किसी भारतीय फिल्म का ऑस्कर पाने का सपना इस साल फिर टूट गया है. भारत की तरफ से सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा की फिल्म के वर्ग में ऑस्कर की दौड़ में भेजी गई तमिल फिल्म ‘विसरनाई’ पहले ही राउंड में बाहर हो गई.

ऑस्कर को दुनिया में सबसे ज्यादा प्रतिष्ठा वाला फिल्म पुरस्कार माना जाता है जो यूं तो अमेरिकी फिल्मों के लिए होता है, लेकिन इसमें एक वर्ग विदेशी फिल्मों के लिए भी रखा जाता है. इस वर्ग के लिए विभिन्न देश हर साल अपनी एक-एक फिल्म भेजते हैं. इस साल 89वें ऑस्कर पुरस्कारों में भारत की तरफ से वेट्रीमारन निर्देशित तमिल फिल्म ‘विसरनाई’ को भेजा गया था.

ऑटो रिक्शा चालक से लेखक बने एम. चंद्रकुमार के उपन्यास ‘लॉकअप’ पर आधारित ‘विसरनाई’ पुलिस फोर्स के बीच संगठित अपराधों के बारे में है. यह पुलिस की बर्बरता को भी दर्शाती है. इस फिल्म में दिनेश, सामुथिराकानी, अजय घोष और किशोर मुख्य भूमिकाओं में हैं.

कुल 85 देशों से आईं फिल्मों को ऑस्कर अकादमी के सैंकड़ों सदस्यों ने देख कर पहले राउंड में 9 फिल्मों को चुना है. इनमें ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, डेनमार्क, ईरान, नॉर्वे, रूस, स्वीडन और स्विट्जरलैंड की फिल्में शामिल हैं. अब इनमें से 5 फिल्मों का नामांकन फाइनल राउंड के लिए होगा जिसकी घोषणा 24 जनवरी को की जाएगी.

उनमें से किसी एक फिल्म को 26 फरवरी को ऑस्कर की प्रतिष्ठित मूरत मिलेगी. गौरतलब है कि भारत 1957 से इस वर्ग के लिए अपनी फिल्में भेज रहा है और सिर्फ तीन बार ही कोई भारतीय फिल्म आखिरी राउंड तक पहुंच पाई. और ये फिल्में- ‘मदर इंडिया’ (1957), ‘सलाम बांबे’ (1988), ‘लगान’ (2001) भी ऑस्कर न पा सकीं.

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