रेटिंगः ढाई स्टार

निर्माताः प्रकाश झा प्रोडक्शन

निर्देशकः प्रकाश झा

कलाकारः बॉबी देओल, चंदन राय सान्याल, अदिति सुधीर पोहणकर,  दर्शन कुमार, अध्ययन सुमन.

अवधिः लगभग छह घंटे दो मिनट,  32 से बावन मिनट के नौ एपिसोड

ओटीटी प्लेटफार्मः एमएक्स प्लेअर

प्रकाश झा कुछ माह पहले ही वेब सीरीज ‘आश्रम’ के पहले सीजन का भाग एक लेकर आए थे,  जिसे काफी सराहा गया था और लोगों ने भी काफी पसंद किया था. अब उसी का दूसरा भाग लेकर आए हैं, जिसके नौ एपिसोड हैं, जिन्हें देखने के लिए कुल छह घंटे दो मिनट का समय चाहिए. लेकिन पहले के मुकाबले दूसरा भाग थोड़ा सा कमजोर है.

कहानीः

भाग एक की कहानी जहां खत्म हुई थी, उसके आगे से ही भाग दो यानीकि ‘आश्रमःद डार्क साइड’ की कहानी शुरू होती है. पहले भाग के अंतिम एपीसोड में बाबा काशीपुर वाले ने परमिंदर उर्फ पम्मी(अदिति पेाहणकर) के भाई सत्ती  सिंह(तुशार पांडे) का शुद्धिकरण यानीकि आपरेशन कर उसे नपुंसक बनाकर एक फैक्टरी का कमांडर बनाकर भेज दिया था. इधर बाबाजी ने रात के अंधेरे में शक्ति की पत्नी बबिता(त्रिधा चैधरी) को बुलाकर ड्ग्स मिले लड्डू खिलाकर शारीरिक संबंध बनाए थे. अब दूसरे भाग की कहानी बबिता(त्रिधा चैधरी) से शुरू होती है. वह अपने कमरे में बैठे रो रही है, तभी पम्मी उसके पास आकर रोने की वजह पूछती है, तो वह कह देती है कि शक्ति से उसका झगड़ा हो गया था. फिर रेणु व पम्मी के बीच कुश्ती का दंगल होता है, दोनो एक दूसरे की जानी दुश्मन है. वहीं बाबाजी ने हुकुमसिंह(सचिन श्राफ ) के साथ ही वर्तमान मुख्यमंत्री सुंदरलाल के साथ भी सॉंठ गांठ कर ली है. पॉप गायक टीका सिंह का संगीत सत्संग कार्यक्रम होता है, जिसमें बाबाजी के साथ ही हुकुम सिंह भी मौजूद रहते हैं. इससे मुख्यमंत्री संुदरलाल(अनिल रस्तोगी) को लगता है कि बाबाजी(बॉबी देओल ) तो हुकुमसिंह का साथ दे रहे हैं. वह बाबाजी से मिलने आते हैं. काशीपुर वाले बाबा, भोपा(चंदन रॉय सान्याल) की मौजूदगी में मुख्यमंत्री सुंदरलाल से कहते हैं-‘मेरा इतिहास मत खोदो. अपना पिछवाड़ा बचाओ. हम तो नंगे खड़े हैं. ’’तब मुख्यमंत्री सुंदरलाल,  बाबाजी के सामने हुकुम सिंह जितनी रकम दे रहे हैं, उसकी दो गुनी रकम देने का प्रस्ताव रखते हुए 51 सीट पर जीत का वरदान मांगते हैं. इधर बबिता ने एक योजना बना ली है, वह बाबाजी से अपनी इच्छा से मिलती है, यह बात साध्वी माता (परिणीता सेठ ) को पसंद नही आती. पर बाबाजी, रात के अंधेरे में बबिता से मिलते हैं, इस बार बबिता उनके हाथ से लड्डू खाने से इंकार कर देती है. वह कहती है कि होश में सेक्स करने का मजा ही अलग है. फिर बबिता के साथ बाबाजी शारीरिक संबंध बनाते हैं.

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