बड़े परदे पर बैस्ट डैब्यू का खिताब हासिल करने वाली उर्वशी ने लंबे समय के बाद छोटे परदे से वापसी की है. नए रूप में दर्शक उन्हें कितना पसंद करेंगे, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
फिल्म ‘नकाब’ की बोल्ड और सेक्सी अदाकारा उर्वशी अब अम्मां बन गई हैं. वे रीयल लाइफ में मां बनने के बाद अब रील लाइफ में भी मां का किरदार निभा रही हैं. दिल्ली की पंजाबी फैमिली में पली बढ़ी उर्वशी मेडिकल ऐंट्रेंस ऐग्जाम की तैयारी कर रही थीं. पर दोस्तों के कहने पर मॉडलिंग करने लगीं और फिर डाक्टर बनने का इरादा बदल दिया.
मॉडलिंग करने के बाद मीका के म्यूजिक अलबम ‘समथिंगसमथिंग…’ में उन्हें चांस मिला. इस में उर्वशी ने अपने ग्लैमरस अवतार के जरीए फिल्म ‘नकाब’ (2007) से बॉलीवुड में ऐंट्री की और पहली ही फिल्म में बेस्ट डेब्यू का फिल्म फेयर अवार्ड अपने नाम कर लिया.
‘आक्रोश’, ‘खट्टामीठा’, ‘चक्रधर’ जैसी हिंदी फिल्मों के साथ तेलुगु फिल्मों में भी काम कर चुकी उर्वशी ने रिएलिटी शो ‘खतरों के खिलाड़ी’ में भी खतरों से 2-2 हाथ किए हैं. 2 साल की बेटी समायरा की मां उर्वशी का मॉडलिंग के लिए पढ़ाई छोड़ने का फैसला हो या फिर लिव इन में रहने का, वे अपने हर फैसले से खुश हैं.
पहले प्यार फिर शादी
सचिन के प्यार में कैसे पड़ गईं?
प्रश्न के उत्तर में उर्वशी कहती हैं कि सचिन से मेरी पहली मुलाकात एक ईवेंट के दौरान हुई थी. उन्होंने देखते ही कहा कि उन्हें मुझ से प्यार हो गया है और शादी करना चाहते हैं. मैं टालती रही, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थे. जब मिले तो काफी बातें हुईं, फिर दोस्ती हुई. इसके बाद मिलने जुलने का सिलसिला ढाई साल तक चला.
एक दिन अचानक वे बोले कि हम 4 दिन बाद 27 फरवरी को शादी करेंगे. अचानक यह सुन कर मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था. सचिन ने कहा कि शादी में आपकी और मेरी फैमिली के अलावा सिर्फ कुछ फ्रेंड्स शामिल होंगे. मुंबई में रिसेप्शन पार्टी दे देंगे. मैंने तुरंत अपनी डिजाइनर दोस्त को फोन किया. उस ने रातोंरात मेरे लिए वेडिंग ड्रैस तैयार कर दी और फिर हम शादी के बंधन में बंध गए.
जीवनसाथी का चुनाव
लव मैरिज में ज्यादा भरोसा है या अरेंज्ड मैरिज में?
इस सवाल के जवाब में वे कहती हैं, ‘‘मैंने जिंदगी का हर फैसला चाहे वह करियर का हो या फिर शादी का, खुद लिया. मैं जब 21 साल की थी तब दिल्ली से मुंबई पहुंच गई थी. मैंने पढ़ाई छोड़ कर मॉडलिंग करने के फैसले पर घर पर किसी को ऐतराज नहीं हुआ. इसी तरह जब बात लाइफपार्टनर चुनने की आई तो सचिन को मैंने खुद चुना. ढाई साल लिव इन में रहने के बाद शादी करने का फैसला मेरा ही था. मैं अरेंज्ड मैरिज में बिलीव नहीं करती. मैं तो सोच भी नहीं सकती हूं कि जिसे मैं शादी के पहले जानती नहीं उस के साथ कैसे सारी जिंदगी बिताऊंगी. हम दोनों ने भी ढाई साल के लंबे रिलेशन के बाद शादी करने का फैसला किया था.’’
सासबहू वाले शोज से ऐलर्जी
दोबारा फिल्मों में जाने का मन है या फिर छोटे परदे पर ही रमने का इरादा है?
पूछने पर उर्वशी कहती हैं, ‘‘मैं जब फिल्मों में काम करती थी, तो टीवी पर आने के लिए उत्साहित थी पर सासबहू वाले शोज से बहुत ऐलर्जी थी, इसलिए छोटे परदे से दूर भागती थी. लेकिन जब टीवी शो ‘खतरों के खिलाड़ी’ के लिए औफर आया तब मैं ने उसे स्वीकार कर लिया, क्योंकि वह शो बिलकुल अलग था. अगर किसी ने 6 सालों तक चलने वाले टीवी शो में लगातार सास का रोल किया है, तो अगला औफर भी उसे सास का ही मिलेगा. अगर अच्छी कहानी वाली फिल्म का औफर आता है, तो जरूर करूंगी.’’
छोटी पर बड़ी बात
इस शो ‘एक मां जो लाखों के लिए बनी अम्मा’ की पृष्ठभूमि बंटवारे के समय की है. उस समय को आज दोहराने में कोई परेशानी होती है?
सवाल के उत्तर में उर्वशी ने बताया, ‘‘मेरे शो की रिसर्च टीम ने बहुत गहराई से उस समय के प्रत्येक बिंदु का अध्ययन किया है. शो के निर्देशक फरहान और क्रिएटिव टीम से कैसे बोलना है, किस तरह कपड़े पहनने हैं, चलने का लहजा क्या होगा. सब कुछ स्क्रिप्टेड कर के रखा था. मुझे स्क्रिप्ट पकड़ा कर कहा जाता कि इसे पढ़ो. उसे पढ़ कर मैं शौट देने के लिए तैयार हो जाती. एक बात का ध्यान मैं ने जरूर रखा कि बोलने के दौरान कहीं उर्दू और अंगरेजी के शब्द धोखे से न निकल जाएं, क्योंकि जीनत का किरदार एक कम पढ़ीलिखी मुसलिम महिला का है, जो सामान्य भाषा ही बोलती है.’’