Met Gala 2025 : हर साल मेट गाला इवेंट मई के पहले सोमवार से शुरू होता है, जहां दुनियाभर के सैलिब्रिटीज अनोखे और महंगे डिजाइनर कपड़ों को पहन कर मैट्रोपोलिटन म्यूजियम के ग्रैंड स्टेयर्स पर रैंप वाक करते हैं. इस बार की थीम 17वीं दशक के ब्लैक्स आउटफिट को ले कर है जो बाद में गुलामी के खिलाफ विद्रोहों की पहचान भी बनी. जानिए क्यों खास थी यह थीम.

शाहरुख़ खान सोशल मीडिया पर हालफिलहाल तब ट्रेंड करने लगे जब अचानक इंटरनेट पर उन की एक स्टाइलिश फोटो की बम्बाडिंग शुरू हो गई. मौका मेट गाला इवेंट का था जहां वे पहली बार शिरकत कर रहे थे. इस फोटो में उन्होंने ब्लैक आउटफिट पहना हुआ था. जिस में सुपरफाइन तस्मानियन ऊन का यूज किया गया था. ब्लैक सिल्क शर्ट, टेलर्ड ट्राउजर, लोंग कोट और कमरबंद पहने शाहरुख़ खान अलग से लग रहे थे. उन के इस लुक में चार चांद तब लग गए जब वे लेयर्ड चैन पहने दिखाई दिए जिस पर ‘के’ यानी किंग लिखा हुआ था, और उन्होंने एक सोने की छड़ी हाथ में पकड़ी हुई थी.

सोशल मीडिया यूजर्स थोड़े संभल पाते कि एक दूसरी फोटो वायरल होने लगी. इस बार बारी सिंगर दिलजीत दोसांझ की थी. शाहरूख खान के अलावा भारत में इस समय किसी इंडियन सैलिब्रिटी को ग्लोबली रिकग्नाइज किया जाता है तो वह दिलजीत ही हैं. दिलजीत ने ट्रेडिशनल पंजाबी आउटफिट पहना हुआ था. बताया जा रहा है कि उन का आउटफिट पटियाला रियासत के महाराजा रहे भूपिंदर सिंह से प्रेरित था. हालांकि भूपिंदर सिंह विलासी और आजादी के समाया अंगरेज समर्थक राजाओं में रहे.

अपने लुक को रौयल बनाने के लिए दिलजीत ने सिर पर पगड़ी पहनी हुई थी. जिस में वर्णमाला में गुरुवाणी लिखी हुई थी. जहां शाहरूख खान के आउटफिट को सव्यसाची ने डिजाईन किया था वहीँ दिलजीत के आउटफिट को प्रबल गुरंग ने डिजाईन किया था. इस इवेंट में एक इंडियन सेलिब्रिटी और पहुंची थी मगर उन की चर्चा इन दोनों ग्लोबर स्टार्स के आगे कहीं खो सी गई. बात किआरा आडवाणी की.

किआरा ने ब्रेवहर्ट्स नाम की ड्रैस पहनी थी जो एक तरह का गाउन था. इस गाउन में सोने की गोल्डप्लेट लगी हुई थीं जिसे घुंघरू और क्रिस्टल से सजाया गया था. कियारा बला की खूबसूरत लग रही थीं. हालांकि कियारा ने जो ड्रैस पहनी थी उसे एश्वर्या राय के 77वें कांस इवेंट में पहने हुए ड्रैस से कम्पेयर किया जा रहा था पर दोनों में ख़ासा अंतर था.

यह पहला मौका था जब मेट गाला को इंडियन सोशल मीडिया पर इतना सेलिब्रेट किया गया, मगर समस्या यह कि यह इवेंट भारीभरकम सेलिब्रिटी के डिजाइनर सूट के नीचे से दब कर रह गया. शाहरूख खान ने जो जूटसूट पहना था उस की चर्चा बस अनोखे कपड़ों तक सिमट कर रह गया. मगर इस के पीछे क्या एतिहासिक पहलु छिपा था वह कहीं खो गया.

