Megha Ray : खूबसूरत, चुलबुली, हंसमुख अभिनेत्री मेघा रे मुंबई की हैं. बचपन से ही उन्हें अभिनय का शौक था, जिसमें उनका साथ परिवार वालों ने दिया. धारावाहिक दिल ये जिद्दी है, अपना टाइम आएगा, रंग जाऊं तेरे रंग में, सपनों की छलांग आदि में उन्होंने काम किया है. इसके अलावा एक हौरर फिल्म ए क्वाइट रिपल में भी उनके अभिनय को सराहा गया है. मेघा ने मुंबई से कंप्यूटर विज्ञान में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है, इसके बाद उन्होंने एक ब्यूटी ब्लौगर के रूप में काम कुछ दिनों तक काम किया है. मेघा एक भरतनाट्यम डान्सर भी हैं.

इन दिनों मेघा सन नियो चैनल पर धारावाहिक दिव्य प्रेम: प्यार और रहस्य की कहानी में मुख्य भूमिका दिव्या की निभा रही है, जिसे लेकर वह बहुत उत्सुक है, क्योंकि इस कहानी में अभिनय के कई शैड्स उन्हेे मिल रहे है, उन्होंने खास गृहशोभा के साथ बात की, आइए जानते हैं उनकी कहानी उनकी जुबानी.

इस शो में काम करने की खास वजह के बारें में मेघा कहती है कि ये एक अलग तरीके की लव स्टोरी है, जो फिक्शनल है और मैजिकल वर्ल्ड की कहानी है. इसमें एक्शन, डांस, ड्रामा, इमोशन सब एक साथ दिखाया जा रहा है, जो मजेदार है.

सपने देखना जरूरी

मेघा कहती हैं कि मुझे इस तरीके की फैंटेसी और फिक्शनल स्टोरी बहुत पसंद है, क्योंकि ये हमारी समझ से परे होता है. देखा जाय तो सभी लोग सपने देखते हैं और सपना देखना गलत नहीं, क्योंकि सपने ही अंत में कई बार हकीकत बन जाते है. सपने देखने पर ही हम उसे पाने की कोशिश भी करते है और मुझे ऐसी शोज को टीवी पर देखना और अभिनय करना बहुत पसंद है. ये हमेशा नई उम्मीद जगाते है.

रिलेट नहीं करती

मेघा कहती हैं कि ये चरित्र मुझसे काफी अलग है, इससे मैं खुद को रिलेट नहीं कर पाती, क्योंकि लड़की काफी मुश्किलों से आगे बढ़ रही है और बहुत अकेली है, उसे प्यार नहीं मिलता, जिसकी वह तलाश कर रही है. जबकि मेरे साथ कुछ ऐसा नहीं है, मुझे सबका प्यार बहुत मिलता है और चरित्र बोल्ड लड़की की है, जबकि मैं बहुत शांत स्वभाव की हूं.

मिली प्रेरणा

फिल्मों में आने की प्रेरणा के बारें में पूछने पर मेघा बताती है कि मैं एक कौम्प्युटर इंजीनियर हूं, लेकिन मेरे अंदर एक इच्छा थी कि मैं अभिनय करूं, लेकिन किसी को कहा नहीं था, लेकिन जैसे – जैसे मैं जिंदगी में आगे बढ़ती गई, समझ आया कि अगर मैंने कोशिश नहीं की तो शायद मुझसे कोई गलती होगी. कई बार लगा कि मैं जो काम कर रही हूं, उसके लिए बनी नहीं हूं. मैं पढ़ाई को एन्जौय कर रही थी, लेकिन बार – बार मेरे अंदर अभिनय करने की इच्छा जागती रही. इसके बाद मैंने दो साल मैं जौब से निकलकर अभिनय के लिए औडिशन देने का मन बनाया और दो तीन महीने बाद मुझे पहला काम मिल गया. ये इत्तफाक नहीं बचपन की एक इच्छा है, जिसे मैं देर से समझ पाई.

इसके अलावा स्कूल में एक टीचर ने मुझे कहा था कि एक दिन वह मुझे किसी होर्डिंग पर दिखोगी, जो मुझे सुनना अच्छा लगा था, लेकिन ऐसा मेरे साथ वास्तव में होगा, मैंने सोचा नहीं था. मैं एक भरतनाट्यम डान्सर भी हूं और कई बार स्टेज पर परफौरमेंस कर चुकी हूं, जिससे लोग मुझे जानने लगे थे. इसका फायदा मुझे ऐक्टिंग में मिला है.

परिवार का सहयोग

मेघा हंसती हुई कहती है कि मेरे पेरेंट्स ने मुझे हमेशा अपनी पसंद के काम के लिए आजादी दी है, उस समय मैं जौब कर रही थी, मैंने पेरेंट्स से दो साल का समय मांगा और कह दिया था कि अगर मैँ ऐक्टिंग में कामयाब नहीं हुई तो फिर से जौब करूंगी. इसलिए उन्होंने मना नहीं किया और मुझे ऐक्टिंग फील्ड में कोशिश करने का मौका मिल गया.

