तेलगू फिल्म से करियर की शुरुआत करने वाली अभिनेत्री मधुरिमा तुली ने फिल्म ‘बेबी’ से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनायीं. फिल्मों के अलावा वह टीवी धारावाहिकों और विज्ञापनों में भी काम कर चुकी हैं. झारखण्ड के धनबाद की रहने वाली मधुरिमा को बचपन से ही अभिनय का शौक था. इसे पूरा करने के लिए वह मुंबई आईं और किशोर नामित कपूर के एक्टिंग क्लास में अभिनय की ट्रेनिंग लीं.
इसके बाद कई विज्ञापनों में काम करने के बाद उन्हें धारावाहिक ‘कुमकुम भाग्य’ में काम करने का अवसर मिला. यहीं से उन्होंने इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनायी और एक के बाद एक प्रोजेक्ट में काम करने लगीं. पिछले 10 सालों से वह मुंबई में रहती है.
स्वभाव से शांत और हंसमुख मधुरिमा इस समय कलर्स टीवी की धारावाहिक ‘चन्द्रकांता’ में मुख्य भूमिका में काम कर रही हैं, उनसे मिलकर बात करना रोचक था, पेश है अंश.
इस शो में आने की वजह क्या है?
मुझे कोई अच्छी भूमिका फिल्मों या टीवी पर नहीं मिल रही थी. चंद्रकांता की कहानियां बचपन से ही पढ़ती आ रही हूं. कभी सोचा नहीं था कि कभी मैं ही इसमें चन्द्रकान्ता बनूंगी. ये एक फिल्म की तरह रोमांटिक स्टोरी है और शूटिंग भी वैसे ही हो रही है.
ये भूमिका आपसे कितना मेल खाती है?
काफी हद तक मुझसे मेल खाता है. वह स्ट्रॉन्ग और आत्मनिर्भर है. मैं भी वैसी ही हूं. ये लड़की अपनी शक्ति को नहीं जानती और लोगों को प्यार बांटती है. अपनी दुनिया में मस्त रहती है. रियल लाइफ में मैं इतनी मस्त नहीं, मैं थोड़ी सहमी हुई हूं.
इसकी तैयारियां कैसे की ?
मैंने इसके लिए स्टंट सीखे, क्योंकि ये एक योद्धा की कहानी है. हॉर्स राइडिंग और तलवार चलाना भी सीखा है. इसमें बहुत सारे स्टंट करने में काफी मुश्किलें आईं, पर मैं डबल बॉडी नहीं, खुद स्टंट करना पसंद करती हूं.
इस तरह की फैन्टासी वाली कहानियाँ आपको कितना प्रेरित करती है?इस पर कितना विश्वास करती है?
मुझे ऐसे किस्से सुनने में मजा आता है. देखने में अच्छा लगता है. विश्वास नहीं करती, क्योंकि ये रियल तो नहीं है, सिर्फ कल्पना कर सकती हूं कि अगर होता तो बहुत अच्छा होता.
आप एकता कपूर की धारावाहिक ‘परिचय’ से निकल गयी थीं, क्या इस धारावाहिक को हां करने में सोचना पड़ा?
नहीं, क्योंकि मैंने ही उस धारावाहिक को छोड़ा था. मैं खुश हूं कि उन्होंने दूबारा काम करने का मौका दिया.मैंने उस समय अक्षय कुमार की फिल्म ‘बेबी’ में काम करने की वजह से उस धारावाहिक को छोड़ा था.
क्या आपको ऐसा नहीं लगता कि धारावाहिक में काम करने की वजह से आप फिल्म नहीं कर सकती, क्योंकि ये फुल टाइम जॉब है?
मैं फिल्मों के पीछे नहीं भागती. अगर कोई मिलेगी तो काम जरुर करुंगी. इसके अलावा ये शो एक निश्चित समय पर खत्म हो जाएगी.
अभिनय के क्षेत्र में आने की इच्छा कैसे हुई?
बचपन से ही अभिनय की इच्छा थी, लेकिन यहां तक पहुंच पाऊंगी, ऐसी उम्मीद नहीं थी, धीरे-धीरे काम मिला, मैंने अपना धीरज कभी नहीं खोया. जब मुझे ‘कुमकुम भाग्य’ मिला तो लोगों ने मुझे और मेरे अभिनय को जाना. ‘बेबी’ फिल्म से मेरे अभिनय को बल मिला. इस तरह मैंने अपनी पहचान बनायी. कुछ संघर्ष होने के बावजूद भी ये बहुत अच्छी क्षेत्र है. मुझे काम करने में मजा आ रहा है.
आपके यहां तक पहुंचने में परिवार का सहयोग कितना रहा?
परिवार की सहयोग से ही मैं यहां तक पहुंची हूं. उनका सपोर्ट अगर नहीं होता, तो मैं अब तक वापस देहरादून चली गयी होती. मानसिक रूप से बहुत सहयोग देते हैं. जब कभी मुझे लगा कि अब कुछ होना संभव नहीं, तो उन्होंने ही मुझे साहस दिया है.
अब तक के करियर की जर्नी कैसी रही?
बहुत सारे उतार-चढ़ाव के बाद भी जर्नी मजेदार रही. अभी मैं इस धारावाहिक पर पूरी तरह से फोकस्ड हूं.
आगे क्या करने की उम्मीद रखती हैं?
मैंने एक प्रोडक्शन हाउस ‘मधुश्री’ नाम से खोला है. उसमें मैंने दो-तीन शॉर्ट फिल्में बनाई है उसकी देखभाल मेरा भाई निर्देशक श्रीकांत तुली करता है. उसमें अच्छी फिल्में बनाने की इच्छा है.