंडस्ट्री में काम मिलने के अलावा टिके भी रहते है. ये सही है कि किसी सुपरस्टार के बेटे या बेटी के लिए फिल्में लिखी और बनाई जाती है,जो आउटसाइडर्स के लिए नहीं होता, ऐसे में प्रतिभा ही काम आती है और आपको आगे आने में भी समय लगता है.

क्या आप कभी भाई भतीजेवाद की शिकार हुई?

मैं डायरेक्टली तो नहीं हुई,लेकिन ये इंडस्ट्री में है और मेरे ख्याल से हर इंडस्ट्री में होता है. इसे मैं सहजता से लेती हूँ. इंडस्ट्री में आज कई सारे स्टार किड्स है ,जिन्हें काम करने का भरपूर मौका मिल रहा है,लेकिन अगर हार्ड वर्क और टैलेंट मुझमें है तो कोई मुझे रोक नहीं सकता.

रिजेक्शन का सामना कैसे किया?

मैं अभिनय के क्षेत्र में इसलिए आई,क्योंकि मैं इस काम को पसंद करती हूँ. मैं इमोशनली बहुत मजबूत हूँ और किसी भी रिजेक्शन को दिल पर नहीं लेती.

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रिजेक्शन में किस तरह की बातें अधिक सुनने को मिलती थी?

अधिकतर वे लुक पर कहते थे. मैं कनाडा से आई हूं और यहां की फिल्मों की कहानी अधिकतर इंडियन लुक पर होती थी. वहां पर मैं अधिकतर रिजेक्ट होती थी.

साउथ की फिल्मों और हिंदी फिल्मों में अंतर क्या पाती है?

प्रोसेस एक ही होता है,केवल भाषा का अंतर होता है. अभी तो साउथ के कई निर्देशक, तकनीशियन भी यहाँ काम कर रहे है, इसलिए फर्क महसूस नहीं होता.

अभी संघर्ष किस बात का रहता है?समय मिलने पर क्या करती है?

अच्छी कहानी और अच्छी भूमिका मिलने का संघर्ष रहता है,जो अच्छी बात है. मैं अभी बहुत सारे काम कर रही हूं. समय मिलते ही मैं परिवार के साथ मिलने कनाडा चली जाती हूं. इसके अलावा फिल्में देखती हूं.

वेब सीरीज में आजकल गाली-गलौज और सेक्स जमकर दिखाया जाता है, जिसे लोग परिवार के साथ नहीं देख सकते, आप इसे कितना सही मानती है?

मेरी अभी एक वेब सीरीज ‘बारिश’ रिलीज हुई है, जिसे लोगों ने बहुत प्यार दिया है. वह एक फैमिली ड्रामा है, जबकि बेकाबू एक इरोटिक ड्रामा है ,जिसमें सेक्स तो रहेगा ही. इसमें बैलेंस करने की जरुरत है कि आप इसे कैसे दिखाते है? अगर स्क्रिप्ट में जरुरत है तो सही है, लेकिन केवल व्यवसाय के तौर पर ऐसे सीन्स को डालने पर मैं कभी भी सहमत नहीं हूं.

आपके कैरियर में परिवार का सहयोग कितना रहा?

परिवार बहुत सहयोग देते है. उन्होंने मुझे मुंबई जैसे अंजान शहर में मुझे अकेले छोड़ा है और मुझपर विश्वास किया है कि मैं जो भी करुंगी अच्छा ही करुंगी. मैं अपने माता-पिता की अकेली संतान हूं, इसलिए हर तीन महीने में मैं उनसे मिलने अवश्य चली जाती हूं.

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इंडस्ट्री में एक्सप्लौइटेशन की भी कई घटनाएं होती है, ऐसे में आपको यहां आकर अकेले रहने में डर नहीं लगा?

मैं बचपन से ही बहुत निडर हूं. मैंने कई ब्यूटी पेजेंट जीते है, कई विज्ञापनों में काम किया है और मैं आत्मनिर्भर भी हूं. मेरे साथ कोई कुछ गलत करें, तो मैं उसे सीख भी दे सकती हूं. साथ ही आपकी बौडी लेंग्वेज ही आपके स्वभाव को बताती है. मेरे साथ किसी ने कुछ गलत करने की हिम्मत नहीं की.

आगे और क्या करने वाली है?

वेब सीरीज ‘बेकाबू’ के बाद ‘हिट पतंगे’ और ‘हमें तुमसे प्यार कितना’ मेरी आगे आने वाली फिल्में है.

कंट्रोवर्सी को कैसे लेती है?

कंट्रोवर्सी को मैं अच्छा मानती हूं, क्योंकि लोग आपके बारें में सोचते है और कुछ कहना चाहते  है.

गर्मियों और मानसून में अपमे सुन्दरता की देखभाल कैसे करती है?

ऐसे मौसम में पानी बहुत पीती हूं. मैं जिम में अधिक नहीं जाती. समय मिले तो रनिंग करती हूं. खाने में मैं हमेशा होम फूड को अधिक महत्व देती हूं. मुझे खाना बनाना अधिक पसंद है और इंडियन फूड अच्छा बना लेती हूं.

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Edited by Rosy

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