बचपन से माइकल जैक्सन के वीडियो के मूव्स को देखते हुए डांस सीखकर बड़े हुए कोरियोग्राफर और निर्देशक रेमो डिसूजा बंगलुरु के हैं. उन्होंने डांस का कोई प्रशिक्षण नहीं लिया, क्योंकि उनकी वित्तीय अवस्था अच्छी नहीं थी. बाद में उन्होंने डांस क्लास खोली और लोगों को डांस सिखाने लगे. उनका शुरुआती दौर बहुत संघर्षपूर्ण था, लेकिन एक डांस कौम्पिटिशन ने उनकी जिंदगी बदल दी. जिसमें उनका ग्रुप विजयी हुआ और रेमो के हुनर को नजदीक से पहचाना गया.

सबसे पहले फिल्म ‘रंगीला’ में वे एक डांसर के तौर पर नजर आये, उनके डांस की आलोचकों ने तारीफ की और वे कोरियोग्राफर अहमद खान को एसिस्ट करने लगे. एक साल के बाद ही उन्होंने सोनू निगम के वीडियो एल्बम के लिए अकेले कोरियोग्राफी की और इंडस्ट्री में अपने आपको स्थापित करने में कामयाब रहे. इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों की कोरियोग्राफी और निर्देशन किया, जो कमोवेश बौक्स आफिस पर चली. बड़े पर्दे के अलावा रेमो ने छोटे पर्दे पर जज के रूप में काफी काम किया है. वो सबसे पहले रियलिटी शो ‘डांस इंडिया डांस’ के जज बनें. इससे वे काफी पोपुलर हुए और कई बार जज बने. अभी वे स्टार प्लस के डांस रियलिटी शो ‘डांस प्लस 4’ में सुपर जज की भूमिका निभा रहे हैं. उनसे मिलकर बात हुई पेश है, कुछ खास अंश.

डांस की प्रेरणा आपको कैसे और कहां से मिली ?

ये अचानक आया था, मैं उस समय 15 साल का था और माइकल जैक्सन का एक वीडियो देखा था. उसे देखकर मैं चकित हो गया कि इस व्यक्ति में ऐसा क्या है कि लोग इसे देखने के लिए पागल हो रहे हैं. तब लगा कि मुझे ये बनना है और मैंने वहीं से डांस की शुरुआत की.

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