राजेश खन्ना की एक्टिंग में एक अजीब सी कशिश, अजीब सा दर्द था जो उन्हें दर्शकों के और करीब लाता गया. उनकी फिल्मों के गाने और डायलॉग को लोगों की जुबान में चढ़ने पर जरा भी देर नहीं लगती थी.

एक मैंगजीन से अपने करियर की शुरुआत करने वाले काका देखते ही देखते युवा दिलों की धड़कन बन गए. लड़कियां उन्हें खून से पत्र लिखती थीं. आइए उनके जन्मदिन पर उनके कुछ हिट डायलॉग्स को फिर से याद करते हैं.

अरे ओ बाबू मोशाय.., आनंद

अरे ओ बाबू मोशाय, हम तो रंगमंच की कठपुतलियां हैं जिसकी डोर उस ऊपरवाले के हाथों में है, कब कौन कहां उठेगा ये कोई नहीं जानता. आनंद फिल्म का ये फेमस डायलॉग आज भी काका की याद दिलाता है.

आई हेट टीयरर्स, अमर प्रेम

पुष्पा, मुझसे ये आसू नहीं देखे जाते, आई हेट टीयरर्स.

मैनें तेरा नमक खाया है, नमक हराम

मैनें तेरा नमक खाया है, इसलिए तेरी नजरों में नमक हराम जरूर हूं. लेकिन जिसने ये नमक बनाया है, उसकी नजरों में नमक हराम नहीम हूं.

हमको माफी देदो साहिब, राम बलराम

मैं देर से आता नहीं हूं लेकिन क्या करूं, देर हो जाती है इसलिए माफी का हकदार हूं, अगर फिर भी किसी ने ना माफ किया हो तो मैं यही कहना चाहता हूं हमको माफी देदो साहिब.

मरने से पहले मरना नहीं चाहता, सफर

मैं मरने से पहले मरना नहीं चाहता.

जिंदगी के आखिरी मोड़ पर कितना अंधेरा है, सफर

ये तो मैं ही जानता हूं कि जिंदगी के आखिरी मोड़ पर कितना अंधेरा है सफर.

किसी बड़ी खुशी के इंतजार में.., बावर्ची

किसी बड़ी खुशी के इंतजार में हम ये छोटे-छोटे खुशियों के मौके खो देते हैं.

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