झूठे जुमलों/वादों के सहारे सत्ता पर सवार हुई नरेंद्र मोदी सरकार दावे भी झूठे करती है. सरकार संसद के भीतर कुछ कहती है, बाहर कुछ और. गृहमंत्री अमित शाह लोकसभा में जो दावा करते हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलीला ग्राउंड में गृहमंत्री के उलट दावा ठोंक डालते हैं.

जो झूठे वादे/दावे करे, उसके आकलन भी सही नहीं हो सकते. आकलन तो खैर अनुमान होता है. आकलन के तहत तो कुछ भी पेश किया जा सकता है, वह भी जब सत्ता में झूठी सरकार हो तो कहने ही क्या.

अप्रैल में केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 1 मई से कोरोना के मामलों में कमी आने के संकेत दिए थे. नीति आयोग के सदस्य और कोरोना के खिलाफ गठित टास्क फोर्स के प्रमुख डाक्टर वी के पौल ने कोरोना मामलों में बढ़ोतरी के ट्रैंड के आधार पर भविष्य के प्रोजैक्शन का ग्राफ पेश किया था, जिसके मुताबिक, 30 अप्रैल के बाद कोरोना के नए मामलों में गिरावट शुरू हो जाएगी और 16 मई तक यह संख्या शून्य (0) तक जा सकती है. इस ग्राफ को सरकार के प्रेस इंफौर्मेशन ब्यूरो यानी पीआईबी ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया था.

मोदी सरकार का यह दावा, या आकलन जो कह लें, गलत सिद्ध हो गया है. देशभर में कोरोना वायरस के मामले अभी भी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. भारत ने पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण मामले में इसके जन्मस्थल चीन को पछाड़ दिया है. देश में पिछले 24 घंटों में 3,970 मामले सामने आए हैं.

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