ओटीटी प्लेटफॉर्म दर्शकों को मनोरंजन परोसने की होड़ में अपनी कुछ सामाजिक व नैतिक जिम्मेदारियों को अनदेखा करते जा रहे हैं. इसी वजह से आए दिन ओटीटी प्लेटफार्म पर प्रसारित होने वाली फिल्मों और वेब सीरीज पर विवाद होते रहे हैं. और धीरे-धीरे ओटीटी प्लेटफॉर्म को भी “केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड” यानी कि “सेंसर बोर्ड” के तहत लाने की मांग भी बढ़ती जा रही है. अभी 2 माह पहले अनुष्का शर्मा की वेब सीरीज “पाताल लोक ” को लेकर मुहिम चली थी कि “बैन पाताल लोक”. उसके बाद एकता कपूर की वेब सीरीज “एक्स एक्स एक्स सीजन 2” में आर्मी का अपमान करने के आरोप लगे थे और जब मामला अदालत पहुंचा, तो एकता कपूर ने उन दृश्यों को वेब सीरीज से हटाने के साथ ही सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली थी.
अब 12 अगस्त को नेटफ्लिक्स पर प्रसारित हुई “धर्मा प्रोडक्शन” की फिल्म “गुंजन सक्सैना :द कारगिल गर्ल”के कुछ दृश्यों पर आपत्ति जताते हुए भारतीय वायु सेना ने “केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ” यानी कि “सेंसर बोर्ड ” और नेटफ्लिक्स के साथ-साथ धर्मा प्रोडक्शन को भी पत्र लिखा है.
‘ओटीटी प्लेटफॉर्म’ नेटफ्लिक्स पर करण जोहर के ‘धर्मा प्रोडक्शन’ द्वारा निर्मित फिल्म “गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल” रिलीज हुई है, इस फिल्म से भारतीय वायु सेना के अंदर गुस्सा है और फिल्म के रिलीज के कुछ घंटों के अंदर ही ‘भारतीय वायुसेना’ ने फिल्म ‘गुंजन सक्सेना द कारगिल गर्ल’ में भारतीय वायु सेना की छवि को गलत ढंग से पेश करने का आरोप लगाते हुए ‘नेटफ्लिक्स’ व ‘धर्मा प्रोडक्शन’ के साथ ‘केंद्रीय फिल्म प्रसारण बोर्ड’ को एक पत्र लिखा. भारतीय वायुसेना ने अपने पत्र में लिखा है -“हमने फिल्म ‘गुंजन सक्सेना द कारगिल गर्ल’ के ट्रेलर में कई आपत्तिजनक दृश्य पाए हैं.करण जौहर ने हमसे वादा किया था कि वह फिल्म में भारतीय वायु सेना को ऑथेंटिसिटी के साथ पेश करते हुए प्रयास करेंगे कि यह फिल्म भावी वायु सैनिकों के लिए प्रेरणा दे सके. मगर फिल्म का ट्रेलर तो कुछ अलग ही कहानी बयां कर रहा है.फिल्म के ट्रेलर और फिल्म के कुछ संवाद ‘भारतीय वायु सेना’ की नकारात्मक छवि को पेश करते हैं. गुंजन सक्सेना के किरदार को ग्लोरिफाई करने के लिए ‘धर्मा प्रोडक्शन’ कुछ ऐसे दृश्य गढ़े हैं, जोे भ्रमित करने वाले तथा तथ्य से परे हैं. इन दृश्यों द्वारा बताया गया है कि भारतीय वायु सेना में औरतों से भेदभाव किया जाता है. जबकि ऐसा नहीं है .भारतीय वायु सेना में लिंग भेद से परे पुरुष व महिला को समान अधिकार प्राप्त है.”
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भारतीय वायुसेना ने अपने पत्र में आगे लिखा है कि “हमने अपनी आपत्ति पहले ही दर्ज करा दी थी और कहा था कि उन दृश्यों को हटा दिया जाए.।वादा करने के बावजूद प्रोडक्शन हाउस ने ऐसा नहीं किया.”
भारत की पहली महिला वायुसेना पायलट ‘गुंजन सक्सेना’ की बायोपिक फिल्म ‘भारतीय वायुसेना’ के ‘बेवजह नकारात्मक’ रूप से दिखाए जाने से भारतीय वायु सेना के अंदर रोष है. यदि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाले कंटेंट के लिए ‘केंद्रीय फिल्म प्रमाण बोर्ड’ यानी सेंसर बोर्ड से प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं, तो ऐसे में ‘ओटीटी प्लेटफार्म’ के साथ-साथ निर्माता की दोहरी जिम्मेदारी बन जाती है कि वह ऐसा कंटेंट परोसने से बाज आए. जनवरी 2019 में सभी ओटीटी प्लेटफॉर्म ने घोषित किया था कि वह सेल्फ सेंसरशिप का पालन करते हुए आपत्तिजनक कंटेंट को अपने प्लेटफार्म पर जगह नहीं देंगे. मगर वहां इस पर अमल नहीं कर रहे हैं.
उधर रक्षा मंत्रालय भी पहले कई बार वेब सीरीज में सेनाओं को दिखाने को लेकर आपत्ति जाहिर कर चुका है. रक्षा मंत्रालय ने ‘सेंसर बोर्ड’ और ‘सूचना प्रसारण मंत्रालय’ को सलाह दी थी कि जिन फिल्मों व वेब सीरीज में आर्मी का जिक्र हो, उन सभी को आर्मी के पास ‘नो ऑब्जेक्शन’ प्रमाण पत्र के लिए भेजा जाना चाहिए. मगर ओ टी टी प्लेटफार्म तो सेंसरशिप के दायरे में आते ही नहीं है, ऐसे में “केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड” यानी कि सेंसर बोर्ड के अपने हाथ बने हुए हैं.
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