रेटिंग: दो स्टार

ओटीटी प्लेटफॉर्म: जी 5

निर्माता: भावना श्रीवास्तव, राजेश कजोले

निर्देशक: देबात्मा मंडल

कहानी: मोहम्मद आजाद और भावना श्रीवास्तव

कलाकार: हिना खान, कुशल टंडन, अदिति आर्य, ऋषभ सिन्हा व अन्य

अवधि: 58 मिनट

मोबाइल ऐप/ इंटरनेट किस तरह इंसानी जिंदगी के लिए खतरा बनते जा रहे हैं, इसी पर रोशनी डालने के लिए फिल्मकार  देबात्मा मंडल एक हॉरर फिल्म अनलॉक लेकर आए हैं. अफसोस यह हॉरर फिल्म होते हुए भी डराती नहीं है.

कहानी:

कहानी के केंद्र में चार दोस्त सुहानी ( हिना खान), रिद्धि (अदिति आर्य ),अमर (कुशल टंडन) और अनुभव (ऋषभ सिन्हा) है. सुहानी और रिद्धि रूममेट हैं. रिद्धि और अमर एक दूसरे के साथ प्रेम संबंधों में है.अनुभव और अमर दोस्त हैं. एक दिन अनुभव की वजह से सुहानी की मुलाकात अमर से होती है. और सुहानी अमर से एक तरफा प्यार करने लगती है. एक दिन एक होटल की पार्टी में अनुभव मोबाइल ऐप डार्क वेब का जिक्र करता है और बताता है कि इस एप्स से इंसान  जिसे तलाश ना चाहे तलाश सकता है. डार्क वेब एप्स का रिद्धि और अमर पर कोई असर नहीं होता. लेकिन सुहानी बहुत आकर्षित होती है. वापसी में अनुभव और सुहानी के बीच बातचीत होती है जिससे समझ में आता है कि अनुभव की मां बहुत बीमार है पर अनुभव को यकीन है कि बहुत जल्द उसके पास मां के इलाज के लिए पैसे आ जाएंगे. सुहानी अकेले ही घर पहुंचती है क्योंकि रिद्धि वही होटल में रुक गई थी.

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सुहानी ने होटल के उस कमरे में एक जगह कैमरा फिट कर दिया था, जिस कमरे में रिद्धि के जाने की संभावना थी और उस कमरे की सारी गतिविधियां वह अपने मोबाइल फोन पर देख सकती थी. रिद्धि और अमर उस कमरे में जाते हैं और दोनों प्रेम संबंधों में लीन होने लगते हैं, यह सब मोबाइल पर सुहानी देखती है, अचानक रिद्धि उठकर उस कैमरे के ऊपर एक कपड़ा डाल देती है, ऐसे में सुहानी को अनुभव द्वारा बताए गए डार्क वेब एप्स की याद आती है. उस ऐप को अपने मोबाइल पर डाउनलोड कर उस होटल के कमरे में रिद्धि व अमर की बीच जो प्रेम लीला चल रही है, उसे देखना चाहती है. लेकिन डार्क वेब एप उसके सामने सवाल करता है कि इस क्या वह अपनी कोई इच्छा पूरा करना चाहती हैं, ऐसा है तो तीन टास्क पूरा करके अपनी इच्छा को पूरा कर सकती है. सुहानी कहती है कि उसे अमर चाहिए. सुहानी के पहला टास्क पूरा करते ही अमर उसके पास आता है और एक तस्वीर दिखाते हुए कहता है कि रिद्धि उसके साथ धोखा करके इस लड़के के साथ संबंध बना रही है. अब सुहानी अमर के साथ संवेदना प्रकट करते हुए उसके साथ  रहने की कोशिश करती है. दूसरा टास्क पूरा करने के बाद सुहानी और अमर एक पार्टी में जाकर बीयर पीते हैं और फिर अमर के साथ उसकी गाड़ी में बैठकर अपने घर से रवाना होती है पर तभी रिद्धि का फोन अमर के पास आता है और स्थितियां बदल जाती है. अमर और रिद्धि सगाई कर लेते हैं तथा दूसरे दिन रिद्धि ,अमर और  सुहानी को पार्टी देने के लिए होटल में बुलाती है . तय समय पर सुहानी और अमर होटल पहुंच जाते हैं मगर रिद्धि नहीं पहुंचती है. ऐसा होता है कि अनुभव के हाथों  रिद्धि मारी जाती है. मौत की खबर और दूसरा टास्क पूरा करने की घटना याद करके सुहानी डर जाती है. अब वह तीसरा टास्क नहीं करना चाहती. लेकिन उसे डार्क वेब एप्स धमकाता है कि  अगर उसने तीसरा टास्क पूरा नहीं किया, तो अमर मारा जाएगा. उधर अनुभव  तीसरे टेस्ट को लेक फस गया है. अंततः सुहानी अमर और अनुभव के साथ अच्छा तो नहीं होता है.

लेखन:

फिल्म की अवधि 58 मिनट है इसलिए इसे झेला जा सकता है, अन्यथा इसमें खामियां ही खामियां हैं. लेखक ने किसी भी चरित्र का सही ढंग से चरित्र चित्रण नहीं किया है. किसी भी किरदार की जिंदगी पर कोई रोशनी नहीं डाली गई है. डार्क वेब जिस तरह के अपराध करवाता है उसके पीछे कोई तर्क भी नहीं है. इसमें ना तो रोमांस है और ना ही रहस्य व रोमांचही है. जबकि इस विषय पर रहस्य व रोमांच पैदा करने की असीम संभावनाएं थी मगर लेखक और निर्देशक सतही स्तर पर ही रह गए. संभवत लेखक ने पिछले दिनों ब्लू वेल चैलेंज गेम के चलते तमाम बच्चे आत्महत्या कर रहे थे, उसी से प्रेरित होकर इस वेब फिल्म की कहानी गढ़ी है ,पर चरित्रों को गढ़ने में और पटकथा लिखने में जिस  मेहनत की जरूरत थी, वह  करने की बजाय जल्दबाजी में एक कथा पेश कर दी गई.

निर्देशन:

निर्देशक देबात्मा मंडल  भी पूरी तरह से असफल रहे हैं.  निर्देशक का सारा ध्यान इंटरनेट के स्याह पक्ष को ही उभारने में ही रहा, पर किसी भी बात को तर्कसंगत ढंग से पेश नहीं कर पाए.

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 अभिनय:

कहानी चार दोस्तों की है मगर ऋषभ सिन्हा के हिस्से करने का कुछ आया ही नहीं, उसकी प्रतिभा को जाया किया गया है. जहां तक हिना खान ,कुशल टंडन और अदिति आर्य का सवाल है तो इन्होंने एकदम साधारण अभिनय किया है. हिना खान, कुशल टंडन और अदिति आर्य के बीच कहीं कोई केमिस्ट्री नजर नहीं आती. कुशल और अदिति के बीच भी  रोमांस की केमिस्ट्री नजर नहीं आती .इसकी मूल वजह सही ढंग से चरित्र चित्रण का ना होना है. इसके लिए कलाकार कम लेखन ज्यादा दोषी है.

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