धारावाहिक ‘ज्योति’ से चर्चा में आने वाली टीवी अभिनेत्री स्नेहा वाघ मुंबई की हैं. उन्होंने 17 साल की उम्र में मराठी थिएटर से अभिनय की शुरुआत की थी. इसके बाद कई मराठी धारावाहिकों में काम करने के बाद उन्हें हिंदी धारावाहिक ‘ज्योति’ मिला और धीरे-धीरे वह सफलता की सीढ़ियां चढ़ती गयीं. उन्हें बचपन से ही अभिनय की इच्छा थी और इसमें साथ दिया उनकी मां दमयंती वाघ ने. उन्होंने ‘लन्दन फिल्म अकादमी’ से फिल्म मेकिंग का कोर्स भी किया है.
जितनी सफल वह अभिनय के क्षेत्र में हैं, उतना सफल उनका निजी जीवन नहीं रहा. 19 साल की उम्र में उनकी पहली शादी अविष्कार दार्वेकर के साथ हुई, लेकिन घरेलू हिंसा के चलते उन्होंने उसे तोड़ दिया, इसके 7 साल बाद स्नेहा ने दूसरी शादी की, पर सामंजस्य के अभाव से उसे भी तोडना पड़ा. अभी वह सिंगल हैं और अपने काम पर फोकस्ड हैं. उनके इस कठिन सफर में साथ दिया उनके माता-पिता ने, जिन्होंने हर समय उन्हें सहयोग दिया. इस समय वह स्टार भारत टीवी के धारावाहिक ‘चंद्रशेखर’ में चन्द्रशेखर की मां जगरानी तिवारी की भूमिका निभा रही हैं, उस समय की परिधान में वह सामने आई. पेश है उनसे मिलकर बात करने के कुछ अंश.
इस धारावाहिक में खास क्या लगा?
मेरी तरफ से उस समय के क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद के लिए ये एक छोटा सा योगदान है, क्योंकि आज कल के बच्चे चंद्रशेखर आजाद के निजी जीवन के बारें में बहुत कम जानते हैं. इसलिए उसमें मुझे कुछ भी करने का मौका मिलना मेरे लिए बड़ी बात है.
कितना रिसर्च करना पड़ा?
बहुत शोध करना पड़ा, क्योंकि चंद्रशेखर एक शार्प शूटर थे, उनकी कोई भी गोली खाली नहीं जाती थी. उनकी ये आदत कहां से आई, उनका स्वभाव, रहन-सहन आदि सभी की जानकारी लेनी पड़ी, क्योंकि कोई भी गलत सूचना उनके चाहने वालो को ठेस न पहुंचा दे, इसका ध्यान रखना पड़ा.
काफी दिनों बाद वापस काम करने की वजह क्या है ?
मैं कैमरे से अधिक कैमरे के पीछे रहकर काम करना और ट्रेवलिंग करना पसंद करती हूं. इसमें कुछ क्रिएटिव काम करना जैसे कहानी लिखना, स्क्रिप्ट लिखना आदि करती हूं. रशिया और अमेरिका छोड़कर हर जगह घूम चुकी हूं. मुझे हर स्थान के रहन-सहन के बारें में जानना अच्छा लगता है.
अभिनय की प्रेरणा कहां से मिली?
बचपन से ही कला की ओर कुछ करने की इच्छा थी. 3 साल की उम्र से मां ने मुझे जबरदस्ती डांस के क्लास में डाल दिया था. 3 साल से 16 साल तक मैंने सिर्फ शास्त्रीय नृत्य में भरतनाट्यम, कत्थक, कुचिपुड़ी, लोक नृत्य आदि सब तरह के डांस सीख लिये थे. उसके बाद मुझे थिएटर में काम करने का मौका मिला और बहुत मजा आया. फिर मैं नृत्य छोड़ अभिनय में आ गयी.
