महिलाओं के लिये सर्वाइकल कैंसर कोई नया नाम नहीं है. यह महिलाओं की बीमारी है जो बड़ी तेजी से फैल रही है. ताजा आंकड़ों के अनुसार भारत में हर साल करीब 122,844 महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित पायी जाती हैं, जिसमें से 67,477 महिलाओं की मृत्यु हो जाती है.

महिलाओं को जरुर पता होने चाहिये गर्भाशय कैंसर के ये लक्षण सर्विक्स (गर्भाशय ग्रीवा) गर्भाशय का ही भाग है, यह कैंसर इसी ग्रीवा में जन्म लेता है और धीरे धीरे पूरे शरीर में फैलता है. आज हम 7 कारणों की बात करेंगे, जिसे इस कैंसर के साथ जोड़ा जाता है, आइये जानें क्‍या हैं वे…

मानव पेपिलोमा (HPV) द्वारा

महिलाओं में यह वायरस पुरुषों दृारा सेक्‍स करते वक्‍त पहुंचता है. इस वायरस से बचने के लिये महिलाओं को टीका लगवाना पड़ता है. यह टीका लड़कियों में 9 से 45 की उम्र तक तीन डोज़ में लगाया जाता है. 

कम उम्र में संबन्‍ध बनाने से

 कम उम्र में गर्भाशय अभी तक पूरी तरह विकसित नहीं हुआ होता है, जिससे वायरस और अन्य बीमारियां यूट्रस को अपना शिकार बना लेती हैं.

स्‍मोकिंग

जो महिलाएं रोज स्‍मोकिंग करती हैं, उनके अंदर सर्विक्‍स कैंसर होने का चार गुना चांस होता है. तंबाकू में पाए जाने वाले घातक कैमिकल्‍स कैंसर बनने वाली कोशिका को बढ़ाते हैं. 

लंबे समय तक गर्भ निरोधक खाना

5 या उससे लंबे सालों तक अगर कोई महिला गर्भ निरोधक का सेवन किये जा रही है तो उसे यह कैंसर होने की संभावना हो सकती है. मगर यह जितना HPV वायरस द्वारा फैलता है, उतना इससे नहीं.

सुस्‍त दिनचर्या की वजह से

जो महिलाएं ओवरवेट होने के बावजूद सुस्‍त दिनचर्या अपनाती हैं, उन्‍हें यह बीमारी आराम से घेर सकती है. दिनभर बैठे रहने से खून का सर्कुलेशन हमारे शरीर में धीमा पड़ने लगता है, जिसकी वजह से ट्यूमर सेल्‍स बनना शुरु हो जाती हैं.

क्लैमाइडिया संक्रमण

यह एक आम यौन संचारित संक्रमण है जिसके लक्षण पैदा नहीं होते. यह प्रजनन अंगों को संक्रमित करते हैं, जिससे महिलाओं में बाझपन आ सकता है. यह संक्रमण पेल्‍विक टेस्‍ट द्वारा पता लगाया जाता है.

पारिवारिक इतिहास

जिन महिलाओं की दादी-नानी या मां को कभी गर्भाशय कैंसर रहा हो, उन्‍हें इसका खतरा काफी ज्‍यादा रहता है. अगर इससे बचना हो तो अपना रेगुलर टेस्‍ट करवाते रहना चाहिये.

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