त्यौहारी सीजन प्रारम्भ हो चुका है और ऐसे में हम भारतीयों के घरों में अक्सर पूरी, कचौरी, पकौड़े, मिठाइयां आदि भरपूर मात्रा में बनाई जातीं हैं जिन्हें अक्सर डीप फ्राई करके बनाया जाता है और अक्सर डीप फ्राई करने के बाद बचे तेल को पुनः प्रयोग किया जाता है परन्तु आहार विशेषज्ञों के अनुसार लम्बे समय तक आग पर उबलते रहने के कारण इस तेल के काफी सारे पौष्टिक तत्व नष्ट हो जाते हैं इसलिए इसे बार बार डीप फ्राइंग के लिए प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए. डीप फ्राइंग करते समय यदि कुछ सावधानियां बरतना अत्यंत आवश्यक है-

1-बर्तन के आकार का रखें ध्यान

डीप फ्राई करते समय बड़े, फैले और चपटे पैन आदि के स्थान पर छोटे, गहरे और संकरे मुंह के बर्तन का प्रयोग करें इससे आप कम तेल में ही आसानी से डीप फ्राइंग कर सकेंगीं.

2-तेल पर भी रखें नजर

डीप फ्राइंग करने के लिए ओलिव आयल, कोकोनट आयल अदि के स्थान पर घी, मूंगफली, केनोला और सरसों के तेल का उपयोग किया जाना चाहिए क्योंकि कोकोनट और ओलिव आयल का बोइलिंग पॉइंट कम होने से ये बहुत जल्दी जलने लगते हैं वहीँ घी, सरसों तथा केनोला आयल का बोइलिंग पॉइंट अधिक होता है जिससे ये उच्च तापमान पर भी जलते नहीं हैं और इनका पुनः प्रयोग भी आसानी से किया जा सकता है.

3-तापमान रखें सही

अक्सर हम तेल को या तो बहुत अधिक गर्म कर लेते हैं या फिर कम तापमान पर खाद्य पदार्थ को कड़ाही में डाल देते हैं जिससे उसमें तेल भर जाता है. तापमान को जांचने के लिए आप तेल में एक ब्रेड का टुकड़ा डालकर देखें यदि डालने के 60 सेकंड के अंदर वह भूरा हो रहा है तो समझें कि डीप फ्राइंग के लिए तापमान एकदम सही है.

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