रेटिंगःडेढ़ स्टार

निर्माताःनिहारिका कोटवाल और रवीना कोहली

निर्देशकः कुणाल कोहली

कलाकारः दिगंत मनचले,अक्षय डोगरा,ऐश्वर्या ओझा,कबीर सिंह दोहन, विवान भटेना,अनूप सोनी व अन्य.

अवधिः 32 से 42 मिनट के आठ एपीसोड,कुल अवधि लगभग पांच घंटे

ओटीटी प्लेटफार्मः एमएक्स प्लेअर

धार्मिक ग्रंथ ‘‘रामायण’’ पर अब तक कई फिल्मों व टीवी सीरियलों का निर्माण किया जा चुका है. अस्सी के दशक में रामानांद सागर से लेकर एकता कपूर तक कई लोग ‘रामायण’ को अपने अपने दृष्टिकोण से छोटे परदे पर ला चुके हैं. गत वर्ष कोरोना महामारी के चलते लॉक डाउन लगने पर दूरदर्शन ने रामानंद सागर की टीवी सीरियल ‘रामायण’का पुनः प्रसारण किया,जिसने दर्शक पाने का नया रिकार्ड बनाया. इतना ही नही अप्रैल के अंतिम सप्ताह से तीन मई तक ‘स्टार भारत’ने भी रामानंद सागर की ‘रामायण’के राम के वन जाने से लेकर लंका दहन तक का हिस्सा प्रसारित किया,जिसे काफी दर्शक मिले. ऐसे ही वक्त में फिल्मकार कुणाल कोहली ‘रामायण’की कथा को ही वर्तमान नई पीढ़ी के लिए आध्ुानिकता के रंग में रंगते हुए वेब सीरीज ‘‘रामयुग’’ लेकर आए हैं,जो कि ‘एम एक्स ओरीजनल’के तहत ओटीटी प्लेटफार्म ‘‘एमएक्स प्लेअर’’ पर छह मई से स्ट्ीम होना शुरू हुई है.

‘रामायण’की कथा को यदि धर्म से इतर देखे तो यह बुराई व अच्छाई के बीच की लड़ाई है. इन दिनों हमारे देश में हर शहर में युद्ध की विभीषिका अपना रंग दिखा रही है. लोग एक दूसरे को महज धर्म के नाम पर मौत के घाट उतारने को तत्पर हैं. ऐसे में ऐसी वेब सीरीज बननी चाहिए,जो कि सही केा सही व गलत को गलत कहते हुए लोगों को कुछ ‘छद्म’वेशी लोगो से परिचित करा सके. यदि कुणाल कोहली इमानदारी से ‘रामायण’की कथा का आधुनिक रूपांतरण करते, तो शायद ‘रामयुग’की शक्ल कुछ अलग होती. माना कि कुणाल कोहली ने ‘रामयुग’में राम या भरत या हनुमान को ‘भगवान’की तरह नही बल्कि मानवीय करण कर पेश करने की कोशिश की है,पर यह सब लुक तक ही सीमित रहा. अन्यथा उन्होने रामानंद सागर की सीरियल‘रामायण’ को ही अपने अंदाज में गढ़ते हुए बीच बीच में कुछ दृश्य गायब कर दिए हैं. परिणामतः वह मात खा गए. इसके साथ ही उनके सामने इसे अति सीमित बजट में बनाने की मजबूरी भी रही होगी.

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