क्या कुछ संघर्ष था? क्या अपने काम से संतुष्ट हैं?
मैंने कभी भी किसी से जाकर काम नहीं मांगा, मराठी थिएटर से मराठी धारावाहिक, फिल्म और फिर हिंदी धारावाहिक मिलता चला गया और मैं अपने काम से पूरी तरह से संतुष्ट हूं. मैंने पैसा, नाम, शोहरत सब कमाया है. मैंने इंडस्ट्री में अपने तरीके से काम किया है. किसी तरह की प्रताड़ना का सामना कभी नहीं करना पड़ा.
परिवार का सहयोग कितना था?
पिता नहीं चाहते थे कि मैं कभी अभिनय के क्षेत्र में जाऊं, क्योंकि मैं उस समय केवल 15 साल की थी, पर मां और मुझे अभिनय पसंद थी. मेरी मां क्रिएटिव स्वभाव की हैं और मराठी में गीत लिखती हैं. उन्होंने ही पिता को समझाया. जब मेरा काम पिता ने टीवी पर देखा और लोगों की तारीफे सुनी तो खुश हुए और मेरी गाड़ी चल पड़ी, लेकिन उस दौरान भी समय से लौटना, देरी से आने पर फोन करना आदि करना पड़ता था.
आपके जीवन का टर्निंग प्वाइंट क्या था? उससे आपने क्या सीखा?
हिंदी धारावाहिक ‘ज्योति’ मेरे जीवन का टर्निंग प्वाइंट था. जिससे मुझे सब कुछ मिला. मैं उस समय मराठी से हिंदी में आई थी और मैंने उस शो से काफी कुछ सीखा है.
21वीं सदी में जाने के बाद टीवी धारावाहिकों में महिलाओं को आज भी प्रताड़ित और शोषित दिखाया जाता है, ऐसे शो से आप कितनी सहमत है?
हमारे देश में रोती-बिलखती महिला को देखकर लोग संवेदनशील हो जाते हैं. ऐसे में उसे देखने लगते हैं और उसी को कैश कर लिया जाता है.
क्या कोई खास ड्रीम प्रोजेक्ट है?
मैं अभिनय से अधिक फिल्में बनाना पसंद करती हूं. मुझे रियल स्टोरी काफी आकर्षित करती है. जोया अख्तर की फिल्में बहुत पसंद है.
कितनी फूडी और फैशनेबल है?
में बहुत फूडी हूं मां के हाथ का बनाया खाना पसंद है. मैं खाना बनाने से अधिक हेल्दी फूड को लेकर बेक्ड करना अधिक पसंद करती हूं. फैशनेबल एकदम नहीं हूं. सिंपल रहना पसंद है.
समय मिले तो क्या करती हैं?
परिवार के साथ समय बिताती हूं, क्योंकि वही मुझे तनाव से राहत देते है. इसके अलावा ट्रेवल करती हूं, लिखती हूं और बेक्ड करती हूं.
आप किस स्थान पर बार-बार जाना चाहती हैं?
मुझे यूरोप बहुत पसंद है, वहां का हर स्थान पर मुझे कवितामय और सृजनात्मक वातावरण का एहसास कराता है. भारत में केरल पसंद है और मुझे नार्थ ईस्ट जाने की इच्छा है.
क्या महिलाओं के लिए कोई मेसेज देना चाहती हैं?
कोई अगर आपको नीचा दिखाने की कोशिश करे, तो आप अपने आप को कभी कम न समझे. किसी के कुछ कहने से अधिक जरुरी है कि आप अपने लिए क्या सोचती हैं. आपका आत्मविश्वास कितना स्ट्रोंग है. हार को हराना ही आपकी चुनौती है.
कोई सोशल वर्क करना चाहती हैं?
मैं असहाय महिलाओं और बच्चों के लिए खुद कुछ करना चाहती हूं.
VIDEO : न्यूड विद ब्लैक कैवियर नेल आर्ट
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