‘वैसे तो बौलीवुड स्टार्स डायरैक्टर के हिसाब से काम करते हैं और सफलता का शिखर छूते हैं, लेकिन जिस तरह हर मां का अपने सभी बच्चों में एक बच्चा फेवरेट होता है ठीक उसी तरह एक ऐक्टर का अपने सभी डायरैक्टर्स में से कोई एक डायरैक्टर ऐसा होता है जो उस का फेवरेट होता है. उस डायरैक्टर के साथ काम करते वक्त वह बहुत एंजौय करता है.

आलिया भट्ट

मेरे मनपसंद डायरैक्टर तो वन ऐंड ओनली करण जौहर ही हैं, क्योंकि मैं ने उन्हीं से जाना कि ऐक्टिंग क्या होती है, लोकप्रियता कैसे बढ़ती है, खूबसूरती क्या होती है.

जब मैं ने सुना कि बौलीवुड के डायरैक्टर स्टार्स बनाते हैं तो मुझे यकीन नहीं हुआ. लेकिन जब मैं ने करण जौहर के साथ पहली फिल्म ‘स्टुडैंट औफ द ईयर’ की तो मुझे इस बात पर विश्वास हो गया कि एक अच्छा डायरैक्टर ही ऐक्टर को स्टार बनाता है. करण सर की बदौलत सिर्फ मैं ही नहीं, वरुण व सिद्धार्थ भी स्टार बने. इस हिसाब से मेरी लिए करण सर मेरे सब से फेवरेट डायरैक्टर हैं.

शाहिद कपूर

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विशाल भारद्वाज मेरे पसंदीदा डायरैक्टर्स में से एक हैं, क्योंकि उन की फिल्मों की वजह से ही मेरे अंदर का टैलेंट बाहर आया. मुझे खुद नहीं पता था कि विशाल सर मेरे अंदर के कलाकार को इतनी बखूबी निकालेंगे. उन की फिल्में ‘हैदर,’ ‘रंगून’ और ‘कमीने’ ने बतौर ऐक्टर मुझे अभिनय के क्षेत्र में नया मुकाम दिलाया. विशाल सर के अलावा एक और डायरैक्टर हैं जिन की मैं दिल से इज्जत करता हूं और वह हैं सूरज बड़जात्याजी.

सूरजजी की फिल्म में काम करने का मौका मुझे उस वक्त मिला जब मेरा कैरियर ढलान पर था. उस दौरान मेरा खुद पर से भी यकीन उठ गया था, लेकिन ऐसे नाजुक मौके पर सूरजजी ने न सिर्फ मुझे प्रोत्साहित किया बल्कि ‘विवाह’ जैसी सफल फिल्म का हीरो भी बनाया.

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