जब दो अलग स्वभाव और मिज़ाज के लोग एक साथ आते हैं और एक दूसरे की खूबियों को पहचान लेते हैं तो सफलता उनके कदम चूमती है. अगर किस्मत ऐसे ही दो लोगों को करीब लाती है तो वे मिलकर एक और एक दो नहीं पूरे ग्यारह हो जाते हैं. इसीलिए कलर्स लेकर आ रहा है, राजा और रानी की ऐसी ही साझेदारी की अनोखी कहानी, ‘शुभारंभ’. तो चलिए जानते हैं कि कौन हैं ये राजा-रानी और कैसी है इनकी दुनिया, इनका स्वभाव और इनके सपने.

रानी- हकीकत से लड़ती एक लड़की

रानी, वृंदा और छगन की तीसरी बेटी है. रानी ने बचपन से ही काफी संघर्ष किया है. गरीबी और हालात से लड़ते हुए रानी कम उम्र में ही काफी सशक्त हो गई है और किसी भी परेशानी का समाधान करने में माहिर भी है.

1. खुद पर निर्भर रहने वाली लड़की है रानी

कम उम्र में ही रानी खुद पर निर्भर रहने वाली लड़की है क्योंकि, उसके पिता तो काम नहीं करते सिर्फ माँ ही अकेले घर चला रही है इसलिए रानी खुद हर काम में माहिर हो गई है.

2. भावुक

भले ही रानी आत्मनिर्भर और सशक्त हो लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि उसे किसी बात से फर्क नहीं पड़ता. रानी काफी भावुक है इसलिए जब भी जिंदगी में कोई दिक्कत होती है तो उसे अपनी माँ और भाई के सहारे की जरूरत होती है.

3. मेहनत करने से पीछे नहीं हटती रानी

जब भी रानी की जिंदगी में कुछ गड़बड़ होती है या वो गुस्सा होती है तो सीधे भगवान से झगड़ा करती है और अपनी भड़ास निकालती है. लेकिन ये गुस्सा उसे बुरा नहीं बल्कि मेहनती बनाता है और वो कड़ी मेहनत करके अपनी जिंदगी बदलना चाहती है.

4. परिवार है सब कुछ

रानी के लिए उसका परिवार ही सब कुछ है वो अपने परिवार से बहुत प्यार करती है. अपने परिवार के लिए वो कुछ भी कर सकती है.

5. प्यार मतलब बराबरी का रिश्ता

प्यार को लेकर रानी की अलग ही सोच है क्योंकि उसने बचपन से अपनी माँ को पति के होते हुए भी अकेले ही हर चीज़ के लिए काम करते देखा है. रानी प्यार में यकीन तो करती है लेकिन उसके लिए प्यार परियों की कहानी नहीं बल्कि बराबरी का रिश्ता है.

राजा- अपने सपनों का राजकुमार

राजा सूरत की मशहूर दुकान ‘राजा सूटिंग और सर्टिंग’ को चलाने वाले परिवार का बेटा है. 7 साल की उम्र में ही राजा के सिर से पिता का साया उठ गया था तब उसकी माँ ने उसे कहा था कि अब उसे अपने पिता की ज़िम्मेदारियाँ उठानी होगी और वो हर काम करना होगा जो उसके ताऊ और ताई जी कहेंगे. इसलिए घर और दुकान का मालिक होते हुए भी राजा सिर्फ एक सहायक बनकर रह गया है हालांकि, उसे खुद इस बात का अहसास नहीं है.

1. मासूम और साफ दिल

राजा बहुत ही साफ दिल, भोला और मासूम लड़का है. राजा के मन में किसी के लिए कोई शिकायत या नफरत नहीं है. राजा को दुनियादारी की कड़वाहट का कोई अहसास नहीं है.

2. दूसरों को बचाने वाला

अगर राजा के परिवार पर कभी कोई मुसीबत आती है तो वो उसे खुद पर ले लेता है. परिवार के आगे उसके लिए उसका आत्मसम्मान भी कुछ नहीं है. हर किसी के साथ उसका दिल का रिश्ता है. अब कोई इसकी कदर करे या न करे.

3. शर्मीला

राजा हर मामले में बहुत सीधा है. उसकी भोली और अच्छी सूरत की वजह से कई लड़कियां उस पर फिदा है लेकिन राजा, ये सब बातें समझ नहीं पाता और अगर कोई लड़की साफ साफ अपने दिल की बात कह भी दे तो उसका चेहरा शरम से लाल हो जाता है.

4. प्यार- परियों की कहानी

राजा प्यार पर पूरा भरोसा करता है. वो बचपन से ही अपने ताऊ और ताई का एक-दूसरे के लिए प्यार और देखभाल देखता आया है. उसकी प्यार की दुनिया बिल्कुल फिल्मी है परियों की कहानी की तरह. राजा का प्यार जिंदगी की कड़वी सच्चाई से बिल्कुल दूर है.

5. भगवान का भक्त

राजा को भगवान पर पूरा भरोसा है वो हर रोज भगवान को धन्यवाद कहता है और जो भी उसे मिला है उसके लिए भगवान का शुक्रगुजार है.

तो कैसी होगी राजा-रानी की कहानी, जानने के लिए देखिए ‘शुभारंभ’, हर सोमवार से शुक्रवार रात 9 बजे सिर्फ कलर्स पर.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...