अपने समय के मशहूर रंगकर्मी हरजीवन दास पंचोटियश की चैथी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करने वाली चालिस वर्षीय फिल्म अभिनेत्री,  लेखक,  निर्देशक,  नृत्यंागना, समाज सेवक और योगा शिक्षक आरती नागपाल को देव आनंद ने अपनी फिल्म ‘गैंगस्टर’’में सबसे पहले अभिनय करने का अवसर प्रदान किया था. तब से वह लगातार फिल्मों व टीवी सीरियलों में अभिनय करती आ रही हैं. निजी जीवन में आरती नागपाल सिंगल मदर हैं, जिन्होने प्रेम विवाह में काफी कष्ट सहन करने के बाद अपने पति से अलग होने के बाद अपने बेटे वेदांत व बेटी प्रियांशी की न सिर्फ अच्छी परवरिश की, बल्कि खुद भी अभिनेत्री, लेखक व निर्देशक के तौर पर अपनी एक अलग पहचान बनाने में सफल रही. अपने निजी जीवन के अनुभवो के आधार पर आरती नागपाल ने पहली लघु फिल्म‘‘डेली रेप’’का निर्माण,  लेखन व निर्देशन किया था, जिसे कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहो में काफी सराहा गया था.

प्रस्तुत है आरती नागपाल से हुई एक्सक्लूसिब बातचीत के अंश. .

काफी लंबा कैरियर हो गया है. इस यात्रा में किस तरह के संघर्ष रहे ?

-संघर्ष तो जीवन है. मेरी राय में कैरियर हो या जीवन हो या कुछ भी हो, वह हमसे संघर्ष जरुर कराती है. अगर मैं एक लय के साथ बह रही हूं, यानी कि नदी की धारा के बहाव के साथ बह रही हूं, तो जीवन में संघर्ष कम होगा. लेकिन मैंने सदैव पानी के बहाव से उल्टी दिया पकड़ी, तो संघर्ष अधिक रहा. मैंने उसी चीज को बार-बार अपने जीवन में दोहराया है. मैं फिल्मी पृष्ठभूमि वाले परिवार की चैथी पीढ़ी हूं और अब तो मेरा बेटा व गायक वेदांत नागपाल पॉंचवीं पीढ़ी का प्रतिनिधित्व कर रहा है. मैं बोलीवुड में अपने फिल्मी परिवार की चैथी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करती हूं, इस बात की जानकारी मुझे लॉक डाउन के दौरान हुई, जब मैंने अपने नाना जी के परदादा हरजीवनदास पचोटिया के संबंध में लेख पढ़े. तब मुझे अहसास हुआ कि मैंने अपने कैरियर की शुरूआत में इस बात की इज्जत ही नही की.

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