चटनी हमारे भोजन की शान है. यदि खाने की थाली में कोई चटपटी चटनी मिल जाए तो खाने का स्वाद कई गुना बढ़ जाता है. चटपटी चटनी का सेवन तृप्ति का भाव तो देता ही है, स्वास्थ्य की दृष्टि से भी चटनी बहुत लाभदायक होती है.

चटनियां ताजे फल, हरी पत्तियों व विविध हैल्दी मसालों को मिला कर बनाई जाती हैं. फिर इन्हें पकाया भी नहीं जाता, इसलिए इन में प्रयोग मसाले, फल, सब्जियां, दाल आदि के खनिज व विटामिन पूरी तरह सुरक्षित रहते हैं. चटनियां फैट फ्री होती हैं, इन के सेवन से वजन नियंत्रित रहता है. अधिक कैलौरी खाने की समस्या भी नहीं होती, पाचनतंत्र सुचारु रूप से काम करता है.

टमाटर, आंवला, अलसी, लहसुन, तिल व इमली जैसी चीजों की चटनी ऐंटीऔक्सीडैंट का काम करती है. जहां धनिया, पुदीना, बैगन व तोरई की चटनी आयरन व क्लोरोफिल से भरपूर होती है, वहीं दालों व दही के साथ बनाई गई चटनी प्रोटीन से भरपूर होती है. अपने स्वाद व मौसम के अनुसार विविध प्रकार चटनियां बना कर फ्रिज में रखें. किसीकिसी चटनी को साल भर तक भी सुरक्षित रखा जा सकता है जैसे आम, आंवला व मेथी की चटनी. लहसुन, अलसी, तिल व टमाटर की चटनी को भी 10-15 दिन फ्रिज में सुरक्षित रखा जा सकता है. दालों, धनिया, पुदीना, तोरई व बैगन आदि की चटनी को भी 5-6 दिन तक फ्रिज में सुरक्षित रखा जा सकता है.

पेश हैं, विभिन्न प्रकार की चटनियां बनाने की विधियां:

1. मूंगफली की चटनी

सामग्री: 1 कप छिलका हटी मूंगफली भुनी हुई, 4-5 हरीमिर्चें, 1 छोटा चम्मच चीनी, 1 बड़ा चम्मच नीबू का रस, नमक स्वादानुसार.

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