महिलाओं में हलके और मुलायम फेशियल हेयर होना सामान्य बात हो सकती है, लेकिन जब बाल कड़े और मोटे होते हैं तो यह हारमोन असंतुलन का संकेत है, जिस के कारण कई जटिलताएं हो सकती हैं. इस समस्या को हिर्सुटिज्म के नाम से जाना जाता है.

महिलाओं में मध्य रेखा, ठोड़ी, स्तनों के बीच, जांघों के अंदरूनी भागों, पेट या पीठ पर बाल होना पुरुष हारमोन ऐंड्रोजन के अत्यधिक स्रावित होने का संकेत है, जो एड्रीनल्स द्वारा या फिर कुछ अंडाशय रोगों के कारण स्रावित होता है. इस प्रकार की स्थितियां अंडोत्सर्ग में रुकावट डाल कर प्रजनन क्षमता को कम कर देती हैं. पौलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) एक ऐसी ही स्थिति है, जो महिलाओं में बालों के अनचाहे विकास से संबंधित है. यह डायबिटीज व हृदयरोगों का प्रमुख खतरा भी है.

जार्जिया हैल्थ साइंसेस यूनिवर्सिटी में हुए शोध के अनुसार, पीसीओएस महिलाओं में हारमोन संबंधी गड़बड़ियों का एक प्रमुख कारण है और यह लगभग 10% महिलाओं को प्रभावित करता है.

हिर्सुटिज्म से पीड़ित 90% महिलाओं में पीसीओएस या इडियोपैथिक हिर्सुटिज्म की समस्या पाई गई है. अधिकतर मामलों में ऐस्ट्रोजन के स्राव में कमी और टेस्टोस्टेरौन के अत्यधिक उत्पादन के कारण यह किशोरावस्था के बाद धीरेधीरे विकसित होता है.

निम्न कारक ऐंड्रोजन को उच्च स्तर की ओर ले जाते हैं, जो हिर्सुटिज्म का कारण बनते हैं:

आनुवंशिक कारण: इस स्थिति का पारिवारिक इतिहास होने से खतरा अत्यधिक बढ़ जाता है. त्वचा की संवेदनशीलता एक और आनुवंशिक कारण है, जो टेस्टोस्टेरौन का स्तर कम होने पर भी कड़े और मोटे बालों के विकास का कारण बन जाता है.

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