हिंदी फिल्म ‘शूल’ और ‘सरफरोश’ से अभिनय कैरियर की शुरुआत करने वाले अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरपुर जिले के बुधाना कस्बे के एक किसान परिवार से हैं. अभिनय की इच्छा उन्हें बचपन से ही थी. यही वजह थी कि विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने दिल्ली के नेशनल स्कूल औफ ड्रामा से भी स्नातक की शिक्षा पूरी की और थिएटर में अभिनय करने लगे. शुरुआत में उन्होंने कई बड़े और छोटे फिल्मों में काम किया, पर वे अधिक सफल नहीं रहे. असली पहचान उन्हें फिल्म पिपली लाइव, कहानी, गैंग्स औफ वासेपुर, लंचबौक्स जैसी फिल्मों से मिली. साधारण कदकाठी के होते हुए भी उन्होंने फिल्मों में अपनी एक अलग पहचान बनायीं. अभी उनकी फिल्म ‘फोटोग्राफ’ रिलीज पर है. जिसे लेकर वे काफी उत्सुक हैं. पेश है कुछ अंश.

इस फिल्म में आपकी चुनौती क्या रही?

इसमें अपने आपको साधारण रखना ही चुनौती थी. निर्देशक रितेश बत्रा ने मुझे एक आम फोटोग्राफर की तरह लुक रखने को कहा, जो मेरे लिए आसान नहीं था, क्योंकि एक्शन बोलते ही एक्टिंग का सुर लग जाता है और उसी को निर्देशक ने दबाया है. एक्टिंग न करना ही इसमें चुनौती रही. जब हम कैजुअल होते थे, तभी निर्देशक उसे शूट करता था.

आपने इस चरित्र के लिए क्या-क्या तैयारियां की है?

गेट वे औफ इंडिया से कई फोटोग्राफर को बुलाया गया और उनके काम को मैंने नजदीक से देखा और पाया कि कैसे वे पूरा दिन काम करते हैं, दोपहर तक कैसे थक जाते हैं आदि सभी को फिल्म में दिखाने की कोशिश की गयी है.

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