पहला ब्रेक

मैंने औनलाइन कई सारी चीजें देखकर खुद को ग्रूम किया है, क्योंकि मैं मध्यम वर्गीय परिवार से हूं, ऐसे में लाखों खर्च कर ऐक्टिंग क्लास लेना मेरे लिए संभव नहीं था, फिर कोई गारंटी नहीं थी कि मुझे काम मिल ही जाएगा. इसके अलावा मैं किताबें पढ़ती और आईने के पास खड़ी होकर ऐक्टिंग करती थी. उसी दौरान मुझे एक व्हाट्स एप ग्रुप का पता चला, जिसमें वे टीवी की एक शो के लिए एक फ्रेश फेस की तलाश कर रहे थे, मैंने अप्लाइ किया, ऑडिशन दिया और पहली शो तीन महीने बाद ‘दिल ये जिद्दी है’ मिल गई, लेकिन मैं मेरी दूसरी शो अपना टाइम आएगा से काफी चर्चित हुई, इसमें भोजपुरी सीखना और उस लहजे में बात करना मेरे लिए बहुत चुनौतीपूर्ण था, लेकिन हर शो में मुझे नया काम करने का मौका मिला, इस वजह से मैं खुद को ब्लेस्ड मानती हूं.

किये संघर्ष

मेघा का कहना है कि बिना गौड फादर के अच्छा काम मिलना मुश्किल नहीं होता, जैसा लोग डराते है. मुझे खुद पर विश्वास रहा और मैं मेहनत कर रही थी, कभी डर नहीं लगा, बहुत से लोग ऑडिशन में पास न होने पर डर जाते है, इससे उन्हे आगे काम मिलना मुश्किल होता है और कई बार लोग आपका गलत फायदा उठा लेते है. मैँ कभी डरी नहीं. मेरा उद्देश्य एकदम क्लीयर रहा, जिससे मैं कभी कौन्फ्यूज नहीं हुई. वैसे इंडस्ट्री इतनी भी बुरी नहीं जितना लोग समझते है, आज की तारीख में हर जगह कुछ न कुछ समस्या है, व्यक्ति को खुद उससे दूर रखना पड़ता है.

लड़कियों को मिले आजादी

मेघा कहती है कि आज की हर लड़की आजादी चाहती है और परिवार वाले उन्हे दे भी रहे है, लेकिन कई बार परंपरागत परिवार लड़कियों को आजादी देना नहीं चाहते, जिससे लड़कियां बगावत कर लेती है. इंडिपेंडेंट उसे कहा जाना चाहिए है, जहां लड़कियां ग्रैसफुली अपनी लाइफ को शैप दे सकती है, जिसमें परिवार की भी भागीदारी होनी चाहिए. कुछ लड़कियां ऐसी है, जो इस आजादी का गलत फायदा भी उठा लेती है और गलत संगत में पड़ जाती है. अपनी सीमा भूल जाती है और गलत काम कर जाती है. अपने काम और गोल को साफ रखें, इससे कोई भी व्यक्ति आपका गलत फायदा नहीं उठा सकता.

मी टू मूवमेंट का है असर

इसके आगे मेघा कहती है कि मुझे कभी कास्टिंग काउच का सामना नहीं करना पड़ा. मी टू मूवमेन्ट के बाद चीजें थोड़ी बदल चुकी है, आजकल कोई किसी को कुछ कहने से डरते है. इसके अलावा मुझे समझ में आता है कि कहाँ मुझे मना करना है और मैंने किया भी है. हिन्दी फिल्मों और वेब सीरीज की अच्छी कहानियों में काम करने की इच्छा है, मुझे निर्देशक इम्तियाज अली की फिल्म में अभिनय करने की इच्छा है, क्योंकि उनकी फिल्में बहुत अलग और प्रभावशाली होती है.

इंटीमेट सीन्स को करने के बारें में मेघा ने अभी सोचा नहीं है, कहानी की डिमान्ड के आधार पर ही उस करने के लिए हां कह सकती है.

मौनसून मेरी पहली पसंद

मौनसून मेघा को बहुत पसंद है, वह जब पैदा हुई थी, तो बहुत तेज बारिश हुई थी. वह कहती है, मैं इस मौसम में खुद को हाइड्रेट रखती हूं, इसके लिए पानी खूब पीती हूं. स्किन पर मौइस्चराइजर का प्रयोग करती हूं. इसके अलावा मुझे बारिश में भींगने में भी बहुत मज़ा आता है, वैसे भी मेरा नाम मेघा है.
यूथ के लिए मेघा का मेसेज है कि अपने सपनों और खुद पर भरोसा रखें, पढ़ाई पूरी करें, मेहनत और लगन से जो भी काम मिले करते जाए.

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