ठीक यही बाकी सैलिब्रिटीज के साथ हुआ. सिंगर रिहाना ने जहां ब्लैक पिंस्ट्रिप्ड गाउन पहना था, तो एक्ट्रैस जेंडाया ने वाइट बर्मिंग सूट पहना था. कोई किसी ने संत लयूरेंट का कास्ट्यूम पहना तो किसी ने थोम ब्राउन का. दुखद यह कि सोशल मीडिया पर मेट गाला में सैलिब्रिटी वायरल हुए मगर यह थीम और इस थीम के पीछे की वजह वायरल नहीं हुई, जो ज्यादा जरूरी थी.

क्या ख़ास बात थी थीम में

इस बार मेट गाला की थीम ब्लैक कम्युनिटी के बीच फैशन डेवलपमेंट पर है. यह थीम ब्लैक्स को ले कर बने स्टीरियोटाइप्स को तोड़ने के लिए रखी गई. इस थीम का नाम ‘सुपरफाइन: टेलरिंग ब्लैक स्टाइल’ है. यह थीम ब्लैक कम्युनिटी के फैशन ट्रेडिशन और उन के कल्चरल इफेक्ट पर केंद्रित है. इस की इंस्पिरेशन मोनिका एल. मिलर की किताब ‘स्लेव्स टू फैशन: ब्लैक डैंडीज्म एंड द स्टाइलिंग औफ ब्लैक डायस्पोरिक आइडेंटिटी’ से ली गई. दिलचस्प यह कि इस एग्जिबिशन में 18वीं सदी के यूरोपीय फैशन से ले कर आज के आधुनिक दौर तक ब्लैक डैंडी स्टाइल के विकास को दिखाने की बात है.

‘ब्लैक डैंडीज्म’ 19वीं सदी में मौजूद था, लेकिन यह एक कल्चरल रेवोल्यूशन के रूप में 20वीं सदी की शुरुआत में उभरा. यह “डैंडी” से प्रेरित था, यानी स्टाइल. 18वीं सदी की वह शैली जहां लोग बेहद स्टाइलिश और टिपटौप कपड़े पहन कर अपनी अलग पहचान बनाते थे. यह मूवमेंट खासतौर पर अमेरिका में गुलामी की समाप्ति और हार्लेम रेनेसां के दौरान फलाफूला, जब ब्लैक्स “यूरोपियन स्टाइल” के कपड़े (जैसे डांस हौल में पहने जाने वाले ज़ूट सूट) पहन कर नस्लीय भेदभाव और सामाजिक पाबंदियों के खिलाफ अपनी बात रखते थे. इसी में म्यूजिक, लिटरेचर और आर्ट के माध्यम से ब्लैक्स अपनी आइडेंटिटी भी गढ़ रहे थे.

साल 1917 में, “साइलेंट प्रोटेस्ट पैरेड” में काले डैंडीवाद का जबरदस्त नज़ारा देखने को मिला था. न्यूयौर्क के मैनहट्टन में फिफ्थ एवेन्यू पर 10 हजार से ज्यादा काले लोगों ने फौर्मल कपड़े पहन कर जिम क्रो एरा के भेदभाव के खिलाफ मार्च किया. जिम क्रो एरा वह समय था जब नस्लीय अलगाव को लागू करने के लिए दक्षिणी संयुक्त राज्य अमेरिका में ऐसे कानून बनाए गए थे, जो अफ्रीकी अमेरिकियों को सार्वजनिक सुविधाओं, शिक्षा और रोजगार जैसे कई क्षेत्रों से दूर रखते थे.

कई सालों बाद 1943 में, “जूट सूट दंगों” के दौरान अमेरिकी पुलिस और सैनिकों ने काले, लैटिनो और एशियाई युवाओं को उन के जूट सूट्स की वजह से टारगेट करना शुरू किया, क्योंकि यह स्टाइल अब उन के बीच ख़ासा लोकप्रिय हो गया था.

