Pankaj Udhas Death: मखमली आवाज के जादूगर पंकज उधास, भारत के जाने माने गजल गायक अब नहीं रहे. 72 साल की उम्र में उनका निधन हो गया है. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे. पंकज उधास की मौत आज सुबह 11 बजे मुंबई में हुई. उनकी बेटी नायाब उधास ने पिता के मौत की खबर की पुष्टि की है. सिंगर के निधन की खबर का पता चलने के बाद संगीत जगत में शोक की लहर फ़ैल गई है. पंकज जैसे गजल गायक का यूं दुनिया छोड़ जाना फैंस को भी गमगीन कर गया है. उन्होंने अपने कैरियर में एक से एक बेहतरीन गाने गाये है. गायक सोनू निगम, कम्पोजर शंकर महादेवन आदि संगीत जगत के सेलेब्रिटी ने उनके देहांत को संगीत जगत की एक बड़ी क्षति बताया और श्रद्धांजलि दी है.

पिछले कुछ समय से वे मुंबई के ब्रीच क्रैंडी अस्पताल में भर्ती थे. इसी अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली. जानकारी के मुताबिक पंकज उधास को कुछ महीने पहले कैंसर डिटेक्ट हुआ था और वो पिछले कुछ महीने से किसी से मिल नहीं रहे थे. उनका अंतिम संस्कार कल मुंबई में किया जाएगा.

गजल गायिकी के क्षेत्र में पंकज उधास ने में अपना लोहा मनवाया और अपनी बेहतरीन आवाज के लिए उन्हें कई अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया. इनमें सबसे अहम पद्मश्री है जो कि उन्हें 2006 में दिया गया था. उनकी बेहतरीन गजल ‘चिट्ठी आई है’ से उन्हें शोहरत मिली. इसके अलावा पंकज ने कई गजलों को अपनी आवाज दी जिनमें ‘ये दिल्लगी’, ‘फिर तेरी कहानी याद आई’, ‘चले तो कट ही जाएगा’ और ‘तेरे बिन’ शामिल है. इसे अलावा ‘ना कजरे की धार’, ‘चांदी जैसा रंग है तेरा’ पंकज के यादगार गानों में से एक हैं.

उनके आवाज के दीवाने केवल देश में ही नहीं, विदेशों में भी बहुत थे. पंकज उधास न केवल गजल के लिए बल्कि हिंदी गानों के लिए भी जाने जाते रहे. उनका विनम्र स्वभाव ही उन्हें फैन्स के बीच काफी पोपुलर बनाया. उन्होंने हिंदी सिनेमा जगत की कई फिल्मों के गानों में अपनी शानदार आवाज से दर्शकों के दिलों को जीता है.

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