गुजरात के बड़ौदा शहर की रहने वाली मीरा देवस्थले को बचपन से ही खेलने का शौक था और बास्केटबाल और कबड्डी उनके प्रिय खेल थे. स्कूल लेवल पर वे दोनों ही खेलों में सबसे बेहतर थी. उनके पिता चाहते थे कि मीरा उनकी ही तरह इंजीनियर बने. 12वीं के बाद जब उनके पैरेंटस ने पूछा कि वे किस कैरियर की ओर बढना चाहती हैं तो मीरा ने एक्टिंग का नाम ले लिया और उसके बाद ही मीरा की मम्मी उन्हें लेकर मुम्बई आ गई. अब खेल और इंजीनियरिंग के दोनो रास्ते पीछे छूट गये. 3 साल के एक्टिंग कैरियर में मीरा ने अपने काम से पहचान बना ली. वे एक्टिंग के साथ अपनी पढ़ाई को भी आगे जारी रखते हुये बीए कर रही हैं.

मीरा को पहला रोल ‘ससुराल सिमर का’ में मिला था. वह बहुत बडा रोल नहीं था पर इससे उनमें हौसला बढा. मीरा की असल पहचान सीरियल ‘दिल्ली वाली ठाकुर गर्ल्स’ में मिला. यह रोल उनके हिसाब का था. इसके बाद उन्होंने ‘जिदंगी विंन्स’ में काम किया. इसके बाद मीरा को कलर्स टीवी के ‘उडान‘ सीरियल में चकोर का मुख्य किरदार निभाने को मिला. चकोर के बचपन का सीन खत्म होकर सीरियल युवा चकोर को साथ ले कर आगे बढ रहा है. छोटी चकोर के रूप में स्पंदन ने अपनी एक्टिंग से दर्शको को बहुत प्रभावित किया था.

बडी चकोर का किरदार निभा रही मीरा कहती है ‘काफी चैलेजिंग रोल है. सब कुछ पहले के जैसा ही है. बडे होने पर मेकअप और ड्रेस में बदलाव आया है जो इस किरदार को और भी खास बनाता है.शो की कहानी अभी भी बाल मजदूरी और उनके शोषण के आसपास घूमती है. इसमें उनके साथी कलाकार विजयेन्द्र का महत्वपूर्ण सहयोग है. मीरा कहती हैं कि “ ‘उडान’ में मुख्य किरदार निभाते समय मुझे शूटिंग के समय बहुत ही खास तवज्जों दी जाती है. जिससे कि अब उन्हें स्टार की फीलिंग आने लगी है.”

अपने संघर्ष के विषय में मीरा कहती हैं ‘एक्टिंग की दुनिया में नया सीखने की जरूरत हमेशा बनी रहती है. मुम्बई आने के बाद मैंने कुछ दिन एक्टिंग की ट्रेनिंग ली थी. उससे यही लाभ हुआ कि मुझे कैमरा फेस करना, स्क्रिप्ट याद रखना आ गया. एक्टिंग में परफेक्शन तो काम करने से ही मिलता है. यह हमेशा सीखने वाला काम है. स्कूल से ही स्पोर्टस के प्रति मेरी रूचि थी. यही वजह मुझे स्ट्रांग बनाती है. मेरा मानना है कि आप किसी भी फील्ड में हों, पर आपको स्पोर्ट्स का शौक जरूर रखना चाहिये. इसके साथ साथ एक ही कैरियर लेकर न चलें. यह सोंच कर चलें कि एक कैरियर में सफलता न मिले तो आप दूसरे करियर को अपना सकें. मैं एक्टिंग में सफल नहीं होती तो इंजीनियर या स्पोर्ट्स की फील्ड में ही जाती.

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