इस के बाद, ब्लैक डैंडीवाद ने “ब्लैक पावर मूवमेंट” में भी अपनी जगह बनाई. म्यूजिशियन डिजी गिलेस्पी, राइटर लैंगस्टन ह्यूज व जेम्स बाल्डविन, आर्टिस्ट सैमी डेविस जूनियर जैसे लोगों ने इसे अपनाया. हाल के दिनों में, डायर, बालमैन, मार्टिन रोज़ और थोम ब्राउन जैसे डिजाइनरों ने अपने फैशन शोज में इस स्टाइल को दोबारा पेश किया. चैडविक बोस्मैन, काई-इशाया जमाल, जैनेल मोनाए और डोएची जैसी हस्तियां भी इस स्टाइल को फिर से ट्रेंड में लाए.

इस साल का मेट गाला का थीम सिर्फ़ “ग्लैम” के लिए नहीं है. इस की जड़ें 300+ साल के इतिहास, पहचान और बगावत में हैं. इस साल के गाला का औफिसियल थीम ही इसी स्टाइल पर है जिसे शाहरुख़ खान जैसे सुपरस्टार ने कैरी किया.

क्या है मेट गाला

मेट गाला की शुरुआत 1948 में फैशन पब्लिसिस्ट एलेनोर लैम्बर्ट ने न्यूयौर्क के कौस्ट्यूम इंस्टीट्यूट के लिए पैसा जुटाने के उद्देश्य से की थी. यह इवेंट हर साल संग्रहालय के नए प्रदर्शनी के उद्घाटन पर आयोजित किया जाता था. पहले गाला में सिर्फ एक डिनर होता था और टिकट की कीमत 50 डौललर (करीब 4,000 रुपये) थी. शुरुआती दशकों में यह न्यूयौर्क के दूसरे चैरिटी इवेंट्स की तरह ही था, जहां शहर के हाई सोसाइटी के लोग और फैशन इंडस्ट्री से जुड़े लोग ही शामिल होते थे. 1948 से 1971 तक यह इवेंट मैनहट्टन के अलगअलग जगहों पर हुआ, जैसे वाल्डोर्फ एस्टोरिया, सेंट्रल पार्क और रेनबो रूम.

1972 में जब डायना व्रीलैंड कौस्ट्यूम इंस्टीट्यूट की सलाहकार बनीं, तो मेट गाला ने एक ग्लैमरस और अंतर्राष्ट्रीय इवेंट का रूप लेना शुरू किया, हालांकि अभी भी इस की पहुंच न्यूयौर्क के अमीरों तक ही सीमित थी. इस दौरान एलिजाबेथ टेलर, एंडी वारहोल, बियांका जैगर, डायना रौस, एल्टन जौन, लाइजा मिनेली, मैडोना, बार्बरा स्ट्राइसैंड और चेर जैसी मशहूर हस्तियां भी इस में शामिल होने लगीं. उस दौरान भारतीय सैलिब्रिटी दूरदूर तक कहीं नहीं थीं. व्रीलैंड के समय में ही पहली बार मेट गाला द मेट्रोपोलिटन म्यूज़ियम औफ आर्ट में हुआ और थीम-बेस्ड ड्रैस कोड की शुरुआत भी हुई.

आज मेट गाला दुनिया का सब से चर्चित और एक्सक्लूसिव सोशल इवेंट माना जाता है. यह न्यूयौर्क के सब से बड़े फंडरेज़र्स में से एक भी है. 2022 में इस ने 17.4 मिलियन डौलर (करीब 145 करोड़ रुपए) जुटाए. 1995 से इस इवेंट की चेयरपर्सन ऐना विंटर हैं, जो वौग पत्रिका की चीफ एडिटर भी हैं, जिन्होंने गाला की गेस्ट लिस्ट को फैशन, मनोरंजन, बिजनेस, स्पोर्ट्स और राजनीति की दुनिया की बड़ी हस्तियों तक पहुंचाया. कारण यही कि मेट गाला वर्ल्ड वाइड चर्चा में रहता है.

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