बौलीवुड की गलियां सितारों से सजती है. इन गलियों के चौराहों पर कई किस्से भी बसते हैं. इन किस्सों के बारे में लोगों की दिलचस्पी भी खूब होती है. आम तौर पर हमेशा हंसते रहने वाले ये सितारे भी हमारी और आपकी तरह इंसान ही हैं. इन्हें भी गुस्सा आता है और कई बार तो इतना की वो अपना आपा खो देते हैं और सामने वाले पर हाथ उठा देते हैं.
ऐसा ही एक किस्सा धमेंद्र और फिरोज खान के भाई संजय खान के बीच का है. धर्मेंद्र अक्सर फिल्म की शूटिंग खत्म करने के बाद साथी कलाकारों के साथ बैठकर मस्ती-मजाक करते थे. इसी मस्ती के बीच संजय खान ने कुछ ज्यादा ही नशा कर लिया. जब नशा चढ़ा तो संजय खान एक्टर ओम प्रकाश के बारे में उल्टा-सीधा बोलने लगे.
धर्मेंद्र ने उन्हें चुप करने की खूब कोशिश की. लेकिन नशे में संजय खान चुप नहीं हो रहे थे. बताया जाता है कि तब धर्मेंद्र का पारा इस कदर चढ़ गया कि उन्होंने संजय खान को थप्पड़ जड़ दिया. हालांकि बाद में उन्होंने इसके लिए माफी भी मांगी.
यह सिर्फ एक मामला नहीं है, बौलीवुड में ऐसे कई झगड़े हैं. आइए जानते हैं इन मंझे हुए कलाकरों के बीच हुए अनबन की दिलचस्प कहानी.
नूतन और संजीव कुमार
नूतन और संजीव कुमार का किस्सा भी खूब चर्चित है. संजीव कुमार तब स्ट्रगल कर रहे थे, जबकि नूतन टौप की एक्ट्रेस थी. 1969 में ‘देवी’ फिल्म की शूटिंग चल रही थी. संजीव इसमें नूतन के अपोजिट थे. एक मैगजीन में खबर छपी की दोनों एक्टर्स के बीच अफेयर है. नूतन बहुत परेशान हो गईं. बाद में उन्हें पता चला कि यह खबर संजीव कुमार ने भी सुर्खियां बटोरने के लिए प्लांट करवाई है. बताया जाता है कि एक दिन सेट पर नूतन ने ना सिर्फ संजीव कुमार को खरी-खोटी सुनाई बल्कि सबके सामने थप्पड़ भी जड़ दिया.
राज कपूर और राजकुमार
राज कपूर और राजकुमार के बीच भी एक बार जबरदस्त झगड़ा हुआ था. दोनों ही अपने जमाने के सुपरस्टार थे. लेकिन प्रेम चोपड़ा की शादी की पार्टी के दौरान दोनों के बीच अनबन हो गई. पार्टी पूरे शबाब पर थी और राज कपूर ने ज्यादा पी ली थी. वह राजकुमार के पास गए और उनसे कहा कि तुम हत्यारे हो. राज कुमार ने भी मजाक में कहा, ‘हां मैं हत्यारा हूं, लेकिन तुम मेरे पास काम मांगने आए थे. मैं तुम्हारे पास नहीं आया.’
सूत्रों की मानें तो कि इस बात को लेकर दोनों में खूब अनबन हुई. मामला हाथापाई तक पहुंच चुका था. बता दें कि फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले राजकुमार मुंबई पुलिस में सब-इंस्पेक्टर थे. लेकिन एक मर्डर केस में नाम होने की वजह से वह पुलिस की नौकरी छोड़ फिल्मों में आ गए थे.
माला सिन्हा और शर्मिला टैगोर
बात 60 और 70 के दशक की है. 1968 में जौय मुखर्जी ने फिल्म ‘हमसाया’ के लिए शर्मिला टैगोर और माला सिन्हा को कास्ट किया था. एक दिन शूटिंग के दौरान दोनों के बीच किसी बात को लेकर अनबन शुरू हो गई. देखते ही देखते यह अनबन हाथापाई में बदल गई. यह भी कहा जाता है कि माला ने बिना सोचे-समझे शर्मिला को थप्पड़ मार दिया था. इस घटना के बाद दोनों में फिर कभी पहले जैसी बातचीत नहीं देखी गई.