हमारे देश में सदियों से एक बात कही जाती रही है कि ‘‘हर पिता का कर्तव्य होता है कि वह अपने बच्चों को किसी भी सभा में पहली पंक्ति में बैठने लायक बना दें.’’
मगर बौलीवुड से जुड़े लोगों ने इसका अर्थ यह निकाला कि उनका कर्तव्य है कि वह अपने बच्चों को हर हाल में बौलीवुड में स्थापित करें. इसी के चलते तमाम स्टार कलाकार अपने बच्चों को फिल्में दिलवाने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाने के साथ साथ खुद फिल्में बनाने पर मजबूर हो रहे हैं.
ऐसे ही एक स्टार कलाकार हैं अनिल कपूर. अनिल कपूर ने सबसे पहले अपनी बेटी सोनम कपूर के लिए कुछ फिल्में बनायी. पिछले दो सालों से वे सोनम कपूर के लिए फिल्म ‘‘वीरे दी वेडिंग’’ को बनाने के लिए प्रयासरत हैं, मगर इस फिल्म की शूटिंग किन्ही वजहों से शुरू नहीं हो पा रही है, तो दूसरी तरफ वे अपने बेटे व सोनम कपूर के भाई हर्षवर्धन कपूर को भी बौलीवुड में बतौर अभिनेता स्थापित करने के लिए भी प्रयासरत हैं.
अनिल कपूर और उनकी बेटी सोनम कपूर के फिल्मकार राकेश ओमप्रकाश मेहरा के संग बहुत अच्छे संबंध है. इसी के चलते राकेश ओम प्रकाश मेहरा ने अपनी फिल्म ‘मिर्जिया’ में अनिल कपूर के बेटे व सोनम कपूर के भाई हर्षवर्धन कपूर को बतौर हीरो फिल्म ‘मिर्जिया’ से जोड़ा था. ये एक अलग बात है कि राकेश ओम प्रकाश मेहरा ने हमेशा दावा किया कि उन्होंने अपनी फिल्म ‘मिर्जिया’ में हर्षवर्धन कपूर को उनकी अभिनय प्रतिभा के आधार पर जोड़ा है. इतना ही नही राकेश ओमप्रकाश मेहरा की माने तो हर्षवर्धन कपूर बेहतरीन कलाकार हैं. पर कटु सत्य यह भी है कि ‘मिर्जिया’ के प्रदर्शन से पहले ही अनिल कपूर ने राकेश ओमप्रकाश मेहरा द्वारा बनाई जा रही फिल्म ‘‘फन्ने खां’’ के लिए शूटिंग करनी शुरू कर दी थी. खैर, ‘मिर्जिया’ से हर्षवर्धन के जुड़ने की चाहे जो वजह रही हो, मगर इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर पानी नहीं मांगा. इसके बाद किसी तरह हर्षवर्धन कपूर ने अपने करियर की दूसरी फिल्म ‘‘भावेश जोशी’’ की शूटिंग विक्रमादित्य मोटावणे के निर्देशन में पूरी की. पर इस फिल्म के प्रदर्शन की कोई संभावना नजर नही आ रही है, क्योंकि विक्रमादित्य मोटावणे स्वयं विवादों में फंसे हुए हैं और इस फिल्म की निर्माण कंपनी ‘‘फैंटम’’ के अस्तित्व को लेकर स्थितियां साफ नहीं हैं.
सूत्रों की मानें तो इन बदले हुए हालातों में अपने बेटे हर्षवर्धन कपूर के करियर व भविष्य को लेकर अनिल कपूर काफी चिंतित हुए और फिर खबर आयी कि ‘जंगली पिक्चर्स’ ओलंपिक विजेता शूटर अभिनव बिंद्रा की बायोपिक फिल्म बनाने जा रही है, जिसमें अभिनव बिंद्रा और उनके पिता के बीच के रिश्तों को रेखांकित किया जाएगा. सूत्र दावा कर रहे हैं कि इस फिल्म से हर्षवर्धन कपूर को जोड़ने के लिए ही अनिल कपूर ने भी इस फिल्म में अभिनय करने के लिए हामी भर दीस, जबकि एक अन्य सूत्र का दावा है कि फिल्म की पटकथा सुनकर अनिल कपूर और हर्षवर्धन कपूर इस कदर प्रभावित हुए कि यह दोनों इस फिल्म में पिता पुत्र के किरदार निभाने के लिए तैयार हुए. पर अभी यह फिल्म शुरू नहीं हो पायी. सूत्रों के अनुसार अचानक कुछ हालात ऐसे बदले कि ‘जंगली पिक्चर्स’ ने इस फिल्म का निर्माण करने से साफ इंकार कर दिया.
‘‘जंगली पिक्चर्स’’ के हट जाने से अभिनव बिंद्रा की बायोपिक फिल्म के निर्माण का मसला अधर में लटक गया, जिसका सीधा असर हर्षवर्धन कपूर के करियर पर हो रहा है. अब सूत्रों के अनुसार अनिल कपूर ने स्वयं एक अन्य निर्माता प्रेरणा अरोड़ा के संग मिलकर इस फिल्म का निर्माण करने का बेड़ा उठा लिया है.
मगर, मजेदार बात तो ये है कि अनिल कपूर या हषवर्धन कपूर दोनों मे से कोई भी अभिनव बिंद्रा की बायोपिक फिल्म को लेकर कुछ भी कहने को तैयार नहीं है. वैसे कुछ दिन पहले मीडिया से बात करते हुए अनिल कपूर ने इस फिल्म को लेकर किए गए सवाल पर कहा था ‘‘अभी कुछ भी तय नहीं है. जब सब कुछ तय हो जाएगा, तो हम इस पर बात करेंगे. हो सकता है कि हम पिता पुत्र एक साथ पहली बार इस फिल्म से जुडे़ं, मगर जब तक सारी बातें तय न हो जाएं, तब तक कुछ भी हो सकता है.’’
जबकि प्रेरणा अरोड़ा के अनुसार हर्षवर्धन कपूर में असीम क्षमता है. उन्हे फिल्म ‘मिर्जिया’ में हर्षवर्धन कपूर का अभिनय काफी पसंद आया. प्रेरणा अरोड़ा के अनुसार अभिनव बिंद्रा की बायोपिक फिल्म में अनिल कपूर और हर्षवर्धन कपूर दोनों ही हैं.
अब अभिनव बिंद्रा की बायोपिक फिल्म कब शुरू होगी, इसमें कौन किस हैसियत से नजर आएगा? इसका खुलासा कुछ दिन में हो ही जाएगा? मगर बौलीवुड में चर्चाएं गर्म हैं कि अनिल कपूर चाहकर भी अपने बेटे हर्षवर्धन की किस्मत नहीं बदल सकते? तो वहीं बौलीवुड में सवाल उठाए जा रहे हैं कि हर्षवर्धन कपूर के करियर में यह सब क्यों हो रहा है? क्या अनिल कपूर ने सही मायनों में अपने बेटे को पहली पंक्ति में बैठने लायक शिक्षा दी है? आखिर कब तक हर्षवर्धन के करियर को संवारने के लिए अनिल कपूर परेशान होते रहेंगे? अब बौलीवुड में हो रही इन बातों व सवालों के क्या मायने हैं, यह तो हमें भी नहीं पता, मगर अभिनेत्री कंगना रानौट द्वारा उठाए गए नेपोटिजम की बात को बल जरुर मिल रहा है.